अहमदाबाद के पंचकुवा के एक कपड़ा व्यापारी ने गुजरात हाईकोर्ट में प्री डिटेंशन अर्जी की है. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण व्यापार सहीं नहीं होने से वह दो साल तक जीएसटी नहीं भर पाए है। टैक्स रिकवरी के मामले में,अधिकारियों ने उन्हें नोटिस दिया उन्होंने इसका जवाब दे दिया है कि उनके पास कर का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं हैं।
क्योंकि कोरोना मे व्यवसाय अच्छे से नहीं चला। उसके 4 दिन बाद पुलिस ने जीएसटी टैक्स नहीं देने पर पासा करने की धमकी दी। इससे घबराए व्यापारी ने प्रिडिटेन्शन के लिए आवेदन किया। सुनवाई जस्टिस परेश उपाध्याय की अदालत में हुई। कोर्ट ने सरकार से कहा था कि अगर व्यापारी टैक्स का भुगतान नहीं करता है तो वह वसूली के लिए व्यापारी के पास जीएसटी अधिकारी जाएगा या पुलिस जाएगी ? क्या आपने टैक्स जमा करने के लिए अब नया सिलसिला शुरू किया है?
व्यापारी ने प्रीडिटेन्शन अर्जी में दलील दी थी कि वह पिछले डेढ़ साल से कोरोना लॉकडाउन के चलते कारोबार अच्छा नहीं चला था। इस स्थिति में अनलॉक होने के बाद उन्हें जीएसटी की ओर से नोटिस मिला। लेकिन उन्होंने लिखित नोटिस का जवाब दिया कि वह जीएसटी का भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि उनकी वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है।
अदालत ने माना कि सरकार ने व्यापारियों के लिए कुछ कर राहत की घोषणा की थी, लेकिन कर का भुगतान निर्धारित समय सीमा के भीतर किया जाना चाहिए। सरकार की आलोचना करते हुए अदालत ने फैसला सुनाया कि स्थिति व्यापारियों के लिए पतली थी। अगर उसके खिलाफ कोई और अपराध नहीं है, तो पासा की धमकी देकर आप क्या साबित करना चाहते हैं?