कोरोना की पहली लहर से लेकर अब तक कई कंपनियों ने दावा किया कि कोरोना की दवा बना ली, लेकिन अभी तक ऐसे कोई कारागर परिणाम देखे नहीं गए। ऐसे में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में कोरोना की चमत्कारी आयुर्वेदिक दवा लेने के लिए लोग दूर दूर से आ रहे है। इस दवा का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।
इस दौरान मौके पर कोरोना का प्रोटोकॉल का उल्लंघन भी हो रहा है।इस दवा की मांग को देखते हुए आंध्र प्रदेश सरकार ने इस दवा को परीक्षण के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) को भेजने का फैसला किया है। आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में कोरोना की चमत्कारी दवा खरीदने के लिए भीड़ उमड़ रही है। पड़ोसी राज्य से भी लोग यह दवा लेने आ रहे हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक बी. आनंदैया कृष्णापट्टनम जिले में दवा बांट रही हैं। वह पहले गांव के सरपंच और बाद में मेडिकल परिषद के सदस्य रह चुके हैं।
उन्होंने 21 अप्रैल से दवा बांटना शुरू किया था।उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू भी नेल्लोर जिले से हैं। उन्होंने केंद्रीय आयुष मंत्री किरण रिजिजू और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के निदेशक बलराम भार्गव को जल्द से जल्द दवा के अध्ययन पर रिपोर्ट देने को कहा।कोविड-19 पर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी को कृष्णापटनम दवा के बारे में जानकारी दी गई।
इस दवा का प्रचार उनकी पार्टी के जिलाध्यक्ष और विधायक के गोवर्धन रेड्डी कर रहे थे। उपमुख्यमंत्री एके श्रीनिवास ने कहा कि उन्होंने दवा की प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए आईसीएमआर और अन्य विशेषज्ञों के साथ इसका अध्ययन करने का फैसला किया है।
राज्य सरकार ने 'कृष्णापट्टनम दवा' के नाम से मशहूर इस दवा के निर्माण के मौके पर अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की एक टीम नेल्लोर भेजने का फैसला किया है। यदि यह दवा कारगर साबित होती है तो भारत और दुनिया के लिए बड़ी राहत की खबर होगी।