सूरत में यहाँ के लोग अंतिम समय में आते हैं उपचार के लिए, जानिए क्यों?


सूरत
बीते तीन दिनों से कोरोना के लगातार मरीजों की संख्या के बाद सोमवार को कोरोना के मरीजों की संख्या में कमी आइ। रविवार को 59 कोरोना के मरीजो के बाद सोमवार को कोरोना के 35 मरीज दर्ज हुए्। इसके साथ ही सूरत में अब तक कुल पॉजिटि केस की संख्या 1642 पर पहुंच गई है।

इनमें से मृतकों की संख्या 70 है। सोमवार को कुल 29 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। इसके साथ कुल 1093 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। सूरत में कोरोना से ठीक हुए मरीजों का डिस्चार्ज रेट 66 प्रतिशत पर पहुंचा है।

सूरत में आज सबसे ज्यादा कोरोना के कतारगाम में 10 हैं इसके अलावा लिंबायत 9 वराछा ए के 6 रांदेर के 2 उधना के तीन और अठवा का एक मरीज है। उन्होने कहा कि आने वाले दिनो में वराछा और कतारगाम जोन में मरीज बढने की संभावना है। क्योंकि यहां कि सोसायटी में केस बढ रहे है।

कमिश्नर ने वहां के सोसायटी प्रमुख और एनजीओ से अपील की कि वहां के लोग अंतिम समय पर दाखिल होते हैं इसलिए समस्या बढ जाती है। इसलिए वहां के लोगों के समझाए।वहां के लोग डोर टु डोर सर्वे के दौरान यदि कोई शारिरीक समस्या हो तो बता दें। इससे उपचार जल्दी हो सकता है। कुछ लोग होम क्वारन्टाइन होने के ड़र से लक्षण होते हुए भी नही बताते हैं।कमिश्नर ने कहा कि संभव रहा तो उन्हें घर पर ही रखा जाएगा। वह कहीं भेजे जाने से नही डरें।


मनपा कमिश्नर ने बताया कि सोमवार तक सिविल होस्पिटल में गंभीर केसो की संख्या बढी है। उन्होने कहा कि यदि लोगो गाइडलाइन का पालन नहीं करेंगे तो सरकार को तो नुकसान है साथ ही उन्हें ज्यादा रिस्क है। कमिश्नर ने कहा कि अनलॉक में जो छुटछाट दी है उसमें हमें अपना ख्याल रखना होगा। नहीं तो हमारे साथ समाज को भी नुकसान होगा।

दो महीने के बाद खुली वाइन शॉप,लोगो की लगी भीड
लॉकडाउन के कारण जहां सब अन्य समस्या के कारण परेशान थे वहीं पान-मसाला खाने वाले और शराब पीने वाले यह नहीं मिलने से परेशान थे।


लॉकडाउन के कारण दो महीने तक वाइन शॉप बंद रहने से शराब के लिए परेशान लोगों ने शराब की दुकान खुलते हीं शराब की खरीद के लिए लंबी लाइन लगा दी। यह लाइन इतनी लंबी हो गई कि वाइन शॉप संचालकों को टोकन सिस्टम से शराब बेचना पड़ा। आज एक ही दिन में एक हजार से अधिक शराब की बोटल बिक गई।


मिली जानकारी के अनुसार परमीट वाले लोगों को हर महीने पांच वाइन शॉप दुकाने से लेने की छूट है। लेकिन पिछले दो महीने से लॉकडाउन के कारण दुकान बंद होने से लोग खरीद नहीं पाए थे। दूसरी ओर वाइन शॉप में भी बियर की बिक्री की समय सीमा समाप्त हो जाने से वापिस करने की नौबत आई थी।

इस दौरान 1 जून से दुकान खोलने की छूट मिलते ही लोग ब़डी संख्या में पहुंच गए थे। सबेरे नौ बजे से ही लोगों की लाइन लगने लगी थी और वराछा, मेरियोट होटल, टीजीबी तथा लोर्डस प्लाजा होटल में लोगों को नंबर का टोकन देना पड़ा। वाइन शॉप संचालकों ने लगभग दौ सो लोगों को टोकन दिए। आज लगभग 170 लोगों को ही बियर दे पाए। बाकी को कल बुुलाया है। 

24 घंटे में छह हज़ार केस 140 से ज़्यादा मौतें!

