अब कोरोना वैक्सिन के दो नहीं, लेने होंगे तीन डोज़!!

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भारत में अभी करोडो लोगों को वैक्सिन का पहला डोज भी बाक़ी है कि इस बीच वैक्सिन को लेकर नई चौंकानेवाली जानकारी सामने आ रही है।अमेरिकी वैक्सीन कंपनी मॉडर्न के सीईओ स्टेफल बंसल ने कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट के खतरे से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को बूस्टर शॉट के तौर पर कोरोना की तीसरी डोज लेने की जरूरत है।

यह सभी कोरोना मरीज़ों को हृदय रोग के जोखिम से भी बचाएगा। टीका एक निश्चित अवधि के लिए प्रभावी होगा। इसके अलावा कोरोना के आने वाले नए रूप से खतरा और बढ़ सकता है। इसी कारण से हमें इस साल की गर्मियों के अंत तक सभी को वैक्सीन की तीसरी खुराक देनी चाहिए। विशेष रूप से, डॉक्टरों और नर्सों सहित अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को तीसरी खुराक दी जानी चाहिए, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में आधुनिक वैक्सीन की पहली खुराक ली थी।


अमेरिकी फार्मा कंपनी के प्रमुख बंसल ने भी चेतावनी दी कि कमजोरों को टीका नहीं लगाया जाना चाहिए, बल्कि सभी वयस्कों और किशोरों को बूस्टर खुराक दी जानी चाहिए। यदि टीकाकरण में दो महीने या तीन महीने से अधिक की देरी होती है, तो अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ सकती है।

इतना ही नहीं, कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर भी बढ़ सकती है। यह स्थिति कुछ देशों में कोरोना की चौथी लहर का कारण बन सकती है। आप को बता दें कि अभी भारत में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है जिसमें के सभी लोगों को वैक्सिन दिया जा रहा है। बड़ी संख्या में लोग पहले डोज से भी वंचित है।


कोरोना के वेक्सिनेशन को लेकर गुजरात में बहुत असमंजसकारक परिस्थिति बनी है। बात ऐसी है कि एक और लोगों को वैक्सीन के लिए अपॉइंटमेंट नहीं मिल रहा और दूसरी ओर कोरोना वैक्सीन के बिगड़ने की जानकारी भी सामने आ रही है। यह दोनों विरोधाभासी परिस्थितियां किसी को भी चकरा दे ऐसी हैं।

 बात ऐसी है कि राज्य सरकारों के पास वैक्सिन को सुरक्षित रखने के इंतजाम नहीं होने के कारण नुकसान हो रहा है। गुजरात में 2.31 लाख डोज नुकसान होने की जानकारी सामने आ रही है। केंद्र सरकार ने खराब हो गए हैं। नेशनल हेल्थ मिशन ने इस बारे में राज्यों को पत्र लिखकर सूचित किया है। साथ ही किस जिले में कितने वैक्सिन बिगड़े इसकी भी जानकारी दी है। जिसमें की सबसे अधिक वैक्सिन सुरेंद्रनगर और गुजरात सूरत शहर में वेस्टेज हुआ है। यहां पर लगभग 25% वैक्सिन बिगड़ गए। अहमदाबाद में 5% वैक्सिन बिगड़े है।


बात तो यह है कि एक ओर लोग वैक्सिन के लिए यहां से वहां दौड़ रहे हैं। घंटो भर अपॉइंटमेंट के लिए ऑनलाइन इंतजार कर रहे हैं और उनका नंबर नहीं आ रहा। दूसरी ओर वैक्सिन बिगड़ रहे हैं। यदि स्टोर करने के व्यवस्थित इंतजाम किए जाते तो वैक्सिन नही बिगडते। राज्य सरकार को केन्द्र की ओर से मिली सूचना के अनुसार यदि वेस्टेज कम नहीं किए गए तो वैक्सिनेशन सेन्टर घटा दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में वैक्सिन ट्रान्सपोर्टेशन, स्टोरेज की कमी तथा वायल खोलते समय जो सावधानी बरतनी चाहिए वह नहीं ध्यान में रखने के कारण बिगड़े हैं।

