सूरतीओं पर हावी हो रहा कोरोना, आज भी बड़ी संख्या में मरीज..


बीते तीन सप्ताह से कोरोना ने सूरत में भयंकर रूप दिखाना शुरू कर दिया है। कोरोना के कारण पूरे शहर में भय का माहौल पैदा हो गया है। सभी व्यापार उद्योग अब स्वैच्छिक बंद हो रहे हैं।

सूरत में गुरूवार को को कुल 234 कोरोना पॉजिटिव मरीज दर्ज हुए। इसमें सूरत सिटी के 177 हैं और जिले के 57 हैं। अब तक कोरोना के कारण शहर में कुल शहर में 8107 और जिले में 1594 केस दर्ज हुए हैं। कुल मिलाकर शहर और जिले में कोरोना संक्रमितो की संख्या 9701 पर पहुंच गई है। आज कुल 15 लोगों की मौत के साथ कुल 409 लोगों की जान जा चुकी है।

इसमें शहर के 350 और जिले के 51 मरीज हैं। इसके अलावा शहर और जिले में 180 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। अब तक कुल 6115 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। इस भयावह परिस्थिति को देखते हुए शहर में लोग स्वैच्छिक बंद की ओर बढ़ रहे हैं।


शहर के कई क्षेत्रों में लोगो ने कोरोना के भय के कारण स्वैच्छिक बंद करना शुरू कर दिया है। शहर के वराछा, कतारगाम, पूणा, रांदेर आदि क्षेत्रों में लोगो ने दो दिन पहले ही दुकाने स्वैच्छिक बंद कर दी है।


एम्स के चार डॉक्टर सूरत मे
सूरत में कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या देखते हुए दिल्ली से सूरत दौड़ी आई एम्सअस्पताल के डॉक्टर की टीम ने मीडिया को बताया कि सूरत में कोरोना में इस्तेमाल की जाने वाली रेमेडेसिवीर और टॉसिलिजूमैब का बिन जरूरी उपयोग होता है यह इंजेक्शन उन्हीं को दिया जाए जिन की आवश्यकता है नहीं तो इसका नुकसान भी मरीज को हो सकता है।

सूरत में टॉसिलिजूमैब नाम की दवा की कमी के जवाब में उन्होंने यह जानकारी दी। एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया कि यहां पर 4 लोगों की टीम आई है। उन्होंने यहां के डॉक्टर से बात की स्थानीय मुद्दों की जानकारी ले रहे हैं। दिल्ली तथा अन्य शहरों में जो कार्यवाही चल रही है। उसके अनुसार यहां भी काम किया जाएगा। प्राइवेट और निजी अस्पताल सभी से प्लाजमा थेरेपी और आइसोलेशन के बारे में चर्चा की जाएगी।

फिलहाल यहां पर कोविड की हॉस्पिटल तैयार हो गई है और बैड की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि इंजेक्शन की कमी को लेकर नियम बनाए जा रहे हैं। जल्दी ही जिन लोगों को जरूरत है ऐसे लोगों को इंजेक्शन सरलता से मिल जाएगी।
उल्लेखनीय है कि सूरत में कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं।

प्रतिदिन 200 के ऊपर कोरोना के मरीज दर्ज हो रहे हैं। इसके अलावा मृतकों की संख्या बढ़ रही है। जिसके चलते परिस्थिति गंभीर हो गई है। सूरत में अब कई स्थानों पर तो स्वैच्छिक बंद गया है। कपड़ा बाजार और हीरा बाज़ार, अडाजण तथा पांडेसरा आदि कई क्षेत्रों में लोगों ने 5:00 बजे तक ही दुकान खोलने का फैसला किया है।

बताया जा रहा है कि पहले लोग लॉकडाउन डाउन में सरकार से चाहते थे कि व्यापार धंधे जल्दी शुरू हो लेकिन सूरत की परिस्थिति देखते हुए लोगों ने खुद ही स्वैच्छिक लॉकडाउन लगा दिया है। इसके अलावा शहर में बढ़ते हुए कोरोना के मरीजों की संख्या को रोकने के लिए मनपा पूरा प्रयास कर रही है। मनपा की ओर से शहर में धनवंतरी रस चलाया जा रहा है जो कि मरीजों की वहीं पर जांच करके तुरंत ठीक पूर्णा का निदान कर रहे हैं और जरूरत पड़े तो मरीज को वहां से अस्पताल भेज दिया जाता है।

