कोरोना के कारण लाचार लघु, सूक्ष्म और मध्यम वर्गीय उद्यमियों की मदद के लिए सरकार की ओर से 300000 करोड रुपए की पैकेज की घोषणा की गई थी। यह राहत उद्यमियों को लोन के तौर पर देने का तय किया गया था। अब वित्त मंत्रालय की ओर से सभी बैंकों को उद्यमियों को यह लोन ज्यादा से ज्यादा दिया जा सके इसलिए दबाव किया जा रहा है।
दूसरी ओर बैंक भी असुरक्षित लोन देने में डर रहे हैं। जिसके चलते बैंकों ने इस लोन का स्वरूप ही बदल दिया है। बैंकों ने सीधे लोन देने की बजाय खातेदार को के सीसी अथवा ओडी लिमिट 20% तक बढ़ा दी है। जिसके चलते राष्ट्रीयकृत बैंकों में अकाउंट होल्डर ओके बैंक खातों में उनके सीसी और ओवरड्राफ्ट अकाउंट की लिमिट बढ़ा दिए जाने का मैसेज आ रहा है।
जिसे देखकर उद्यमी चौक गए इसी तरह से शहर के एक बड़े उद्यमी के मैसेज आया कि उनकी 2 करोड रुपए के प्रे अप्रूव्ड लोन स्वीकार कर ली गई है। यह जानकर दंग रह गए और जब बैंक में गए तो उन्हें पता चला कि बैंक की ओर से उनके सीसी लिमिट और ओवरड्राफ्ट लिमिट बढ़ा दी गई है।
बैंको की ओर से इस तरह से बिना बताए सीसी क्रेडिट और ओडी लिमिट बढा दिए जाने के कारण उद्यमियों में कौतूहल फैल गया है। बीते एक सप्ताह से कई उद्यमियों की सीसी क्रेडिट लिमिट और ओडी लिमिट बिना किसी मांग के कर दिए जाने से लोग सोच में पड़ गए हैं।