डेढ लाख व्यापारी वैक्सिन से वंचित, 30 अगस्त तक समय बढ़ाने की माँग

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शहर के व्यापारियों के लिए शनिवार को टीकाकरण का आखिरी दिन है। चूंकि 1.5 लाख से अधिक व्यापारियों को अभी तक टीका लगाया जाना बाकी है। इसलिए अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर टीकाकरण की अवधि 30 अगस्त तक बढ़ाने की मांग की है।


शहर में जहां अभी डेढ़ लाख से अधिक व्यापारियों का टीकाकरण होना बाकी है, वहीं शहर में टीकाकरण की गति धीमी पड़ रही है, जिससे व्यापारियों व उनके कर्मचारियों को टीका नहीं लग पा रहा है.सरकार ने व्यापारियों को 31 जुलाई तक टीकाकरण अनिवार्य करने का निर्देश दिया था, लेकिन अखिल भारतीय व्यापारियों के परिसंघ ने टीकाकरण को 31 अगस्त तक बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री विजय रूपानी को एक आवेदन प्रस्तुत किया है क्योंकि टीका उपलब्ध नहीं है।


कैट के अध्यक्ष प्रमोद भगत के मुताबिक, ”शहर के 1.5 लाख व्यापारियों का टीकाकरण बाकी है. एक तरफ सरकार अनिवार्य टीकाकरण पर जोर दे रही है और दूसरी तरफ पर्याप्त वैक्सीन नहीं है।

शुक्रवार को 22,668 का टीकाकरण किया गया। इससे व्यापारियों को ग्रीन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी। शनिवार को कुल 107 केंद्रों पर टीकाकरण किया जाएगा और गर्भवती बहनों के लिए 8 केंद्रों पर सुविधा होगी.

ऐसे कैसे कोरोना से बचेंगे? शहर में शुक्रवार तक बंद रहेगा टीकाकरण

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एक ओर कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए सरकार सभी को वैक्सिन जल्दी लेने के लिए अपील कर रही है।दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से कोरोना वैक्सीन नहीं उपलब्ध होने पर बुधवार को शहर के सभी 230 टीकाकरण केन्द्र बंद थे।

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आगामी दो दिनों तक बंद रहने की आशंका है।गुरूवार और शुक्रवार को भी सभी टीकाकरण केन्द्रो पर वैक्सीनेशन नही होगा। 1 मई को सरकार ने 18 से 44 वर्ष आयुवाले युवाओं को रजिस्ट्रेशन करके कोरोना का टीका लगाना शुरू किया था । 21 जून 2021 से स्पोट ऑन रजिस्ट्रेशन द्वारा कोरोना का टीका लगाना शुरू हुआ जिससे सूरत के युवा वर्ग में टीकाकरण को लेकर भारी उत्साह देखा था ।

सूरत महानगरपालिका ने अब स्पोट रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू करने पर 18 साल से अधिक उम्र वाले जो भी लोग वैक्सीन सेन्टर पर आयेगे उन्हे कोरोना का टीका लगाया जायेगा। पिछले तीन दिनों से राज्य सरकार द्वारा सूरत शहर के लिए वैक्सीन कम आवंटीत करने से वैक्सीनेशन कार्य बाधित हुआ है।

बुधवार को सूरत शहर के विभिन्न सरकारी और निजी टीकाकरण सेन्टरों में टीकाकरण बंद रहा। गुरूवार और शुक्रवार के लिए भी वैक्सीन आवंटीत नही होने से महानगरपालिका ने शहर के सभी वैक्सीन सेन्टर पर कोरोना टीकाकरण का काम स्थगित रखा है। वैक्सीन का स्टोक मिलने के बाद ही टीकाकरण अभियान शुरू हो पायेगा।

