सूरत फेडरेशन ऑफ इंडियन आर्ट सिल्क वीविंग इंडस्ट्री ने केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री गिरिराज सिंह से ए-टफ योजना के अंतर्गत जिन कपड़ा उद्यमियों की सब्सिडी बाकी रह गई है उसके लिए फंड जल्दी से आवंटित करने की मांग की है।

फिआस्वी के अध्यक्ष भरत गांधी ने इस बारे में केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा है और गुहार लगाई है। भारत गांधी ने बताया कि टफ योजना के अंतर्गत जिन लोगों ने मशीन खरीदी थी। ऐसे कई लोग सब्सिडी के लाभ से वंचित रह गए हैं। उन्हें भी योजना का लाभ मिलना चाहिए। सरकार को जल्द इस बारे में फैसला लेना चाहिए।उल्लेखनीय है कि 2023 में यह योजना बंद कर दी गई है। टफ योजना शुरू थी तब बड़ी संख्या में कपड़ा उद्यमियों ने टेक्सचराइजिंग मशीन और एंब्रॉयडरी के मदीने खरीदी थी।उन्हें उम्मीद थी कि यह टफ योजना के अंतर्गत उन्हें सब्सिडी मिलेगी। लेकिन कई कारण से टफ योजना 2023 से बंद कर दी गई है। बीते दिनों इस बारे में देश भर में से कई कपड़ा संगठनों ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से गुहार भी लगे लेकिन अभी तक किस बारे में कोई फैसला नहीं किया गया है।

नई मशीनों की खरीदी पर लगा ब्रेक

कपड़ा उद्योग से जुड़े संगठनों का कहना है कि टफ योजना बंद होने के कारण कपड़ा उद्योग मैं नई टेक्नोलॉजी आने पर ब्रेक लग गई है। क्योंकि टफ योजना के अंतर्गत मशीनों पर सब्सिडी मिलती थी जिसके चलते नई मशीन भी खरीद रहे थे लेकिन टफ योजना पर ब्रेक लगने के बाद उद्यमियो ने अंकुश लगा दिया है।

कपड़ा उद्योग में निवेश बढ़ाने की उम्मीद

कपड़ा जमीन का कहना है कि सरकार की ओर से यदि नई टेक्नोलॉजी वाली मशीन खरीदने पर सब्सिडी आदि का प्रावधान किया जाता है तो कपड़ा उद्यमी नई मशीनों में निवेश करेंगे। क्योंकि इससे पहले भी टफ योजना के दौरान बड़े पैमाने पर लोगों ने योजना का लाभ लिया था और करोड़ों रुपए के मशीन विदेश से इंपोर्ट किया था।-

-एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए भी नई मशीन जरूरी

कपड़ा उद्यमियो का कहना है कि भारत सरकार की ओर से एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। टेक्सटाइल क्षेत्र में भी उद्यमी बड़े पैमाने पर विदेश में कपड़ों का निर्यात करें इसलिए प्रयास किया जा रहे हैं। ऐसे में टेक्नोलॉजी वाली मशीने जरूरी है। स्थानीय उद्यमी इतने बड़े पैमाने पर निवेश कर सकें इसलिए भी सब्सिडी की आवश्यकता है।

सूरत बीते साल राजकोट में गेमजोन में आग लगने के कारण कई लोगों की जल जाने से मौत हो गई थी।इस घटना के बाद सरकार ने सक्रियता दिखाते हुए राज्य भर में फायर ब्रिगेड संबंधित नियमों में कई सुधार किया। फायर डिपार्टमेंट ने भी इस मामले के बाद कई नए परिवर्तन किए। इसी दौरान राज्य भर के तमाम कॉर्पोरेशन और नगर पालिका में फायर प्रिवेंशन विंग की रचना भी की गई। जिसका काम आग लगने की घटना काम की जा सके इस पर काम करना था। इसके लिए अलग से स्टाफ भी रखे जाने का प्रावधान किया गया था।

