पांच बेटियों के साथ ट्रेन से कट कर मा ने सामूहिक आत्महत्या की

पता नहीं आज कल लोग छोटी छोटी बातों पर जान देने की क्यों ठान लेते हैं। पिछले कुछ वर्षो से जान देना तो मानो फैशन बनते जा रहा है। लोग अपने जीवन का मोल ही नहीं समझते। बस किसी बात का बुरा लग जाए तो जान देने जैसे कदम उठा लेते हैं। रोज सामू्हिक आत्महत्या जैसी घटनाए सामने आ रही है।

छत्तीसगढ़ में सामूहिक आत्महत्या का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पति से झगड़े के बाद पत्नी ने अपनी पांच बेटियों के साथ ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक महिला और उसकी पांच बेटियों के शव रेलवे ट्रैक पर मिले।

पुलिस के मुताबिक सबसे बड़ी बेटी की उम्र 17 साल और सबसे छोटी बेटी की उम्र 10 साल थी। आत्महत्या करने वाली महिला की पहचान उमा साहू के रूप में हुई और उसकी उम्र 45 साल थी। उनकी पांच बेटियां अन्नपूर्णा, यशोदा, भूमिका, तुलसी और कुमकुम हैं।

घटना की सूचना पुलिस को सुबह तड़के मिली.पुलिस के मुताबिक महिला का रात में पति से झगड़ा हुआ था और फिर बेटियों को लेकर चली गई. सभी शव रेलवे ट्रैक पर मिले थे। हालांकि घटना की जांच की जा रही है, लेकिन आशंका है कि महिला ने अपनी बेटियों के साथ आत्महत्या की है।

पुलिस का यह भी कहना है कि महिला का पति शराब का आदी था। बुधवार की शाम शराब पीने को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई। इसके बाद उमा अपनी बेटियों के साथ घर से निकल गई। बताया जा रहा है कि रात करीब साढ़े नौ बजे उसने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मामले की जांच पडताल शुरू की है।

सासु का मंदिर बनवाया बहुओं ने,करती हैं पूजा!

अब तक आपने सास और बहू के बीच शायद ही मधुर संबंध की बातें सुनी हो। टीवी सीरियल से लेकर असली जिंदगी तक सासु और बहू के बीच खटपट तो चलते ही रहती है लेकिन ऐसी भी जानकारी सामने आई है जिसमें की बहू अपने सासु को देवी मानते हुए पूजा करती हैं।

सासु की मौत के बाद बहुएं उनकी प्रतिमा बनाकर पूजा करती है। हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की जिसमें की के सासु की मौत के बाद बहुएं उनकी प्रतिमा स्थापित करके भजन कीर्तन करती हैं। यह गांव बिलासपुर से 25 किलोमीटर दूरी पर रतनपुर तंबोली में सासु की मौत के बाद में उनकी बहुओं ने उनकी याद में मंदिर बनवाया। उनकी सासु का नाम गीता देवी बताया जा रहा है।

बिलासपुर में महामाया देवी का भी प्रसिद्ध मंदिर है। यह परिवार पूरे गांव में आदर्श परिवार के तौर पर माना जाता है। इस संयुक्त परिवार में 39 सदस्य हैं और 11 बहुए हैं। वह एक दूसरे के साथ बहुत प्रेम से रहती हैं। गीता देवी का निधन साल 2010 में हो गया था।

सासु ने बहुओ को सभी प्रकार की आजादी दी थी। सासु की मौत के बाद बहुओं को जब उनकी याद आती थी। वह दुखी हो जाती थी इसलिए उन्होंने उनकी याद में मंदिर ही बना दिया। इस परिवार की सभी बहुएं पढ़ी-लिखी हैं।

अपने पतियों को भी व्यापार में मदद करती हैं। इस परिवार में सबसे बुजुर्ग शिवप्रसाद है। वह पहले शिक्षक थे और अब छोटी सी दुकान में रिटेल व्यापार करते हैं। इस परिवार के होटल, किराना स्टोर और साबून की फैक्ट्रियां है।इनके पास 20 एकड़ जमीन है यह लोग खेतीकाम भी करते हैं।