सूरत लैबग्रोन डायमंड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने सारंगपुर में 175 साल पुराने कस्टभंजनदेव हनुमान मंदिर को लैबग्रोन हीरों से जड़ित एक सोने का मुकुट भेंट किया।

बोटाद के पास सारंगपुर में हनुमान की मूर्ति की स्थापना की 175वीं वर्षगांठ इस समय भव्य रूप से मनाई जा रही है। इस अवसर पर सूरत के भंडेरी लैबग्रोन डायमंड्स की ओर से कष्टभंजन देव को सोने और लैबग्रोन हीरों से बना मुकुट अर्पित किया गया है।इस मुकुट में 1 किलो सोना 7200 लैबग्रोन डायमंड, 5 अलग-अलग रंगों के लैबग्रोन डायमंड का इस्तेमाल किया गया है।


इतनी है कि सूरत में नैचरल हीरा के साथ लेब्रॉन हीरे भी बड़े पैमाने पर बनाए जा रहे हैं नैचरल हीरा उद्योग में जब मंदी का माहौल था तब लेबग्रान डायमंड उद्योग ने ही हीरा श्रमिकों को बेरोज़गार होने से बचाया। बीते 4 साल से लेब्रग्रान हीरों का व्यापार अच्छा चल रहा है। सूरत के हीरा उद्योग में लेबग्रान डायमंड में लगभग 2, लाख अधिक हीराश्रमिक काम कर रहे हैं लेबग्रान हीरों का व्यापार आने वाले दिनों में बहुत तेज़ी से बढ़ेगा ऐसी उम्मीद हीरा उद्यमी लगा रहे हैं।