सूरत में फायर प्रिवेंशन विंग के अंतर्गत 51 स्टाफ की नियुक्ति करने का फैसला किया गया था लेकिन अभी तक फायर प्रिवेंशन विंग में स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है। इसके चलते यह विभाग सिर्फ नाम का ही बनकर रह गया है।फायर डिपार्टमेंट के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल सूरत के फायर डिपार्टमेंट में 175 स्टाफ की कमी है। नियम के अनुसार फायर डिपार्टमेंट के लिए 1530 स्टाफ नियुक्त किए गए हैं। अलग-अलग कैटेगरी में कर्मचारी की कमी है। इनमें सबसे अधिक फायर प्रिवेंशन विंग के स्टाफ की कमी है। बल्कि ऐसा भी कह सकते हैं कि अभी तक इस प्रिवेंशन विंग में एक भी नियुक्ति ही नहीं की गई। पालिका के सूत्रों का कहना है कि आगामी दिनों में प्रिवेंशन विंग लिए स्टाफ की भर्ती की जाएगी लेकिन अभी कुछ औपचारिकता बाकी है। जैसे की स्टैंडिंग कमेटी में इस पर निर्णय लिया जाएगा। साथ ही अन्य प्रक्रियाओं के बाद भर्ती की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि सूरत शहर में बड़े पैमाने पर उद्योग होने के कारण आग की घटनाएं आए दिनों बनते रहती है। हाल में ही शिवशक्ति मार्केट में आग लगने के कारण फायर डिपार्टमेंट को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा था और 36 घंटे के बाद आग पर काबू पाया जा सका। सूरत फायर डिपार्टमेंट के लिए नई टेक्नोलॉजी वाली मशीन और स्टाफ पर्याप्त स्टाफ दोनों ही बहुत जरूरी है। इसे ध्यान में रखते हुए पालिका ने बजट में भी कई प्रावधान किए हैं।

मनपाआगामी दिनों में सूरत में नए चार फायर स्टेशन भी शुरू करने की कवायत जारी है।‌साथ ही 100 मीटर से अधिक का हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म मशीन भी विदेश से खरीदा जाएगा।पालिका की ओर से बीते दिनों भी विदेश से मशीन मंगाई गई थी जो की हायराइज बिल्डिंग में आग लगने पर तुरंत ही काबू पाने के लिए उपयोग में ले जाएंगे। साथ ही ऊंचाई पर लगी आग को रियल टाइम ऑनलाइन देखा जा सके इसलिए ड्रोन भी खरीदा जाएगा ।ताकि वहां की स्थिति का अनुमान लगाकर वहां पहुंचना है इसका अंदाज लगाया जा सके।

सूरत महानगर पालिका द्वारा शहरीजनों के पानी के बिल में ब्याज माफी दिए जाने का फैसला किया गया है। बुधवार को स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में उसे पर मोहर लगा दी गई। 30 जून तक जो लोग पानी का बिल जमा कर देंगे उन्हें ब्याज में से मुक्ति दी जाएगी।

सूरत महानगरपालिका के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर में 24 * 7 योजना के अंतर्गत कई क्षेत्रों में पालिका की ओर से पानी दिया जाता है।इन क्षेत्रों में पानी का दैनिक इस्तेमाल जानने के लिए मीटर लगाए गए हैं।‌इसके आधार पर उपभोक्ताओं को बिल भी दिया जाता है लेकिन कई कारणो से पालिका समय पर बिल पहुंचाने में असफल रही है। कई क्षेत्रों में देर से 2 साल के बाद लोगों को पानी का बिल मिला है ऐसी शिकायतें भी लोगों ने की। लंबे समय के अंतराल में बल मिलने के कारण बिल की रकम काफी बढ़ गई है। इसमें ब्याज भी जोड़ा गया है। इस बारे में लोगों ने बड़े पैमाने पर पालिका में शिकायत की थी बीते दिनों सामान्य सभा में भी यह मुद्दा जोर-जोर से उछाला गया था। इसे ध्यान में रखते हुए पालिका ने शहरी जनों के सुविधा के लिए ब्याज में से मुक्ति का फैसला किया है। विलंबित बिल चुकाने पर पालिका 18% ब्याज वसूल करती है लेकिन जो लोग 30 जून तक पानी का बिल भर देंगे उन्हें ब्याज में से छोड़ दी जाएगी।‌

