हीरा उद्यमियों को बैंक टाल रहे थे लोन देना, लेकिन अब बन गई बात


जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल तथा यश बैंक के बीच हुए एक समझौते के कारण सूरत सहित देशभर के हीरा उद्योग को बहुत लाभ होगा।

कुछ ज्वैलरी उद्यमियों के बैंक फ्रॉड के कारण बैंकों ने जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर को ऋण देना बंद कर दिया था। लेकिन जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल और यश बैंक के बीच हुए समझौते के चलते उन्हें अब यश बैंक ऋण मुहैया करवाएगा।

जीजेईपीसी ने ट्वीटर के माध्यम से यह जानकारी साझा की है। मुंबई के डायमंड ब्रान्च से यह लोन दिया जाएगा। इससे हीरा उद्यमियों को पूंजी में मदद समान होगी। बीते दो साल से भारत का ज्वैलरी सेक्टर बुरे दौर से गुजर रहा है। विशेषतौर पर छोटे और मध्यमवर्गीय हीरा उद्यमियों के पास पूंजी नहीं होने के कारण उन्हें व्यापार उदयोग बंद करना पड़ रहा है।

बैंको की ओर से ऋण नहीं मिलने के कारण अभी भी कई उद्यमी परेशान हैं।  बैंक निर्यातकों को अब इन्टर सबवेन्शन स्कीम क्रेडिट गेरंटी फंड और लिंक केपिटल सब्सीडी का लाभ देंगे।  एक आंकड़े के अनुसार वर्ष 2018 से वर्ष 2020 के बीच बैंको के ऋण में 17 प्रतिशत की कमी आई है।

वर्ष 2018 में 69334 करोड़ रूपए का लोन दिया था जो कि 2020में 57374 करोड़ का लोन दिया है। जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल के रीजनल चेयरमैन दिनेश नावडिया ने बताया कि बैंक की ओर से हीरा उद्यमियों को लोन मिलने से आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हीरा उद्यमिमयों को लाभ होगा।

उल्लेखनीय है कि कोरोना के कारण व्यापार उद्योग बंद होने के से हीरा उद्यमियों की दिक़्क़त में और इज़ाफ़ा हुआ है।ऐसे में यदि बैंकों से ऋण सरलता से मिलेगा तो हीरा उद्यमियों की दिक़्क़त ज़रूर कम होगी।

GJEPC और यस बैंक के बीच हुए MOU की मुख्य विशेषताएं –

a) बैंक विभिन्न ऋण उत्पादों के माध्यम से वित्तीय सहायता की पेशकश करेगा, जिनमें सरकारी योजना और लाभ, ब्याज सब्वेंशन स्कीम, क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट स्कीम, क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी स्कीम, EXIM विशिष्ट व्यापार खाते (ट्रेड अकाउंट) और GJEPC सदस्यों को उनकी योग्यता, क्रेडिट मूल्याकंन औऱ बैंक की संतुष्टि हेतु आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रिया पर अन्य सुविधाएं प्रदान करेगा।

b) बैंक जीजेईपीसी के सहयोग से विभिन्न वेबिनार, ज्वाइंट न्यूजलेटर, रिपोर्ट आदि के माध्यम से नए बैंकिंग समाधानों पर अपटेड देने के अलावा, क्रेडिट मूल्यांकन और अन्य आकलन कैसे करता है, इस पर अवलोकन सत्र आय़ोजित कर सदस्यों को भी शिक्षित करेगा।

c) जीजेईपीसी के साथ संयुक्त रूप से बैंक, विशेष वेबिनार का आय़ोजन करेगा और डिजिटलीकरण प्रक्रियाओं, व्यापार लेनदेन, सलाहकार सेवाओं, पीओएस, कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा पैकेज, और जीजेईपीसी के सदस्यों को शिक्षित करने तथा सूचना के प्रसार के लिए बैंक और कोविड 19 के बाद जीजेईपीसी के सदस्य व्यापार में आनेवाली बाधाओं को हल करने की युक्ति से अवगत कराने के लिए बाहर से विशेषज्ञों को आमंत्रित करेगा।

d) बैंक, अपने विवेकाधिकार पर GJEPC सदस्यों को विशेष मूल्य निर्धारण प्रदान कर सकता है- GJEPC द्वारा निर्दिष्ट बैंक POS मशीन और बिजनेस कार्ड के लिए नामांकन / आवेदन करने पर। इस तरह के विशेष मूल्य निर्धारण, अगर प्रभावी होते हैं तो एमओयू की तारीखों से निश्चित समय की अवधि के लिए मान्य होंगे और बिना पूर्व सूचना के बदले जा सकते हैं।

e) बैंक मुख्य कार्यालय सहित क्षेत्रिय कार्यालयों में भी अपनी टीम के विशिष्ट अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति करेगा, जो जीजेईपीसी के कार्यालयों व उनके सदस्यों से संपर्क में रहेंगे औऱ उन्हें परिषद के सदस्यों के लिए उपयुक्त उत्पादों के बारे में जानकारी प्रदान करते रहेंगे।

f) बैंक MSME के लिए ट्रेड फॉरेक्स टीमों के माध्यम GJEPC के सदस्य निर्यातकों को डे-टू-डे लेनदेन, बचत लागत, सलाहकार, जोखिम को कम करने, करंसी मूवमेंट और निहित जोखिम को समझाने में भी प्रयास करेगा!

