प्रेमिका को बाइक के आगे टंकी पर बिठा कर स्टंट पड़ा महंगा!

सूरत में कुछ दिनों पहले सोश्यल मीडीया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें प्रेमी युगल मेन रोड पर तेज़ी से दौड रही बाईक पर स्टंट कर रहे थे। पुलिस ने दोनों को पकड़ कार्रवाई की। इसके बाद अब बिहार में एक युवक को फिल्मी अंदाज में अपनी प्रेमिका को को गोद में बिठाकर गाड़ी चला रहा था।

प्रेमिका के साथ खतरनाक गाड़ी चला रहे और खुले में अपने प्यार को दिखा रहे इस कपल को गाँव वालों ने पकड़ा और इसके बाद उनका ऐसा हाल किया कि अब वह ज़िंदगी भर इसे भूलेगे नहीं। दोनो को सरेआम ख़री खोटी सुनाई।


युवक अपनी बुलेट पर अपनी प्रेमिका को अपनी गाड़ी पर आगे बिठाकर गाड़ी चला रहा था। पेट्रोल की टंकी पर बैठी यह युवती मानो युवक के गोद में बैठी हो ऐसा दिख रहा था। जिसके चलते गाँववालों ने उनको रोका था और काफी बुरी तरह से डांटा था। दोनों को पकड़ कर गाँव वालों ने दोनों को कई अपशब्द कहे। गाँव वालों की डांट के बीच युवती ने युवक को वहाँ से निकल जाने कहा, पर इसके बाद भी कुछ लोगों ने रिक्शा में पीछा कर उन्हें फिर से रोका और उन्हें फिर से डांट लगाई थी।


बुलेट पर अपने प्यार का इजहार करने वाले इस प्रेमी जोड़े का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। हालांकि अब तक वीडियो किस जगह का है वह पूरी तरह से स्पष्ट नही हो पाया है। वीडियो में साफ तौर पर गाँव का एक व्यक्ति उन्हें चेतावनी दी।

शादी के आठवें दिन पति को मौत के घाट उतार दिया पत्नी ने

कहते है कि शादी का बंधन सात जन्म का होता है लेकिन यहा तो शादी का बंधन दस दिन भी नहीं बीता। शादी के सात दिन में ही पत्नी ने पता नहीं क्यों पति को मार डाला। रात को पति पत्नी साथ में रूम में थे। सबेरे उठकर जब घरवालों ने देखा तो पत्नी ने पति की हत्या कर दी थी।

बिहार के बेटिया बैरिया पुलिस स्टेशन क्षेत्र में मलाही टोला गांव में शादी के एक सप्ताह में ही दुल्हन ने अपने पति की निर्दयता से हत्या कर दी होने की जानकारी सामने आ रही है। फिलहाल हत्या का कारण नहीं जाना जा सका है लेकिन पुलिस ने इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। शादी के 8 दिन बाद ही हुई इस घटना के कारण आश्चर्य का माहौल फैल गया है।

मिली जानकारी के अनुसार गांव में मजदूरी काम करने वाले श्याम शाह की शादी 8 दिन पहले पूर्वी चंपारण गोविंदगंज के पुलिस स्टेशन क्षेत्र में सरैया गांव में हुई थी। इसके बाद वह अपनी पत्नी के साथ 8 दिन तक खुशी से था लेकिन रविवार को सवेरे श्याम की माता और जब उसे उठाने गई तो उसने देखा कि आपका शरीर खून से लथपथ पड़ा था। सासु जब रूम में पहुंची तो महिला भागने का प्रयास कर रही थी लेकिन सासु ने परिवार जनों और गांव के लोगों की मदद से पकड़ लिया और पुलिस को इस बारे में जानकारी दी।


पुलिस ने लाश का कब्जा लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और महिला को कस्टडी में लेकर पूछताछ की जा रही है। लड़की के परिवारजनों को इस बारे में जानकारी दे दी गई है।

लड़की ने हथियारों से युवक की हत्या की,उसकी भी छानबीन की जा रही है। क्या यह पूरा नियोजित आयोजन था या सिर्फ अकस्मात ही यह घटना हो गई। इस बारे में पुलिस ने लड़की से जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

मछली बनाना नहीं आता था, मौत के घाट उतार दिया

बिहार की कोसी नदी के पास दिवाली के एक दिन बाद कोसी नदी के पास बोरे में मिली महिला की लाश की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है और इस मामले में महिला के पति तथा सासु और ससुर को गिरफ्तार कर लिया है।


मिली जानकारी के अनुसार बिहार के सुपौल जिले में रहने वाले रनपुरा पुलिस स्टेशन में क्षेत्र में से ढाढा गांव के नहर के पास कोसी नदी में से 2 दिन पहले एक औरत की लाश मिली थी। पुलिस जांच के दौरान इस महिला का की पहचान सुनीता देवी के नाम से हुई थी। सुनीता के पिता ने बेटी के गुम होने की शिकायत भी दर्ज करवाई थी।

उन्होंने बताया कि उसकी बेटी की शादी 2020 में सतनपट्टी पंचायत के ढाढा गांव में रहने वाले अमलेश पासवान के शे‌वेश पासवान से हुई थी। दिवाली के दिन जब वह अपनी बेटी से मिलने गए तो बेटी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। इसके बाद उसकी लाश मिली है।

पिता की बात सुनने के बाद पुलिस वालों ने अमलेश पासवान और उसके बेटे शेवेश पासवान को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की जांच के दौरान ने बताया कि उसकी पत्नी सुनीता को मछली बनाना नहीं आता था। इस बारे में विवाद हुआ था।

सुनीता से इस बारे में उसकी बोला चालू हो जाने के कारण इसमें उसकी हत्या कर दी। हत्या करने में उसके माता-पिता ने भी उसका साथ दिया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन तीनों को जेल में भेजने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।

शादी के दिन दुल्हे को कोरोना, बाराती पहुँचे होस्पिटल!