भारत की कोवैक्सिन को WHO और 30 देशों की मंजूरी जल्दी मिलने की उम्मीद

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वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन की ओर से भारत की कोरोना की वैक्सिन कोवैक्सिन को मंजूरी नहीं दिए जाने के कारण जो लोग कोवैक्सिन लगवा चुके हैं और जिन्हे विदेश जाना है। वह असमंजस में हैं। इस बीच एक नई खबर सामने आ रही है जिसमें कि बताया गया है कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन को जुलाई से सितंबर के बीच वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) से इमरजेंसी यूज की मंजूरी की उम्मीद है। पिछले यह मामला सामने आने के बाद भारत बायोटेक इसके लिए वर्ल्ड स्वास्थ्य संगठन में अप्लाई कर चुकी है। यदि मंजूरी मिल जाती है तो सितंबर से कोवैक्सिन लगवा चुके लोग भी विदेश यात्रा कर सकेंगे।

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कंपनी ने बताया कि अप्रूवल के लिए WHO-जिनेवा में एप्लीकेशन दी गई है। कोवैक्सिन को अब तक 13 देशों में मंजूरी मिल चुकी है। ज्यादातर देश अपने यहां आ रहे लोगों के वैक्सीनेशन पर जोर दे रहे हैं। जिन्हें टीका नहीं लगा है, उनके लिए RT-PCR टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट के साथ यात्रा कर सकते है। उल्लेखनीय है कि अभी तक भारत की कोविशिल्ड को ही मंजूरी दी गई थी। इस कारण जिन लोगों ने को वैक्सिन ले लिया है और आगामी दिनो में विदेश जाना है वह चिंतित है। विशेष तौर से पढाई के लिए जाने वाले विद्यार्थी परेशान है क्योंकि यदि को वैक्सिन को मंजूरी नहीं मिलती को कई लोगों को अपनी पढाई का छ महीना या साल बिगाडना पड़ सकता है।

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कोवैक्सिन को अब तब WHO ने अप्रूव नहीं किया है। विदेशी यूनिवर्सिटी और कई देशों ने ऐसे नियम बनाएं हैं कि WHO से अप्रूव वैक्सीन लगवा चुके लोगों को बिना पाबंदियों के विदेश यात्रा करने की छूट होगी। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित विदेशी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले वे बच्चे होंगे, जिन्होंने भारत में कोवैक्सिन लगवाई है। इससे पहले केंद्र सरकार ने सोमवार को विदेश जाने वाले लोगों के लिए वैक्सीनेशन को लेकर नई गाइडलाइन जारी की थी। नए SOP के तहत विदेश में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स 28 दिन के बाद कभी भी कोवीशील्ड की दूसरी डोज ले सकेंगे।

इससे पहले यह नियम 84 दिन यानी का था। देश में रहने वाले लोगों के लिए यह नियम लागू नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि कई राज्यो में भी विदेश जाने वाले विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वैक्सिनेशन के नियम में थोड़ा परिवर्तन किया गया है। कुछ राज्यों में स्पेशल व्यवस्था की गई है। कुछ दिनों पहले ही गुजरात और महाराष्ट्र में विदेश जाने वाले विद्यार्थियों के लिए वैक्सिनेशन की व्यवस्था की गई थी। नए निर्देशों के अनुसार विदेश यात्रा के लिए सिर्फ कोवीशील्ड वैक्सीन लेने वालों को ही वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिया जाएगा। वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पासपोर्ट नंबर का जिक्र अनिवार्य होगा। ये सुविधा 18 साल से ऊपर के उन लोगों के लिए है जो 31 अगस्त तक विदेश यात्रा करेंगे।

सावधान: कोरोना वैक्सिन के रजिस्ट्रेशन के लिए फोन आए तो एक बार सोच लें


कोरोनाकाल में लोगों के पास कोरोना से बचने के लिए सिर्फ एक वैक्सिन ही विकल्प है। कई लोगों का रजिस्ट्रेशन सरलता से हो जाता है और कई लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में साइबर क्राइम अपराधी उन्हें अपना शिकार बना रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट्स की सलाह है कि अगर कोई वैक्सीन रजिस्ट्रेशन के लिए कॉल करे तो सावधान रहें और धोखाधड़ी से बचें। क्योंकि स्लॉट बुक करने के लिए व्यक्ति को स्वयं पंजीकरण करना पड़ता है। अगर आपको वैक्सिन पंजीकरण के बारे में कॉल आती है तो सावधान रहें क्योंकि आप धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं।