गुजरात: सिर्फ़ 100 रूपए खर्च कर 2.67 लाख रूपए की होम सब्सिडी पाने के लिए पढ़िए

केन्द्र सरकार की ओर से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार घर ले सकें इसलिए महिलाओं के नाम से घर खरीदने पर सब्सिडी के तौर पर 2.67 लाख रूपए की सब्सिडी देने की योजना है लेकिन कई लोगो ने अपने नाम से घर खरीदा है ऐसे में महिला के नाम से घर नहीं होने के कारण उन्हें सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पा रहा था। इस समस्या का भाजपा के प्रदेश प्रमुख के प्रयास से अंत आ गया है। जिन पुरूषो के नाम रजिस्ट्री है उसमें 100 रूपए का स्टैम्प ड्यूटी भरकर महिला का नाम शामिल किया जा सकता है और सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं।


प्रधानमंत्री योजना के अंतर्गत महिला के नाम पर घर खरीदने वालों को केन्द्र सरकार की ओर से सब्सिडी मिलती है। कई लोगों ने लोन के लिए अन्य कारणो से पुरुषों के नाम से घर की रजिस्ट्री कराई है। बैंक के नियम के अनुसार यदि महिला के नाम पर रजिस्ट्री कराई जाए तभी 2.67 लाख रुपए की बैंक सब्सिडी मिल सकती है।

इसलिए जिन लोगों ने पुरुषों के नाम से रजिस्ट्री कराई है। वह रजिस्ट्री में महिला का नाम शामिल कर सके इसलिए गुजरात के भाजपा प्रदेश प्रमुख सीआर पाटिल ने बैंकों के साथ बार-बार बैठक कर इस बारे में प्रयास किया था लेकिन जब तक महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री नहीं होगी तब तक यह संभव नहीं था। दूसरी ओर पति के नाम के साथ पत्नी का नाम भी रजिस्ट्री में कराने के लिए 20 से 25000 रूपए की स्टाम्प ड्यूटी भरना पड़ेगा ऐसे संजोग बने थे।

अब से भाजपा प्रदेश प्रमुख सीआर पाटिल के प्रयासों के बाद अब सिर्फ 100 के स्टांप ड्यूटी भर के महिला का नाम पुरुष के नाम के साथ रजिस्ट्री में दाखिल किया जा सकेगा।

राज्य सरकार के इस फैसले के बाद सूरत समेत गुजरात के लाखों परिवारों को राहत मिलेगी। उन्हें सब्सिडी भी सरलता से मिल जाएगी। ऐसा होने से मध्यमवर्गीय परिवारों को सब्सिडी के 267000 रूपए मिल सकेंगे। उल्लेखनीय है कि सूरत सहित गुजरात के लाखो परिवार इस योजना से लाभान्वित होंगे।

बैंकों ने बिना बताए बढ़ा दी उद्यमियों की सीसी और ओडी लिमिट, जानिए क्यों

कोरोना के कारण लाचार लघु, सूक्ष्म और मध्यम वर्गीय उद्यमियों की मदद के लिए सरकार की ओर से 300000 करोड रुपए की पैकेज की घोषणा की गई थी। यह राहत उद्यमियों को लोन के तौर पर देने का तय किया गया था। अब वित्त मंत्रालय की ओर से सभी बैंकों को उद्यमियों को यह लोन ज्यादा से ज्यादा दिया जा सके इसलिए दबाव किया जा रहा है। 


दूसरी ओर बैंक भी  असुरक्षित लोन देने में डर रहे हैं। जिसके चलते बैंकों ने इस लोन का स्वरूप ही बदल दिया है। बैंकों ने सीधे लोन देने की बजाय खातेदार को के सीसी अथवा ओडी लिमिट 20% तक बढ़ा दी है। जिसके चलते राष्ट्रीयकृत बैंकों में अकाउंट होल्डर ओके बैंक खातों में उनके सीसी और ओवरड्राफ्ट अकाउंट की लिमिट बढ़ा दिए जाने का मैसेज आ रहा है।

जिसे देखकर उद्यमी चौक गए इसी तरह से शहर के एक बड़े उद्यमी के मैसेज आया कि उनकी 2 करोड रुपए के प्रे अप्रूव्ड लोन स्वीकार कर ली गई है। यह जानकर दंग रह गए और जब बैंक में गए तो उन्हें पता चला कि बैंक की ओर से उनके सीसी लिमिट और ओवरड्राफ्ट लिमिट बढ़ा दी गई है।

