कोरोना का झटका लगा आयकर विभाग को! टार्गेट अधूरा

सूरत

जीएसटी के कारण सूरत का कपड़ा उद्योग और रियल एस्टेट पहले से ही मंदी के दौर से गुजर रहे थे। इस दौरान बीते दो महीने से कोरोना के कारण रहा-सहा व्यापार भी चौपट हो जाने के कारण व्यापार को तगड़ा झटका लगा है। इसके चलते सूरत आयकर विभाग अपना लक्ष्य हासिल करने से चूक गया।

सूरत कमिश्नरेट को बीते वित्तीय वर्ष में 4707 करोड रुपए का लक्ष्य दिया गया था ।इसके मुकाबले आयकर विभाग 3346 करोड़ ही हासिल कर पाया ।मतलब की आयकर विभाग 71 प्रतिशत की वसूली ही कर पाया । सुरत ही नहीं बल्कि गुजरात में भी यही हालात रहे ।टीडीएस के साथ गुजरात जॉन को 60407 करोड रुपए का टार्गेट दिया गया था। इसके मुक़ाबले विभाग ने 50189 करोड रुपए हासिल किए।

सूरत की बात करें तो पिछले वित्तीय वर्ष में सूरत कमिश्नरेट को 4665 करोड रुपए का टार्गेट दिया गया था ।इसके मुकाबले विभाग ने 3737 करोड़ की वसूली की थी । बताया जा रहा है कि जीएसटी के कारण पहले से ही व्यापार कमजोर चल रहा था ऐसे में 1 महीने से कोरोना के कारण और व्यापार चौपट कर हो गया। सूरत की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले कपड़ा उधोग की हालत पतली हो गई है।

कोरोना के भय से दूसरे राज्यों में रिटेल मार्केट दो महीने से बिल्कुल ठप हो गया था ।शादी विवाह आदि के फंक्शन पर सवालिया चिन्ह लग जाने से लोगों ने खरीदी बंद कर दी थी ।इसका सीधा असर आयकर विभाग के कलेक्शन पर पड़ा है ।सूरत, गुजरात ही नहीं बल्कि कई देश राज्यों में आयकर विभाग अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाया है ।

सूरत में सीआईटी- 1 को 1756 करोड़ का टारगेट दिया गया था, जिसके सामने 1361 करो रुपए की वसूली हुई ।सीआईटी-2 को 914 करोड रुपए का टारगेट दिया गया था इसके सामने 557 करोड़ की वसूली हुई सीआईटी-3 को 540 करोड रुपए का टारगेट था ।इसके सामने 283 करोड की वसूली हुई ।वहीं वलसाड सीआईटी को 1497 करोड रुपए का टारगेट दिया गया था ।इसके मुकाबले 247 करोड रूपए की वसूली की।