मोतिया गिल्डफोर्ड स्क्वायर ट्राईसिटी में कॉर्पोरेट्स और एमएनसी का हब

मोहाली (पंजाब) [भारत], 18 जुलाई: पिआर-7 एयरपोर्ट रोड पर मोतिया ग्रुप का नवनिर्मित कमर्शियल प्रोजेक्ट मोतिया गिल्डफोर्ड स्क्वायर ऑफिस स्पेस के लिए ट्राईसिटी में कॉर्पोरेट्स और एमएनसी की पहली पसंद बनता जा रहा है। बता दें की इसका मुख्य कारण इस प्रोजेक्ट की स्ट्रेटेजिक लोकेशन, एमेनिटीज और ग्रुप द्वारा दिया रहा शानदार ऑफर है, जो किसी भी कॉर्पोरेट के लिए सबसे अहम होता है।

मोतिया ग्रुप के इस खास ऑफर की बात करे तो, ग्रुप मोतिया गिल्डफोर्ड स्क्वायर में बड़े कॉर्पोरेट्स और एमएनसी को कस्टमाइज़ ऑफिस स्पेस प्रदान कर रहा है वो भी 30 जून 2024 तक बिना किसी रेंट के। याने कोई भी बड़ा कॉर्पोरेट यह ऑफिस स्पेस ले कर उसको अपने हिसाब से कस्टमाइज़ करवा सकता है और 30 जून 2024 तक उनको कोई भी रेंट नहीं देना होगा। यह ऑफर और प्रोजेक्ट की शानदार लोकेशन व एमेनिटीज कॉर्पोरेट्स को काफी आकर्षित कर रही है।

3.75 एकड़ में फ़ैला हुआ यह प्रोजेक्ट मुख्य पिआर-7 एयरपोर्ट रोड पर स्तिथ है, जिसकी फ्यूचरिस्टिक डिज़ाइन और भरपूर पार्किंग स्पेस इसे बाकी किसी भी प्रोजेक्ट से बहुत अलग और आधुनिक बनाती है। डिज़ाइन को ले कर सबसे खास बात यह है की, इस प्रोजेक्ट में ग्राउंड फ्लोर पर 23.5 फ़ीट याने डबल हाइट के रिटेल शोरूम्स है, साथ ही, लैंडएस्केप्ड टेरेस, ओपन टू स्काई फाइन डाइन स्पेस, वाई-फाई इनेबल्ड जोन, हर यूनिट में सर्विस बालकनी, 24×7 ऑपर्टेशनल बिल्डिंग, पॉवर बैक-अप व सिक्योरिटी आदि जैसे यूनिक फीचर्स है जो ट्राईसिटी के किसी अन्य प्रोजेक्ट में नहीं है।

शंकाशील पत्नी के कारण क्लास वन अधिकारी पति ने रात बस स्टेन्ड पर गुज़ारी!

गुजरात के एक क्लास वन अफसर को पत्नी के शक के कारण पूरी रात बस स्टैंड पर गुजारनी पड़ी। एक दिन अधिकारी की पत्नी ने कार्यालय समय के दौरान फोन किया, लेकिन अधिकारी काम में होने से कॉल रिसीव नहीं किया। इससे पत्नी उस पर शंका करने लगी। पत्नी से तंग आकर अधिकारी ने आत्महत्या करने की भी सोची, लेकिन अंतिम समय में एक दोस्त को फोन पर समझाकर मामला सुलझा लिया।


क्लास वन अधिकारी फिलहाल दूसरे राज्य में नियुक्ति पर है, जबकि उनका परिवार गांधीनगर में रह रहा है। वे परिवार से मिलने के लिए हर पखवाड़े गांधीनगर आते हैं। ऑफिस टाइम में उनकी पत्नी अक्सर फोन करके दूरी पता कर लेती

हालांकि, कभी-कभी कार्यालय में काम करने के कारण, अधिकारी फोन कॉल नहीं लेते नतीजतन, उनकी पत्नी को शक हो गया। अगर उसका फोन नहीं आता है, तो पत्नी को लगता है कि पति दूसरी लड़की के साथ समय बिता रहा है और इसलिए वह कॉल रिसीव नहीं करते है।

