पुलिस के डर से भागे युवक को लोगों ने समझा चोर!


सूरत
पुलिस का नाम सुनते ही अच्छे अच्छे को पसीना छूट जाता है, तो सामान्य आदमी की क्या हालत होगी समझ सकते होग। शनिवार को पुलिस के डर से एक युवक एक घर पर ऊपर चढ़ गया। उसकी हालत देखकर कुछ उसे लोग चोर समझने लगे। आसपास के लोगों के बुलाने के बाद घटनास्थल पर पहुंची और उसने चोर को उतारा तो उस युवक ने जो बताया वह सुनकर आप दंग रह जाएंगे।

युवक का कहना था कि वह गोडदरा क्षेत्र में रहता है और नौकरी पर बेगमपुरा क्षेत्र में जा रहा था। उस दौरान पुलिस ने उसे जांच के लिए रोक लिया। डर के मारे दौड़कर युवक नजदीक में बन रहे नए भवन की छत पर चढ़ गया। लोगों ने उसकी परिस्थिति देखकर उसे चोर समझ लिया और चिल्लाने लगे। कुछ लोग उसे नीचे उतारने के लिए ऊपर भी चढ़ गए।


पुलिस का ख़ौफ़ सामान्य आदमी में कितना है इस घटना से साबित हो रहा है। बताया जा रहा है कि इस युवक को पुलिस में पकड़कर हिरासत में ले लिया और उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस को शक है कि युवक झूठ बढ़ रहा है। फ़िलहाल पुलिस में वहाँ जहां काम करता है वहाँ के लोगों से पूछताछ शुरू की है।

रेडजॉन के बाहर 585 यूनिट शुरू करने की ईजाजत मिली!!
सूरत के लोगों के लिए अच्छी खबर है।लॉकडाउन के कारण पचास दिन से अधिक दिनों तक कारख़ाने बंद रहने के बाद ज़िला उधोग केन्द्र के डिप्टी कमिश्नर के मंज़ूरी के बाद 485 यूनिट फिर से शुरू हो गए। इन्हें कई शर्तों के साथ मंज़ूरी दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार सूरत जिला उद्योग केंद्र के डिप्टी कमिश्नर ने सूरत के रेडजॉन के अलावा 585 इकाइयों को खोलने की अनुमति दी है। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए सचिन ने जीआईडीसी के पूर्व सचिव मयूर गोलवाला ने कहा कि जीआईडीसी में 185 इकाइयां चालू हैं। इसमें 20 लूम्स इकाइयां भी शामिल हैं। 15 मई को, सूरत जिले में 585 इकाइयाँ शुरू की गई हैं। यह यूनिट शुरू हो जाने से श्रमिकों के पलायन पर रोक लगेगा।


जिला उद्योग केंद्र को कुल 585 आवेदन इकाइयां शुरू करने के लिए मिला है। जिसमें शहर-जिले में कुल 310 इकाइयाँ शुरू की गई हैं। सचिन जीआईडीसी में मांगी गई 419 इकाइयों में से 185, पांडेसरा में 12 में से 11, इच्छापोर -भाटपोर में 61 में से 42, सूरत अेपेरल पार्क में 8 में से 6, हजीरा में 26 में से 17, बारडोली में 6 में से 6, ओलपाड में 8 में से 8 और सचिन सेज में 45 में से 35 इकाइयां चालू हैं। इन सभी इकाइयों में कुल 17,840 कर्मचारी काम कर रहे हैं।

लॉकडाउन 4.0 में क्या शर्ते हो सकती है! जानिए


सूरत
बीते 50 दिनों से अधिक समय से लॉकडाउन के कारण लोगों को रविवार को लॉकडाउन में क्या नया होने वाला है इसका इंतजार है। लोग यह जानना चाहते है कि वह जहां रहते हैं वहां लॉकडाउन से आजादी मिलेगी या नही। हालाकि अभी तक मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के संकेत हैं कि लॉकडाउन 4.0 सोमवार से शुरू होगा और 31 मई तक चलेगा। सूत्रों के मुताबिक, लॉकडाउन 4.0 की सभी कवायद पूरी हो चुकी है और गृह मंत्रालय किसी भी समय नए दिशानिर्देशों की घोषणा कर सकता है। 

हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया और लोगों से लॉकडाउन बढ सकने का संकेत भी दिया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान लॉकडाउन बिल्कुल नया होगा यह भी कहा था। इसलिए लोगों को रविवार को क्या घोषणा होती है इसका इंतजार है।