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सोशल मीडिया के एक्सपर्ट का कहना है कि वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन आरोग्य सेतु ऐप या को-विन वेबसाइट पर होता है। वैक्सीन रजिस्ट्रेशन को खुद ही करना होगा। सरकार की ओर से किसी को भी वैक्सीन रजिस्ट्रेशन के लिए नहीं बुलाया जाता है। स्लॉट बुक की गई जानकारी फोन द्वारा नहीं बल्कि संदेश द्वारा प्रदान की जाती है। वैक्सीन पंजीकरण के रूप में किसी भी प्रकार का कोई भुगतान नहीं लिया जाता है।

कोरोना टीकाकरण के लिए प्राप्त प्रमाण पत्र को सोशल मीडिया पर साझा करने से बचना चाहिए। यह आपको आर्थिक रूप से बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। वजह जानकर आप चौंक जाएंगे। कोरोना का टीकाकरण प्रमाण पत्र आधार कार्ड, पैन कार्ड, मोबाइल नंबर सहित नागरिक का विवरण दिखाता है। जो आपके बैंक खाते से जुड़ा हुआ है। जिसके इस्तेमाल से कोई साइबर अपराधी आपको आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है।


सोशल मीडिया पर नए-नए ट्रेंड आ रहे हैं। सोशल मीडिया का इस्तेमाल कुछ बिजनेस के लिए करते है, कुछ एंटरटेनमेंट के लिए, कुछ गॉसिप के लिए, कुछ नए दोस्तों के लिए। व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब जैसे ऐप के जरिए लगातार एक-दूसरे के संपर्क में हैं। आजकल लोग सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। कोई भी लिंक ‘क्लिक करने से पहले सोचें, पोस्ट करने से पहले सोचें, चैट करने से पहले सोचें’। सोशल मीडिया पर एक बार पोस्ट, स्टेटस या फोटोग्राफ पोस्ट हो जाने के बाद वह हमेशा के लिए रहता है, इसलिए इसका उपयोग बहुत सावधानी से और विशेष देखभाल के साथ किया जाना चाहिए। सोशल मीडिया के नुकसान के साथ-साथ इसके उचित उपयोग पर मार्गदर्शन प्राप्त करके साइबर अपराध को रोका जा सकता है।

गुजरात सरकार ने gujaratcybercrime.org नाम से एक वेबसाइट लॉन्च की है, जिस पर आप साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आप केंद्र सरकार की वेबसाइट Cybercrime.gov.in पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। गुजरात में साइबर सुरक्षा के लिए ‘विश्वास’ और ‘अश्वस्त’ प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। अहमदाबाद साइबर क्राइम में अलग-अलग यूनिट काम कर रही हैं। ताकि साइबर अपराध के शिकार व्यक्ति की समस्या का तत्काल समाधान किया जा सके.

कोई वैक्सिन पा नहीं रहा और कहीं वैक्सिन वेस्टेज में जा रहे, यहां बिगड़ रहे सबसे ज्यादा वैक्सिन

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कोरोना की तीसरी लहर बहुत ही घातक होगी इसलिए लोगों को वैक्सिन ले लेना चाहिए। ऐसा प्रचार किया जा रहा है। लोग भी वैक्सिन के लिए प्रयास कर रहे हैं लेकिन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के बाद अपाइन्टमेन्ट नहीं मिलने के कारण वैक्सिन नहीं मिल रहा। एक ओर लोगों को वैक्सिन की शोर्टेज का सामना करना पड़ रहा है और दूसरी ओर गुजरात के सूरत और सुरेन्द्रनगर में 25 प्रतिशत वैक्सिन बिगड जाने की जानकारी सामने आ रही है। यहां पर सबसे अधिक वैक्सिन बिगड़े हैं। सूरत के ग्राम्य क्षेत्रों में 23 प्रतिशत वैक्सिन बिगड़े है।

