20 प्रतिशत रिटेल दुकाने बंद होने के खतरा गहराया: कैट

कोरोना ने पिछले पांच महीनों में देश के खुदरा व्यापार को 19 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है। लॉकडाउन के तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन भुगतान वापस न मिलने के कारण व्यापारियों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते कई व्यापारियों के लिए बडी मुसीबत खडी हो गई है।


कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्रा शाह और गुजरात रीजन के अध्यक्ष प्रमोद भगत ने कहा कि देश भर के खुदरा बाजार का मूल्य विभिन्न राज्यों के 20 प्रमुख शहरों से लिया जाता है। इनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, नागपुर, रायपुर, भुवनेश्वर, रांची, भोपाल, सूरत, लखनऊ, कानपुर, जम्मू, कोचीन, पटना, लुधियाना, चंडीगढ़, अहमदाबाद, गुवाहाटी शामिल हैं।

इन शहरों में विक्रेताओं से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर, यह पता चला है कि कोरोना देश के व्यापार और उद्योग पर बुरा असर डाल रहा है। लोग कोरोना से डरते हैं इसलिए वह बाजार में नहीं आ रहे हैं। पड़ोसी राज्य या शहर से सामान खरीदते समय वे अधिक भय महसूस करते हैं।

इसके अलावा, ट्रेन, परिवहन सहित उपलब्धता की कमी के कारण वस्तुओं के आवागमन की भी समस्या है।वर्तमान में, स्थानीय व्यापार बुरे दौर से गुजर रहा है और खुदरा व्यापार सभी तरफ से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रहा है और अगर इसे सुधारने के लिए कदम नहीं उठाए गए तो देश भर की 20 प्रतिशत दुकानें बंद होने के लिए मजबूर हो जाएंगी। जिससे बड़ी संख्या में बेरोजगारी की आशंका पैदा होगी।


कैट ने सरकार से व्यापारियों की मौजूदा स्थिति पर नजर रखने और खुदरा कारोबार को फिर से स्थापित करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है। कैट ने मांग की है कि वर्तमान में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बैंकों को निर्देश दिया है कि बैंक व्यापारियों को ब्याज देने के लिए मजबूर न करें। जबकि, सरकार अन्य क्षेत्रों के लिए ऋण माफ कर रही है। व्यापारी बस मांग कर रहे हैं कि वर्तमान में कोई शुल्क नहीं लगाया जाए और कोई जुर्माना न लगाया जाए।

वाह, श्रमिकों को लाने के लिए फ्लाइट का टिकिट भेजा

लॉकडाउन के बाद व्यापार उद्योग तो शुरू हो गए लेकिन श्रमिकों के बिना सब अधूरा है। लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों की परेशानी को नहीं समझ सके उद्यमी अब उन्हें बुलाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।

देशभर में उद्यमी श्रमिकों के लिए परेशान हैं। क्योंकि भले ही व्यापार उद्योग अच्छे से शुरू हो गए हैं. लेकिन श्रमिकों की कमी के कारण उत्पादन अच्छे से नहीं शुरू हो सका है। दिल्ली में मशरूम की खेती कराने वाले मालिक ने अपने श्रमिकों को वापिस लाने के लिए 20 फ्लाइट के टिकट भेजे हैं। इसके पहले भी इस उद्यमी ने श्रमिकों को गांव भेजने के लिए 10 टिकट खरीदे थे।


मिली जानकारी के अनुसार पप्पन सिंह नाम के मशरूम उत्पादक ने 100000 रूपए के टिकट खरीदे थे। उन्होंने यह टिकट बिहार चले गए श्रमिकों को वापस लाने के लिए भेजें। लॉकडाउन के बाद अब सरकार की ओर से व्यापार- उद्योग आदि खुलने की छूट दी गई है।

अगस्त महीने से अच्छे से उत्पादन शुरू हो सके इसलिए पप्पन ने यह टिकट खरीद कर भेजे हैं। पप्पन के यहां यह श्रमिक 20 साल से काम कर रहे हैं। बिहार के समस्तीपुर जिला के गांव के निवासी नवीन राम ने मीडिया को बताया कि विमान यात्रा को लेकर उत्साहित हैं।

