शहर के अडाजन के हनीपार्क में रहने वाले ज्ञानदत्त मिश्रा जो की सेफक्योर सर्विस प्राइवेट लिमिटेड में एरिया मैनेजर हैं। सूरत में एचडीएफसी बैंक के तमाम एटीएम की सुरक्षा और देखरेख का कॉन्ट्रैक्ट उनके पास है।उन्होंने महिधरपुरा में रहने वाले पार्थ रावल के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करवाया है।

मिली जानकारी के अनुसार सेफक्योर सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की हेड ऑफिस मुंबई में है। शनिवार को मध्य रात्रि 1:00 बजे मिश्रा की हेड ऑफिस से कॉल आया कि एटीएम में कोई शख़्स लोहे का सलिया लेकर घुस गया है और मशीन तोड़ रहा है। जब मिश्रा ने सीसीटीवी कैमरे में देखा तो दिल्ली गेट चार रस्ता के पास शॉपिंग सेंटर के पास एटीएम में कोई अजनबी घुस गया था।


इस बारे में उन्होंने तुरंत ही महिधरपुरा पुलिस स्टेशन को जानकारी दी। पुलिस ने तुरंत ही एटीएम पर जाकर शख़्स को पकड़ लिया। युवक ने एटीएम के कुछ हिस्सों को डैमेज कर दिया था।

महिधरपुरा पुलिस ने एटीएम को ₹94000 का नुकसान पहुंचाने वाले पार्थ भीखा रावल ने बताया कि वह कर्मकांडी ब्राह्मण है।उसके पिता टिफिन सर्विस देते हैं।भीखा की पत्नी कुछ दिनों पहले से उसे रुपए कमाने का ताना देकर दे रही थी।इसलिए पार्थ ने एटीएम तोड़ने का प्लान बनाया था। पुलिस ने पकड़ कर जाँच पड़ताल शुरू की है।

यदि आपको कभी बैंक का ATM चलाना न आए तो भी वह किसी अजनबी व्यक्ति की मदद मत लीजिए। क्योंकि अजनबी व्यक्ति आपकी मदद के बहाने आपके ATM कार्ड का उपयोग करके आपके बैंक अकाउंट से पैसा निकाल सकता है। बीते कई दिनों से शहर में इस तरह की घटनाएँ सामने आ रही है।

जिसमें कि ATM में खड़ा व्यक्ति आपकी मदद के बहाने बैंक में से रुपया निकाल लेता है। इस तरह की घटना यदि आपके साथ कभी हो जाए तो तुरंत ही अपना ATM ब्लॉक करवाए या जाकर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाएँ। सूरत में ऐसी ही एक घटना बनी है। पूणा क्षेत्र में अर्चना स्कूल के पास मुक्तिधाम सोसायटी में रहने वाले बालूभाई मायाभाई लाडूमोर जो कि मुलत: भावनगर के हैं और हीरा के कारखाने में नौकरी करते हैं।

वराछा के लंबे हनुमान रोड पर शांतिवन अपार्टमेंट में आईसीआईसीआई बैंक में उनका सेविंग बैंक अकाउंट है। गत 8 तारीख को बैंक के नजदीक में एटीएम सेंटर में वह अपना नया एटीएम कार्ड एक्टिव करने गए थे। उस दौरान वह एटीएम कार्ड में ओटीपी के आधार पर उसे एक्टिव कर रहे थे। तब मशीन में उनका एटीएम कार्ड बार-बार अटक जा रहा था।

इस दौरान उनकी मदद के बहाने वहां मौजूद एक शख्स ने एटीएम कार्ड ले लिया और मदद के बहाने एटीएम कार्ड मशीन में डालकर वापस दे दिया। जिसके बाद बालूभाई घर पर चले गए। तब अचानक उन पर मैसेज आया कि 3 बार अकाउंट से 50000 रूपए निकाल लिए हैं।

इसके बाद तुरंत ही बालूभाई बैंक गए और उन्होंने अपना एटीएम कार्ड ब्लॉक करा दिया। बालू भाई के अकाउंट से इस दौरान कुल 100000 रूपए निकाल लिए गए थे। बालू भाई ने जब शिकायत की तो पता चला कि रंजीत सिंह एम पड़रिया नाम के शख्स ने अपना एटीएम कार्ड बदलकर बालू भाई के अकाउंट से रुपए निकाल लिए थे।

बालू भाई ने शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। उल्लेखनीय है कि दिवाली के दिनों में इस तरह की घटनाएँ बढ रही है। इनमें कई मामलो में भी शिकायत की जाती है। लेकिन अपेक्षा से कम मामलों में अपराधी पकड़े जाते है।

शहर में गत दिनों कई लोगों के एटीएम से रुपए निकाले जाने की कई शिकायतों के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की थी। जिसमें, आज सूरत क्राइम ब्रांच ने एटीएम की क्लोनिंग करके धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के 5 लोगों को धरदबोचा। गिरोह के लोग घटना को अंजाम देने बिहार से दिल्ली और दिल्ली से सूरत तक विमान में आते थे।

मिली जानकारी के अनुसार दो दिन पहले सचिन जीआईडीसी इलाके में एक युवक ने एटीएम से पैसे निकल जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। सूरत क्राइम ब्रांच ने तकनीकी निगरानी, ​​सीसीटीवी और ह्यूमन इंटेलिजेंस सोर्सेज के माध्यम से, एटीएम क्लोन करने वाले गिरोह के पांच बिट्टुकुमार नवीन सिंह भूमिहार , हिमांशु शेखर उर्फ ​​छोटू रामनंगसिंह भूमिहार, मुरारीकुमार विजयपांडे, ऋतुराज सिंह उर्फ ​​बिट्टू नीरज सिंह भूमिहार , सोनुकुमारसिंह बिपिनसिंह भूमिहार को पांडेसरा के कैलाशनगर से पकड़ लिया।

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वॉन्टेड आरोपी मनीष कुमार के साथ से बिहार से दिल्ली और दिल्ली से सूरत से आते थे। वहाँ से आने के बाद वह , उधना, लिम्बायत, सचिन जीआईडीसी, पांडेसरा, पुणे क्षेत्र में एक्सिस बैंक के एटीएम को निशाना बनाते थे। वहाँ से पैसे निकालने आए लोगों के एटीएम को क्लोन कर दिल्ली के फिरोजपुर जा कर पैसे निकाल लेते थे।

सूरत मुंबई, दिल्ली, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने इस तरह के अपराध करने की बात कबूल की है। इसलिए पुलिस ने आईटी अधिनियम के 4, चोरी के 6 और कुल 10 अपराधों को सुलझाया। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने बिहार से दिल्ली और दिल्ली से सूरत तक के लिए अलग-अलग टीमें बनाईं थी।

वह एक्सिस बैंक के एटीएम को निशाना बनाते थे। फिर उसने डुप्लीकेट चाबी से एटीएम मिशन का हुड खोलते और एक कार्ड रीडर के साथ एक स्किमर मशीन लगा देते थे। फिर पैसे निकालने आए व्यक्ति के कार्ड का डेटा चुरा लेते ।

एटीएम से डाटा को फिर लैपटॉप पर अपलोड कर के मीनीटूल्स सोफ्टवेर का उपयोग कर राइटर मशीन का उपयोग करके डुप्लिकेट एटीएम बना लेते थे। इसके बाद दिल्ली, बिहार के शहरों में से पैसे निकाल लेते थे।