सूरत के कपड़ा व्यापारी को बैंकॉक से ऑनलाइन मास्क खरीदना महंगा पड़ गया। क्योंकि किसी चीटर ने खुद को बैंकॉक की मास्क कंपनी का डायरेक्टर बताते हुए उनसे 48,00,000 रुपए अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए जब इस बात की आशंका सूरत के कपड़ा व्यापारी को हुई तो उन्होंने पुलिस में इस घटना की जांच शिकायत दर्ज कराई है।
मिली जानकारी के अनुसार वराछा के सुदामा चौक में रिवेरा बिल्डिंग में रहने वाले अरविंद भायाणी कपड़े के व्यापारी है उनको बिक्री के लिए बड़े पैमाने पर मास्क चाहिए थे। उन्होंने मास्क के लिए गूगल पर विक्रेताओं को ढूंढने की कोशिश की। इस दौरान उन्हें बैंकोंक की एक कंपनी की वेबसाइट देखी। जिस पर सर्च करने के बाद उन्हें एक व्हाट्सएप नंबर मिला। उस व्हाट्सएप नंबर पर एक शख्स ने उसे चैटिंग की और अपना परिचय जेबी मेडिकल डिस्पोजल के एक्टिव डायरेक्टर के तौर जुमाता मेपोली के तौर पर दी।
उसकी बात में फस जाने के बाद अरविंद भाई ने उस पर भरोसा कर लिया। इसके बाद जुमाता ने एक मेडिकल डिस्पोजल कंपनी के सर्टेफिकेट का सिक्का वाला कोटेशन अरविंद भाई को भेज दिया। पूरा भरोसा होने के बाद अरविंद भाई ने 8 पॉइंट 80 लाख नंग मास्क के लिए जो माता को ऑर्डर दे दिए। इसके बाद से उनको ठगने की शुरूआत हुई है।
जुमाता मेबोली ने जो अकाउंट की जानकारी दी थी उसमें बारी- बारी से 32.55 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद जुमाना ने एक्सपोर्ट कंपनी के एयर-वे बिल की कॉपी भी व्हाट्सएप पर भेज दी और बताया कि ऑर्डर रवाना हो चुका है।
साथ में शिपमेंट ट्रैकिंग कोड भी भेज दिया। ट्रैकिंग कोड के आधार पर सर्च करने पर मार्क का कंटेनर दुबई के जबल अली पोर्ट तक पहुंच चुका था। इसके बाद दुबई पोर्ट पर कस्टम ब्रोकरेज और लाइसेंस के लिए 15.59 लाख रुपए चुकाने की बात कही गई थी।
इस पर व्यापारी ने जुमाना से बात की तब उसने कहा कि अभी आप दे दीजिए बाद में मैं चुका दुंगा। उसकी बात में आकर अरविंद भाई ने उसके अकाउंट में 15.20 लाख रुपए और जमा करा दिए।
इसके पश्चात भी उसने 1440 डॉलर और मांगे तब अरविंद भाई को शक हुआ। वेबसाइट बनाकर उसने कोटेशन आदि भेज कर उसने इस तरह से अरविंद भाई को 48 लाख रुपए की चपत लगा दिया। फिलहाल पुलिस ने जिस मेल पर से मैसेज आया उसकी तथा व्हॉट्स- एप नंबर की भी जांच शुरू की है।