अगले साल की शुरूआत में भारत के पास होगी एक से अधिक कोरोना वैक्सिन

जहाँ दुनिया के आधे लोग कोरोना के कारण पीड़ित था हैं। वहीं भारत में कोरोना के इलाज को लेकर एक बड़ी ख़बर सामने आ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने मंगलवार को कहा कि आगामी वर्ष के शुरुआत में भारत में 1 अधिक कोरोना वैक्सीन उपलब्ध होंगे।

फ़िलहाल इसके डिस्ट्रीब्यूशन के आयोजन पर काम किया जा रहा है डॉक्टर हर्षवर्धन ने यह जानकारी मंत्री परिषद के मीटिंग के दौरान दी। देरभर में कोरोना के संक्रमितों के संख्या प्रतिदिन तेज़ी से बढ़ रही है।

भारत में भी करोना के कारण अब तक 71 लाख लोगों को संक्रमण लग चुका है। कोरोना के इलाज को लेकर दुनिया के कई देश प्रयास कर रहे है। लेकिन अभी तक किसी को सफलता नहीं मिल सकी है। अमरीका रशिया सहित कई देशों में कोरोना वैक्सिन का काम तेज़ी से चल रहा है।

रशिया ने कोरोना का वैक्सिन बना लेने का भी दावा किया हैं भारत में कोरोना के कारण संक्रमित लोगों में से 62 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। दुनिया के सभी देश कोरोना के वैक्सिन की वैक्सिन का इंतज़ार कर रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर हर्षवर्धन की इस घोषणा के बाद भारत में लोगों में उम्मीद की किरण जा रही है। यदि यह बात साबित हो जाती है तो दुनिया के लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी।

30 सेकन्ड में कोरोना टेस्ट का परिणाम मिल जाएगा?

देश में बढ़ रहे कोरोना के मरीजों का एकमात्र इलाज यह है कि जल्दी से जल्दी देश में कोरोनावायरस की पहचान की जाए और उनका उपचार शुरू की जाए। ऐसे में भारत सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।

इसी सिलसिले में अब सिर्फ 30 सेकंड में कोरोनावायरस के लिए इजरायल के वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा बनाए गए रैपिड टेस्ट किट का प्रयोग इन दिनों दिल्ली के डॉ राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में शुरू किया गया है।

यह वायरस को पहचानने के लिए चार आरएमएलए चरणों में मूल्यांकन करेगा। इस पद्धति से लगभग 10,000 टेस्ट किया जाएगा। पहली बार गोल्ड स्टैंडर्ड मोल्यूक्यूलर वाले आरटी पीसीआर के माध्यम से और बाद में इजराइल की अन्य चार टेक्निक के माध्यम से इसका परीक्षण किया जाएगा। गले के स्वैब का सैंपल इकट्ठा करने की जांच पध्धति के विपरीत इस पद्धति में टेस्ट कराने वाले को उसमें बोलना पड़ेगा। जिससे कि सैंपल अपने आप उस पात्र में इकट्ठा हो जाएगा।

जानकारों का कहना है कि यदि प्रयोग सफल रहता है तो इसमें सिर्फ 30 सेकंड में ही कोरोना का परिणाम पता चल जाएगा। साथ ही इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से सुरक्षित जांच का विकल्प भी खुल जाएगा। बताया जा रहा है कि इसका परीक्षण इजराइल डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट संरक्षण संशोधन और विकास संगठन तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक संशोधन परिषद के बीच आपसी सहयोग के द्वारा किया जा रहा है।

टेराहर्ट स्प्रेक्ट्रोकोपी नामकी पहली टेक्नोलॉजी से वायरस का पहचान ढूंढने का प्रयास करती है। इसमें एक उपकरण के ऊपर सैंपल लेकर उसका परीक्षण किया जाता है। इसमें कोई केमिकल या रिएजेंट को शामिल नहीं किया जाता। इसका परिणाम 1 मिनट से भी कम समय में मिल जाता है।

भारत में कोरोना की दृष्टि से संवेदनशील राज्यो में गुज़रात टॉप-टेन में!

