भारत में अभी करोडो लोगों को वैक्सिन का पहला डोज भी बाक़ी है कि इस बीच वैक्सिन को लेकर नई चौंकानेवाली जानकारी सामने आ रही है।अमेरिकी वैक्सीन कंपनी मॉडर्न के सीईओ स्टेफल बंसल ने कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट के खतरे से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को बूस्टर शॉट के तौर पर कोरोना की तीसरी डोज लेने की जरूरत है।
यह सभी कोरोना मरीज़ों को हृदय रोग के जोखिम से भी बचाएगा। टीका एक निश्चित अवधि के लिए प्रभावी होगा। इसके अलावा कोरोना के आने वाले नए रूप से खतरा और बढ़ सकता है। इसी कारण से हमें इस साल की गर्मियों के अंत तक सभी को वैक्सीन की तीसरी खुराक देनी चाहिए। विशेष रूप से, डॉक्टरों और नर्सों सहित अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को तीसरी खुराक दी जानी चाहिए, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में आधुनिक वैक्सीन की पहली खुराक ली थी।
अमेरिकी फार्मा कंपनी के प्रमुख बंसल ने भी चेतावनी दी कि कमजोरों को टीका नहीं लगाया जाना चाहिए, बल्कि सभी वयस्कों और किशोरों को बूस्टर खुराक दी जानी चाहिए। यदि टीकाकरण में दो महीने या तीन महीने से अधिक की देरी होती है, तो अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
इतना ही नहीं, कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर भी बढ़ सकती है। यह स्थिति कुछ देशों में कोरोना की चौथी लहर का कारण बन सकती है। आप को बता दें कि अभी भारत में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है जिसमें के सभी लोगों को वैक्सिन दिया जा रहा है। बड़ी संख्या में लोग पहले डोज से भी वंचित है।
कोरोना के वेक्सिनेशन को लेकर गुजरात में बहुत असमंजसकारक परिस्थिति बनी है। बात ऐसी है कि एक और लोगों को वैक्सीन के लिए अपॉइंटमेंट नहीं मिल रहा और दूसरी ओर कोरोना वैक्सीन के बिगड़ने की जानकारी भी सामने आ रही है। यह दोनों विरोधाभासी परिस्थितियां किसी को भी चकरा दे ऐसी हैं।
बात ऐसी है कि राज्य सरकारों के पास वैक्सिन को सुरक्षित रखने के इंतजाम नहीं होने के कारण नुकसान हो रहा है। गुजरात में 2.31 लाख डोज नुकसान होने की जानकारी सामने आ रही है। केंद्र सरकार ने खराब हो गए हैं। नेशनल हेल्थ मिशन ने इस बारे में राज्यों को पत्र लिखकर सूचित किया है। साथ ही किस जिले में कितने वैक्सिन बिगड़े इसकी भी जानकारी दी है। जिसमें की सबसे अधिक वैक्सिन सुरेंद्रनगर और गुजरात सूरत शहर में वेस्टेज हुआ है। यहां पर लगभग 25% वैक्सिन बिगड़ गए। अहमदाबाद में 5% वैक्सिन बिगड़े है।
बात तो यह है कि एक ओर लोग वैक्सिन के लिए यहां से वहां दौड़ रहे हैं। घंटो भर अपॉइंटमेंट के लिए ऑनलाइन इंतजार कर रहे हैं और उनका नंबर नहीं आ रहा। दूसरी ओर वैक्सिन बिगड़ रहे हैं। यदि स्टोर करने के व्यवस्थित इंतजाम किए जाते तो वैक्सिन नही बिगडते। राज्य सरकार को केन्द्र की ओर से मिली सूचना के अनुसार यदि वेस्टेज कम नहीं किए गए तो वैक्सिनेशन सेन्टर घटा दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में वैक्सिन ट्रान्सपोर्टेशन, स्टोरेज की कमी तथा वायल खोलते समय जो सावधानी बरतनी चाहिए वह नहीं ध्यान में रखने के कारण बिगड़े हैं।