पखवाड़े का पति जब गांधीनगर में परिवार से मिलने आया तो संदिग्ध पत्नी इस क्लास वन ऑफिसर की जिंदगी को हराम बना रही थी. अंतत: परेशान कक्षा एक के अधिकारी ने आत्महत्या करने का फैसला किया।हाल ही में जब वह गांधीनगर में परिवार से मिलने पहुंचे तो उनकी पत्नी ने इस बात को लेकर फिर बहस की। अपनी पत्नी के उत्पीड़न को सहन करने में असमर्थ, अधिकारी

ऐसे तो बर्बाद हो जाएंगे रिटेल व्यापारी


कॉन्फिडरेशन ऑफ ऑल इन्डिया ट्रेडर्स की ओर से बार बार केन्द्र सरकार से ऑनलाइन व्यापार के कारण रिटेल व्यापारियों को नुकसान होने की बात कही जा रही है और इस पर अंकुश लगाने की गुहार लगाई जा रही है लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही।

इसका खामियाजा रिटेल व्यापारियों को हो रहा है। दिवाली में, गुजरात में केवल 7 दिनों में लगभग 1600 करोड़ मोबाइल बेचे गए थे। इस वर्ष कारोना के कारण 600-700 करोड़ रुपये की मोबाइल बिक्री में गिरावट आई है। एक तो कोरोना के कारण मोबाइल विक्रेताओं को कोरोना के कारण व्यापार में तगड़ा नुकसान हुआ है। दूसरी ओर, व्यापारी कह रहे हैं कि ऑनलाइन मोबाइल की कीमत के साथ-साथ उस पर उपलब्ध सस्ती योजनाओं के कारण ऑनलाइन बिक्री बढ़ रही है।

मोबाइल विक्रेताओं का कहना है कि दिवाली पर मोबाइल की बिक्री सामान्य दिनों से ज्यादा है लेकिन अपेक्षा से कम है। कोरोना में ऑनलाइन पढाई और वर्क फ्राम होम चल रहा है, जिसके कारण मोबाइल के साथ टैब की बिक्री हुई। हर साल दीवाली की अवधि के दौरान, पूरे गुजरात में अनुमानित 1200 करोड़ मोबाइल बेचे जाते हैं, जो इस दिवाली केवल 600 से 700 करोड़ रुपए रही। सामान्य दिनों में, गुजरात में मासिक 800 करोड़ के मोबाइल बिकते है, लेकिन इस साल दिवाली पर ऑनलाइन बिक्री बढ़ने से ऑफलाइन बिक्री में गिरावट आई है।

व्यापारियों का कहना है कि बिक्री में गिरावट के पीछे कारण यह है कि ऑनलाइन मोबाइल की खरीदारी बढ़ रही है। लोग ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं।
ऑल इंडिया मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष निकुंज पटेल ने मीडिया को बताया कि ऑनलाइन मोबाइल पर अच्छे ऑफर और कम कीमत की वजह से ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं।
उल्लेखनीय है कि कैट की ओर से बारबार सरकार से ऑनलाइन कंपनियों की ओर से दी जाने वाली छूट को लेकर शिकायत की गई है।

लॉकडाउन में तीन महीने की शराब नही ली, उसे आगामी महीनों में एडजस्ट करो!

सूरत
चेंबर ऑफ कॉमर्स ने मंगलवार को राज्य के गृह, ऊर्जा और कानून मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा से ऐसी मांग की कि आप भी सोचने लगेंगे की चेंबर ऑफ कॉमर्स को व्यापार उद्योग का हित सोचकर यह मांग करने की क्या जरूरत थी?

चेंबर ऑफ कॉमर्स ने राज्य के मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा से लिकर लाइसेंस की समय मर्यादा 3 महीना बढ़ाने या जो लॉकडाउन के कारण जो इस्तेमाल नहीं हो सकी उस दौरान के 3 महीने का कोटा आगे के समय में एडजस्ट करने की मांग की है।


चेंबर का कहना था कि लाइसेंस लेने वाला व्यक्ति स्वास्थ्य कारणों से अल्कोहलिक द्रव्य डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेते हैं।उसे ध्यान में रखकर मरीजों की आवश्यकता को देखते हुए चेंबर ऑफ कॉमर्स ने यह मांग की हैं।

