सूरत

सूरत नगर निगम देश का पहला नगर निगम है,जहां शहर में रहने वाले पांच साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों का रिकॉर्ड रखने के लिए APX प्रणाली से सर्वे किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण के अनुसार सूरत के 217920 लोग संवेदनशील पाए गए।


APX प्रणाली के अनुसार, नगर निगम प्रत्येक क्षेत्र में रहने वाले उन सभी लोगों का रिकॉर्ड तैयार कर रहा है जिन घरों में बुजुर्ग हैं साथ ही मधुमेह, किडनी, रक्तचाप या अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं। हाल में APX प्रणाली के अनुसार शहर के लिंबायत, वराछा -ए, वराछा- बी, कतारगाम और सेन्ट्रल जोन में सर्वे किया जा रहा है।

नगर आयुक्त ने कहा कि APX प्रणाली के अनुसार, 39 लाख लोगों के सर्वे में, बुजुर्गों और पहले से ही किसी भी बीमारी से पीड़ित हैं, लिम्बायत ज़ोन मेंसबसे अधिक संख्या 69214, रांदेर ज़ोन में 10305, अठवा ज़ोन में 21861, कतारगाम में 24690, वराछा-ए में 20243 वराछा- बी में 22104 और साथ ही सेन्ट्रल ज़ोन में 44888 लोग पाए गए। ये लोग कोरोना के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं क्योंकि वे पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित हैं। मनपा उन पर नजर रखे हुए है।

कमिश्नर ने इन लोगों के परिवारों को भी विशेष ध्यान रखने की अपील की। अब तक कुल 88 लोगों को बुजुर्ग होने के साथ-साथ सर्दी, खांसी या बुखार से पीड़ित पाया गया है, उनका इलाज चल रहा है। मनपा की ओर से इन की तबियत पर भी नज़र रखी जा रही है। मनपा की ओर से सर्वे के दौरान भी उन्हें विशेष ख़्याल रखने को कहा गया है। इन लोगों को कोरोना का रिस्क सबसे अधिक है।

कमिश्नर ने बताया कि अब से मेडिकल स्टोर संचालकों को भी उनके यहाँ दवा लेने के आने वाले सर्दी, खांसी और बिमारी के मरीज़ों का रेकोर्ड रखना पड़ेगा।

उल्लेखनीय है कि मनपा उन लोग को संवेदनशील मान रही है जो कि वृध्द है और पहले से ही किसी बिमारी से पीड़ित हैं।


सूरत
सूरत में लगातार पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं। सूरत में गुरुवार को 40 अधिक कोरोना के मामले सामने आए और सूरत शहर क्षेत्र में अब तक कुल 782 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें 300 से अधिक मामले लिंबायत से आए हैं। इस क्षेत्र में कोरोना रोकथाम अब APX प्रणाली को लागू किया जाएगा। शहर में पहली बार लिंबायत में इस सिस्टम से काम होगा।
APX सिस्टम क्या है?

यह पहली बार है जब सूरत में इस तरह की व्यवस्था लागू की जाएगी। लंबे समय में कोरोना के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। APX प्रणाली में, जिस घर में ARI यानी सर्दी, खांसी, दस्त या बुखार के मामले हैं, घर के बाहर मानपा द्वारा 'ए' लिखा जाएगा।

साथ ही, जिस घर में बुजुर्ग हो और उन्हें डायबिटीज, गले का दर्द आदि है, यानी कोमर्बिड स्थिति के मामले हो वहा P लिखा जाएगा। साथ ही जिनके घर में किसी भी प्रकार के एआरआई के मामले नहीं हैं और बुजुर्ग लोग नहीं होंगे, यानी, घर के बाहर कोर्मोबिड स्थिति का कोई मामला नहीं होगा, ‘X’ लिखा जाएगा। ताकि लोग भी सावधान रहें और सिस्टम को भी इसकी जानकारी हो।

सूरत में अब तक कुल 14,387 परीक्षण किए गए हैं। दस लाख की आबादी में, कुल परीक्षण 3500 से 3600 तक हो रहा है। सूरत में निजी क्लीनिकों से कई मामले सामने आ रहे हैं। कम्यूनिटी टेस्ट के माध्यम से भी मामले भी दर्ज किए जा रहे हैं। इसके अलावा स्लम क्षेत्रों में 26 फीवर क्लीनिक शुरू किए गए है।

लिंबायत क्षेत्र को टापू जैसा अलग किया जाएगा लिंबायत क्षेत्र में कोरोना के सबसे अधिक मामले सामने आने के बाद प्रशासन उसे टापू जैसा बनाकर वहां कोरोना की रोकथाम करना चाहता है। दूसरे क्षेत्रों से आने वालों पर प्रतिबंध के लिए भी व्यवस्था की जा रही है।