बताया जा रहा है कि इस फैसले के चलते रेजिडेंशियल स्कूल 35536 लोगों को 17.29 करोड़, 30 धार्मिक स्थान को 260हजार तथा 5065 कॉमर्शियल को 10.55 लाख रुपए ब्याज में से मुक्ति मिलेगी। उल्लेखनीय है कि सूरत महानगरपालिका ने कई क्षेत्रों में पानी का बिल देने के लिए एजेंसी को भी काम सौंपा था लेकिन एजेंसियों का काम संतोषजनक नहीं रहा। इसके चलते बीते दिनों कुछ क्षेत्रों में से एजेंसी को ब्लैक लिस्ट भी कर दिया गया था। इन तमाम कारणो से भी पालिका को लोगों तक पानी का बिल पहुंचने में विलंब हुआ है। पालिका की ओर से आगामी दिनों में नए क्षेत्रों में भी पानी का मीटर बिल लगाने के लिए विचार किया जा रहा है।

सूरत

सूरत महानगर पालिका ने शुक्रवार को पेश किए 10004 करोड रुपए के बजट में शहर के सर्वांगी विकास के साथ ही मूलभूत आवश्यकताओं पर भी फोकस किया है। महत्वपूर्ण बात करें तो ड्रेनेज लाइन को जीआईएस मैपिंग के सहारे ट्रेस किया जाएगा वहीं दूसरी ओर सुएज पंपिंग स्टेशनों पर मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे भी इंस्टॉल किए जाएंगे ताकि पंपिंग स्टेशनों पर पानी के फिल्टर सहित तमाम प्रक्रियाओं पर नजर रखी जा सके।

सूरत महानगरपालिका के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को पालिका ने वर्ष 2025- 26 का बजट पेश किया गया।इस बजट में शासको ने 401 करोड रुपए के नए कार्यों का सुझाव दिया है। इसके पहले मनपा कमिश्नर ने 9603करोड रुपए का ड्राफ्ट बजट पेश किया था। इसे संशोधित करके शासको में कई नए कार्यों को बढ़ाते हुए बजट का कर 10004 करोड रुपए तक पहुंचा दिया। बजट में नए ओवर ब्रिज,शहर के बड़े सड़कों को सीसी रोड के तौर पर डेवलप करनातथा गार्डन, आंगनवाड़ी,प्लेग्राउंड सहित कई नई चीजों को शामिल किया गया है। ड्रेनेज लाइन और वाटर सप्लाई की गुणवत्ता को भी सुधरने पर फोकस किया गया है।

शहर में कुल 67 सूएज पंपिंग स्टेशन है। इनमे पानी को फिल्टर करने के बाद खाड़ी में छोड़ दिया जाता है।बीते कई दिनों से पंपिंग स्टेशन में होने वाले तमाम कार्यों को लेकर शंका कुशंका व्यक्त की जा रही थी। इसे ध्यान में रखते हुए पालिका ने तमाम पंपिंग स्टेशन पर मॉनिटरिंग के लिए सभी स्थान पर 4 से 5 कैमरा इंस्टॉल करने का फैसला किया है। इसके चलते लगभग 160 से 2000 कैमरे लगाए जाएंगे। इन तमाम समलो की मदद से पंपिंग स्टेशनों में हो रही गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। साथ ही यहां पर अनधिकृत प्रवेश पर भी रोक लगेगी। यदि कोई आपातकालीन स्थिति बनती है तो सतर्कता बढ़ती जा सकेगी। इसके अलावा भी आवश्यक प्रयोजन किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि शहर के कई क्षेत्रों में से जो खड़िया बहती हैं जो कि जाकर तापी नदी या समुद्र में मिलती हैं।इन खड़ियों में गंदा पानी छोड़ा जाए तो इसका सीधा असर तापी नदी के जल पर भी पड़ता है। इसलिए नियम अनुसार पालिका खाड़ियों में छोड़े जाने वाले पानी को फिल्टर करने के बाद छोड़ती है। शहर में कुल 67 पंपिंग स्टेशन है। आगामी वित्तीय वर्ष में और 14सूएज पंपिंग स्टेशन बनाने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।

