अहमदाबाद के कपड़ा बाजार के 65 व्यापारियों से कपड़ा खरीद कर रूपए नहीं देने वाले दिल्ली बाजार के 51 व्यापारियों को गिरफ्तार करने और कार्रवाई करने के लिए सेक्टर-2 से एक टीम दिल्ली पहुंची और व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। इससे दिल्ली के बाजार मे खलबली मच गई। कई व्यापारियों ने तो हाथो हाथ पैसे लौटा दिए।


मिली जानकारी के अनुसार अहमदाबाद के व्यापारियों से माल लेने के बाद लंब समय से कई व्यापारी पेमेन्ट नहीं कर रहे थे। उनके खिलाफ व्यापारियों ने एसआइटी में शिकायत की थी। एसआइटी की टीम दिल्ली के बाजार में जा कर प्रमुख के ऑफिस में बैठ गई और व्यापारियों को बुलाने लगी। यह जानकार सभी आरोपी व्यापारियो में भगदड़ सी मच गई। व्यापारियो ने  रुपया और सामान वापस करने के लिए अहमदाबाद के व्यापारियों से संपर्क करना शुरू कर दिया है।

शहर के कपड़ा व्यापारियों से कपड़ा खरीद का भुगतान नहीं करने वाले 51 दिल्ली के व्यापारियों को पकड़ने के लिए सेक्टर-2 की एसआईटी ने दिल्ली में कैंप लगाया है. अहमदाबाद एसआईटी ने दिल्ली में पार्टियों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है, जिससे दिल्ली के बाजार में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने 51 व्यापारियों को करेलीबाग गांधीनगर दिल्ली पुलिस स्टेशन बुलाया। अब तक 10 व्यापारियों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 7 व्यापारियों ने अहमदाबाद के व्यापारियों से अपना बकाया निपटाने के लिए आश्वासन दिया है। दिल्ली के कई व्यापारियों ने साथ में  80 लाख रुपये देकर समझौता करने को तैयार थे लेकिन अहमदाबाद के व्यापारियों ने इनकार कर दिया।


मस्कति टेक्सटाइल महाजन के अध्यक्ष गौरांग भगत और सचिव नरेश शर्मा ने कहा कि एसआईटी ने जब जांच शुरू की तो एक व्यापारी ने पांच लाख रुपये का माल लौटा दिया। जबकि वर्षों से फंसी अहमदाबाद की फर्म ने 20 लाख रुपये का भुगतान किया है। इस प्रकार मस्कती टेक्सटाइल महाजन और अहमदाबाद पुलिस की मदद से व्यापारी अब बिना किसी डर के व्यापार कर रहे हैं।


दिल्ली के 51 व्यापारियों को पकड़ने के लिए सेक्टर-2 में एसआईटी दो दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए है। अहमदाबाद एसआईटी ने जब दिल्ली पार्टियों को नोटिस जारी करना शुरू किया तो वहां के व्यापारी सामान और रुपये वापस करने को तैयार हो गए. कुछ व्यापारी समझौता करने की तैयारी कर रहे थे, वहीं मस्कति महाजन के अध्यक्ष गौरांग भगत और सचिव नरेश शर्मा भी सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए.

उल्लेखनीय है कि सूरत के कपड़ा व्यापारियों के भी करोड़ों रूपए अन्य मंडी में फंसे है! यहाँ के व्यापारी भी लंबे समय से एसआईटी बनाने की माँग कर रहे है लेकिन कई परिणाम नहीं आया!