बताया जा रहा है कि भारत में जिस तरह से कोरोना के केस बढ रहा है उसे देखते हुए लॉकडाउन से आजादी मिल पाना मुश्किल है। देश में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 80 हजार के पार हो चुकी है। महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में से हर रोज ब़ड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव आ रहे हैं इसलिए सरकार फूंक फूक कर कदम उठा रही है। सरकार दूसरे देशों को देखकर सतर्क हो गई है। इसलिए सरकार लॉकडाउन में छूट तो देगी लेकिन कई शर्त रख सकती है।


माना जा रह है कि इस लॉकडाउन 4.0 में  राज्यों को केंद्र से छूट दी जा सकती है। ग्रीन जोन में वाहन लेनदेन और उद्योगों के साथ-साथ बसों और टैक्सियों की अनुमति दी जा सकती है।नागरिकों को अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखना होगा। मास्क पहन कर और सेनेटाइजर लेकर निकलना होगा।
घरेलू उड़ानों के लिए चयनित मार्गों पर विचार किया जाएगा। अर्थव्यवस्था पर जोर दिया जाएगा। पैसेंजर ट्रेन नहीं चलेगी लेकिन स्पेशल ट्रेन और लेबर ट्रेन पहले की तरह चलेंगी। रेड जॉन या ओरेंज जोन को छूट नहीं मिलेगी। बाजार या भी़डभाड वाली जगह आदि खोलने की छूट नहीं दी जाएगी। 

यूपी में पैदल या ट्रक में जाने पर नहीं मिलेगा प्रवेश!

उत्तर प्रदेश के ओरैया में शनिवार की हुई घटना के बाद यूपी सरकार ने अन्य राज्यों से आने वाले लोगों के लिए नियम और सख्त बना दिए है। मुख्यमंत्री योगी ने  किसी भी यात्रा करने वाले नागरिकों को पैदल, अवैध या असुरक्षित वाहनों में यात्रा करने की अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया है।

उत्तर प्रदेश में शनिवार तडके राजस्थान से जा रहे 16 श्रमिकों की मार्ग दुर्घटना में मौत हो गई। इसके बाद से प्रशासन हरकत में आ गया है। फिलहाल इन दिनों प्रतिदिन हजारो की संख्या में लोग पैदल, सायकल, टु-व्हीलर या अन्य वाहनो से यूपी जा रहे हैं।

 प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने ओरैया सड़क दुर्घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे किसी भी यात्रा करने वाले नागरिक को अवैध रूप से प्रवेश नहीं करने दें।
उत्तर प्रदेश में अब तक 449 ट्रेनें आ चुकी हैं। यह पूरे देश में सबसे ज्यादा संख्या है। इन ट्रेनों से 5 लाख 64 हजार लोगों ने यात्रा की है। 75 ट्रेनें शनिवार को ही पहुंचेंगी। उल्लेखनीय है कि इन  दिनो कई राज्यों से श्रमिक वतन जा रहे है।

जिन लोगों को टिकिट नहीं  मिल रहा वह पैदल, साइकिल या ट्रक आदि में आ रहे है ऐसे में बीते दिनो मार्ग दुर्घटना आदि के मामलों में कई लोगों को जान गंवानी पडी है।इसके  चलते राज्य सरकार अब कड़े निर्णय ले रहे हैं।

चलती ट्रेन में प्रसव पीड़ा से तड़पती रही महिला !!

सूरत
देशभर में लॉकडाउन के कारण शहरों में फँसे श्रमिक अपने गाँव की ओर निकल पड़े है। जिन लोगों के पास जैसी व्यवस्था है उसी व्यवस्था के बीच वह शहर छोड़ देना उचित मान रहे है। ऐसे मे बीच रास्ते में ही कई घटनाए होने की जानकारी भी सामने आ रही है। दो दिन पहले ही सूरत से पैदल ही निकले दंपति को रास्ते में प्रसूति होने की घटना सामने आई थी। आज ट्रेन में यूपी जा रही महिला को डिलीवरी की जानकारी आ रही है।
गुजरात से इन दिनों बड़ा संख्या में लोग गांव जा रहे है। गुजरात के सूरत में कामधंधा बंद होने से श्रमिक यहाँ से पलायन कर रहे है।