बैंको की ओर से इस तरह से बिना बताए सीसी क्रेडिट और ओडी लिमिट बढा दिए जाने के कारण उद्यमियों में कौतूहल फैल गया है। बीते एक सप्ताह से कई उद्यमियों की सीसी क्रेडिट लिमिट और ओडी लिमिट बिना किसी मांग के कर दिए जाने से लोग सोच में पड़ गए हैं। 

लॉकडाउन के कारण बेरोज़गार लोग गोल्ड लोन लेकर चला रहे घरखर्च

लॉकडाउन के दिनों में कई लोग बेरोजगार हो गए हैं। कई लोगों के व्यापार उद्योग ठप हो गए हैं और उन्हें आजीविका चलाने में भी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों के पास उधार लेकर घर चलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा ।है जिसके चलते इन दिनों गोल्ड लोन की संख्या बढ़ गई है। गोल्ड लोन की रैशियों में 30% तक का उछाल आया है। 


मिली जानकारी के अनुसार गोल्ड लोन लेना इन दिनों लोग ज्यादा गोल्ड लोनपसंद कर रहे हैं। जहां गोल्ड लोन लोगों के लिए सरल है वही बैंक के भी गोल्ड लोन देना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। क्योंकि गोल्ड लोन देने से बैंकों के पास गारंटी भी रहती है और वह प्रक्रिया भी सरल हो जाती है। अलग-अलग कंपनियों के पास से अलग-अलग ब्याज दर पर लोग गोल्डलोन ले रहे हैं। अलग-अलग बैंकों की ओर से 7% से लेकर 9% पर बैंक लोन दिए जाते हैं।

जिसकी समय सीमा भी 1 साल की होती है। हालाकि कुछ लोग यह भी शिकायत कर रहे हैं कि सोने की कीमत बढ़ी है लेकिन लोन देते समय बैंक सोने की वर्तमान कीमत को मान्यता नहीं दे रहे हैं। इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन के गुजरात के डायरेक्ट नैनेष पच्चीगर ने बताया कि गोल्ड लोन की डिमांड इन दिनों बढ़ गई है।

लॉकडाउन के दिनों में लोगों का काम धंधा बंद होने से आर्थिक तौर से परेशान लोग गोल्ड लोन लेना चाहता उचित समझ रहे हैं। क्योंकि पहले से ही उनके पास जमीन मकान आदि पर लोन चल रही है। इसलिए वह अपने सोने को गिरवी रखकर लोन ले रहे हैं।

हालांकि बैंक सोने की वर्तमान कीमत को नहीं मान रहे इसलिए हमने बैंकों को वर्तमान कीमत को मान्यता देकर लोन देने की मांग की है।

लॉकडाउन-4 में थोड़ी सी छूट मिलते ही बैंकों पर कूद पड़े लोग? जानिए क्यों?


सूरत
लॉकडाउन के कारण बेरोज़गार हो चुके लोगों के पास आजीविका का साधन नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार की योजना से उन्हें उम्मीद बंधी है। लॉकडाउन-४ में कई स्थानों पर बैंक और व्यापारिक गतिविधियाँ शुरू हुई हैं। इसलिए बाहर निकले लोगों ने सबसे पहले रोज़ी रोटी के लिए प्रयास शुरू किया।


गुजरात सरकार ने हाल ही में कोरोना महामारी के दौरान हाल में आत्म निर्भर योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत, एक व्यक्ति एक लाख का ऋण मामूली दर पर ले सकता है। लोग अब इस योजना का लाभ लेना चाह रहे हैं।


चूंकि सहकारी और सहकारी बैंकों में फॉर्म उपलब्ध थे, इसलिए लोग आज सुबह से ही फॉर्म लेने के लिए दौड़ रहे थे। कुछ लोगों ने फ़ॉर्म भी से लिया और उसे जल्दी भरने की तैयारी में है। कुछ लोग निराश थे कि कुछ क्षेत्रों में सहकारी बैंकों में फॉर्म नहीं पहुंचे थे।


वराछा और कतारगाम क्षेत्रों में सहकारी और सहकारी बैंकों में लोग अपने फॉर्म लेने के लिए सुबह से ही कतार में लगे थे। जिसके कारण इन स्थानों पर भीड़ देखी गई। दूसरी ओर, उधना क्षेत्र में सहकारी बैंकों को फार्म प्राप्त नहीं हुए और लोग उन्हें लिए बिना लौट गए।

यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि लॉकडाउन के कारण शहर के सभी ट्रेड और उद्योग बंद हो गए हैं और लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं और अब यह तय नहीं है कि कुछ कारखाने या ट्रेड कब शुरू होंगे। तेवा में बेरोजगार लोग अपने लिए कुछ नया करने की सोच रहे हैं। जिसके कारण बैंकों के सामने लोगों की लाइन बढ़ गई है।


फ़िलहाल शहर के कुछ क्षेत्र से ही लोग आ रहे है जैसे ही बाक़ी के क्षेत्र से भी लोगों को छूट मिलेगी वैसे यह संख्या और बढ़ेगी।