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राज्य सरकारों के पास वैक्सिन को सुरक्षित रखने के इंतजाम नहीं होने के कारण नुकसान हो रहा है। गुजरात में 2.31 लाख डोज नुकसान होने की जानकारी सामने आ रही है। केंद्र सरकार ने खराब हो गए हैं। नेशनल हेल्थ मिशन ने इस बारे में राज्यों को पत्र लिखकर सूचित किया है। साथ ही किस जिले में कितने वैक्सिन बिगड़े इसकी भी जानकारी दी है। जिसमें की सबसे अधिक वैक्सिन सुरेंद्रनगर और सूरत शहर में वेस्टेज हुआ है। यहां पर लगभग 25% वैक्सिन बिगड़ गए। अहमदाबाद में 5% वैक्सिन बिगड़े है।

एक ओर लोग वैक्सिन के लिए यहां से वहां दौड़ रहे हैं। घंटो भर अपॉइंटमेंट के लिए ऑनलाइन इंतजार कर रहे हैं और उनका नंबर नहीं आ रहा। दूसरी ओर वैक्सिन बिगड़ रहे हैं। यदि स्टोर करने के व्यवस्थित इंतजाम किए जाते तो वैक्सिन नही बिगडते। राज्य सरकार को केन्द्र की ओर से मिली सूचना के अनुसार यदि वेस्टेज कम नहीं किए गए तो वैक्सिनेशन सेन्टर घटा दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में वैक्सिन ट्रान्सपोर्टेशन, स्टोरेज की कमी तथा वायल खोलते समय जो सावधानी बरतनी चाहिए वह नहीं ध्यान में रखने के कारण बिगड़े हैं। सूरत के ग्राम्य क्षेत्रों में 23 प्रतिशत वैक्सिन बिगड़े है।

सूरत: एक साथ 1700 लोगों को वैक्सिन देने के लिए सेन्टर पहुंचने का मैसेज आया, फिर….

सूरत में इन दिनों 45 से अधिक उम्र वालों को दूसरा डोज दिया दा रहा है। गुरूवार को वेसू में मनपा की स्कूल में वैक्सिनेशन के दौरान धमाल हो जाने से पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इसके बाद शुक्रवार को पालिका ने यह फैसला किया कि जिनको वैक्सिन देना होगा। उन्हें पालिका की ओर से मैसेज किया जाएगा।

इसके अलावा अन्य लोगों को वैक्सिन नही दिया जाएगा। पालिका के नए फैसले के कारण शुक्रवार को लोगों को परेशान होना पड़ा। कई वैक्सिनेशन सेन्टर पर लोगों को लाइन लगाने के बाद निराश लौटना पड़ा तो सोनीफलिया सेन्टर पर एक साथ 1700 लोगों को वैक्सिन का मैसेज भेज दिए। इसके कारण बड़ी संख्या में लोगो वैक्सिन के लिए पहुंच गए और देर तक लाइनें लगाई। इस दौरान अंधाधूंधी फैल गई।

बताया जा रहा है कि पालिका की ओर से वैक्सिनेशन को लेकर नियम लगातार बदले जाने के कारण लोग परेशान है। आज जिन लोगों को परेशान होना पड़ा।उनमे से ज्यादातर लोगों को पता ही नही था कि पालिका की ओर से मैसेज आने के बाद ही वैक्सिन दिया जाएगा। लोगो की नाराजगी थी कि पालिका की ओर से बार बार नियम बदलने के कारण परेशानी होनी पड़ रही है।

उल्लेखनीय है कि गुरूवार को वेसू क्षेत्र में वैक्सिनेश सेन्टर पर कुछ लोगों को लाइन के बिना ही वैक्सिन दिए जाने के कारण कुछ लोगों नें हंगामा किया था। इसके बाद पालिका ने नियम बनाया कि जिसे मैसेज आएगा उसे ही वैक्सिन दिया जाएगा।

वैक्सिन के लिए गए लोगों पर लाठीचार्ज

एक ओर राज्य और केन्द्र सरकार वैक्सिन के लिए प्रयास कर रही है। जगह जगह पर वैक्सिन के लिए कैम्प चल रहा है। ऐसे में सूरत महानगरपालिका द्वारा वेसू प्राथमिक स्कूल में कोरना टीकाकरण सेन्टर की व्यवस्था की गई है। जहां कि कुछ कारण ले मामला बिगड़ने के कारण पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।