डेस्क
एक ओर देश में सरकार रेल और हवाई जहाज़ यात्रा बहाल करने पर सोच रही है वहीं दूसरी ओर कोरोना के कारण मरीज़ों की संख्या तेज़ी से बढ रही है। कुछ राज्यों में तो चिंताजनक स्तर पर कोरोना की संख्या तेज़ी से बढ़ी है।
मिली जानकारी के अनुसार देश में कोरोना के मरीजों की संख्या 1 लाख 18 हजार को पार कर गई है। इनमें से 3583 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। राहत की बात यह है कि कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। अब तक 48,534 लोग ठीक हो चुके हैं।


देश में कोरोना से रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है इसके बावजूद कोरोना के मरीज़ों की संख्या में बढ़ोतरी में प्रशासन की चिंता बढ गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटों में 6088 नए मामले सामने आए हैं और 148 लोगों की मौत हुई है। पिछले कई दिनों से हर दिन मरीजों की संख्या 5,000 का आंकड़ा पार कर रही है। बुधवार को 5,611 नए मामले और गुरुवार को 5,609 नए मामले सामने आए। वर्तमान में देश में 66,330 सक्रिय मामले हैं।

भारत में जिन राज्यों में कोरोना के संक्रमित ज़्यादा है उनमें सबसे अधिक महाराष्ट्र राज्य में है इसके बाद गुजरात का नंबर आता है। अब तक की बात करें तो महाराष्ट्र में सबसे अधिक 41,642 मामले हैं, जिनमें पिछले 24 घंटों में 2345 नए मामले सामने आए हैं।


गुजरात में भी परिस्थिति नियंत्रण के बाहर है। गुजरात के अहमदाबाद शहर में कोरोना के मरीज़ों की संख्या तेज़ी से बढ रही है। अब तक गुजरात में कुल 12,910 मामले हैं, यहां 24 घंटे में 371 मामले सामने आए हैं। जबकि गुजरात से तमिलनाडु में कुल 13,967 मामले सामने आए हैं, 24 घंटे में 776 नए मामले सामने आए हैं।

दिल्ली में रोगियों की संख्या 11,659 तक पहुंच गई है। दिल्ली में अब तक 194 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5,567 लोग ठीक हो चुके हैं। राजस्थान में कोरोना रोगियों की संख्या 6227 है। यहां अब तक 151 लोगों की मौत हो चुकी है। मध्य प्रदेश में रोगियों की कुल संख्या 5981 है, जिनमें से 270 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।


उल्लेखनीय है कि अब तक दुनिया में कोरोना के कारण सबसे ज़्यादा संक्रमितों की संख्या अमरीका में है और मृतकों मे भी अमरीका कई देशों से आगे है।

कोरोना को लेकर WHO ने किया बड़ा खुलासा, बढ़ी चिंता


डेस्क
कोरोना को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट में दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट मे कोरोना शायद कभी समाप्त नहीं हो ऐसा बताया गया है।विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी निदेशक डॉ माइकल जे रिया ने संभावना जताई है कि दुनिया में कोरोना वायरस कभी खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह बीमारी शायद हमारे बीच ही रहेगी।
कोरोना वायरस ने दुनिया के लगभग सभी देशो मे बड़ी संख्या मे लोगों को को संक्रमित किया है कई लोगों की जान जा चुकी है। अभी भी संक्रमण बढ़ता जा कहा हैऔर इस घातक वायरस का कोई इलाज या टीका अभी तक नहीं मिला है।

दुनिया में बड़ी संख्या में लोग कोरोना से पीड़ित है कई लोग कोरोना से मारे जा चुके है। दुनिया के आधे से अधिक देश वर्तमान में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन मे हैं, और लाखों लोग अपने घरों में रहने के लिए मजबूर हो गए हैं।

