कोरोना के कारण राज्य सरकार ने इस बार गुजरात में नवरात्रि के आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया है।पहले संभावना है कि सोसायटियों में गरबा खेलने की छूट दी जाएगी लेकिन अब इस संभावना का भी अंत आ गया है। राज्य सरकार ने किसी भी प्रकार के कार्य के आयोजन से इनकार कर दिया है।
इसी सिलसिले में राज्य में कई स्थानों पर माता जी के मंदिरों पर मंदिर के मैनेजमेंट ने ही व्यवस्था का आयोजन किया है।इस बार सूरत के अंबिका निकेतन को बंद और कोटसफील रोड पर स्थित पुराने अंबाजी मंदिर में 20 फीट दूरी से लोग माता के दर्शन करने का फैसला किया गया है।
नवरात्रि में सूरत के पार्ले पॉइंट पर अंबाजी के मंदिर पर सूरत सहित दूर दूर से लोग आते हैं। मात्र सूरत ही नहीं लेकिन दक्षिण गुजरात और गुजरात अन्य राज्यों में से भी बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। हालांकि इस बार कोरोना के कारण लोग परेशान हैं। ऐसे में प्रशासन ने नवरात्रि के दौरान यह मंदिर बंद करने का फैसला किया है।
भक्तों को ऑनलाइन ही माता के दर्शन करना पड़ेगा। प्रशासन के फ़ैसले के कारण भक्तों में नाराज़गी भी है और दुख भी है। कई लोगों का कहना है कि राजनैतिक सभाएँ हो रही है। राजनीतिक कार्यक्रम हो रहे हैं लेकिन, धार्मिक कार्यक्रम की जहाँ बात आती हैं वहाँ लोगों को कोरोना फैलने का भय बताया जाता है।
मंदिर के ट्रस्टी रूपेंद्र सिंह ने मीडिया से बताया कि चैत्र नवरात्रि की तरह ही आसव की नवरात्रि में भी घटस्थापना की जाएंगी। लेकिन भक्त नवरात्रि के दर्शन का लाभ नहीं ले पाएंगे। कोरोना की परिस्थिति को देखते हुए भक्तों के बिना ही माता जी की पूजा की जाएगी। दूसरी और अंबाजी रोड पर पुराने अंबाजी माता के मंदिर में 20 फीट दूरी से माता के दर्शन कर सकेंगे।
चालू वर्ष में नवरात्रि में भक्तों को गर्भ गृह में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। मंदिर की एक और जाली खुली रखकर मंदिर के चौक में से ही भक्तों दर्शन कर पाएंगे। इस नियम का सब से पालन करना पड़ेगा। कम संख्या में भक्तों को प्रवेश दिया जाएगा। सरलता से दर्शन हो इसलिए सुबह 6 से रात के 10:00 बजे तक मंदिर खुला रहेगा। भक्तों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर ही यह फैसला किए होने की जानकारी मिली है।