छत्तीसगढ: महिला जज ने फांसी लगाकर की आत्महत्या


छत्तीसगढ़ के मुंगेली में 55 वर्षीय जिला सत्र न्यायाधीश कांता मार्टिन को रविवार को घर में फांसी लगाकर जान दे दी। घर अंदर से बंद होने के कारण पुलिस ने जज के सरकारी बंगले का दरवाजा तोड़ कर शव को निकाला। उनकी आत्महत्या का कारण अभी तक पता नहीं चल सका है।

मुंगेली के एसपी अरविंद कुजूर ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, न्यायाधीश कांता मार्टिन अकेले रह रही थीं। अकेलेपन के कारण वह हताश थी।घटनास्थल पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। वह मध्य प्रदेश के कटनी की निवासी थी।बताया जा रहा है कि जब उनका कुक बंगले में पहुंचे तो दरवाजा बंद था।


मार्टिन का रसोइया रविवार सुबह करीब 9 बजे उनके बंगले पर पहुंचा। दरवाजे बंद होने के कारण वह काफी देर तक घंटी बजाता रहा। उन्होंने कांता मार्टिन को भी फोन किया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। फिर उसने आसपास रहने वाले के अधिकारियों को सूचित किया। सूचना मिलते ही एसपी मौके पर पहुंचे। उन्होंने टॉर्च की मदद से खिड़की से बाहर देखा और जज का शव लटका देखा। पुलिस को सूचित करने के बाद, उन्होंने दरवाजा तोड़ दिया, अंदर गए, और लाश को निकाला।


पुलिस ने कहा कि न्यायाधीश कांता मार्टिन के पति की डेढ़ साल पहले मृत्यु हो गई थी। उनके दो बेटे रायपुर और दिल्ली में रहते हैं। मार्टिन जुलाई 2019 से मुंगेली जिले के जिला और सत्र न्यायाधीश हैं। वह मध्य प्रदेश के कटनी की रहने वाली थी। पुलिस ने उनके बेटों को घटना की सूचना दी है। पुलिस ने अभी तक मौत की कारण के कारण के बारें में कुछ नहीं बताया। जांच के बाद मौत के कारण की जानकारी पता चल सकेगी।