इसके इसके पहले भी उन्होंने विमान में यात्रा की है। इसलिए उन्हें डर नहीं लग रहा। उन्होंने बताया कि इसके पहले ट्रेन की टिकट के लिए प्रयास किया गया लेकिन ट्रेन बुक होने के कारण टिकट नहीं मिल सका। मशरूम की खेती की सीजन अगस्त महीने में शुरू हो जाती है। खेती में देरी ना हो जाए इसलिए उनके मालिक ने विमान का टिकट निकाल कर भेज दिया है।

शनिवार को कोरोना मरीज 250 के पार, एक दर्जन लोगों की मौत

शुक्रवार को शहर और जिले में 246 कोरोना के मरीज दर्ज होने के बाद सूरत में शनिवार को कोरोना के कुल 265 मरीज दर्ज हुए। इनमें शहर के 201 और जिले के 64 है। शनिवार को कुल 12 मौत हुई। सूरत न कोरोना के मामले में अहमदाबाद को पीछे छोड़ दिया है। अहमदाबाद में शनिवार को 164 मरीज दर्ज हुए थे।


अब तक कुल मृतको की संख्या 238 पर पहुंच गई है। आज कुल 144 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। अब तक शहर और जिला मे कुल 3779 डिस्चार्ज किया जा चुका है। इसमें 384 ज़िले में से है।


यदि जोन वाइज देखा जाए तो कतारगाम जोन 60 में लिंबायत में 18, वराछा ए में 28 वराछा बी में 22 सेन्ट्रल जोन में रादेर जोन 34 में सेन्ट्रल जोन में 22 और उधना जोन में 07 मरीज दर्ज हुए।


इस बीच शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री शहर के दौरे पर थे। आरोग्य अग्र सचिव मनपा कमिश्नर, कलेक्टर तथा डॉक्टर्स के साथ मीटिंग कर कोरोना की वर्तमान परिस्थिति पर चर्चा की। साथ ही दो सौ वेन्टिलेटर देने की बात कही।

इसके अलावा कोरोना होस्पिटल तथा कीडनी होस्पिटल के लिए 100 करोड़ रुपए देने की घोषणा की। इसके अलावा कपड़ा बाजार में रोज कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को दे्खते हुए रविवार को सांसद सीआर पाटिल के नेतृत्व में मीटिंग भी होगी।


मुख्यमंत्री ने लिया परिस्थिति का जायज़ा!


सूरत में कोरोना के बढ़ते केस के कारण दिन प्रतिदिन परिस्थिति खराब हो रही है बीते तीन-चार दिन से शहर से लगभग 180 के करीब मामले दर्ज हो रहे है। पिछले 6 दिनों में ही शहर में 1000 से अधिक केस दर्ज हो चुके हैं। इसलिए राज्य सरकार चिंतित है। राज्य सरकार ने पहले ही राज्य के अग्र स्वास्थ्य सचिव डॉ जयंती रवि को 1 सप्ताह के लिए सूरत के दौरे पर भेजा था।

इसके बाद अब राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी खुद ही शनिवार को शहर में कोरोना की समीक्षा के लिए आ पहुंचे। एयरपोर्ट से कलेक्टर कार्यालय पहुंचे उनके साथ उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल भी पहुंचे। कलेक्टर कार्यालय में उन्होंने सूरत महानगर पालिका कमिश्नर अधिकारियों और डॉक्टर्स के साथ मीटिंग कर वर्तमान परिस्थिति का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री ने सूरत में कोरोना की जांच की व्यवस्था कोरोना के लिए उपलब्ध हॉस्पिटल और वेंटिलेटर सहित अन्य सुविधाओं की जानकारी ली। राज्य प्रशासन की ओर से कोरोना में गंभीरता दिखाते हुए मनपा के रिटायर्ड अधिकारियों को भी कोरोना संबंधित कार्यवाही में लगा दिया गया है।

मनपा प्रशासन बहुत ही गंभीरता से कोरोना को लेकर तैयारियां कर रहा है इसके बावजूद के बच्चों ने मनपा प्रशासन और राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है। आज हुई बैठक में मुख्य सचिव के कैलाशनाथन ,आरोग्य अग्र सचिव जयंती रवि भी उपस्थित रहे। इसके अलावा महानगरपालिका बंछा निधि पानी, विधायक, स्वास्थ्य कमिश्नर, सरकारी हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट भी उपस्थित रहे।

हांगकांग के हीरा उद्यमियों ने अपने परिवारजनों को ले जाने के लिए की विशेष विमान की व्यवस्था!