चेंबर ने बताया कि मुंबई फॉरेन लिकर रूल्स 1983 के अंतर्गत लाइसेंस प्रथा में लाइसेंस लेने वाला व्यक्ति प्रतिमाह के अनुसार लिकर शॉप में से आवश्यकता के लिए लिकर खरीद सकता है लेकिन, राज्य में लॉकडाउन के कारण 70 दिन तक बंद होने से लिकर शॉप बंद थे। लिकर के लाइसेंस के लिए जो लाइसेंस फीस भरनी पड़ती है वह तो भरनी पड़ेगी लोकडाउन के दौरान तीन महीने तक का कोटा लेफ्ट हो गया है।

इस कारण परमिट होल्डर को आर्थिक नुकसान हो सकता है। इन कारणों से सरकार को इनके आर्थिक हित को भी देखते हुए लाइसेंस का समय 3 महीना बढ़ाने या लॉकडाउन के समय बिना इस्तेमाल किया 3 महीने का कोटा आगामी पीरियड में एडजस्ट करने की मांग की गई है।

बंद मार्केटो को खोलने के बारे में क्या कहा मनपा ने!


सूरत
सूरत महानगर पालिका के अधिकारियों के साथ शुक्रवार को फोस्टा की मीटिंग में लिंबायत जॉन ने 61 मार्केट को खोलने के लिए कई शर्तों के साथ इजाजत दी गई थी।
देर शाम को इन मार्केट की सूची भी जारी कर दी गई थी। जबकि सेंट्रल जोन की ओर से कोई सूची नहीं जारी करने के कारण उस क्षेत्र के व्यापारियों में चिंता का माहौल था। इस सिलसिले में फेडरेशन ऑफ शनिवार को मनपा अधिकारियों से मिले और रिंग रोड के बेगम बाड़ी बेगम बाड़ी क्षेत्रों की मार्केट खोलने के लिए गुहार लगाई।


फोस्टा के सेक्रेटरी चंपालाल बोथरा ने बताया कि मीटिंग में बेग़म बाड़ी, मोटी बेगम बाड़ी में जो दुकाने हैं उसे खोलने के लिए मनपा कमिश्नर को आग्रह किया गया। मनपा कमिश्नर ने जल्दी ही नया आदेश जारी करने का आश्वासन दिया है। इसलिए सभी मार्केट एसोसिएशन अपनी मार्केट में साफ-सफाई एवं सैनिटाइजेशन कर सरकारी गाइडलाइन का पालन करने की व्यवस्था करें।

बोथरा ने बताया कि मार्केट खोलने का समय सुबह 9:00 बजे से दोपहर 4:00 बजे तक होगा मार्केट की दुकानें ऑड- ईवन के नियम से खुलेंगे। नॉन कंटेनमेंट ज़ोन से आनेवाले श्रमिकों और व्यापारियों से आधार कार्ड की कॉपी लेना अनिवार्य होगा।

मार्केट बंद हो जाने से कोर्ट व्यापारियों को बड़ी निराशा मिली थी। उनका कहना था कि कई मार्केट ऐसी हैं जिनका की मेन गेट रिंग रोड पर खुलता है। और उस क्षेत्र में कोई निवासी भी नहीं है। इसलिए उनकी मार्केट को खोल देना चाहिए। मार्केट खोलने के लिए कई आवश्यक निर्देश भी दिए गए हैं


फोस्टा के रंगनाथ शारडा ने बताया कि हमने आश्वासन दिलाया की व्यापारी मनपा की से दिए निर्देश मानेंगे। जो मार्केट कंटेनमेंट ज़ोन में है और निवासी क्षेत्र में है उनका कंटेनमेंट ज़ोन वाला गेट नहीं खोलेगें। व्यापारी दूसरे गेट से आएँगें।इन बातों पर हमें मनपा की ओर से आश्वासन मिला है। शाम को सब स्पष्ट हो जाएगा।

आर्थिक संकट से जूझ रही माता ने दो बच्चों को कुवें में फेंका


सूरत
हालोल तहसील के रायणवडिया गाँव में पति पत्नी के बीच हुए झगड़े में माता ने दो बच्चों को कुंवे में फेंक दिया।दोनों बच्चों की मौत हो गई।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हालोल तहसील के रायणवडिया गांव में रहने वाले प्रताप खीमजी राठवा मजदूरी काम करके अपने परिवार का गुजरात चलाते है।