कोरोना ने लोगों की जीवन शैली को बदल कर रख दिया है लोग क्या चाहते हैं और क्या हो जा रहा है।ऐसी ही एक घटना में बिहार के 28 वर्षीय युवक की शादी शुक्रवार को होनी थी शादी की सारी तैयारियां चल रही थी|

इस दौरान वहां पर एंबुलेंस के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम अप पुलिस की टुकड़ी पहुंच गई। लोगों के पूछने पर पता चला कि दूल्हे का रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आया है।इसलिए उसे अस्पताल में दाखिल कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के अधिकारी पहुंचे। यह घटना बिहार के रोहतास जिले की है दूल्हा शादी के मंडप में जाने की जगह हॉस्पिटल पहुंच गया।

इसका गांव वालों ने खूब विरोध किया लेकिन, प्रशासन ने किसी की बात नहीं सुनी। मिली जानकारी के अनुसार मुंबई में रहने वाला यह युवक फैक्ट्री बंद हो जाने के बाद गांव गया था।उसने 14 दिन तक क्वारंटाइन भी रखा था इसके बाद घर गया था घर वालों ने उसकी शादी की तारीख तय कर दी थी।

इस दौरान 3 दिन पहले जिला प्रशासन ने अन्य राज्यों से आए लोगों का सैंपल लेने की कार्यवाही शुरू की थी। इसमें इस युवक की भी जांच की गई। रिपोर्ट आने पर उसका रिपोर्ट पॉजिटिव लड़की वालों को पता चली तो अस्पताल पहुंच गए।

दूल्हा और दुल्हन के घर वाले दोनों ही प्रशासन से शादी करवाने की मांग करने लगे।अस्पताल के प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से उन्हें समझा-बुझाकर भेजा जहां दूल्हा एक और फूलों का हार पहनने वाला था।वहां उसे सिविल अस्पताल का बैंड किस्मत हुआ।

बिहार मे पाँच करोड़ की संपत्ति का मालिक बने दो हाथी!

बिहार के पटना में एक हाथी के मालिक ने अपनी जान बचाने के अवेज में अपनी करोड़ों की संपत्ति अपने दो हाथियों के नाम कर दी। इस व्यक्ति ने अपनी दो वसीयत में अपने दो पालतू हाथियों का नाम लिखा है।


घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार पटना के फुलवारीशरीफ के जानीपुर निवासी और ऐरावत संस्था के मुख्य प्रबंधक 50 वर्षीय अख्तर इमाम ने अपने हिस्से की संपत्ति अपने दो पालतु हाथी (मोती और रानी) के नाम कर दी है।

उनसे नाराज घर के लोग ही इमाम के दुश्मन बन गए हैं। जिसे लेकर वह लगातार पुलिस थाने से लेकर डीजीपी तक अपनी सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं।

अख्तर ने कहा कि उसके बेटे ने ही प्रेमिका के पास से दुष्कर्म का गलत आरोप लगाकर उसे जेल भेजा था, किंतु जांच में पुलिस को पता चला कि ये आरोप तथ्यहीन है। पिता का आरोप है कि उसके बेटे ने पशु तस्करों के साथ मिलकर उनके हाथी को बेचने की भी कोशिश की थी, किंतु वह पकड़ा गया। इसलिए वसीयत के अनुसार, यदि उनके पहले या बाद में हाथी नहीं रहा तो भी परिवार के एक भी सदस्य को एक रुपया भी नहीं मिलेगा।

अख्तर ने कहा कि 12 वर्ष की उम्र से ही वह हाथियों की सेवा कर रहे हैं। पारिवारिक विवाद के कारण लगभग 10 वर्ष पहले उनकी पत्नी, दो बेटे और बेटी के साथ मायके रहने चली गई थी। बड़े बेटे मेराज की गलत आदतों के कारण उन्होंने उसे अपनी हरेक संपत्ति से बेदखल कर दिया। पत्नी को आधी संपत्ति सौंप दी और अपने हिस्से की लगभग 5 करोड़ संपत्ति (खेतों-मकान और बैंक बैलेन्स) को ऐरावत संस्था के दो हाथियों के नाम कर दिया।

अख्तर के निधन के बाद यदि इन दोनों हाथियों की मौत होती है तो उनकी संपत्ति संस्था को सील जाएगी।
अख्तर ने कहा कि एक बार उन्हें मारने की भी कोशिश की गई। हाथी ने रात को पिस्तौलधारी व्यक्ति को अख्तर के रुम की खिडक़ी के पास जाते देखा तो हाथी शोर मचाने लगा। इससे वह सतर्क हो गए और बच गए।