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स्वास्थ्य सुविधा, आबादी और क्षेत्रफल के सहित 15 मापदंडों के आधार पर लंदन की मेडिकल जर्नल लांसेट में वल्नरेबलिटि इंडेक्स तैयार किया है। जिसमें कि कोरोनावायरस परिस्थिति के आधार पर भारत के टॉप टेन संवेदनशील राज्यों का वर्गीकरण किया गया है। इनमें गुजरात दसवें नंबर पर आता है।

मतलब कि स्वास्थ्य के नजरिए से गुजरात भी कमजोर होने के कारण कोरोनावायरस से फैल रहा है ऐसा लांसेट का मानना है। इस सूची के अनुसार कोरोना का बहुत तेज़ी से बढ़ने वाले मामलों में मध्य प्रदेश सबसे ऊपर है। इसके बाद बिहार, तेलंगाना और झारखंड का समावेश होता है। भारत में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है। इसमें कई राज्यों में तो बेहद गंभीर परिस्थिति है।

गुजरात इस सूची के अनुसार नौवे नंबर पर आता है। लंदन की मेडिकल फॉर लेसंट में प्रसिद्ध किए गई राज्यों की सूची में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, बिहार झारखंड, उत्तर प्रदेश,पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के बाद गुजरात नौवें नंबर पर आता है। दसवे पर आंध्र प्रदेश का समावेश होता है।आपको बता दें कि गुजरात में बड़ी तेजी से बढ़ रहा है।

गुजरात के अहमदाबाद और सूरत में के मामले तेजी से बढ़े हैं फिलहाल हो गया है लेकिन, सूरत में प्रतिदिन 200 से ढाई सौ के करीब मरीज हो रहे हैं और मृतकों की संख्या भी बढ़ रही है। यह वल्नरेबिलिटि इन्डकेस जीबु आचार्य और आकाश पोरवाले ने बनाया है।


भारत में कोरोना की संपूर्ण परिस्थिति समझने के लिए वल्नरेबलिटि इंडेक्स तैयार किया गया है। इसमें सबसे खराब परिस्थिति में हो ऐसे राज्यों को 1.0 और जिनको सबसे खराब परिस्थिति का भय हो ऐसे कमजोर राज्यों को 0.0नंबर दिया गया है: इसमें गुजरात का स्कोर 0.7 है।

जबकि मध्य प्रदेश का और 1.0 है। मतलब कि वह सबसे ज्यादा संवेदनशील है। इस रिपोर्ट के अनुसार सबसे कम खतरे वाले राज्यों में सिक्किम सबसे ऊपर है। वहां पर इस रिपोर्ट के अनुसार खतरा कम है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश,चंडीगढ़ का नंबर आता है।
रिपोर्ट के अनुसार केंद्र शासित प्रदेशों में दमन और दीव, अंडमान-निकोबार, मिजोरम,पांडुचेरी लक्ष्यदीप आदि हैं।पूर्वोत्तर के राज्यों में कोरोना का संक्रमण अभी कम है।

कोरोना से ठीक होने के बाद भी….! शोध में हुआ खुलासा!

कोरोना के कारण मरीज एक बार ठीक हो जाने पर भी उनके शरीर में एन्टी बॉडी तैयार हो जाती है। ऐसा कई मरीजों पर किए गए अध्यन में पाया गया है। इससे वैज्ञानिको की चिंता बढ़ गई है।


िमली जानकारी के अनुसार देश भर में कोरोना की बिमारी तेजी से बढ रही है। अब तक इस बिमारी के कारण संक्रमितों की कुल संख्या 1,33 करोड के पास पहुंची है और इससे मृतकों की संख्या 5.78 लाख पर पहुंची है।

वैज्ञानिको का कहना है कि अध्यन में पाया गया है कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों के अंदर इम्यूनिटी हमेंशा बरकरार नही रहती है। कुछ महीनों में इन लोगों की इम्यूनिटी अपने आप कम ह जाती है। 90 मरीजो पर यह अभ्यास किया गया है। हालाकि इन लोगो के प्लाज्मा से दूसरे लोग ठीक हो रहे हैं। यह तो अच्छी बात है लेकिन वैज्ञानिकों की चिंता इस बात को लेकर है कि उनको कोरोना फिर से हो सकता है।

किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्तांओ के नेतृत्व में एक टीम मे 90 से ज्यादा कोरोना वायरस मरीजों में एंटीबॉडी स्तर की जांच की और मानव शरीर में आए परिवर्तन को समझा। उन्होने ऐसे लोगों का ब्लड टेस्ट भी किया। इसमें पता चला कि तीन महीने बाद शरीर में तैयार एंटीबॉडी समाप्त ह जाता है। इसके कारण कोरोना दोबारा फैलने का खतरा है।


सूरत शहर में कोरोना से ठीक हुए 46 लोगो न प्लाज्मा डोनेट किया है। इन लोगो ने कोरोना से ठीक हुए अन्य लोगो से भी प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की है। माना जाता है कि ज लोग कोरोना से ठीक हो जाते है। उनके शरीर का प्लाज्मा दूसरो को देन से उनके ठीक होने की संभावना बढ़़ जाती है।

कोरोना का टेस्ट सिर्फ़ 650 रूपए मे

कोरोना के हाहाकार ने पूरे देश को परेशान कर रखा है। कोरोना के महँगे इलाज के कारण लोगों की चिंता और बढ गई है। कोरोना की जाँच की किट भी औसतन २००० रूपए के क़रीब थी। कुछ लोग तो इतने महँगे टेस्ट के कारण ही जाँच भी नहीं करवा रहे है।

ऐसे में दिल्ली आईआईटी के शोधकर्ताओं ने कोरोना की टेस्ट के लिए एक किट तैयार की है, जो कि सिर्फ़ तीन घंटे में ही परिणाम बता देगा। इसकी क़ीमत भी ६५० रूपए के क़रीब है। दिल्ली आईआईटी के प्राध्यापकों की टीम ने यह किट तैयार की है।

भरूच: कोरोना के दो शंकास्पद मरीज भाग गए, प्रशासन के हाथ पांव फूले

एक ओर कोरोना के केस बढ़ने से पहले से ही लोगों चिंतित है ऐसे में भरुच सिविल अस्पताल में जाँच के लिए लाए गए दो शंकास्पद मामले वाले युवक फरार हो गए।


मिली जानकारी के अनुसार भरुच में बुधवार को कोरोना के दो शंकास्पद केस सामने आये। दोनों को सर्दी, खांसी और बुखार के इलाज के लिए सिविल अस्पताल आये थे। अस्पताल प्रशासन ने उनकी जांच शुरु की इसी बीच वह दोनो चकमा देकर फरार हो गए।
घटना के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। मामला ए डिवीजन पुलिस तक पहुंचा तो पुलिस ने उनकी तलाश शुरू की है, लेकिन अभी तक कोई पता नहीं चल सका है।


भरुच जिले में बुधवार को कोरोना का एक पाजिटिव केस सामने आया। जिले के झगडिया इलाके में कोरोना पाजिटिव का केस सामने आने के साथ ही जिले में संक्रमितों का आंकड़ा 251 तक पहुंच गया। उधर, तीन कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने पर उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।


उल्लेखनीय है कि कोरोना के कारण दिन प्रतिदिन कोरोना के बढ़ते मरीज़ों के कारण प्रशासन की हालत ख़राब है। प्रशासन ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए हर सँभव प्रयास कर रहा है। गुजरात में अहमदाबाद और सूरत के लिए हॉटस्पॉट बने है।सूरत में प्रतिदिन दो सौ के क़रीब केस आ रहे है।

सूरत में अब तक दो सौ से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच अहमदाबाद प्रशासन ने रैपिड किट से टेस्ट करने का फ़ैसला किया है और बीस हज़ार किट कि लिए ऑर्डर भी दे दिए है। इस टेस्ट से आधा घंटा मे परिणाम आ जाता है। सूरत में भी इस किट से टेस्ट शुरू किया गया है। बीच में कुछ दिनों तक इस किट से टेस्ट के बाद रोक दिया गया था।

सूरत में अब से इन निजी अस्पतालों में भी होगी कोरोना की जाँच!