चीन के नए साल की शुरुआत के कारण वहां स्थाई हो गए सूरत के उद्यमी जनवरी में अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताने सूरत आए थे। लेकिन मार्च में लॉकडाउन के कारण उद्यमियों का परिवार यही फस गया था।

आखिर सोमवार को सूरत और हांगकांग के हीरा उद्यमियों ने मिलकर स्पेशल फ्लाइट की व्यवस्था कर उन्हें हॉन्ग कोंग पहुंचा दिया। इस बारे में हीरा उद्यमी निलेश बोडकी ने जानकारी देते हुए बताया कि हांगकांग में व्यापार के लिए बड़ी संख्या में सूरत के लोग वहीं स्थायी हो गए हैं जोकि, साल भर में जनवरी में चीन के नए साल के वेकेशन के दौरान वापस आते हैं।

इस दौरान वहां पर जनवरी से 15 से 25 तारीख तक चीन का नया साल का वेकेशन होने के कारण भी वह अपने परिवार के साथ सूरत आए थे। मार्च में हांगकांग का मार्केट खुल जाने से हीरा उद्यमी खुद तो वापस चले गए लेकिन उनका परिवार यहीं पर था। इसी दौरान लॉकडाउन शुरू हो जाने से उनका परिवार यहां फस गया। बीते 4 महीने से हीरा उद्यमियों का परिवार यहीं पर फंसा था।

बार-बार सूरत में फंसे हीरा उद्यमियों के परिवार उन्हें वापस ले जाने की बात कर रहे थे लेकिन, यह संभव नहीं था। ऐसे में हीरा उद्यमी रवि बोडकी को निजी फ़्लाइट से ले जाने का ख़्याल आया। इसके बाद हीरा उद्यमियों ने राज्य सरकार और हॉन्ग कोंग की सरकार से संकलन करना शुरू किया।हीरा उद्यमी विजय, जेमिस,हरीश,किरण और संजय भाई ने मिलकर वहां से एयरलाइंस के लिए परमिशन ले ली।

कई दिनों तक परमिशन की प्रक्रिया के बाद सोमवार की शाम सूरत से कुल 343 लोगों को जिसमें कि 115 बच्चे और 189 बड़े लोग थे उन्हें पहले मुंबई ले जाया गया और मुंबई से इथोपियन एयरलाइंस की फ्लाइट से हांगकांग भेजा गया।

लॉकडाउन 30 जून तक बढा, अनलॉक-1 में कुछ राहतें मिली


सूरत
 लॉकडाउन 5 की घोषणा सरकार ने कर दी है। इसमें कुछ छूट भी दी गई है। कन्टेन्मेंट जोन के बाहर के क्षेत्रों में क्रमश: छूट दी जा रही है। इसे सरकार ने अनलॉक-1 का नाम दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार ढाई महीने से अधिक समय बीत जाने के कारण लॉकडाउन से ऊब चुके लोग लॉकडाउन-4 के बाद लॉकडाउन से मुक्ति चाह रहे थे।


ऐसे में सरकार ने एक बार फिर से लॉकडाउन बढ़ा दिया। लॉकडाउन-5 का समय 1 जून से 30 जून का होगा। स्कूल-कॉलेज खोलने का फैसला राज्य सरकार का होगा। 8 जून से हॉटल खोल दिए जाएंगे। रात के नौ बजे से पांच बजे कर्फ्यू होगा। 