हाल में ही सूरत से आजमगढ़ जिले में पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन में एक महिला ने बिना डॉक्टर-नर्स के ही बच्ची को जन्म दिया। इस दौरान वहाँ कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण ट्रेन की बोगी में मौजूद दो अन्य महिलाओं ने साहस दिखाया और उसकी मदद की। अच्छे से डिलीवरी के बाद ट्रेन आजमगढ़ पहुंचने पर मां-बेटी की थर्मल स्क्रीनिंग के बाद दोनों स्वास्थ्य होने पर दोनों को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।


मिली जानकारी के अनुसार दीनानाथ रोजीरोटी के लिए गुजरात के सूरत में परिवार के साथ रहता था। वह जमगढ़ जिले के विकास खंड सठियांव का निवासी है। वह यहाँ पर नौकरी कर गुजरान चलाता था। लॉकडाउन के कारण डेढ महीने से बेरोज़गार था।! इन दिनों उसकी पत्नी गभर्वती थी और डिलेवरी का अंतिम समय चल रहा था। लॉकडाउन के चलते बृहस्पतिवार को सूरत से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में अपनी गर्भवती पत्नी चंद्रकला को लेकर आ रहा था।

सूरत से आजमगढ के लिए ट्रेन में बैठने के बाद रास्ते में देर रात 11 बजे चंद्रकला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। चलती ट्रेन में डॉक्टर व नर्स की तो कोई व्यवस्था थी नहीं। चंद्रकला प्रसव पीड़ा से ट्रेन में ही तड़पने लगी। इस बीच बोगी में बैठी दो अन्य महिलाएं आगे आई और उसे नार्मल डिलेवरी के लिए मदद की। रात 12 बजे चलती ट्रेन में ही चंद्रकला ने एक बेटी को जन्म दिया।
जैसे ही बेटी की किलकारियाँ गाड़ी में गुंजने लगी वैसे ही बोगी में लोगों के चेहरे पर ख़ुशियाँ छा गई। मा और बच्ची दोनों ही स्वस्थ्य है। दोनों को ज़िले अस्पताल ले ज़ाया गया और दोनों को दाखिल कर लिया गया।

पिता, पुत्र और माता तीनो का कोरोना रिपोर्ट पोजिटिव!!


सूरत:
सूरत महानगर पालिका की ओर से कोरोना की रोकथाम के लिए एडीचोटी का जोर लगाया जा रहा है, लेकिन शहर में कोरोना थमने का नाम नहीं ले रहा है। शहर में कोराना का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। शहर में कोरोना पॉजिटिव  कुल संख्या 841 तक पहुंच गई है। अब तक शहर के लगभग ज्यादातर क्षेत्रों से कोरोना के मरीज दर्ज हो चुके है। इन दिनों  भटार क्षेत्र क्षेत्र में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से समग्र क्षेत्र मे भय का माहौल है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, भटार क्षेत्र के बीके पार्क सोसायटी में रहने वाले एक ही परिवार के तीन सदस्यों की रिपोर्ट  पॉजिटिव है। बीके पार्क सोसायटी में रहने वाले इस परिवार मे पहले पिता की रिपोर्ट सकारात्मक थी। फिर उनके बेटे की रिपोर्ट भी सकारात्मक आई और फिर उनकी पत्नी की रिपोर्ट भी सकारात्मक आई। इस कारण स्थानीय क्षेत्र में में भय का माहौल है। बीके पार्क सोसायटी के 52 वर्षीय विष्णुभाई पटेल ने कोरोना का रिपोर्ट सबसे पहले पॉजिटिव आया था इसके बाद उनके पुत्र नमूने दिए। शनिवार को  उनकी पत्नी रामिलाबेन पटेल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। एक ही परिवार के तीन सदस्यों की रिपोर्ट सकारात्मक थी और दहशत का माहौल बना। तंत्र द्वारा संपूर्ण बीके पार्क सोसायटी को अलग कर दिया गया है। सूरत शहर में कोरोना पॉजिटिव मामले बढ़ रहे हैं।

 शनिवार शाम को33 और सकारात्मक मामले सामने आए। और शहर में सकारात्मक मामलों की कुल संख्या 841 तक पहुंच गई है। साथ ही सूरत शहर में रिकवरी दर बढ़ रही है। इसलिए सिस्टम को थोड़ी राहत मिली है। लेकिन कोरोना के सकारात्मक मामले शहर के विभिन्न क्षेत्रों से आ रहे हैं।

आयकर अधिकारियों को निर्देश- मत भेजो नोटिस !!


