धोखे से भारत के वीर सैनिकों को मार डालने के विरोध में पूरे देश में चीन के ख़िलाफ़ नाराजगी का माहौल है। देश का बच्चा-बच्चा चीन को सबक सिखाने के लिए तैयार है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ के 10 साल के कुछ बच्चे चीन से बदला लेने के लिए सड़क पर निकल पड़े।
रास्ते में अकेले बच्चों को जाते देखकर आश्चर्यचकित पुलिस के जवानों ने उनके जज्बे को सलाम करते हुए उन्हें वापस भेज दिया।
मिली जानकारी के अनुसार अलीगढ़ जिले के गवाना पुलिस क्षेत्र में अमरदपुर के गांव में रहने वाले 10 साल के बच्चों को जब गांव में हो रही चर्चा से पता चला कि चीन ने भारत के वीर जवानों को धोखे से मार डाला है तो उनके अंदर बदले की भावना आ गई।
वह एकजुट होकर चीन के खिलाफ लड़ने के लिए निकल पड़े लेकिन, दोरू मोड पर पुलिस ने इन्हें रोका और समझा बुझा कर वापस भेज दिया।
यह मामला गुरुवार का है सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि जब गांव के कुछ लोगों ने बच्चों को दौड़ते हुए देखा तो इस बारे में पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने दोरू गांव के पास इन बच्चों को पकड़ लिया। और वह अकेले कहां जा रहे हैं। जब यह पूछा तो बच्चों ने जवाब दिया कि वह चीन से बदला लेने के लिए जान रहे हैं।
मासूम बच्चों का यह जवाब सुनकर पुलिस भी दंग रह गई और पुलिस ने उनके इस देशभक्ति को जज्बे को सलाम किया। पुलिस ने तमाम बच्चों को बहला-फुसलाकर गांव भेज दिया है। इन बच्चों के पास ना तो कोई शस्त्र था ना तो कोई सामान सिर्फ इनके अंदर देशभक्ति की भावना थी।
उल्लेखनीय है कि देश भर में चीन के खिलाफ नाराजगी का माहौल है। सभी लोग अपने अपने ढंग से चीन का बहिष्कार कर रहे हैं। कुछ लोगों ने चीन का सामान खरीदना बंद कर दिया है तो कई लोगों ने चीन के एप्लीकेशन मोबाइल में से अनइंस्टॉल कर दिया है।
डेस्क
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका कर्ता नें याचिका दायर कर कोरोना वायरस के कथित प्रसार पर भारत में नुक़सान के बदले चीन से 600 अरब डॉलर की मांग की है। इसने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को चीन से हर्जाने की वसूली के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में आवेदन करने का निर्देश दे।
याचिका में कहा गया कि इस बात के सबूत हैं कि कोरोना वायरस, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया था और भारत में हजारों लोगों का दावा किया था, चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से फैला था।
यह याचिका तमिलनाडु के मदुरै में रहने वाले एक व्यक्ति ने दायर की थी। इसमें कहा गया कि चीन ने जानबूझकर कोरोना वायरस को भारत के खिलाफ जैविक हथियार के रूप में विकसित किया। इस संबंध में एक आवेदन दायर किया जाए ताकि कोई भी व्यक्ति अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में न जा सके इसलिए केन्द्र सरकार इस सिलसिले में अर्ज़ी दाखिल करने का आदेश देने की माँग की गइ है।
तो इस तरह बढ़ा सूरत में कोरोना से जीतने वालो का दर
जहां कुछ गुजरात सहित देश के कई शहरों में कोरोना के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं, वहीं सूरत में कोरोना से रिकवरी 52.9फीसदी तक पहुंच गई है। नगर निगम आयुक्त ने कहा कि नगर निगम द्वारा शुरू की गई डोर-टू-डोर सर्वे और तमाम सावधानियों के कारण रिकवरी रेट बढ़ा है।