ऐसे समय में जब दुनिया भर के वैज्ञानिक कोरोना के लिए एक वैक्सीन खोजने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।कुछ देशों को इस दिशा में सफलता मिलने की उम्मीद है।

उन्होंने आगे कहा कि चूंकि कोरोना मामलों की संख्या अभी भी बढ़ रही है, इसलिए वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों को हटाना उचित नहीं है। यदि इन प्रतिबंधों को हटा दिया जाता है, तो लॉकडाउन को और विस्तारित किए जाने की संभावना है क्योंकि बड़ी संख्या में वायरस फैल जाएंगे।

ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन के अनुसार, कोरोना वायरस के टीकाकरण में एक और साल लग सकता है। उन्होंने कहा कि वायरस को मिटाने के लिए वैक्सीन बनाना बहुत जरूरी है और इसके लिए हमें मिलकर काम करने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने टीका कब तक बनेगी यह बता पाने से इंकार किया।


उल्लेखनीय है कि दुनिया में कोरोना की महामारी के चलते लाखो लोग संक्रमित है और कइ लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे में यदि कोरोना से बचने वाली टीका या दवा की खोज हो जाती है तो बड़ी राहत होगी। अब तक कई देशों ने कोरना की दवा के नज़दीक पहुँचने का दावा किया है।

कोरोना का भय : कब्र खोदने के लिए भी नहीं मिल रहे लोग !!

डेस्क

कोरोना के कारण यह दिन भी देखना पड़ेगा ऐसा कभी ने किसी ने नहीं सोचा होगा। देश में कोरोना की बढती संख्या और मृतांक ने लोगों की हिम्मत कम कर दी है। कोरोना के बढते भय और लॉकडाउन के श्रमिको के जाने की छूट के बाद कई शहरों में कोरोना की परिस्थिति में जरूरी काम कर सके ऐसे मजूरो की कमी हो गई है।


जयपुर में तो  कब्र खोदने के लिए भी मज़दूर उपलब्ध नहीं हैं। कब्रिस्तान तक पहुंचने वाले अंतिम संस्कार घंटों वहां पड़े रहते हैं। उन्हें कब्र खोदने तक इंतजार करना पड़ता है। कब्रों की खुदाई करने वाले कोई और प्रांतीय लोग नहीं हैं। ये सभी लोग पश्चिम बंगाल और बिहार के थे, जो अपने घर जा रहे थे। इसलिए जो लोग स्थानीय हैं वे कोरोना के डर से कब्रिस्तान में आने के लिए तैयार नहीं हैं। आखिरकार स्थिति यह पैदा हुई कि कब्र खोदने के लिए मृतक के परिवार के सदस्यों की बारी थी।

बताया जा रहा है कि डेढ महीने से लॉकडाउन के कारण मजदूरी का काम करने वाले श्रमिक लाचार हो गए है। कामधंधा बंद होने के कारण उनके पास पैसे भी नहीं है। कुछ दिनों तो उन्होने राज्य सरकार और सामाजिक संगठनो की ओर से मिल रही मदद पर काम चलाया लेकिन अब मुश्किल है। वह कहते है कि कब तक मांग कर चलाएंगे। लॉकडाउन-3 में श्रमिकों को कुछ छुट मिलने के कारण कई राज्यों के श्रमिक लौट गए है। इस कारण राजस्थान के भीलवाड़ा, जयपुर, दौसा सहित देश के कई हिस्सों में यह स्थिति पैदा हो गई है। कब्र खोदने वाले नहीं मिलते हैं इसलिए कुछ जगहों पर जेसीबी की मदद ली जाती है। कब्र खोदने के लिए कोई तैयार नहीं है।


विशेष कर जो लोग कोरोना से मर जाते हैं उनकी कबर खोदने के लिए कोई तैयार नहीं होता। उनकी कब्रों को परिवार के सदस्य खोदते है या जेसीबी मंगाई जाती है। यह स्थिति पिछले एक महीने से देखी जा रही है। 

…तो इस तरह बढ़ी सूरत में कोरोना से जीतने वालो की संख्या!