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अब से इन निजी अस्पतालों में भी कोरोना की जांच हो सकेगी। मनपा ने गुरुवार को शहर की कोई निजी अस्पतालों को कोरोना कि जांच के लिए एमओयू किया है।


बताया जा रहा है कि कोरोना के मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए मनपा ने यह फैसला लिया है। इन हॉस्पिटलों में रामपुरा की विनस हॉस्पिटल, लोखात हॉस्पिटल,महावीर हॉस्पिटल, ट्रायडेन्ड हॉस्पिटल, मजूरा गेट की आशुतोष हॉस्पिटल, नानपुरा की आनंद हॉस्पिटल, कैलाश नगर की गिरीश ग्रुप हॉस्पिटल, चौटा बाजार की पीटी जनरल हॉस्पिटल, मजूरा गेट की निर्मल हॉस्पिटल, लाल दरवाजा की आयुष हॉस्पिटल, आठवां गेट की मिशन हॉस्पिटल, ट्राइ-स्टार हॉस्पिटल, पीपलोद की सनशाइन हॉस्पिटल, वेसु की ग्रीन लीफ हॉस्पिटल, मेट्रैया मेडिकल हॉस्पिटल, मरीना हॉस्पिटल, अमृता हॉस्पिटल, प्रभु हॉस्पिटल, नाना वराछा की स्पार्कल हॉस्पिटल, पर्वत पाटिया की यूनिटी हॉस्पिटल, कापोद्रा की पीपी सवानी हॉस्पिटल, वराछा रोड की परम हॉस्पिटल, जीबी वाघाणी हॉस्पिटल, सूरत डायमंड एसोसिएशन हॉस्पिटल, कडोदरा की यूनिक हॉस्पिटल, उधना रोड की एप्पल हॉस्पिटल, उधना उद्योग नगर की उधना हॉस्पिटल, उन की खामेना सार्वजनिक हॉस्पिटल,रांदेर ज़ोन की बाप्स हॉस्पिटल, अडाजण की यूनाइटेड ग्रीन हॉस्पिटल और नवयुग कॉलेज के पास शेल्बी हॉस्पिटल में इलाज हो सकेगा।

मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के खेतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार और सूरत महानगर पालिका ने आगामी दिनों में हॉस्पिटलों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है इसके चलते प्रशासन ने 37 निजी अस्पतालों से कोरोना की चिकित्सा के लिए एमओयू किया है। मनपा के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोनावायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।

शहर की 37 हॉस्पिटल के साथ एमओयू किया गया है। इसमें मनपा की ओर से रेफर किए गए मरीजों को के लिए संपूर्ण खर्च राज्य सरकार उठाएगी जबकि निजी अस्पतालों मैं खुद जाने वाले मरीजों को चार्ज देना होगा। हालाँकि यह चार्ज भी मनपा ने तय किया है।
बताया जा रहा है कि जल्दी ही शहर में 105 धनवंतरी रथ अर्ली ट्रीटमेंट अट योर डोर स्टेप शुरू किए जाएंगे।

इनमें सामान्य बुखार सर्दी खांसी जैसे प्राथमिक लक्षण वाले मरीजों को घर पर ही उपचार दिया जाएगा। शहरीजनों को हॉस्पिटल में एडमिट होने से डर लगता है। इसलिए वह बीमारी भी छुपाते हैं। जिन लोगों को सर्दी खांसी और बुखार के लक्षण दिखते हैं वह 104 फीवर हेल्प लाइन पर तुरंत सूचना दें या नजदीकी आरोग्य केंद्र पर जाएं। जिन लोगों के पास देखरेख करने वाले लोगों के उन्हें घर पर ही इलाज कराया जाएगा।

भारत ने 133 देशो मे कोरोना के दौरान भेजी दवाइयाँ!