इस बारे में जानकारी देते हुए सूरत के नगर निगम आयुक्त बंछानिधि पाणि ने कहा कि शनिवार शाम तक सूरत में 841 कोरोना के मरीज दर्ज हुए थे, इनमे से 37 मरीजों की मौत हो चुकी है। सूरत में, कोरोना के कारण मृत्यु दर 4.4 प्रतिशत है जबकि कुल 445 ठीक हो चुके है। सूरत में, कोरोना से ठीक होने वालों का रिकवरी रेट 52.9 प्रतिशत है। जो कि कल तक 49.5 प्रतिशत थी
कमिश्नर ने कहा कि पालिका की टीम डोर टु डोर सर्वे के माध्यम से एआरआई के मरीजों के लगातार नजर बनाए हुए है। आज तक, कुल 25,000 मामलों का विश्लेषण किया गया है। ऐसे मामलों में लगातार फॉलो-अप किया जाता है। ऐसे मामलों में जो संदिग्ध दिखाई देते हैं, आरबीएक्सए डॉक्टर मरीज के घर-घर जाकर उसके लक्षणों के आधार पर परीक्षण शुरू करते हैं। नतीजतन, उनका इलाज जल्द से जल्द शुरू हो जाता है जैसे ही मामले मिलते हैं। जिससे रोगी के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।
बीजिंग
पूरी दुनिया के लिए बुरी खबर चीन से सामने आ रही है। चीन में अब एक नए वायरस हंटा ने दस्तक दी है।चीन के सरकारी मीडिया संस्थान ग्लोबल टाइम्स के अनुसार चीन के यूनान प्रांत में नया वायरस फैला है। इससे एक इंसान की मौत हो गई है।
बस में मिला मरीज़
ग्लोबल टाइम्स के अनुसार हंता वायरस से पीड़ित व्यक्ति बस से शाडोंग प्रांत लौट रहा था। तभी कोरोना की जांच के दौरान इस वायरस का पता चला।इस बस में कुल 32 लोग थे।सभी यात्रियों
बता दें चीन के युन्नान शहर में हंता वायरस का एक पीड़ित बस में बैठकर जा रहा था। जिसकी बाद में मौत हो गई। प्रशासन ने इसके बाद उस बस में बैठे सभी लोगों की जांच की ताकि इस वायरस के फैलने की सारी संभावनाओं को खत्म किया जा सके। इसी बीच सोशल मीडिया(Social Media) पर एक यूजर लिखता है कि चीन नई महामारी की परियोजना पर काम कर रहा है। जो चूहों को खाने से होती है।
चूहों के मल मूत्र से फैलता है यह
यूएस सेंटर फॉर डिजीस एंड कंट्रोल के अनुसार हंता वायरस चूहों के मल, मूत्र और थूक में होता है। इससे इंसान तब संक्रमित होता है जब चूहे इसे हवा में छोड़ देते हैं। हंता वायरस सांस के जरिए शरीर में जाता है।
इसके शुरुआती लक्षण में इंसानों को ठंडी लगने के साथ बुखार आता है। इसके बाद मांसपेशियों में दर्द होने लगता है। एक दो दिन बाद सूखी खांसी आती है। सर में दर्द होता है. उलटियां होती हैं. सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।
यह ज्यादातर चीन के ग्रामीण इलाकों में होता है। इसकी वजह से कई बार पर्वतारोहियों और कैंपिंग करने वाले पर्यटकों को दिक्कत हो चुकी है। हालांकि, यह कोरोना वायरस की तरह घातक नहीं है।
अब चीन में बड़ी संख्या में लोग ट्वीट करके यह डर जता रहे हैं कि यह कहीं कोरोना वायरस की तरह से ही महामारी न बन जाए।लोग कह रहे हैं कि अगर चीन के लोग जानवरों को जिंदा खाना बंद नहीं करेंगे तो यह होता रहेगा।
चीन में जीव-जंतुओं को खाने की परंपरा है। लोग चूहे भी खाते हैं।ऐसे में इस बीमारी के होने की आशंका लगातार बनी रहती है। यह चूहे या गिलहरी के संपर्क में आने से इंसानों में फैलती है।
हंता वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं जाता है लेकिन यदि कोई व्यक्ति चूहों के मल, पेशाब आदि को छूने के बाद अपनी आंख, नाक और मुंह को छूता है तो उसके हंता वायरस से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है।
सीडीसी के मुताबिक हंता वायरस जानलेवा है। चीन में हंता वायरस का मामला ऐसे समय आया है जब पूरी दुनिया वुहान से निकले कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही है।कोरोना वायरस अब तक पूरी दुनिया में फैल चुका है।