मिली जानकारी के अनुसार यहाँ पर सुबह से लोग वैक्सीन लगाने के लिए लंबी लाईन में खडे थे। वैक्सीन सेन्टर के कर्मचारीओं ने मात्र 80 लोगों को वैक्सीन लगेगी ऐसा कहने पर लाईन में लोगों ने आक्रोषित होकर हंगामा मचाना शुरू कर दिया। स्कूल में चल रहे टीकाकरण को लेकर लोगों में आशंका थी की मात्र 80 लोगों को टीका लगेने की जानकारी देने के बावजुद सरकारी कर्मचारी अन्य लोगों को पिछले दरवाजे से वैक्सीन दे रहे है।

कोर्पोरेशन के एक व्यक्ति द्वारा बाहर से लोगों को बुलाकर चोरी छुपी से बिना लाईन में खडे पिछले रस्ते से वैक्सीन लगाई जाने के आरोप के साथ लोग नाराज़ हो गए। स्थानिक लोग अधिक संख्या में एकत्रित हो कर वेक्सीन सेन्टर के अंदर पहुचकर वैक्सिन के लिए आए अधिकारियों से झगड़ने लगे।

खटोदरा पुलिस की टीम वेसु प्राथमिक स्कूल में पहुचकर पुलिस ने लोगों वहा से हटाने का प्रयास किया। वैक्सीन सेन्टर में लोगों और महानगरपालिका के कर्मचारीओं के बिच घर्षण रोकने के लिए लोगों को भगाने लाठीचार्ज का सहारा लिया। थानिय लोगों ने ऐसा भी आरोप लगाया की इस सेन्टर में वैक्सीन लगानेवाले लोग अपने जान पहचान के एजन्टो को फोन करके रूपये लेकर चोरी छुपी से वैक्सीन लगाते है।

मोबाईल पर व्यस्त नर्स ने दो बार महिला को लगा दिया कोरोना वैक्सिन!


देशभर में कई राज्यों में कोरोना संक्रमण फिर से तेजी से बढ़ रहा है। वैक्सिनेशन का कार्यक्रम भी तेजी से चल रहा है। ऐसे में कानपुर से एक आश्चर्यजनक घटना सामने आई है। जिसे सुनकर आप भी दांतो तले उंगली दबा लेंगे।

बात ऐसी है कि कानपुर में वैक्सिनेशन सेन्टर में कोरोना वैक्सिन लेने गई एक महिला को नर्स ने बात बात में भूल से दो बार कोरोना वैक्सीन लगा दिया। वैक्सिन लगने के बाद महिला ने नर्स का ध्यान इस ओर खींचा तब जाकर नर्स को ख्याल आया कि उससे गलती से दो बार वैक्सिन लग गई है। जब महिला ने अपने परिवार जनों को यह जानकारी दी तब परिवार जनों ने हॉस्पिटल पर जमकर हंगामा मचाया।

घटना के बारे में मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दो बार वैक्सीन जिसे दिया गया उनका नाम कमलेश देवी है। उन्होंने मीडिया को बताया कि नर्स किसी के साथ फोन पर बात करने में व्यस्त थी जब मुझे पहला डोज दिया गया तब उसे पता नहीं था कि कितना डोज लिया जाता है। इसलिए वह अपनी जगह पर बैठी थी। नर्स ने भी नहीं कहा कि हट जाओ। अचानक नर्स फिर से मेरे पास आई जिस हाथ पर इंजेक्शन दिया था उसी पर दोबारा इंजेक्शन दे दिया।

तब मैंने नर्स को पूछा कि क्या दो बार इंजेक्शन लगता है तो गुस्से में मुझे कहा कि तुम यहां से अभी तक गई नहीं। एक ही बार इंजेक्शन लेना था। कमलेश देवी ने मीडिया को बताया कि दो डोज लेने के बाद उसके हाथ में सूजन आ गई थी।

इसके बाद परिवार जनों ने वैक्सीनेशन केंद्र पर हंगामा मचाया और अधिकारी भी वहां आ गए थे और महिला को आश्वासन दिया। मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि इस बारे में सीएमओ कहा कि एक ही व्यक्ति को दो वैक्सिन नहीं देना चाहिए। यह संभव ही नहीं है। घटना की जांच के लिए एक टीम गठित कर दी गई है। डीएम को भी इस बारे में दे दी गई है।