प्रथम चरण
गाइड लाइन के अनुसार प्रथम चरण में 8 जून से धार्मिक स्थान, होटेल,रेस्टोरेन्ट, शॉपिंग मॉल को खोलने की मंजूरी दी गई है। इसके लिए स्वास्थय मंत्रालय घोषणा करेगा
दूसरा चरण
इस चरण में स्कूल-कॉलेज और शैक्षणिक संस्थाए राज्य सरकारों से चर्चा के बाद खुलेंगी। 
तीसरा चरण
अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट, मेट्रो रेल का संचालन, सिनेमाहॉल, जिम, स्वीमिंग पुल, थियेटर, बार आदि बंद रहेंगे। जो कि समीक्षा के बाद खुलेंगे।

कोरोना बन रहा गंभीर, शुक्रवार को 59 पॉजिटिव, दो की मौत
लॉकडाउन-4 में कुछ क्षेत्रों में शर्तो के साथ छूटछाट देने के बाद कोरोना पॉजिटिव की संख्या तेजी से बढ रही है ऐसा प्रतीत हो रहा है। गुरुवार को पचास के करीब कोरोना पॉजिटिव आने के बाद शुक्रवार को फिर से 59 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इनमें दो लोगों की मौत भी हो गई। इतनी तेजी से बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव केस ने मनपा की चिंता बढ़ा दी है।


मिली जानकारी के अनुसार सूरत में एक सप्ताह पहले तक 30-35 के औसत से कोरोना पॉजिटिव मरीज दर्ज हो रहे थे, लेकिन बीते तीन दिन में बड़ी तेजी से कोरोना के मरीजो की संख्या बढी है। आज जो 59 नए कोरोना के पॉजिटिव मामले सामने आए उनमें कतारगाम जोन के सबसे अधिक 19, लिंबायत के 16 उधना के 10 वराछा ए के 8 और सेन्ट्रल जोन के 6 मामले हैं।

मनपा कमिश्नर बंछानिधि पानी ने कहा कि पिछले तीन दिनों से कोरोना के मरीज तेजी से बढे हैं। उन्होंने लोगों से बिना आवश्यकता के बाहर नहीं निकलने की अपील की। कमिश्नर का कहना था कि कोरोना का संक्रमण बुजुर्ग और डायबिटिज, ब्लड प्रेशर सहित अन्य बिमारी से पीडित लोगों को जल्दी लगता है। इसलिए उन्हें इन दिनों में विशेष ख्याल रखना चाहिए। 

श्रमिक ट्रेन: किसी के लिए खुशी, किसी के लिए ग़म!


सूरत
लॉकडाउन के कारण अपने वतन गाँव जा रहे श्रमिकों के साथ रास्ते में कई घटनाएँ हो रही है। लॉकडाउन में बेरोज़गार हो चुके श्रमिक जिस हाल मे थे उसी हालत में चल पड़े। ऐसे मे कुछ श्रमिकों के लिए ट्रेन का सफ़र बड़ा दर्दनाक साबित हो रहा है। कुछ महिलाओ नें नवजात शिशु को जन्म देने की घटना सामने आ रही है।


बीते तीन दिन में तीन घटनाएँ सामने आई जिसमें कि एक घटना में सूरत से जा रहे एक ओड़िशा वासी श्रमिक की मौत हो गई। दूसरी घटना में यूपी जा रही महिला को रास्ते में ही डिलीवरी हो गई अन्य एक घटना में श्रमिक ट्रेन में जाने के लिए देर तक धूप में खड़े युवक की लू लग जाने से मौत गई।

यात्रा के दौरान मौत
ओडिशा के गंजाम जिले का निवासी प्रफुल स्वाइ 23 मई को ओडिशा जाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन से रवाना हुआ, लेकिन वह महासमुंद पहुंचने से पहले ही ट्रेन में उसकी मौत हो गई। हालाकि कारण नहीं पता चल सका है। वहां मृतदेह पहुंचने पर मृतक के बेटे अनिल स्वाइ ने अंतिम संस्कार किया और लाइव कर माता को अंतिम दर्शन कराए।


-लू लगने से श्रमिक की मौत
इसी तरह की अन्य एक घटना में शिलू प्रफुल जेना गत रोज सूरत रेलवे स्टेशन जाने के लिए उधना पटेल नगर के बस स्टेशन पर तेज धूप में खड़े रहने के बाद जब बस से सूरत रेलवे स्टेशन पर पहुँचा तो बस से उतरने के बाद उसकी तबियत ख़राब हो गई। उसे 108 मे उपचार के लिए भेजा गया। पर वह नही बचा। हालाँकि यह प्राथमिक जानकारी है।