सूरत
जहां कुछ गुजरात सहित देश के कई शहरों में कोरोना के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं, वहीं सूरत में कोरोना से रिकवरी 52.9 फीसदी तक पहुंच गई है। सूरत नगर निगम आयुक्त ने कहा कि नगर निगम द्वारा शुरू की गई डोर-टू-डोर सर्वे और तमाम सावधानियों के कारण रिकवरी रेट बढ़ा है।


इस बारे में जानकारी देते हुए सूरत के नगर निगम आयुक्त बंछानिधि पाणि ने कहा कि शनिवार शाम तक सूरत में 841 कोरोना के मरीज दर्ज हुए थे, इनमे से 37 मरीजों की मौत हो चुकी है। सूरत में, कोरोना के कारण मृत्यु दर 4.4 प्रतिशत है जबकि कुल 445 ठीक हो चुके है। सूरत में, कोरोना से ठीक होने वालों का रिकवरी रेट 52.9 प्रतिशत है। जो कि कल तक 49.5 प्रतिशत थी।

कमिश्नर ने कहा कि पालिका की टीम डोर टु डोर सर्वे के माध्यम से एआरआई के मरीजों के लगातार नजर बनाए हुए है। आज तक, कुल 25,000 मामलों का विश्लेषण किया गया है। ऐसे मामलों में लगातार फॉलो-अप किया जाता है। ऐसे मामलों में जो संदिग्ध दिखाई देते हैं, आरबीएक्सए डॉक्टर मरीज के घर-घर जाकर उसके लक्षणों के आधार पर परीक्षण शुरू करते हैं। नतीजतन, उनका इलाज जल्द से जल्द शुरू हो जाता है जैसे ही मामले मिलते हैं। जिससे रोगी के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।

उधना और कतारगाम के 13048 घरों में रहने वाले 67764 क्वारन्टाइन में
सूरत
सूरत नगर निगम ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि कताररगाम और उधना क्षेत्र में 13048 घरों में रहने वाले 67764 लोगों को अनिवार्य होम क्वारेन्टाइन में रहने के लिए कहा गया है क्योंकि यहाँ गीचता ज़्यादा होने से सोशल डिस्टैंस का पालन नहीं हो रहा है।

आयुक्त द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, कतारगाम जोन में अमरोली-सायन रोड पर रिलायंस चोक्डी से लेक गार्डन तक सड़क के दाईं ओर एच -1 आवासों के 110 भवनों में 5260 घरों में रहने वाले 27720 लोगों और एच -3 आवासों के 141 भवनों में रहने वाले 6768 निवासियों की आवश्यकता होगी।

इसके अलावा, उधना ज़ोन में पंचशीलनगर -2, रेवानगक और देवचंदनगर में 1000 घरों के 4512 लोगों को घर क्वारंटाइन किया गया है। अगर यहां के लोग होम क्वारंटाइन का कड़ाई से पालन नहीं करते हैं, तो उन पर भारतीय दंड संहिता 188 के साथ-साथ महामारी रोग अधिनियम -1897 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा

सूरत में APX सिस्टम से कोरोना से लड़ने की तैयारी!


सूरत
सूरत में लगातार पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं। सूरत में गुरुवार को 40 अधिक कोरोना के मामले सामने आए और सूरत शहर क्षेत्र में अब तक कुल 782 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें 300 से अधिक मामले लिंबायत से आए हैं। इस क्षेत्र में कोरोना रोकथाम अब APX प्रणाली को लागू किया जाएगा। शहर में पहली बार लिंबायत में इस सिस्टम से काम होगा।
APX सिस्टम क्या है?