सूरत

सूरत के हीरा उद्योग में चल रही मंदी के कारण बड़ी संख्या में श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं और अपर्याप्त काम मिलने के कारण उन्हें आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है। बीते 2 साल से हीरा उद्योग में स्थिति लचर होने के कारण हीरा श्रमिकों के लिए जीवन व्यापन करना भी मुश्किल हो गया है। राज्य सरकार से बार-बार गुहार लगाने के बाद भी जब कोई बात नहीं बनी तो डायमंड वर्कर यूनियन ने हड़ताल के लिए चेतावनी दी थी। इसे ध्यान में रखते हुए श्रम विभाग ने डायमंड वर्कर यूनियन तथा हीरा संगठनों को आगामी 19 तारीख को मीटिंग के लिए बुलाया है।

मीटिंग में चर्चा विचरणा कर इस मामले का सुखद प्रयास लाने का प्रयास किया जाएगा। हीरा उद्योग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूरत के हीरा उद्योग में लंबे समय से मंदी का दौर चल रहा है। विदेश में कट और पोलिश्ड हीरो की मांग कम होने के कारण सूरत के उद्यमियों को भी जॉब वर्क कब मिल रहा है। इसके चलते कई यूनिटों में उत्पादन 50% घटा दिया गया है तो कई यूनिट दिवाली के बाद खुले नहीं है। इसका सीधा असर हीरा श्रमिकों के रोजी-रोटी पर पड़ा है। बड़ी संख्या में हीरा श्रमिक बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। वहीं जो श्रमिक काम कर रहे हैं उनका वेतन भी 50% से अधिक काम हो गया है। हीरा श्रमिकों को आर्थिक दिक्कत से गुजरना पड़ रहा है। दिवाली के बाद बड़ी संख्या में हीरा श्रमिक अभी तक गांव से लौटकर नहीं आए।

डायमंड वर्कर यूनियन ने हीरा श्रमिकों के लिए राज्य सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग भी की थी लेकिन उन्हें उत्तर नहीं मिला। संगठन का आरोप है की मंडी के कारण 2 साल में 50 से अधिक हीरा श्रमिकों ने जान दे दी। इसके बावजूद अभी तक उनके लिए कोई योजना नहीं घोषित की गई है तो कुछ दिनों पहले ही डायमंड वर्कर यूनियन ने 30 मार्च को हड़ताल की चेतावनी दी थी। इसे ध्यान में रखते हुए श्रम विभाग ने डायमंड वर्कर यूनियन तथा हीरा संगठनों को मीटिंग के लिए आगामी 19 तारीख को बुलाया है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले ही राज्य सरकार ने भी हीरा श्रमिकों के लिए मदद का आश्वासन भी दिया है और जल्दी ही इसके लिए पॉलिसी भी बनाने की बात कही है। इसके बाद में हीरा श्रमिक अपनी बात पर अडे है। हालांकि ऐसी चर्चा है कि डायमंड वर्कर यूनियन की चेतावनी के बाद ही राज्य सरकार हरकत में आई है और मेरा खलीफा को आश्वासन भी दिया गया है।

आढ़तिया कपड़ा एसोसिएशन सूरत में हर साल की तरह इस साल भी काफी धूम धाम से होली पर्व को मनाया गया। मुख्य रूप से इस पर्व का महत्व आपस में मिल जुलकर प्रेम , सौंदयर्भ ,संबंध को बढ़ाना है। इसके साथ ही व्यापारी भाई ने मिलकर खूब फूलों की होली खेली और धमाल मचाया और इसके साथ आनंद लेते हुए नाच गा के समा को बदल दिया और करीब 800 से 1000 लोग करीब उपस्थित थे।आज ही की दिन आढ़तिया एसोसिएशन के अध्यक्ष का जन्मदिन भी था जिसको सभी ने कैक काटने के बाद सुभिक्षा दी।