सूरत
देश भर में महामारी का माहौल है। बड़े बड़े कोर्पोरेट अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहे है। संभवत: कोरोना के बाद कई व्यवसायियों को इस समस्या से उबर पाना मुश्किल हो। लोग कोरोना के कारण पहले से परेशान हैं। ऐसे में आयकर विभाग उनकी समस्या का कारण नहीं बनना चाहता।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे बोर्ड की मंजूरी के बगैर सामान्य मामलों में करदाताओं को न तो नोटिस जारी करें और न ही उन्हें कोई जांच नोटिस भेजें। सीबीडीटी का मानना है कि इस तरह का कोई भी नोटिस महामारी के इस दौर में करदाताओं की चिंता बढ़ा सकता है।
आयकर विभाग बीते साल अपने निर्धारित लक्ष्य तक नहीं पहुँच सका था। आयकर विभाग के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष मे भी लक्ष्य को पाना मुश्किल होगा। इसके मद्देनज़र विभाग ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए कुछ योजना बनाई है। फ़िलहाल विभाग ने अपने आगामी क्वार्टर में किसी करदाता को सीबीडीटी की सूचना बिना नोटिस नहीं देने को कहा है। आप को बता दें कि पिछले दिनों आयकर विभाग के
आईआरएस अधिकारियों के एक समूह ने तैयार किए एक रिपोर्ट की बड़ी किरकिरी हुई थी। इस रिपोर्ट के कारण लोगों में घबराहट और कर नीति को लेकर ऐसे समय में अनिश्चितता का माहौल बन गया था।

सीबीडीटी ने निर्देश में स्पष्ट किया है कि आय छिपाने के मामले से निपटने और रिटर्न फाइलिंग संबंधी सभी पात्र मामलों का काम 30 जून तक किया जाना चाहिए। ये नोटिस बोर्ड की तरफ से नई सूचना के बाद ही भेजे जाने चाहिए।’
अधिकारियों का कहना है कि देश में कोरोना के कारण व्यापार धंधा बेद है। मौजूदा स्थिति पर विचार करते हुए हम कर राहत के कुछ कदम उठाने जा रहे हैं, जिससे कारोबार पर असर कम किया जा सके।

इस तरह के किसी कम्युनिकेशन से करदाता पर दबाव पड़ सकता है और इससे अनावश्यक घबराहट हो सकती है। जो कि विभाग नहीं चाहता। नई व्यवस्था में पहले ही अधिकारियों को करदाता के साथ कम्युनिकेशन के लिए जवाबदेह बनाया गया है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान इस तर का कम्युनिकेशन बोर्ड की सहमति के बगैर नहीं किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि देशभर में कोरोना के कारण व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है ऐसे में व्यापार उधोग के संगठन भी आयकर विभाग से राहत चाहते है।

मध्यप्रदेश में टॉयलेट में क्वारन्टाइन किया गया परिवार!!!

सूरत
मध्यप्रदेश के एक आदिवासी परिवार को टॉयलेट में क्वारंटाइन किए होने का फ़ोटो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। फ़ोटो में एक युवक टॉयलेट में भोजन करते दिख रहा है और उसके समीप उसकी पत्नी खड़ी है।
चर्चा है कि मध्य प्रदेश के गुना जिला के देवीपुरा गांव में सहारिया आदिवासी परिवार को कथित तौर पर एक विद्यालय के टॉयलेट में क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि राजगढ़ जिला से वापस आए इस परिवार को 14 दिनों के लिए टॉयलेट में ही क्वॉरेंटाइन रखने को कह दिया गया है। सोशल मीडिया पर टॉयलेट में क्वॉरेंटाइन किए गए परिवार की फोटो खूब चल रही है। कांग्रेस पार्टी ने इस घटना को लेकर भाजपा के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधा है और कड़ी आलोचना की है।
आपको बता दें कि सिंधिया बीते मार्च महीने में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व की सरकार गिर गई और भाजपा के शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन गए। सिंधिया 2019 में लोकसभा के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के पी यादव से हार चुके हैं। इसके पहले वह गुना लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते थे।

आरोप लगाया जा रहा है कि भैयालाल सहारिया, पत्नी भूरी बाई और दो बच्चे शुक्रवार को अपने गांव देवीपुरा वापस आए थे। ग्रामीणों ने उन्हें गांव में प्रवेश देने से इनकार कर दिया था। ग्रामीणों का कहना था कि पहले उनका टेस्ट हो जाना चाहिए। स्थानीय प्रशासन ने परिवार को रात को प्राइमरी स्कूल में रुकने के लिए कहा रविवार सुबह जब स्वास्थ्य और जिला प्रशासन की टीम स्कूल पहुंची तो भैयालाल सहरिया को टॉयलेट के अंदर भोजन करता देख आश्चर्यचकित रह गई।