कोरोना वैक्सिन लिए बिना ही वैक्सिन लिए होने का सर्टिफिकेट मिल गया

एक ओर लोग कोरोना की बीमारी फैलने के कारण परेशान हैं और वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं। वहीं बिना वैक्सिन लिए ही वैक्सिन लेने का सर्टिफिकेट आ गया। सूरत में ऐसी एक घटना ने चिंता और बढ़ा दी है। यहां कोरोना वैक्सीन लिए बिना ही इन लोगों को कोरोना वैक्सिन दिए जाने का सर्टिफिकेट दे दिया गया।

अब इन लोगों का कहना है कि बिना इंजेक्शन लिए ही सर्टिफिकेट मिल गया है तो कोरोना वैक्सीन मिलेगा या नहीं। बात ऐसी है कि सूरत के पांडेसरा क्षेत्र में रहने वाले अनूप सिंह ने अपने पिता हरिभान सिंह और माता अन्नपूर्णा के लिए 10 मार्च को कोरोनावायरस रजिस्ट्रेशन करवाया था। उन्हें एक दो दिन का समय दिया गया था, लेकिन वह हरिद्वार चले गए थे। वह हरिद्वार में थे इस दौरान उनके घर पर टीका लिए जाने का सर्टिफिकेट आ गया।

यह देख कर उनका बेटा चौक उठा। इसी तरह दूसरी घटना में राकेश नाम के व्यक्ति ने अपने सासु निर्मला सोलंकी के लिए वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन करवाया था। उन्हें 13 तारीख को को बमरोली हेल्थ केयर में वैक्सीन दिलाना था। किसी कारण से उनकी सासु बमरोली सेंटर नहीं जा सकी।

इसके बाजूद राकेश सिंह के मोबाइल पर मैसेज आया कि निर्मला सोलंकी को टीका दिया जा चुका है। इस बारे में जब सूरत महानगर पालिका के हेल्थ एंड हॉस्पिटल विभाग के डिप्टी कमिश्नर डॉ आशीष नायक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा मामला सामने आया है।तकनीकी कारणों से यह हुआ है।आईटी की मदद लेकर यह गलती कहां हुई इसे ठीक किया जाएगा। सर्टिफिकेट में इंजेक्शन देने वाली जिस नर्स का नाम दिया है वह दो महीने से छुट्टी पर है।

जानिए, सूरत में कब और किन स्थानो पर दिया जाएगा कोरोना वैक्सिन


कोरोना की महामारी के दौरान लोगों के लिए खुशी का माहौल है। देशभर में कोरोना वैक्सिन के साथ सूरत में भी अब वैक्सिनेशन की तैयारी पूरी होने पर है। सूरत में भी कोरोना के कारण कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है।


देश भर में 16 जनवरी से कोविड का टीकाकरण शुरू होने जा रहा है। पहले चरण में, सूरत शहर में 16 से 22 स्थानों पर टीकाकरण शुरू किया जाएगा। बुधवार सुबह, सूरत को 40,000 वैक्सीन खुराक का पहला बैच मिला। इसके लिए सारी तैयारियां सूरत नगर निगम ने कर ली हैं। वैक्सीन मंगलवार को पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट से गुजरात पहुंच गई है। अब, मानपा स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुधवार को सूरत नगर निगम में पहुंचते ही 40,000 टीके की राशि लोगों तक पहुंचाने की तैयारी की गई है।

सूरत में अगले शनिवार से शहर में टीकाकरण अभियान शुरू होगा। जिसके लिए तंत्र द्वारा सभी तैयारियां कर ली गई हैं। बुधवार सुबह सूरत में 40,000 टीके लगाए गए। जिसे कोल्ड स्टोरेज में रखा जाएगा और शनिवार से स्वास्थ्य कर्मचारियों पर टीकाकरण का काम शुरू होगा। शहर में पहले दिन 2200 स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाएगा।