यह पहली बार है जब सूरत में इस तरह की व्यवस्था लागू की जाएगी। लंबे समय में कोरोना के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। APX प्रणाली में, जिस घर में ARI यानी सर्दी, खांसी, दस्त या बुखार के मामले हैं, घर के बाहर मानपा द्वारा ‘ए’ लिखा जाएगा।

साथ ही, जिस घर में बुजुर्ग हो और उन्हें डायबिटीज, गले का दर्द आदि है, यानी कोमर्बिड स्थिति के मामले हो वहा P लिखा जाएगा। साथ ही जिनके घर में किसी भी प्रकार के एआरआई के मामले नहीं हैं और बुजुर्ग लोग नहीं होंगे, यानी, घर के बाहर कोर्मोबिड स्थिति का कोई मामला नहीं होगा, ‘X’ लिखा जाएगा। ताकि लोग भी सावधान रहें और सिस्टम को भी इसकी जानकारी हो।

सूरत में अब तक कुल 14,387 परीक्षण किए गए हैं। दस लाख की आबादी में, कुल परीक्षण 3500 से 3600 तक हो रहा है। सूरत में निजी क्लीनिकों से कई मामले सामने आ रहे हैं। कम्यूनिटी टेस्ट के माध्यम से भी मामले भी दर्ज किए जा रहे हैं। इसके अलावा स्लम क्षेत्रों में 26 फीवर क्लीनिक शुरू किए गए है।

लिंबायत क्षेत्र को टापू जैसा अलग किया जाएगा लिंबायत क्षेत्र में कोरोना के सबसे अधिक मामले सामने आने के बाद प्रशासन उसे टापू जैसा बनाकर वहां कोरोना की रोकथाम करना चाहता है। दूसरे क्षेत्रों से आने वालों पर प्रतिबंध के लिए भी व्यवस्था की जा रही है।

कोरोना ने इस क्षेत्र को बना दिया आइलैंड जैसा अलग

सूरत

शहर में कोरोना के पॉजिटिव केसो की संख्या लगातार  बढ़ रही है। सूरत शहर में ज्यादातर मामले स्लम क्षेत्रों से आ रहे हैं।  अभी तक कुल 782 मामले आए है इसमें से 40 प्रतिशत मामले लिम्बायत क्षेत्र से पाए गए हैं। सूरत नगर आयुक्त बंचनिधि पाणि ने कहा कि लिंबायत क्षेत्र को अब एक टापू की तरह सबसे अलग करने की रणनीती बनाकर वहां कोरोना नियंत्रण में लाने की दिशा में काम किया जाएगा।

सूरत शहर में गुरुवार को एक और 40 पॉज़िटिव मामले सामने आए। साथ ही शहर में गुरुवार को 2 और मौतें हुईं। नगर आयुक्त के अनुसार, लिम्बायत ज़ोन में 14, सेन्ट्ल ज़ोन में 11, वराछा-ए ज़ोन में 4, उधना में 7, अठवा में 1, रांदेर में 2 और कतारगाम में 14 सकारात्मक मामले सामने आए। लिम्बायत  ज़ोन में अधिक पॉज़िटिव मामले सामने आ रहे हैं। लिंबायत क्षेत्र में इतनी बडी संख्या में केस को देखते हुए अलग ढंग से वहां काम किया जाएगा।

मनपा आयुक्त बंछानिधि पाणी ने बताया कि लिंबायत क्षेत्र को टापू जैसा कर शहर के अन्य क्षेत्रो से कुछ दिनो अलग कर वहां कोरोना नियंत्रण का काम किया जाएगा। अन्य क्षेत्रों के लोग लिंबायत में आ – जा नहीं सके ऐसा प्रयास किया जाएगा। इस बारे में पुलिस कमिश्नर से मिलकर योजना बनाई गई है।  काम के लिए बाहर जाने वालों पर लगातार नजर रखी जाएगी। मेयर की अध्यक्षता में लिम्बायत जोन के सभी नगरसेवकों के साथ आज एक बैठक भी आयोजित की गई।

लिम्बायत के कोर्पोरेटर्स के साथ बैठक के बाद, यहां गहन कार्य करने के आदेश दिए गए हैं। अब लिम्बायत में गहन डोर-टू-डोर निगरानी की जाएगी। और होम्योपैथिक दवाओं को लगातार 3 दिनों तक गहन रूप से वितरित किया जाएगा।। लिंबायत में और टीमें तैनात की गई हैं। जो सर्विलांस ऑपरेशन करेंगे। साथ ही 50 से अधिक टीमों को कल से लिम्बायत क्षेत्र में रखा जाएगा, जो लगातार डोर-टू-डोर निगरानी अभियान चलाएंगे।

इस क्षेत्र में कोरोना मामलों की संख्या को जल्द से जल्द कम करने के लिए लिम्बायत क्षेत्र में गहन कार्य किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मनपा कमिश्नर ने बीते दिनों कई बार लिबायत सहित कई क्षेत्रों में लोगों से सोशल डिस्टेेस का पालन करने और मास्क पहनने का अनुरोध किया 

हीरा कंपनियों ने कर दी ऐसी हरकत, जो सोच भी नहीं सकते!!