एक अधिकारी ने फोटो लेकर स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया तब तो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसके बाद प्रशासन की ओर से खुलासा किया गया है कि भैयालाल स्कूल में दारू पीने के बाद नशे में आ गया था। परिवार को रहने के लिए योग्य व्यवस्था है वह टॉयलेट में नहीं क्वॉरेंटाइन किए गए थे।
हालाकि अभी तक इस घटना को लेकर सत्य सामने नही आ सका है लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल फ़ोटो ने लोगों में तरह तरह की चर्चा फैला दी है।

लॉकडाउन में फँसी नवविवाहिता ने फाँसी लगाई!

सूरत

पांडेसरा के कर्मयोगी सोसायटी में रहने वाली 21 वर्षीय वैशाली राकेश सालुंके ने शुक्रवार को पंखे से साडी बांधकर आत्महत्या कर ली ।बताया जा रहा है कि वैशाली की शादी 8 मार्च को कडोदरा में रहने वाले राकेश के साथ हुई थी ।शादी के दो दिन बाद वैशाली अपने मायके कर्मयोगी सोसायटी में आयी थी ।13 मार्च को वैशाली के पति राकेश के दादी की महाराष्ट्र में मौत हो जाने उसके सासु, ससुर तथा माता पिता गाँव गए थे । इस दौरान लॉकडाउन के कारण वह महाराष्ट्र में रुक गए ।वैशाली अपने दो भाई और भाभी के साथ यहीं पर थी ।प्राथमिक जाँच के दौरान बताया जा रहा है कि वैशाली भी गाँव जाना चाह रही थी, लेकिन कोई विकल्प नहीं होने के कारण वह फंस गई भी ।शुक्रवार को उसने पंखे से साडी बॉधकर आत्महत्या कर ली।घटना के बारे में अधिक जाँच पुलिस ने शुरू की है।

यूपी जा रही गाड़ियों को वडोदरा में रोकी
लॉकडाउन के दौरान व्यापार धंधा बंद हो जाने से रोज़ी रोटी चलाने में हो रही दिक़्क़त से परेशान प्रवासी अब अपने वतन की ओर लौट रहे हैं, जिसको जो व्यवस्था मिल रही है वह उस व्यवस्था के उसके अनुरूप वतन के लिए निकल रहे हैं । ऐसे मेंशुक्रवार की रात सूरत से यूपी के लिए निकली कुछ गाड़ियों को वडोदरा में रोक लिया गया है। दोपहर तक प्रशासन वह नियमानुसार आई है या नहीं इसकी जाँच में जुटा है।
बताया जा रहा है कि गाड़ी रोक लेने के कारण सूरत के सैकड़ों लोग रास्ते में फँस गए है।

मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की शाम सूरत के डिंडोली सहित कई क्षेत्रों में बडी संख्या में लोग बस और टु व्हीलर पर वह वतन के लिए निकले थे उन्हें मध्यरात्रि के दौरान वड़ोदरा के सीमा में रोक कर जाँच पड़ताल की गई और इन्हीं कारणों से पहले भी रोक कर रखा गया था। बताया जा रहा है कि उनके पास जो परमिशन था उस पर प्रशासन को शक होने के कारण उन्हें शनिवार को भी दोपहर तक रोका गया । प्रशासन फ़िलहाल पर परिमशन की सत्यता की जाँच में जुट गया है ।

यूपी, बिहार का इंतज़ार ओडिशा के लिए शनिवार से ट्रेन की उम्मीद


सूरत
सूरत में बसनेवाले ओडिशावासियों के लिए बड़ी ख़बर है ।लॉकडाउन में फँसे ओडिशा वासियों को ले जाने के लिए सूरत से रेलवे विशेष ट्रेन चलाएगी शनिवार को 4 बजे पर पहली ट्रेन रवाना होने की उम्मीद है। हालाँकि अभी तक यूपी, बिहारवासियों के लिए ट्रेन की कोई घोषणा नही की जाने से वहाँ के लाखों श्रमिक निराश हैं।

