सूरत में सबसे अधिक कोरोना के मामले इस क्षेत्र में!


सूरत शहर में कोरोना संक्रमितो की संख्या चिंताजनक ढंग से आगे बढ़ती जा रही है। सूरत शहर और ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमितो की संख्या तीन सौ के करीब पहुंच गई है। सूरत शहर और जिले में मंगलवार को कुल 292 संक्रमित मरीज पाए गए।

इनमें सूरत शहर के 263 मरीज थे। अब तक का सूरत शहर और ग्राम्य का हिसाब बताएं तो शहर और ग्रामीण क्षेत्र में मिलाकर कुल 56388 मरीज संक्रमित हुए हैं जिसमें, कि 1140 लोगों की मौत हो गई है। 53828 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे हैं। सूरत शहर की बात करें तो सूरत शहर में अब तक 42979 लोग संक्रमित हो चुके हैं जिनमें कि 853 की मौत हो चुकी है।

मंगलवार को संक्रमित 263 मरीजों में से सबसे अधिक मरीज अठवा जोन में 82 संक्रमित पाए गए। रांदेर जोन में 38, लिंबायत में 24, सेंट्रल जेल में 24, उधना जोन में 18 वराछा के ए जोन में 27, कतारगाम जोन में 33 और वराछा के बी जोन में 13 नए मरीज दर्ज हुए। स्वास्थ विभाग का कहना है कि अब तक सबसे अधिक मरीज अठवा जोन में पाए गए हैं।

जिनकी संख्या 8878 है,कतारगाम जोन में 6691, रांदेर जॉन में 6865, लिंबायत जोन में 4233, वराछा के ए जोन में 4438, सेंट्रल जोन में 4174, वराछा के बी जोन में 4000 और उधना जोन में 3703 मरीज दर्ज हुए हैं। कोरोना के बढते मरीजो की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने 20 रूट पर 300 बस और बगीचे और स्पोर्टस कोम्पलेक्स आदि बंद करवा दिए हैं।

कोरोना के दहेशत में भी बेफ़िक्र नज़र आए हीरा उधमी

corona


सूरत। देशभर में कोरोना के कारण दहेशत का माहौल है लेकिन वराछा के हीरा उधमी सूरत में लॉकडाउन के बाद भी बेख़ौफ़ नज़र आए।
जनता कर्फ्यू को सफल बनाने वाले सूरती सोमवार को लॉक डाउन के आदेश के बावजूद बेफिक्र नजर आए। सुबह से ही हीरा बाजार समेत कई जगह पर प्रतिष्ठान लोगों ने खोल दिए और रोज़ की तरह कामकाज शुरू कर दिया।सड़कों पर भी रोजाना की तरह लोगों की सामान्य आवाजाही देखने मिली तो मनपा आयुक्त और पुलिस आयुक्त को खुद मोर्चा संभालना पड़ा। दोनों आयुक्तों हीरा बाजार बंद करवाया और लोगों को लॉक डाउन का पालन करने के लिए कहा। इसके अलावा अन्य खुले प्रतिष्ठानों को भी पुलिस ने बंद करवाया।
शहर में कई स्थानों पर यही हालात नज़र आए।
राज्य सरकार की ओर से लॉक डाउन के आदेश दिया गया है, तब इस आदेश के तहत शहर के सभी उद्योग और व्यापार, व्यावसायिक प्रतिष्ठान 31 मार्च तक बंद रखने का स्पष्ट आदेश है। इस दौरान सिर्फ आवश्यक सेवाएं ही खुली रहेगी। इसके बावजूद सूरत में सोमवार को हीरा बाजार खोल दिया गया। इसके अलावा अलग अलग क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं के अलावा के प्रतिष्ठान भी लोगों ने खोल दिए। लोगों पर लॉक डाउन का कोई असर नजर नहीं आने पर खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर लॉक डाउन को गंभीरता से लेने का और इस आदेश का पालन करवाने का राज्य सरकारों को कहा। प्रधानमंत्री की ट्वीट के बाद मनपा और पुलिस आयुक्त दोनों ही एक साथ सड़कों पर उतर गए। उन्होंने कई जगह का जायजा लिया और हीरा बाजार भी बंद करवा दिया। वहीं पुलिस ने खुद तथा जानकारी मिलने पर जहां भी आवश्यक सेवाओं के अलावा के प्रतिष्ठान खुले थे उन्हें भी बंद करवाया।
उल्लेखनीय है कि सूरत में अब तक चार कोरोना पॉज़िटिव मामले सामने आने के बाद प्रशासन और सतर्क हो गया है।

क्वारन्टाइन में रहने वालों पर जीपीआरएस से नज़र

सूरत
राज्य सरकार कोरोना को रोकने के लिए एडी चोटी का ज़ोर लगा रही है। सरकार ने विदेश से आने वालो को क्वारन्टाइन में रोकने का फ़ैसला किया है। पिछले दिनों कुछ लोग क्वारन्टाइन का उल्लंघन करते पकड़े गए थे। इन्हें रोकने के लिए मनपा ने एक मोबाइल आप बनाया है जो कि यदि कोई नियम तोड़कर क्वारन्टाइन से बाहर निकलना चाहता है तो उसकी जानकारी दे देगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संक्रमण नही फैले इसलिए
विदेशों से आने वाले यात्रियों को 14 दिनों के लिए घरेलू क्वारन्टाइन मे रहना आवश्यक है। हालांकि कई लोग होम क्वारंटाइन का उल्लंघन करने और खुले में बाहर निकलने की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन सूरत म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने होम क्वारंटाइन के तहत लोगों की निगरानी के लिए एक विशेष मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। यह ऐप होम क्वारेन्टाइन में रहने वाले सभी लोगों का विवरण एकत्र करेगा।
मोबाइल नंबर के आधार पर, इन सभी होम क्वारन्टाइन उपयोगकर्ताओं को जीपीएस के माध्यम से पता लगाया जाएगा। होम क्वारंटाइन घर से 10 मीटर की दूरी पर होगा और तुरंत नगरपालिका को सूचित किया जाएगा और होम क्वारन्टाइन में रहने के लिए कॉल किया जाएगा। नगर आयुक्त बंछानिधि पाणि ने कहा कि अगर अभी भी उल्लंघन हुआ तो पुलिस शिकायतकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करेगी। गौरतलब है कि शनिवार को नगर पालिका ने तीन लोगों को गृह क्वारन्टाइन का उल्लंघन करने के लिए नोटिस जारी किया था और लिखित में 25 हजार से 75 हजार तक की सजा सुनाई थी।