सूरत
कोरोना ने जहां दुनिया में अब तक दो लाख लोगों की जान ले ली है। तब उस परिवार की हालत सोचिए जिस घर के दो मासूम बच्चे एक साथ कोरोना के कारण होस्पिटल में दाखिल किए गए हों। हालाकि आज दोनो मासूम बच्चों ने कोरोना को हरा दिया और अच्छे होकर हसते हुए अपने घर कौ लौट गए।
मानदरवाजा के टेनामेंट में रहने वाले पांच वर्षीय वैदिक निलेश राणा और चार वर्षीय जीत योगेश राणा को बीते दिनो मानदरवाजा में कोम्युनिटि सैम्पलिंग के दौरान कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के कारण अस्पताल में दाखिल किया गया था। होस्पिटल के वातवरण से उब गए दोनो बच्चों की माता भी उनके साथ थी।
होस्पिटल के वातावरण से उब जाने के कारण दोनो बच्चों ने एक दिन बाद ही घर जाने की जिद पकड ली थी। घरवालों ने किसी भी तरह उन्हें मना लिया। हालाकि इसके बाद भी बच्चों की नई-नई फरमाइश जारी थी। कभी भी बिस्कुट तो कभी चॉकलेट की जिद्द कर रहे थे। आठ दिनों तक उन्हे खुब बहला फुसला कर रखा गया। लगभग एक सप्ताह के उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया गाया।
उल्लेखनीय है कि मानदरवाजा क्षेत्र सबसे संवेदनशील है। शहर में अब तक पाँच सौ से अधिक कोरोना पॉज़िटिव मिलें है इसमें 200 से अधिक मानदरवाजा से मिले है। यहाँ पर मनपा विभाग कोम्यूनिटी टेस्ट पर ज़ोर दे रहा है।
एक बाक ठीक हो गए तो दोबारा नहीं होगा कोरोना???
कोरोना संक्रमण को लेकर डबल्यूएचओ ने ऐसी बात कह दी है कि जो सच में किसी का भी दिमाग खराब करने के िलए काफी है। दरअसल बात ऐसी है कि डबल्यूएचओ ने यह कहा है कि कोरोना से ठीक होने वालों के लिए इस बात कि कोई गारंटी नहीं है कि कोरोना उन्हें वापिस नहीं होगा।
संयुक्त राष्ट्र ने जो लोगो कोरोना से ठीक हो जा रहे हैं उन्हें कोरोना से ठीक होने का प्रमाणपत्र दिए जाने पर चेतावनी देते हुए कहा है कि यह रोग दोबारा लौट सकता है। डबल्यूएचओ ने इश बारे में सरकारों को भी चेता दिया है।
डबल्यूएचओ का कहना है कि जो लोग कोरोना से ठीक हो जाते हैं उनमें वायरस एन्टिबॉ़डिज होते हैं। इसके बावजूद उनके रक्त में कोरोना का मुकाबला करने की क्षमता कम होती है। दक्षिण अफ्रीका में हाल में ही चिली में कोरोना से ठीक हुए लोगों को कोरोना सर्टिफिकेट दिए जाने की बात है इससे संबंधित व्यक्ति ठीक है और उसकी रोग प्रतिकारक शकित ठीक है यह साबित होगा। डबल्यूएचओ ने कहा कि एन्टबॉडी के बारे में उनका अभ्यास जारी है। अभी तक दुनिया में कोरोना के वायरस से लगभग 29 लाख लोगों को संक्रमण लग चुका है। इसमें दो लाख लोगों की मौत हो चुकी है और आठ लाख से अधिक लोग ठीक हो चुके हैं।