छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में नदी किनारे से एक महिला और एक युवक के शव मिले हैं पता चला है कि दोनों ने जहर पीकर अपनी जान दे दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। दोनों एक ही गांव के रहने वाले थे और शादीशुदा थे। पुलिस को शक है कि प्रेम के चलते दोनों ने आत्महत्या की है। फिलहाल पुलिस घटना की जांच कर रही है। घटना जुगाड़ थाना क्षेत्र की है।
पुलिस को सूचना मिली थी कि एक महिला और एक पुरुष के शव नदी किनारे गिरे हैं। मौके पर जाने के बाद पुलिस को पता चला कि शव 37 वर्षीय परमेश्वर मरकाम और 38 वर्षीय ललिता यादव के हैं. दोनों बगल के एक ही गांव में रहते थे। पुलिस को वहां एक लिक्विड भी मिला। पोस्टमार्टम में पता चला कि इन लोगों ने जहरीली दवा ली थी।
पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि दोनों शादीशुदा हैं। ललिता विधवा थीं और उनके 4 बच्चे थे। परमेश्वर के 5 बच्चे थे। गांव में पूछताछ में पता चला कि लालिका और परमेश्वर एक-दूसरे के घर आते-जाते रहते थे। रविवार को दोनों एक साथ निकले थे। तब से दोनों लापता हैं। इस बीच अगले दिन सोमवार को दोनों के शव मिले. ऐसे में पुलिस को शक है कि प्रेम चल रहा है।
ललिता के पति और परमेश्वर साथ में काम करते थे। ललिता के पति देवी सिंह यादव का 5 साल पहले निधन हो गया था। ललिता की 3 विवाह योग्य बेटियां हैं। जब बेटा 10 साल का हो गया। जबकि परमेश्वर की दो पत्नियां थीं। पहली पत्नी की 3 बेटियां और दूसरी पत्नी के एक बेटा था। सबसे बड़ी बेटी 14 साल की है। ललिता के पति देवी सिंह और परमेश्वर दोनों दोस्त थे। देवी सिंह की मृत्यु के बाद परमेश्वर ललिता का सहारा बना।
परमेश्वर ने दोनों पत्नियों के लिए अलग-अलग घर बनाए। उनके पास 50 एकड़ जमीन और दो ट्रैक्टर थे। जबकि ललिता मजदूरी और रसोइया का काम कर जीविकोपार्जन कर रही थी। परमेश्वर उसकी जरूरतों का ख्याल रखता था। यह रिश्ता घरवालों को मंजूर नहीं था। यह रिश्ता समाज को स्वीकार्य नहीं था क्योंकि दोनों समाज भी अलग-अलग थे।इसलिए शायद उन्होने आत्महत्या कर ली ऐसा माना जा रहा है।
अब तक आपने सास और बहू के बीच शायद ही मधुर संबंध की बातें सुनी हो। टीवी सीरियल से लेकर असली जिंदगी तक सासु और बहू के बीच खटपट तो चलते ही रहती है लेकिन ऐसी भी जानकारी सामने आई है जिसमें की बहू अपने सासु को देवी मानते हुए पूजा करती हैं।
सासु की मौत के बाद बहुएं उनकी प्रतिमा बनाकर पूजा करती है। हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की जिसमें की के सासु की मौत के बाद बहुएं उनकी प्रतिमा स्थापित करके भजन कीर्तन करती हैं। यह गांव बिलासपुर से 25 किलोमीटर दूरी पर रतनपुर तंबोली में सासु की मौत के बाद में उनकी बहुओं ने उनकी याद में मंदिर बनवाया। उनकी सासु का नाम गीता देवी बताया जा रहा है।
बिलासपुर में महामाया देवी का भी प्रसिद्ध मंदिर है। यह परिवार पूरे गांव में आदर्श परिवार के तौर पर माना जाता है। इस संयुक्त परिवार में 39 सदस्य हैं और 11 बहुए हैं। वह एक दूसरे के साथ बहुत प्रेम से रहती हैं। गीता देवी का निधन साल 2010 में हो गया था।
सासु ने बहुओ को सभी प्रकार की आजादी दी थी। सासु की मौत के बाद बहुओं को जब उनकी याद आती थी। वह दुखी हो जाती थी इसलिए उन्होंने उनकी याद में मंदिर ही बना दिया। इस परिवार की सभी बहुएं पढ़ी-लिखी हैं।
अपने पतियों को भी व्यापार में मदद करती हैं। इस परिवार में सबसे बुजुर्ग शिवप्रसाद है। वह पहले शिक्षक थे और अब छोटी सी दुकान में रिटेल व्यापार करते हैं। इस परिवार के होटल, किराना स्टोर और साबून की फैक्ट्रियां है।इनके पास 20 एकड़ जमीन है यह लोग खेतीकाम भी करते हैं।