मिली जानकारी के अनुसार शहर में रहने वाले ओड़िशावासी लॉकडाउन के कारण शहर में फँस गए है। सूरत में टेक्सटाइल, एम्ब्रॉयडरी और हीरा उद्योग बंद हो चुका है ऐसे में लगभग सात लाख उड़ीसा के प्रेमी बेरोज़गार हो गए हैं ।शुरू में तो कुछ दिनों उन्होंने काट लिए लेकिन , अब उनके पास नक़द जमा पर जाने के कारण जीवन यापन मुश्किल हो गया है। सामाजिक संस्था और राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली मदद पर जीवन चला रहे हैं ।ऐसे में उन्होंने राज्य सरकार से अपने वतन जाने की गुहार लगायी थी ।कई दिनों से उनकी माँग के बाद गुरुवार को आगे उनकी माँग स्वीकार कर ली गई ।रेलवे की ओर से शनिवार को चार बजे ओडिशा के लिए विशेष ट्रेन रवाना होने की उम्मीद है।

आपको बता दें कि सूरत में लूम्स और एम्ब्रॉयडरी कारख़ाना में काम करने वाले हीरा कर्मी को भी 5,00,000 से अधिक है।
उल्लेखनीय है कि ज ट्रेन शनिवार को चलने की उम्मीद है वह शुक्रवार को ही जानेवाली थी, लेकिन कलक्टर और रेलवे डीआरएम के किन्ही कारणों से कुछ मुद्दे पर निर्णय नहीं हो पाने से ट्रेन को एक दिन विलंब हो गया।इस बीच प्रशासन ने गुरूवार को बड़े पैमाने पर श्रमिकों को उनके क्षेत्रों से रेलवे स्टेशन पर बुलाने की के लिए बीआरटीएस बस की व्यवस्था की जा रही है।

कोरोना को लेकर आई कुछ अच्छी खबर पढें…


सूरत
कोरोना के कारण भय में जी रहे सूरत के लोगों के लिए थोडी राहत के समाचार हैं। सूरत में कोरोना के संक्रमितों की संख्या के डबलिंग रेशियों में सुधार आने की जानकारी मनपा कमिश्नर ने गुरुवार को दी। 

आयुक्त ने कहा कि अब तक कोरोना का डबलिंग रेशियो, जो पांच दिन था,  वह बढ रहा है। पहले वह पांच दिन का था, धीरे धीरे सात दिन का हुआ फिर नौ दिन का और अब 12 दिन हो गया है। जो शहर के लिए अच्छी खबर है। उन्होंने आगे कहा कि आज शहर में 13 और पॉजिटिव मरीज आए हैं और कोरोना क के कुल मरीजों की संख्या 594 तक पहुंच गई है। जिनमें से 39 रोगियों को अब तक छुट्टी दे दी गई है उसमें 16 की वृद्धि हुई है। कुल 55 रोगियों को आज छुट्टी दी गई है,  कोरोना के कारण भर्ती मरीजों को छुट्टी देने के दर में भी 14 प्रतिशत तक सुधार हुआ है।

उन्होंने बताया कि गुरुवार को लिंबायत में से तीन मरीज आए। अब तक सबसे अधिक कोरोना के मरीज लिंबायत से ही दर्ज हुए हैं जो कि कुल 234 हैं। इसके बाद सेन्ट्रल जोन में 88 और वराछा जोन में कोरोना पीडितों की संख्या 71 है।

अब तक कुल 11220 केस की जांच हुइ है। इसमें से 594 पॉजिटिव आए हैं। 10341 केस नेगेटिव आए है। सूरत महानगर पालिका ने स्लम क्षेत्रों में कोरोना के बढते केसों को देखते हुए अब ज्यादा ध्यान स्लम क्षेत्रों मे दिया है और अब तक कुल 26 फीवर क्लीनिक स्लम क्षेत्रों में खोले जा चुके हैं। मनपा आगामी दिनों में 100 एमबीबीएस डॉक्टर्स की भर्ती करेगी।

सूरत मनपा शहर में अब कोरोना से मरीज़ों की संख्या के अनुसार शहर को रेड ज़ोन, ओरेंज ज़ोन और ग्रीन ज़ोन में बाँटने जा रही है। जिस क्षेत्र में ज़्यादा मरीज होगें वह रेड ज़ोन जहां कुछ कम मरीज होंगे वह ओरेंज और जहां मरीज नहीं है वह ग्रीन ज़ोन में दर्शाया जाएगा। रेड ज़ोन को लॉकडाउन के कोई छूट नही दी जाएगी।