आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में लॉकडाउन के कारण शराब नहीं पीने से मिलने से कुछ लोगों ने सैनिटाइजर पी लिया जिसके चलते 10 लोगों की मौत हो गई और कुछ लोगों को अस्पताल में दाखिल कराया गया है। मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को के कैरीचेदू गांव में लॉकडाउन के कारण शराब का ठेका बंद कर दिया गया था।
इसके बाद शराब पीने के नशेड़ी लोग सैनिटाइजर और पानी में सोफ्टड्रिंक मिलाकर पीना शुरू कर दिए थे। सैनिटाइजर पीने से 2 लोगों की मौत तो गुरुवार की रात में ही हो गई। जबकि 8 लोग की मौत शुक्रवार सुबह हो गई।
वहां के एसपी ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है साथ ही सैनिटाइजर में क्या मिलाया गया था इस बारे में भी जांच की जा रही है। सैनिटाइजर को रासायनिक जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस ने बताया कि मरने वालों में तीन भिखारी, एक गरीब रिक्शा चालक भी शामिल है। मंदिर के पास रहने वाले दो भिखारियों की रात में सबसे पहले मौत हुई थी।
इसके बाद एक और भिखारी और मृत पाया गया। कई लोगों को अभी तक अस्पताल में दाखिल कराया जा चुका है। बता दें कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण भारत में अब तक कई राज्यों में लोगों ने सैनिटाइजर का सेवन शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई लोग अभी तक बीमार भी हो चुके हैं। और कुछ लोगों की जान भी जा चुकी है शराब नहीं मिलने के कारण नशेड़ी लोग अलग-अलग रतन में जुट गए हैं।
हालांकि अभी तक सैनिटाइजर की मौत से पहले जानकारी सामने आ रही है। दूसरी ओर पंजाब में भी जहरीली शराब पीन के कारण 32 लोगों की मौत हो गई।
गुजरात: एम्बुलेंस की लाइट में करना पड़ा कोरोना मृतक का अंतिम संस्कार
गुजरात का विकास मॉडल भले देशभर में प्रख्यात है लेकिन भरूच की इस घटना ने गुजरात विकास के मॉडल के सामने प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। बात ऐसी है कि अंकलेश्वर के भरूच में बुधवार को गोल्डन ब्रिज के पास बने स्मशानगृह पर ले जाई गइ एक लाश की अंतिमविधी एम्बुलेंस के प्रकाश में करनी पड़ी। इस स्मशान गृह में प्राथमिक सुविधाओं के अभाव में मृतक को ले जाने वालों को भी परेशान होना पड़ रहा है।
भरूच और अंकलेश्वर में बने स्मशानगृहो में आसपास के लोगों की ओर कोरोना के मृतकों की अंतिमविधी के लिए विरोध किए जाने से प्रशासन की ओर से कोरोना से मृतकों की अंतिमविधी के लिए विशेष स्मशान गृह बनाया गया है, लेकिन इस स्मशान गृह में लाईट, शेड की कमी होने के कारण लाश को जलाने के लिए लाई गई लकडियां भी गीली हो जाती है। बुधवार को कोरोना के कारण एक मृतक की लाश लाई गई, लेकिन यहां पर प्रकाश नहीं होने के कारण अंतिम संस्कार के लिए दिक्कक हो रही थी। ऐसे में अंत में एम्बुलेंस की लाइट जलाकर अंतिम संस्कार किया गया।
फिलहाल कोरोना के मरीजों का अंतिम संस्कार सामाजिक कार्यकर्ता धर्मेश सोलंकी और प्रशासन की ओर से नियुक्त किए गए पांच लोग कर रहे हैं। मृतदेहो को हो रही अंतिमविधी में दिक्कत को देखते हुए उन्होंने प्रशासन से स्मशानगृह में प्राथमिक सुविधा बनाने की मांग कर रहे हैं। अंकलेश्वर के एसडीएम ने बताया कि स्मशान गृह में प्राथमिक सुविधाओं के लिए काम चल रहा है, जल्दी ही वहां पर सभी व्यवस्था कर दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कई स्थानों पर कोरोना से मृतको के अंतिम संस्कार का विरोध किए जाने से प्रशासन के लिए भी दुविधा हो जाती है। ऐसे में कई स्थानों पर वैकल्पिक व्यवस्था बनानी पड़ी है।