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कोरोनावायरस में भारत में 133 देशो को दवाओं की मदद की। भारत ने एक बार फिर से कोरोना की आफत के समय में अपनी उदारता का परिचय दिया है।दुनिया के 133 देशों को दवाई निर्यात कर भारत की महानता का परिचय दिया है।

शांघाई कोर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन के महासचिव व्लादीमीर नौरोव का कहना है कि कोरोना के समय में भारत दुनिया भर में दवा की केंद्र का किरदार निभा रहा है। भारत ने दुनिया भर में अपना नाम एक अलग दिशा में तय कर दिया है।

दवा के क्षेत्र में भारत का विशाल अनुभव यहां पर काम आ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार कोरोनावायरस के दौरान बहुत बढ़िया काम कर रही है।घरेलू स्तर पर कोरोना से संघर्ष के बावजूद भारत ने 133 देशों को दवाइयां भेजी है।

भारत एक शक्तिशाली देश होते हुए भी भारत का यह जिम्मेदार कदम भारत की महानता बताता है। उज़्बेकिस्तान के पूर्व विदेश प्रधान नौरोव का कहना था कि भारत आज दुनिया के देशों को दिशा दिखाता है। भारत में बनने वाली सस्ती दवाइयां और मेडिकल साधन कई देशों को बड़ी मदद करते हैं। भारत जेनेरिक दवाइयों का सबसे बड़ा केंद्र है वैश्विक दवाओं के उत्पादन में भारत का हिस्सा 20% है वैश्विक हिस्से में से 60% से अधिक हिस्सा भारत बनाता है।

उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग की मजबूती बढ़ाने के लिए भारत की प्रशंसा की।उल्लेखनीय है कि भारत में अमरीका ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों को भारत में बनने वाली हाइड्रो क्लोरोक्वीन दवाई देकर भरत दवा के क्षेत्र में कितना आगे है। यह साबित कर दिया है।

सूरत के हॉटल एंड रेस्टोरेन्ट इंडस्ट्री को दो सौ करोड़ का नुक़सान

अनलॉक-1 के बावजूद दक्षिण गुजरात के होटल और रेस्टोरेन्ट उद्योग में अभी तक विशेष सुधार नहीं आयाहै। होटेल एसोसिएशन की कहना है कि 25 मार्च से लेकर 15 जून तक दक्षिण गुजरात में होटेल और रेस्टोरेन्ट उद्योग को 200 करोड रुपए का नुकसान हुआ है। सरकार को भी इससे लगभग 20 करोड़ रुपए से अधिक की जीएसटी आय गंवानी पड़ी है।
केन्द्र सरकार की ओर से आठ जून के बाद अनलॉक-1 में होटेल और रेस्टोरेन्टइन्ड्स्ट्री को कई छूट दी गई है, लेकिन रात्रि कर्फ्यू के कारण होटेलों में अब डिनर के स्थान पार्सल सेवा शुरू की गई है। बताया जा रहा है कि स्फ्र पचास प्रतिशत ग्राहकों को डिनर में बिठाया जाता है। पुलिस के भय के कारण शाम के सात बजे ही होटेल बंद हो जाते हैं।

 होटेल इन्डस्ट्री को यिद रात्रि करफ्यू से मुक्ति दी जाए तो अच्छा होगा। इसके अलावा दूसरी ब़ड़ी बात तो यह है कि श्रमिको की कमी सहित अन्य कई कारणो से अभी सिर्फ पचास फीसदी होटेल ही खुल  सके हैं। 350 होटल में से सिर्फ पांच प्रतिशत मे ही लंच अवर्स अच्छे से शुरू हो पाया है।


फिलहाल अन्य स्थानों के लोग भी खरीद आदि के लिए नहीं आ रहे है। सरकार के नियम के अनुसार अन्य स्थानों से आने वालों के लिए 14 दिन क्वोरन्टाइन अनिवार्य होने के कारण टैक्सटाइल मार्केट में खरीद के लिए आने वाले व्यापारी नहीं रहे हैं। इससे भी नुकसान हो रहा है। होटल में आय कम है लेकिन बिजली बिल, गैस बिल और स्टाफ का खर्च चुकाना प़ड रहा है।

दूसरी ओर ऑनलाइन सर्विस देने वाली कंपनिया कमा र ही है।सरकार यदि दक्षिण गुजरात के पर्यटन क्षेत्रों को खोल दे तो होटेल एन्ड रेस्टोरेन्ट इन्डस्ट्री को कुछ राहत हो सकती है।

अहमदाबाद में बढ़े मरीज, अन्य स्थानों पर रैफर करने पर हो सकता है विचार!

