तीन साल पहले सुरेन्द्र नगर में एक अधेड महिला और उसके कुंवारे प्रेमी के अवैध संबंधो की जानकारी छुपाने के लिए मिलकर महिला के 17 वर्षीय बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस मामले में आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार तीन साल पहले सुरेन्द्र नगर में रहने वाली माता कंकू और बेटी सोनल जीवनयापन के लिए लोगों के घरों में काम करते थे। कंकू बेन, ठक्कर नाम के एक कुंवारे आदमी के घर पर भी काम करने जाती थी। जहां ठक्कर और कंकु को प्यार हो गया।
अविवाहित ठक्कर की एक किराने की दुकान थी। जब सोनल को अपनी माँ के अफेयर के बारे में पता चला, तो उसने अपनी मां को सुनाया और उन्हें बेनकाब करने की धमकी दी। कंकू ने उसे ऐसा न करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन सोनल ने मना कर दिया। इसके बाद दोनों प्रेमियों ने सोनल को की हत्या की योजना बनाई।
11 जुलाई, 2018 को कंकू ने सोनल से ठक्कर के घर के कामों को पूरा करने में मदद करने को कहा। हालांकि सोनल ऐसा नहीं करना चाहती थी लेकिन कंकू के कहने पर उसे राजी होना पड़ा। इसके बाद जब दोनों ठक्कर के घर पहुँचे तो ठक्कर ने दरवाजा बंद कर दिया और सोनल को अपने और कंकू के रिश्ते को बनाए रहने दो ऐसा समझाने के प्रयास करने लगा। इसके बाद भी जब सोनल अपने बात पर कायम रही ठक्कर ने चाकू निकाला और सोनल के पेट में पांच बार और गर्दन में एक बार वार किया।
इससे सोनल की मौके पर ही मौत हो जाने के बाद ठक्कर वहां से भाग गया, लेकिन कंकु शव के पास ही बैठी रही। मामले की जानकारी मिलने के बाद सोनल के चाचा विष्णु कोली ने झिनझुवाड़ा पुलिस स्टेशन में कंकु और ठक्कर के नाम शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने कुछ दिनों बाद मोरबी जिले के मालिया शहर से ठक्कर को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि इस अपराध के कोई चश्मदीद नहीं थे, इसलिए अदालत ने पुलिस जाँच अधिकारी और गांववालों के बयान को मानते हुए सजा दी।