कोरोना के कारण प्रशासन ने सभी को सतर्क रहने की सूचना दी है। इस बार कोरोना के कारण चैत्र नवरात्र पर भक्तों को शायद माता के दर्शन से वंचित रहना पड़े। गुजरात के सुप्रसिद्ध यात्रा धाम तथा शक्तिपीठ पावागढ़ में विराजित काली माता के मंदिर के पट चैत्र नवरात्रि के दौरान 17 दिनों तक बंद रखने का फैसला किया गया है।

इसी तरह से सूरत में पार्ले प्वाइन्ट पर अंबिका अंबिका निकेतन मंदिर चैत्र नवरात्रि के दिनों में दर्शन के लिए बंद रखा जाएगा। रांदेर रोड पर ताड़वाड़ी में मेरूलक्ष्मी माता का मंदिर 11 अप्रैल से अगली घोषणा तक बंद रहेगा।


माना जाता है कि पावागढ के धाम में इस दिन लगभग 15 लाख लोग माता के दर्शन के लिए आते हैं। पिछले साल मार्च महीने से कोरोना पूरे दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। इसके बाद भारत में भी फिर से कोरोनावायरस की दूसरी लहर चल रही है। जिसमें कि गुजरात में भी परिस्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे में यदि बड़ी संख्या में माता के भक्त दर्शन के लिए आएंगे तो कोरोना गाइडलाइन का पालन कर पाना मुश्किल होगा और संक्रमण भी तेजी से फैल सकता है।

hi इसलिए आगामी 12 तारीख से 28 तारीख तक भक्तजनों को माता का दर्शन नहीं मिल पाएगा। इसी तरह से अंबिका निकेतन मंदिर में भी बडीं संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं, जो कि इस बार नहीं हो पाएगा। हालाकि मंदिरों ने भक्तों की भावना को समझते हुएनवरात्रि के दौरान मंदिर ट्रस्ट ने भक्तों के दर्शन ऑनलाइन व्यवस्था की है। इसके बाद सरकार यदि कोई नई गाइडलाइन जारी करती है तो पावागढ में 29 तारीख से माता जी के मंदिर के पट भक्तों के दर्शन के लिए खुल जाएंगे।