लॉकडाउन में काम धंधा बंद हो जाने से घर खर्च चलाना मुश्किल हो गया था।इस सिलसिले में रविवार को प्रताप राठवा और उसकी पत्नी चंपाबेन के बीच झगड़ा हुआ झगड़े में उग्र होने के कारण चंपा बेन नाराज हो गई।कई दिनों से काम धंधा नहीं मिलने के कारण उनके यहां भोजन की समस्या भी होने लगी थी।इन कई कारणों से चंपा मैंने अपने दोनों बच्चों को कुवें में डाल दिया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और सत्य का पता लगा रही है।चंपाबेन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है।


उल्लेखनीय है कि कोरोना में लॉकडाउन के कारण देशभर में व्यापार धंधा बंद होने से लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं।श्रमिक वतन पलायन कर रहे हैं ।ऐसे में देहाडी मजदूरी करके गुजरान चलाने वालों की हालत भी पतली हो चुकी है। अब तक सामाजिक संस्थाएं और राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली मदद पर सभी लोग आश्रित थे ।

अब सामाजिक संस्थाओं की ओर से मिलने वाली मदद लगभग बंद हो जाने के कारण कई लोगों को जीवन का निर्वाह चलाने में मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि राज्य सरकार की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है लेकिन फिर भी कहीं से छिटपुट घटनाएं सामने आ रही है।

कपड़ा बाज़ार के श्रमिकों को आज से मिल सकेगा दो घंटे वेतन


सूरत
लॉकडाउन के कारण कपड़ा बाज़ार में काम करने वाले जिन श्रमिकों का वेतन फँस गया है या मार्केट एसोसिएशन वेतन नहीं कर पा रहे। उनके लिए अच्छी खबर है।फेडरेशन ऑफ़ सूरत टैक्सटाइल एसोसिएशन और कलेक्टर की मीटिंग में यह फ़ैसला हुआ कि मार्केट एसोसिएशन के पदाधिकारी फोस्टा से कूपन लेकर अपने मार्केट में दो घंटे तक श्रमिकों को वेतन दे सकेंगे। यह नियम मंगलवार से लागू हो जाएगा फोस्टा के पदाधिकारियों की कलेक्टर के साथ मीटिंग हुई। जिसमें कि कपड़ा बाज़ार में काम करने वाले श्रमिकों के वेतन के विषय में भी चर्चा हुई ।कलेक्टर ने कूपन देने को कहा है। यह कूपन लेकर मार्केट एसोसिएशन दो घंटे तक अपने मार्केट में काम करने वाले श्रमिकों को वेतन देने सकेंगे।आपको बता दें कि लॉकडाउन के कारण इन दिनों कपड़ा बाज़ार में काम करने वाले लाखों श्रमिक बेरोज़गार हो गए हैं ।इन श्रमिकों में ज़्यादातर UP बिहार झारखंड उड़ीसा से हैं जो कि वेतन पर ही निर्भर करते हैं। लॉकडाउन के कारण इनके पास वेतन नहीं होने के कारणश्रमिक परेशान हो गए हैं। साथ ही इन दिनों शहर में लॉकडाउन के चलते वह अपना वेतन भी लेने नहीं आ पा रहे हैं ।ऐसे में श्रमिकों की समस्या को देखते हुए फोस्टा ने कलेक्टर से मीटिंग कर यह रास्ता निकाला ।कलेक्टर और फोस्टा के बीच हुई इस मीटिंग का कपडा बाज़ार में काम करने वाले लाखों श्रमिकों को लाभ मिलेगा ।उल्लेखनीय है कि लूम्स कारख़ाने में भी लाखों पर प्रांतीय श्रमिक काम करते हैं। पगार के दिनों में ही लॉक डाउन हो जाने के कारण वह भी परेशान हो गए हैं ऐसे में कारखानों में भी यही व्यवस्था शुरू की गई है ।बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण से फैलने वाला रोग है इसलिए सरकार ज़्यादा लोग इकट्ठा न हो इसलिए बारी बारी से लोगों को बुलाकर वेतन देना उचित समझ रही है इसके चलते कूपन का नियम बनाया गया है।