बच्चे को दिया जन्म
सूरत से यूपी अपने पति के साथ श्रमिक टेकन में जा रही पूजा नाम की महिला को रतलाम में प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। उसने इस बारे में पति को जानकारी दी। उसके पति ने रेलवे प्रशासन से मदद मागी। घटना की जानकारी मिलने पर रेलवे के डॉक्टर्स ने ट्रेन में पूजा की डिलीवरी करवाई! पूजा ने एक बच्चे को जन्म दिया।

अभी तक सूरत से श्रमिक ट्रेन में यूपी, बिहार जाने वाली सात महिलाओं को ट्रेन में डिलीवरी हुई।

डोनाल्ड ट्रंप की बेटी ने जमकर की इस भारतीय की तारीफ, जानिए क्यों?

डेस्क
लॉकडाउन के दौरान इस देश में श्रमिकों के कई आश्चर्यजनक साहस को देखा है। इसी तरह गुरुग्राम से अपने पिता को साइकिल में ले जा ले जाने वाली ज्योति की अनोखी हिम्मत भी अपने आप में एक मिसाल है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पुत्री इवांका ट्रंप ने भी ट्वीट कर ज्योति की तारीफ की है इवांका ने ट्वीट कर लिखा है कि 15 वर्ष की ज्योति ने जिस तरह अपने बीमार पिता को 1200 किलोमीटर का सफर तय कर अपने गांव ले गई वह सहन शक्ति और प्रेम की वीर गाथा है।


आपको बता दें कि ज्योति अपने बीमार पिता को लेकर 7 दिन में गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा पहुंची थी। वह प्रतिदिन 100 से 150किलोमीटर की साइकिलिंग करती थी।


ज्योति के पिता गुरु ग्राम में रिक्शा चलाते हैं और दुर्घटना में अपने पिता से मिलने के लिए ज्योति माता और जीजा के साथ गुरुग्राम पहुंची थी। अपने पिता की देखरेख के लिए वह वहीं रुक गई थी इस दौरान लोग डाउन घोषित हो गया और ज्योति के पिता बेरोजगार हो गए ज्योति किस पराक्रम के बाद भारतीय साइकिलिंग महासंघ ने कहा कि वह ज्योति को ट्रायल की मौका देंगे।


उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के कारण काम धंधा बंदलहो जाने से लाखो लोगों बेरोज़गार हो गए है जो कि लाचारी में पैदल या साइकिल पर ही हज़ारों किलोमीटर तक चले जा रहे है। पूरे देश में इन दिनों श्रमिकों का यही हाल है।

कोरोना से डर नहीं इन देशों को! खोल दिए लॉकडाउन?


डेस्क
शायद दुनिया के कई देशों को अब लगने लगा है कि कोरोना से पीछा छुड़ाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। इसीलिए तो दुनिया के कोरोना से प्रभावित 90 से अधिक देशों में से लगभग 35 देशों ने लॉकडाउन खोल दिया है। इन देशों में धीरे धीरे सब कुछ पहले की तरह शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि इन 35 देशों में से 26 यूरोपीय देश है।


एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस की गंभीरता को देखते हुए कई देशों ने एहतियात के तौर पर बड़े पैमाने पर सावधानी बरती थी और पूरे देश में सख्त लॉकडाउन लागू कर दिया था लेकिन, धीरे धीरे कई देशों में 2 से 3 महीने बीत जाने के बाद भी कोरोना की स्थिति में विशेष परिवर्तन नहीं आने के कारण देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

एक ओर जहां कोरोना ठीक नहीं हो रहा है वहीं, दूसरी ओर देशों की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई है। इसलिए अब देशों ने एहतियात के कदम बरतते हुए लोगों को सावधानी पूर्वक रहने का संदेश देते हुए लॉकडाउन हटाना शुरू कर दिया है। अमरीका और यूरोप में कई बड़े शहरों में लॉकडाउन हटा दिया गया है।