शहर के अडाजण में कोरोना वैक्सीन सेंट्रल स्टोरेज डिपो स्थापित किया गया है। केंद्र में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कोविद वैक्सीन स्टोरेज सेंटर में 2 से 8 डिग्री की क्षमता वाली आइस लाइन रेफ्रिजरेटर स्थापित किए गए हैं। सभी टीकाकरण केंद्रों पर चेकलिस्ट तैयार किए गए हैं।
बुधवार को 11 बजे अहमदाबाद से 92,500 वैक्सीन की मात्रा सूरत पहुंच गई है। सबसे पहले सभी टीकों को सिविल अस्पताल ले जाया गया है।

सूरत नगर निगम को 40,000 टीकों की खुराक मिली है। इस वैक्सीन की मात्रा को कोविड वैक्सीन सेंट्रल स्टोरेज डिपो में अडाजण में संग्रहित किया जाएगा। डिपो में 14 लाख वैक्सिन डोज की भंडारण क्षमता है। इसके बाद टीकाकरण उन 22 स्थानों पर वितरित किया जाएगा जहां टीकाकरण का संचालन नगर निगम भारत द्वारा किया जाएगा।


शहर में पहले स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाएगा। जिसकी सूची तैयार कर ली गई है। शहर में पहले चरण में निजी के साथ-साथ सरकारी स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाएगा। शहर में अब तक कुल 38,000 स्वास्थ्य कार्यकर्ता पंजीकृत किए गए हैं। इनमें से 16,800 निजी और 21,200 सरकारी स्वास्थ्य कर्मचारी हैं। पहले दिन 2200 स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाएगा।

सूरत नगर निगम द्वारा टीकाकरण के लिए कुल 518 स्थानों की पहचान की गई है। मनापा में स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र के साथ-साथ स्कूल भी होंगे। लेकिन पहले चरण में 22 जगहों से टीकाकरण किया जाएगा। सूरत नगर निगम द्वारा 22 स्थानों से किए जाने वाले टीकाकरण की सूची तैयार की गई है।

क्या कोरोना का टीका असरकारक होगा? लोग पूछ रहे सवाल

सूरत नगर निगम ने कोरोना टीकाकरण के लिए सर्वेक्षण शुरू कर दिया है लेकिन सर्वेयरों को लोगों के कुछ सवालों के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई चीजों में सरकार की दिशानिर्देश स्पष्ट नहीं है।

टीकाकरण के लिए आपको आधार कार्ड जैसे प्रमाण की आवश्यकता क्यों है? ऐसे सवालों के जवाब नहीं पाने वाले लोग जानकारी देने से इनकार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि वोलेन्टियर, होस्पिटल के स्टाफ, बुजुर्ग तथा मरीजों को पहले टीका दिया जाएगा।

सरकार को उम्मीद है कि कोरोना का वैक्सिन जल्दी आ जाएगा। ऐसे में टीका आने से पहले सूरत में किन लोगों को वैक्सिन पहले दिया जाएगा इसके लेकर प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर हैं। सर्वेक्षण यह तय करने के अंतिम चरण में है कि पहले किसे टीका लगाया जाना चाहिए।

कोविड के टीकाकरण को तेज करने के लिए मनपा ने हाउसिंग सोसाइटी के अध्यक्षों की मदद की अपील की है। अध्यक्षों की मदद से, समाज में रहने वाले लोगों की जानकारी एकत्र की जा रही है। हालांकि, सर्वेक्षक लोगों के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।

सूरत में लोग टीकाकरण के बारे में संदेह के कारण जानकारी देने में संकोच कर रहे हैं। वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स क्या हैं? आपको आधार कार्ड जैसे प्रमाण की आवश्यकता क्यों है? लोग ऐसे सवाल पूछ रहे हैं। लेकिन सरकार ने इस संबंध में कोई स्पष्ट नीति की घोषणा नहीं की है। इसलिए लोगों की शंकाओं का समाधान नहीं किया जा सकता है।

इसलिए लोग सर्वेक्षण करने के लिए आने वाली टीम को जानकारी देने से इनकार कर रहे हैं। सिस्टम ऐसे लोगों से जानकारी प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन टीके के लिए पूरी स्पष्टता की घोषणा के बाद ही लोगों का पूर्ण सहयोग मिल पाएगा, नहीं तो सर्वे के लिए गई टीम को लोगों के सवालों के कारण परेशान होना पड़ेगा।