इस कार्यक्रम में मंत्री किशोर जी बिंदल, नारकोटिक्स राजस्थान के निर्देशक घनश्याम सोनी, राजपूत समाज से विक्रम सिंग शेखावत, साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स सभी पदाधिकारी, अनिल अग्रवाल (विपुल साड़ी) , सुभाष जी (सुभाष साड़ी), ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी , आदर्श रामलीला ट्रस्ट के पदाधिकारी, अग्रवाल विद्या विहार के अध्यक्ष सुभाष बंसल,राजपूत समाज के अध्यक्ष श्री प्रदुम्न जाडेजा, आगरा मंडल के पदाधिकारी पंकज गोयल , Sgtta के सुनील जी व सचिन जी और Akas के सभी सदस्य, और अन्य समाज से सभी लोग एकत्रित हुए।

प्रशासनिक अधिकारी भी इस उत्सव में ,सभी का संगम देखने को मिला।इसके साथ ही व्यापारी भाई ने मिलकर खूब फूलों की होली खेली और धमाल मचाया और इसके साथ आनंद लेते हुए नाच गा के समा को बदल दिया और करीब 800 से 1000 लोग करीब उपस्थित थे।आज ही की दिन आढ़तिया एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री का जन्मदिन भी था जिसको सभी ने कैक काटने के बाद शुभकामना दी।

इस कार्यक्रम में मंत्री किशोर जी बिंदल, डायरेक्टर नारकोटिक्स राजस्थान के निर्देशक घनश्याम सोनी, राजपूत समाज से विक्रम सिंग शेखावत, सगत्ता के सभी पदाधिकारी, अनिल अग्रवाल (विपुल साड़ी) , सुभाष जी सुभाष (सुभाष साड़ी), ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी , आदर्श रामलीला ट्रस्ट के पदाधिकारी, अग्रवाल विद्या विहार के अध्यक्ष सुभाष बंसल, अध्यक्ष श्री प्रदुम्न जाडेजा, आगरा मंडल के पदाधिकारी पंकज गोयल , Sgtta के सुनील जी व सचिन जी और Akas के सभी सदस्य, और अन्य समाज से सभी लोग एकत्रित हुए।

सूरत. श्री अग्र कामधेनु गौशाला फाउंडेशन सूरत की ओर से पलसाना के निकट सिसोदरा में गौशाला और गुरुकुल की स्थापना की जा रही है। इस कार्य के सहायतार्थ देशभर से चुनिंदा चर्चित कवि और लाफ्टर शो के कलाकार सूरत में जुट रहे हैं। 16 मार्च रविवार को शाम 6:30 बजे वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी में कवि सम्मेलन होगा।श्री अग्र कामधेनु गौशाला फाउंडेशन के पवन झुनझुनवाला ने बताया कि सूरत के निकट सिसोदरा गांव में 13.54 बीघा जमीन पवित्र कार्य के लिए खरीदी गई है।

यहां गुजरात की आदर्श गौशाला के साथ ऐसा गुरुकुल तैयार होगा, जहां आचार्य पद्धति से शिक्षा दी जा सके। यहां मंदिर के अलावा पंचगव्य से औषधीय बनाने की भी योजना है। गौशाला फाउंडेशन के पदाधिकारी अरुण पाटोदिया 'गोपुत्र' ने इस पुनीत कार्य में फाउंडर ट्रस्टी बनाने का सिलसिला भी जारी है। सीमित संख्या फाउंडर मेंम्बर बनाए जा रहे हैं। जिससे गौशाला और गुरुकुल निर्माण जैसे पवित्र कार्य में तेज आ सके।फाउंडेशन के पदाधिकारी सीए महेश मित्तल के मुताबिक - इस पुनीत यज्ञ में सभी भामाशाहों की आहुति के लिए ही - एक शाम गौमाता के नाम- कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