बताया जा रहा है कि आगामी दिनों में स्वीटजरलैंड और बेल्जियम जैसे देशों में तो पर्यटकों को आने की छूट भी मिल सकती है। क्योंकि वहाँ की इकॉनोमी भी चरमरा चुकी है।अमेरिका के 50 राज्यों में से 25 राज्यों में लॉकडाउन हटाया जा चुका है। चीन में तो पहले से लॉकडाउन हटाया जा चुका है। ग्रीस और पोलेन्ड भी इस दिशा में विचार कर रहे हैं। पाकिस्तान जो कि पहले से ही लॉकडाउन लगाने के मूड में नहीं था|

वहां तो कई शहरों में परिस्थिति सामान्य हो चुकी है। पाकिस्तान की ओर से बार-बार लॉकडाउन के पक्ष में नहीं होने की बात सामने आते रही है। हालाँकि अभी यह देश कोरोना मुक्त नहीं हुए हैं लेकिन, अर्थव्यवस्था की चिंता ने इन्हें बेहाल कर दिया है। भारत में भी लॉकडाउन-४ शुरू हो चुका है।

भारत सरकार ने भी राज्य सरकारों को रेड जोन एरिया की जिम्मेदारी सौंपी है। भारत के कई राज्य ऐसे हैं जिन्होंने की लोग शुरू होने के पहले ही केंद्र सरकार से लॉकडाउन की मांग की थी। भारत में महाराष्ट्र में कोरोना के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है।

इसके बाद गुजरात का नंबर आता है। भारत में अब तक कोरोन के कारण 100000 से अधिक केस दर्ज हो चुके हैं। हालांकि भारत सरकार का दावा है कि भारत में करुणा की परिस्थिति अन्य देशों की अपेक्षा बेहतर है।

गुजरात में लॉकडाउन में इनको मिली छूट!

सूरत

केन्द्र सरकार की ओर से लॉकडाउन बढा देने के बाद गुजरात में भी लॉकडाउन 4.0 का अमल किस तरह होगा और किन सेवाओ को छूट मिलेगी, किन व्यापार-धंधा पर से प्रतिबंध हटेगा इसके लिए सोमवार को राज्य सरकार ने स्पष्टता की। 
 मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मीटिंग के बाद लॉकडाउन -4 के बारे में एक महत्वपूर्ण घोषणा की। गुजरात में क्या खुलेगा और क्या नहीं खुलेगा, इस बारे में नियम बनाए गए हैं।


घोषणाएं
– पश्चिम अहमदाबाद में व्यापार खोलने की अनुमति दी। दुकानें सुबह 8-4 के दौरान विषम-सम संख्या के अनुसार खुली रहेंगी।
– कंटेनमेंट ज़ोन में आवश्यक सेवाओं के अलावा कोई अनुमति नहीं दी गई।
– राज्य को कन्टेनमेंट और नोन कन्टेनमेंट क्षेत्रों में विभाजित किया गया
– पूरे गुजरात में एसटी बस सेवा शुरू, पान के गल्ले खुलेगें।
– राज्य में शाम 7.00 बजे से सुबह 7.00 बजे तक सब कुछ बंद रहेगा।
– राज्य के केन्टेनमेंट ज़ोन के ज़ोन में 31 मई तक मात्र आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध होंगी
– अहमदाबाद और सूरत को छोड़कर ऑटो रिक्शा शुरू किए जाएंगे, एक रिक्शा में अधिकतम दो व्यक्ति बैठ सकते हैं
– टैक्सियाँ नोन कन्टेनमेंट क्षेत्र में चलेंगी, लेकिन ड्राइवर के साथ केवल दो लोग
– प्रदेश के सभी जिलों में एसटी बस सेवा की शुरुआत कन्टेनमेंट जोन को छोड़कर शुरू की जाएगी
– अहमदाबाद के पश्चिम में नोन क्वारेंटाइन क्षेत्र क्षेत्र में दुकानें और कॉर्पोरेट कार्यालय शुरू होंगे
– राज्य में नोन कन्टेनमेंट क्षेत्र में, पान के गल्ले और बाल काटने की दुकान शुरू की जा सकती है।
– राज्य में नोन कन्टेनमेंट क्षेत्रों में सुबह 8 से शाम 4 बजे तकदुकानें खोली जा सकती हैं
– नोन कन्टेनमेंट में 33% कर्मचारियों के साथ कॉर्पोरेट कार्यालय और दुकानें खोली जा सकती हैं।
– कल से आपको अमूल के पार्लर में 3 लेयर्स और N 95 मास्क 65 रुपए में मिलेगा।
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– स्कूल-कॉलेज, जिम, स्विमिंग पूल, गार्डन, मॉल, सिनेमा, धार्मिक कार्यक्रम दोनों जोन में बंद रहेंगे, सिटी बस सर्विस, प्राइवेट सर्विसेज भी बंद रहेंगी।
– कन्टेनमेंट क्षेत्र को छोड़कर गैरेज और सर्विस स्टेशन खुले रहेंगे।