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अहमदाबाद में कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए राज्य सरकार अब शायद अहमदाबाद के मरीजों को नजदीक के जिलों में रेफर करने का सोच रही है।जल्दी ही इस पर फैसला आ जाएगा।अहमदाबाद में रोज 200 से अधिक कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आ रहे हैं और 25 से अधिक लोगों की मौत हो रही है। इसके चलते अहमदाबाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं।

अहमदाबाद में लगातार केसों की बढ़ती हुई संख्या के चलते राज्य सरकार ने केंद्र सरकार भी चिंतित हैं अमदाबाद सिविल की वर्तमान बात करें तो अभी यहां पर 170 से अधिक मरीज आईसीयू में है अहमदाबाद के सोला सिविल में भी यही स्थिति है।

बताया जा रहा है कि कुछ लोग तो यह भी शिकायत करें कि मरीजों को वेंटिलेटर भी नहीं उपलब्ध हो पा रहा है अहमदाबाद के मरीजों को नजदीक के मेहसाणा और गांधीनगर की सरकारी हॉस्पिटल में रेफर करने पर विचार किया जा रहा है कि गंभीर मरीजों को यहां पर जल्दी उपचार मिल सके इस तरह का प्रयास कर रही है संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। गुजरात में सबसे ज़्यादा केस अहमदाबाद में ही मिले है।

पचास साल की बुढिया ने एक प्रेमी को मौत के घाट उतारा

कहते हैं कि प्यार हो जाए तो बाक़ी कुछ नज़र नही आता! उसके लिए इंसान भला बुरा कुछ नहीं देखता। गुजरात के सूरत में भी कुछ ऐसा हुआ।
डिंडोली क्षेत्र में पचास साल की एक महिला ने अपने दूसरे प्रेमी के साथ मिल कर पहले प्रेमी को मौत के घाट उतार दिया। फिर पुलिस को गुमराह करने के लिए घटना को हादसे की शक्ल देने की कोशिश की।
हालाँकि घटना सामने आने के बाद पुलिस ने उसे पकड लिया।
घटना की सच्चाई इस प्रकार है कि पांडेसरा में आर्विभाव सोसायटी निवासी रमेश शेट्टी (50) बुधवार सुबह ग्यारह बजे फैक्टरी में काम करने वाले सहकर्मी डिंडोली रॉयल टाउनशिप निवासी मोहन बारकू पाटिल के घर गया था। इसके बाद वहां दोपहर को बाथरूम में पैर फिसलने से गिर कर बेहोश हो गया। मोहन उसे निकट के निजी अस्पताल में ले गया। जहां उसे मृत घोषित किया गया।

पुलिस ने मोहन से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह घटना के वक्त घर पर नहीं था। अपने काम पर गया हुआ था। उसकी सास मोनू उर्फ मीना (50) ने उसे फोन कर बुलाया। बाथरूम में पैर फिसलने से रमेश शेट्टी के साथ हुए हादसे के बारे में बताया।


गुरुवार को पोस्टमार्टम रिर्पोट में गला घोंट कर हत्या करने की पुष्टी हुई पुलिस ने मीना उर्फ मोनू को बुलाकर अलग-अलग तरीकों से पूछताछ शुरू की। इसमें पता चला कि मीना के पिछ्ले 12 वर्षों से अपने दामाद के मित्र रमेश शेट्टी के प्रेम संबंध थे। तीन साल पूर्व मॉडल टाउन वाटिका टाउनशिप निवासी रमेश वाघ के साथ भी प्रेम हो गया। तब से वह रमेश शेट्टी को दूर होने को कह रही थी। मगर रमेश शेट्टी नही मान रहा था।