इसमें विभिन्न राज्यों के कुछ लॉफ्टर कलाकार व चर्चित कवि-कवयित्री जुटेंगे। ये रहेंगे कवि और कलाकार :द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर शो के विजेता रहे सुरेश अलबेला, ताजा दौर के सबसे चर्चित युवा गीतकार चंदन राय, चर्चित कवयित्री भुवन मोहिनी, हास्य कवि हरीश हिंदुस्तानी, कवयित्री दीपा सैनी, वाह भाई वाह शो फेम दृष्टिहीन कवि अकबर ताज, वीर रस के हिमांशु हिंद, हास्य कवि कामता माखन, कपिल शर्मा शो फेम की तरह बच्चू यादव अंकित सिसोदिया, चिंटू मंकी मिमिक्री आर्टिस्ट आदि जुट रहे हैं।

शिव शक्ति मार्केट में लगी आग को बुझाने के लिए मनपा को ₹500000 का खर्च हुआ था। सामान्य तौर पर मनपा आग बुझाने के लिए यदि बड़ा खर्च होता है तो संपत्ति के मालिकों से वह खर्च वसूल करती है लेकिन इस मामले में व्यापार हित को ध्यान में रखते हुए पालिका ने यह खर्च नहीं वसूलने का फैसला किया है।

सूरत महानगरपालिका के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते दिनों शिव शक्ति टैक्सटाइल मार्केट में भयानक आग निकल लगी थी।इसे काबू पाने में फायर ब्रिगेड के जवानों को 36 घंटे का समय लगा था। आग इतनी बड़ी थी कि फायर ब्रिगेड को इस मेजर कॉल घोषित करना पड़ा और दक्षिण गुजरात से फायर फाइटर की गाड़ियां बुलानी पड़ी थी।आग के चलते कपड़ा मार्केट की 500 से अधिक दुकानों को नुकसान हुआ है।व्यापारियों का करोड़ों का माल जल जाने से वह आर्थिक तौर पर कमजोर हो गए हैं। इतना ही नहीं बिल्डिंग के स्ट्रक्चर को भी नुकसान होने के कारण या मार्केट अभी तक नहीं खोली जा सकती है। बताया जा रहा है कि स्टेबिलिटी रिपोर्ट के बाद ही इसे खोलने की अनुमति मिलेगी। व्यापारी परेशान हो चुके हैं। ऐसे में सूरत महानगर पालिका ने आग बुझाने के लिए हुए ₹500000 खर्च नहीं वसूल करने का फैसला किया है।

आग बुझाने के लिए 35 गाड़ियां और 80000 लीटर पानी का व्यय करना पड़ा था। बुधवार को स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में सूरत महानगरपालिका की ओर से यह फैसला किया गया है।

सूरत

हीरा उद्योग में वर्तमान मंदी की स्थिति के कारण हीरा श्रमिकों की हालत लाचार हो गई है। बड़ी संख्यामें हीरा श्रमिकों की नौकरी चली गई है तो कई हीरा श्रमिकों ने रोटी के लिए नया रास्ता ढूंढ लिया है। लाचार हो चुके हीरा श्रमिकों की स्थिति को लेकर राज्य सरकार से संगठनों की ओर से गुहार लगाई जा रही है। ऐसे में राज्य सरकार ने हीरा श्रमिकों की स्थिति की सुध ली है और मंगलवार को राज्य भर में से कई हीरा संगठनों की अग्रणियों से मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें आगामी दिनों में हीरा श्रमिकों की मदद के लिए ठोस कदम उठाया जाएगा यह आश्वासन भी दिया।