प्रतिकात्मक तस्वीर


सूरत
लोक डाउन के दौरान प्रधानमंत्री की ओर से सभी कंपनियों को अपील की गई थी कि वह ,लॉकडाउन के दौरान का वेतन चुकाएंगे और किसी कर्मचारी को कंपनी से नहीं निकालेंगे। इसके बावजूद सूरत के हीरा उद्यमियों ने वेतन नहीं देने की बात सामने आ रही है। सूरत के हीरा उद्यमियों में से 118 हीरा उधमियों ने अपने यहां काम करने वाले हीरा श्रमिकों का वेतन नहीं चुकाया है। उनके खिलाफ सूरत डायमंड वर्कर यूनियन ने लेबर कमिश्नर और कलेक्टर से शिकायत कर हिरा उद्यमियों का वेतन चुकाने की गुहार लगाई है।
सिर्फ मार्च का वेतन चुकाया

ज्ञापन में बताया है कि लॉकडाउन डाउन के दौरान मार्च महीने का वेतन तो कई हीरा उद्यमियों ने दिया लेकिन इसके बाद अप्रैल महीना का वेतन एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है। हीरा श्रमिक फ़ोन करते हैं तो मालिकों के फ़ोन भी स्वीचऑफ आ रहे हैं।
हीरा श्रमिकों की हालत पतली

हीरा श्रमिकों के पास घर चलाने के लिए एक मात्र वेतन ही सहारा होता है, लेकिन 40 दिनों से लॉकडाउन डाउन के कारण अब उनके वेतन की एक-एक कौड़ी खर्च हो चुकी है। इसलिए उन्हें जीवन चलाने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में हीरा उद्यमियों ने वेतन नहीं देकर उनकी समस्या और बढ़ा दी है। इसलिए हीरा उद्यमी अपने श्रमिकों को वेतन दे ऐसी गुहार लगाई है। साथ ही यह भी बताया है कि कर्मियों ने सभी कर्मचारियों के वेतन चुका दिए कुछ ही है जो की वेतन चुकाने में आना-कानी कर रहे है।

छोटे और मध्यमवर्गीय हीरा उधमी परेशान

लॉकडाउन के कारण छोटे और मध्यमवर्गीय हीरा उधमियों की हालत ख़राब है। क्योंकि पहले से ही हीरा उद्योग मंदी का माहौल था माल नहीं बिकने और पेमेंट नहीं आने से हीरो की समस्या और बढ़ गई है। यदि लॉकडाउन ज़्यादा दिनों तक यथावत रहा तो उनकी परेशानी और बढ सकती है।

कोरोना को मात दे रहे सूरती, बढ़ा रिकवरी रेट


सूरत
सूरत के लोगों के लिए कोरोना से जुड़ी इससे बड़ी ख़बर नहीं मिल सकती हैं। बीते दस दिनों में सूरत में कोरोना से ठीक होने वालों का रिकवरी रेट बढ़कर 37 पर पहुँच गया है जो कि दस दिनों पहले 4% के क़रीब था। सूरत में अब तक 250 लोगों को कोरोना से ठीक कर घर भेज दिया गया है।सूरत में फ़िलहाल 674 कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ हैं ।मंगलवार को 17नए कोरोना पॉज़िटिव सामने आए | एक की मौत हो गई मनपा की मानें तो सूरत में अभी तक कोरोना से मरने वालों का मृत्यु दर 4. 6 प्रतिशत है।
सूरत महानगर पालिका के कमिश्नर बंछानिधि पाणी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार शाम तक सूरत में 17 कोरोना के नए मामले सामने आए जिसमें कि लिंबायत में एक वराछा ए में छ, सेन्ट्र्ल ज़ोन में तीन, कतारगाम में चार और उधना जॉन से तीन मिले। अब तक कुल 674 मामले आ चुके है इनमें 31 लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक कोरोना के सबसे अधिक केस लिंबायत जॉन में से मिले हैं। शहर में कुल 674 पॉज़िटिव मामले हैं! इनमें से 250 मामले में लिंबायत जॉन सेलही है।मनपा कमिश्नर का कहना है कि बीते कुछ दिनों में रिकवरी रेट में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है जोकि अच्छी बात है आज भी और 54 मरीज ठीक हुए।