-हीरा और लूम्स कारख़ाने पचास प्रतिशत श्रमिकों के साथ कर सकेंगे शुरू

रेडजॉन के बाहर 585 यूनिट शुरू करने की ईजाजत मिली!!


सूरत
सूरत के लोगों के लिए अच्छी खबर है।लॉकडाउन के कारण पचास दिन से अधिक दिनों तक कारख़ाने बंद रहने के बाद ज़िला उधोग केन्द्र के डिप्टी कमिश्नर के मंज़ूरी के बाद 485 यूनिट फिर से शुरू हो गए। इन्हें कई शर्तों के साथ मंज़ूरी दी गई है।


मिली जानकारी के अनुसार सूरत जिला उद्योग केंद्र के डिप्टी कमिश्नर ने सूरत के रेडजॉन के अलावा 585 इकाइयों को खोलने की अनुमति दी है। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए सचिन ने जीआईडीसी के पूर्व सचिव मयूर गोलवाला ने कहा कि जीआईडीसी में 185 इकाइयां चालू हैं। इसमें 20 लूम्स इकाइयां भी शामिल हैं। 15 मई को, सूरत जिले में 585 इकाइयाँ शुरू की गई हैं। यह यूनिट शुरू हो जाने से श्रमिकों के पलायन पर रोक लगेगा।

शुक्रवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में, मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कहा कि रेडजॉन में कारख़ाने नहीं खुल सकते इस घोषणा के बाद, सचिन जीआईडीसी, ओलपाड जीआईडीसी, कडोदरा, पलसाना, जोलवा, सायण और होजीवाला में इकाइयां शुरू की गई हैं। सचिन जीआईडीसी में लगभग 20 पावरलूम इकाइयाँ हैं। अन्य राज्यों के कई श्रमिको वतन चले जाने से दिक़्क़त का सामना करना पड़ा सकता है। फ़िलहाल जो श्रमिक है उन्हीं के भरोसे काम चालू किया जा रहा है।जिन यूनिटों को मंज़ूरी मिली है उसमें सबसे अधिक 185 इकाइयाँ सचिन एस्टेट में शुरू की गई हैं, जिनमें से कुछ लूम्स के कारखाने हैं। इसके अलावा केमिकल, इंजीनियरिंग का अधिक है।

बुनाई इकाइयों में विस्कोस का उत्पादन शुरू हो गया है। उल्लेखनीय है कि जिन क्षेत्रों मे यूनिट शुरू हुए हैं उनमें जिला उद्योग केंद्र को कुल 585 आवेदन इकाइयां शुरू करने के लिए मिला है। जिसमें शहर-जिले में कुल 310 इकाइयाँ शुरू की गई हैं। सचिन जीआईडीसी में मांगी गई 419 इकाइयों में से 185, पांडेसरा में 12 में से 11, इच्छापोर -भाटपोर में 61 में से 42, सूरत अेपेरल पार्क में 8 में से 6, हजीरा में 26 में से 17, बारडोली में 6 में से 6, ओलपाड में 8 में से 8 और सचिन सेज में 45 में से 35 इकाइयां चालू हैं। इन सभी इकाइयों में कुल 17,840 कर्मचारी काम कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि कई उधमियों ने अभी भी कारख़ाने शुरू करने के लिए। कलक्टर से मंज़ूरी माँगी है जो मिलने के बाद कारख़ाने शुरू हो जाएंगे।