हीरा उद्योग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूरत कट और पॉलिश्ड हीरो का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है। 90% डायमंड सूरत में बने होते हैं। इसके अलावा सौराष्ट्र, उत्तर गुजरात और अहमदाबाद आदि शहर में भी कट और पॉलिश्ड हीरो का काम बड़े पैमाने पर होता है लेकिन बीते 50 साल के इतिहास में देखा जाए तो इन दोनों सबसे अधिक मंदी का दौर है। ढाई वर्ष से विकराल मंदी के कारण हीरा श्रमिकों की आर्थिक स्थिति लचर हो गई है। इसके चलते कई हीरा श्रमिकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है तो कई हीरा श्रमिकों ने गुजरात चलाने के लिए छोटा-मोटा रोजगार का नया रास्ता ढूंढ़ निकाला है। दिवाली के बाद से सूरत के कई हीरा कारखाने अभी भी पूर्ण रूप से नहीं शुरू हो सके हैं। वेकेशन पर गांव गए कई हीरा श्रमिक अभी तक नहीं लौट कर आए हैं। इस स्थिति को देखते हुए हीरा उद्योग से जुड़े कई संगठनों ने राज्य सरकार से मदद के लिए गुहार लगाई थी।

इस दौरान मंगलवार को राज्य के शिक्षण मंत्री प्रफुल्ल पानशेरिया, इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष दिनेश नावडिया तथा विसनगर डायमंड एसोसिएशन के प्रमुख इश्वर प्रजापति सहित हीरा उद्योग के कई अग्रणियों ने राज्य के सीएम भूपेंद्र पटेल से मुलाकात की हीरा उद्योग के अग्रणियों ने हीरा उद्योग की स्थिति के बारे में मंत्री से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने भी उन्हें इस बारे में तुरंत ही कदम उठाने का आश्वासन दिया। इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष दिनेश नावडिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हीरा उद्यमियों के साथ मीटिंग में सकारात्मक प्रतिशत दिया है। उन्होंने कहा की हीरा श्रमिकों को मदद देने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। आगामी दो दिनों में हीरा श्रमिकों की मदद के लिए एक्शन प्लान तैयार कर दिया जाएगा।

फेडरेशन ऑफ सूरत ट्रेड एंड टेक्सटाइल एसोसिएशन (FOSTTA) ने व्यापारिक विवादों के त्वरित एवं निष्पक्ष समाधान के लिए आर्बिट्रेशन एक्ट को प्रभावी रूप से लागू कर दिया है। इस पहल के तहत आज दिनांक 10 मार्च 2025, सोमवार को फोस्टा कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें आर्बिट्रेशन पैनल का गठन कर 16 आर्बिट्रेटर नियुक्त किए गए।अब किसी भी व्यापारिक विवाद की स्थिति में व्यापारी फोस्टा आर्बिट्रेशन पैनल के माध्यम से त्वरित और निष्पक्ष समाधान प्राप्त कर सकेंगे। यह निर्णय सूरत के कपड़ा व्यापार को सुगम और विवाद-मुक्त बनाने में एक मील का पत्थर साबित होगा।

फोस्टा का यह कदम व्यापारियों के हितों की रक्षा करते हुए व्यापारिक विश्वसनीयता को और मजबूत करेगा। सभी व्यापारी भाइयों से अपील की जाती है कि किसी भी व्यापारिक विवाद की स्थिति में आर्बिट्रेशन पैनल का सहयोग लें और इसे सफल बनाएं उल्लेखनीय है की सूरत कपड़ा बाजार में हर राज्य के व्यापारी कपड़ा खरीदने के लिए आते हैं। सूरत का कपड़ा बाजार भरोसे पर टिका हुआ है। लेकिन कई लोग उधर माल सामान खरीदने के बाद लंबे समय तक पेमेंट नहीं देते। इसके चलते सूरत से कपड़ा व्यापारियों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

कई मामलों में तो अन्य राज्यों के व्यापारी पलायन कर जाते हैं। ऐसे में सूरत के व्यापारियों का रुपए भी डूब जाता है लेकिन पोस्ट में अब आर्बिट्रेशन की मंजूरी मिलने के बाद कब का व्यापारियों को कई मामलों में राहत मिलेगी।