इन सब को डिस्चार्ज किया गया ।कल तक इसकी कुल संख्या 196 थी, जबकि आज के 54 मिलने के बाद दर पर 250 पर पहुँच गई। सूरत में बड़ी संख्या में लोग का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है । कोरोना टेस्ट में कोरोना पॉज़िटिव मामला सामने आने का दर 5.30 है। मनपा इन दिनों शहर के स्लम क्षेत्रों में ज़्यादा फ़ोकस कर रही है।

मनपा कमिश्नर का कहना है कि स्लम क्षेत्रों में से कोरोना पॉज़िटिव मामले बढ़ रहे हैं । स्लम क्षेत्रों के लिए मनपा ने वहाँ पर ही वह फीवर क्लीनिक शुरू किया है। अब तक 26 फीवर फीवर क्लीनिक शुरू किए गए हैं। बुधवार को कोरोना योध्दा समिति के जवान इन स्लम क्षेत्रों में जाकर लोगों को कोरोना के बारे में समझाएंगे, साथ ही दवाएँ बाँटेंगे और कोरोना से बचने के बारे में जानकारी देंगे।

सूरत से उड़ीसा गए दो श्रमिकों का कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट, अब…..

सूरत

सूरत से ओडिशा लौटे दो श्रमिकों का रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सूरत में प्रशासन की नींद हराम हो गई है |दरअसल बात ऐसी है कि शनिवार से उड़ीसा के लिए सूरत से ट्रेन शुरू हुई है इसके बाद से ओडिशा के श्रमिकों के वतन लौटने का तांता लग गया है कुछ लोग ट्रेन में तो कुछ लोग लग्जरी बस से अपने वतन की ओर लौट रहे हैं|

कुछ दिनों पहले ही १७ वर्षीय और २१ वर्षीय दो युवकों का कोरोना का रिपोर्ट कराया गया था जो आज पॉजिटिव आया है ।जब प्रशासन ने इनके घर पर जाकर जांच की तो दोनों ही उड़ीसा लौट जाने की बात सामने आई । तब से प्रशासन की नींद हराम हो गई है ।प्रशासन ने आनन-फानन में उड़ीसा सरकार से संपर्क कर इन दोनों लोगों की जानकारी देने की प्रक्रिया शुरू की है ।बता दें कि यह दोनों ही कोरोना संक्रमण होने के कारण इनके साथ जो लोग संपर्क में आए होंगे उन्होंने भी कोरोना संक्रमण लगेने का भय व्यक्त किया जा रहा है ।

लोक डाउन के दिन महीने बीत जाने के बाद श्रमिकों ने वतन जाने के लिए अपनी कोशिश और तेज कर दी है ।फिलहाल यूपी ,बिहार ,पश्चिम बंगाल और असम के लोगों के लिए वहां की सरकारों ने छूट नहीं दी होने के कारण उनकी हालत ज्यादा खराब है ।जबकि ओडिशा राजस्थान और मध्य प्रदेश की सरकारों ने अपने श्रमिकों को वापस लेने की तैयारी दिखाई है ।इस कारण इन राज्यों के श्रमिक लग्जरी बस या अन्य व्यवस्था कर अपने वतन लौट रहे हैं ।ओडिशा के लिए शनिवार से शुरू कर दी गई है शनिवार की शाम 4:00 बजे से ट्रेन की सेवा शुरू की गई है।