कॉन्फिडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की ओर से 26 फरवरी को देशव्यापी व्यापार बंद के आंदोलन में सूरत में भी कई व्यापारी एसोसिएशनो ने समर्थन जारी किया है। हालाकि कपड़ा बाजार के संगठन और सूरत डायमंड एसोसिएशन की ओर से समर्थन नहीं मिला है।
कैट का आरोप है कि जीएसटी लागू होने के बाद से सरकार की ओर से बार-बार जीएसटी के नियमों में परिवर्तन होने के कारण व्यापारी और टैक्स कंसलटेंट परेशान हो गए हैं। सरकार अब तक 937 से अधिक बार जीएसटी के नियम बदल चुकी है।
इस कारण जीएसटी का मूल रूप ही बदला गया है। कैट ने 26 फरवरी को देशव्यापी भारत व्यापार बंद का ऐलान किया है। देशभर में कई संगठनों ने इसे समर्थन दिया है। सूरत में भी कई एसोसिएशनो ने समर्थन दिया है।
कपड़ा बाजार के कपड़ा मजदूर यूनियनों ने भी इसे समर्थन देने की बात कही है। सूरत टैक्सटाइल ट्रान्सपोर्ट गुड्स एसोसिएशन ने 26 फरवरी को पार्सल के ऑर्डर नहीं बुक करने की स्पष्टता की है। कपड़ा बाजार की संस्था फोस्टा ने समर्थन नहीं दिया। जबकि सूरत मर्कन्टाइल एसोसिएशन की ओर से पहले ही इन्कार कर दिया गया था।
फेडरेशन ऑफ इन्डिया आर्ट सिल्क विविंग इन्डस्ट्री,पांडेसरा को.ऑप हाउसिंग सोसायटी लिमिटेड, गुजरात कोमर्शियल टैक्स बार एसोसिएशन, टेक्सटाइल एम्ब्रोयडरी जॉबवर्क एसोसिएशन की ओर से लिखित में समर्थन मिला है। टैक्स प्रेक्टिशनर ने क्लाइन्ट के लिए ऑफिस बंद रखी है, लेकिन ऑडिट काम चलेंगे।