बुधवार को मीना की पुत्री का जन्मदिन था। इस बहाने रमेश उनके घर आ गया। मीना के साथ उसका विवाद हुआ। मीना ने उसे हमेशा के लिए रास्ते से हटाने का प्लान बना रमेश वाघ को बुलाया।
उसके साथ मिलकर दोपहर में रमेश शेट्टी की गला घोंट कर हत्या कर दी। पुलिस ने मीना को हिरासत में लिया फिर उसके नए प्रेमी रमेश वाघ को भी पकड़ लिया।

दुनिया के यह नौ देश हैं कोरोना से मुक्त! जानिए

जहां एक और दुनिया के विकसित देश कोरोना का सामना करने में अपने आप को असमर्थ पा रहे हैं।वहीं दुनिया के इस गरीब देश ने कोरोना को मात दे दी है।जी हां आप सही पढ़ रहे हैं।तंजानिया के राष्ट्रपति जॉन मागोफुली ने तंजानिया को कोरोना मुक्त घोषित किया है। अब तक दुनिया के नौ देश कोरोना मुक्त होने का दावा कर चुके हैं

उन्होंने इसके लिए भगवान का शुक्रिया अदा किया है। देशवासियों से अभी भी एहतियात बरतने की अपील की है। राष्ट्रपति जॉन मागोफुली ने इसके लिए स्वास्थ्य अधिकारियों और फ्रंटलाइन हेल्थ केयर वर्कर को भी श्रेय दिया।

इस अवसर पर उन्होंने एक सेलिब्रेशन भी किया। राष्ट्रपति ने कहा कि देश अब मस्त से मुक्त हो चुका है।महामारी के खतरे से बाहर आ चुके हैं। दूसरी ओर एक सच्चाई है भी है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अधिकारियों ने यह बताया है कि तंजानिया ने बीते 29 अप्रैल से कोरोना के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है।

तंजानिया में सोशल डिस्टेंस के उल्लंघन और धार्मिक स्थल खुला रखने पर भी डब्ल्यूएचओ ने आपत्ति व्यक्त की थी। शुरुआती दौर में तांजानिया में 509 पॉजिटिव केस में से 21 के मौत होने की जानकारी ही अभी तक डब्ल्यूएचओ के पास है।

नौ देशों के नाम

-न्यूज़ीलैंड, तांजानिया, वैटिकन सिटी, फिजी, मोन्टेग्रो,सेन्ट किट्स एंड नेविस, तिमोर लेस्टे , पापुआ न्यू गुनिया, सेशेल्स

भारत बनाएगा 100 करोड़ कोरोना वैक्सीन
कोरोना को लेकर दुनिया के कई देश दवा बनाने का दावा कर रहे हैं। इस बीच भारत में बड़ी अच्छी खबर सामने आई है। भारत में कोरोना की वैक्सीन को लेकर उत्पादन और आपूर्ति की तैयारियां शुरू हो चुकी है।

पुणे की सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की लैब में कोरोना वायरस की वैक्सिन का उत्पादन और आपूर्ति की तैयारी की जा रही है। ब्रिटिश स्वीडिश फार्मा कंपनी एस्ट्रेजनेका ने यह घोषणा की है कि उसने वैक्सीन के सप्लाई के लिए भारत से हाथ मिलाया है और एसआईआई के साथ लाइसेंस के लिए करार करने वाली है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कोरोना की अपनी संभावित वैक्सीन की सप्लाई का जिम्मा भी एस्ट्रेजनेका कंपनी को दिया है। एस्ट्रेजनेका और एसआईआई मिलकर 100 करोड़ की तादाद में व्यक्ति बनाने की तैयारी कर रहे हैं। उनमें 40 करोड़ वैक्सीन दिसंबर तक आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा गया है।

बताया जा रहा है कि पुणे में बनने वाली कोरोना वायरस भारत सहित जिन देशों की आय कम है वहां पर सप्लाई की जाएगी। दुनिया में कई देश कोरोना की दवा बनाने का दावा कर रहे हैं अमेरिका चीन ब्रिटेन जर्मनी कहीं देश इसमे में शामिल है