आज एमके डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया के सहित कुल 4 डॉक्टर सूरत की परिस्थिति की समीक्षा करने आए हैं। उन्होंने सिविल हॉस्पिटल की विजिट की इसके बाद आला अधिकारियों से मीटिंग करके यहां की और परिस्थिति की जानकारी ली

सूरत में अब से इन निजी अस्पतालों में भी होगी कोरोना की जाँच!

corona

अब से इन निजी अस्पतालों में भी कोरोना की जांच हो सकेगी। मनपा ने गुरुवार को शहर की कोई निजी अस्पतालों को कोरोना कि जांच के लिए एमओयू किया है।


बताया जा रहा है कि कोरोना के मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए मनपा ने यह फैसला लिया है। इन हॉस्पिटलों में रामपुरा की विनस हॉस्पिटल, लोखात हॉस्पिटल,महावीर हॉस्पिटल, ट्रायडेन्ड हॉस्पिटल, मजूरा गेट की आशुतोष हॉस्पिटल, नानपुरा की आनंद हॉस्पिटल, कैलाश नगर की गिरीश ग्रुप हॉस्पिटल, चौटा बाजार की पीटी जनरल हॉस्पिटल, मजूरा गेट की निर्मल हॉस्पिटल, लाल दरवाजा की आयुष हॉस्पिटल, आठवां गेट की मिशन हॉस्पिटल, ट्राइ-स्टार हॉस्पिटल, पीपलोद की सनशाइन हॉस्पिटल, वेसु की ग्रीन लीफ हॉस्पिटल, मेट्रैया मेडिकल हॉस्पिटल, मरीना हॉस्पिटल, अमृता हॉस्पिटल, प्रभु हॉस्पिटल, नाना वराछा की स्पार्कल हॉस्पिटल, पर्वत पाटिया की यूनिटी हॉस्पिटल, कापोद्रा की पीपी सवानी हॉस्पिटल, वराछा रोड की परम हॉस्पिटल, जीबी वाघाणी हॉस्पिटल, सूरत डायमंड एसोसिएशन हॉस्पिटल, कडोदरा की यूनिक हॉस्पिटल, उधना रोड की एप्पल हॉस्पिटल, उधना उद्योग नगर की उधना हॉस्पिटल, उन की खामेना सार्वजनिक हॉस्पिटल,रांदेर ज़ोन की बाप्स हॉस्पिटल, अडाजण की यूनाइटेड ग्रीन हॉस्पिटल और नवयुग कॉलेज के पास शेल्बी हॉस्पिटल में इलाज हो सकेगा।

मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के खेतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार और सूरत महानगर पालिका ने आगामी दिनों में हॉस्पिटलों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है इसके चलते प्रशासन ने 37 निजी अस्पतालों से कोरोना की चिकित्सा के लिए एमओयू किया है। मनपा के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोनावायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।

शहर की 37 हॉस्पिटल के साथ एमओयू किया गया है। इसमें मनपा की ओर से रेफर किए गए मरीजों को के लिए संपूर्ण खर्च राज्य सरकार उठाएगी जबकि निजी अस्पतालों मैं खुद जाने वाले मरीजों को चार्ज देना होगा। हालाँकि यह चार्ज भी मनपा ने तय किया है।
बताया जा रहा है कि जल्दी ही शहर में 105 धनवंतरी रथ अर्ली ट्रीटमेंट अट योर डोर स्टेप शुरू किए जाएंगे।

इनमें सामान्य बुखार सर्दी खांसी जैसे प्राथमिक लक्षण वाले मरीजों को घर पर ही उपचार दिया जाएगा। शहरीजनों को हॉस्पिटल में एडमिट होने से डर लगता है। इसलिए वह बीमारी भी छुपाते हैं। जिन लोगों को सर्दी खांसी और बुखार के लक्षण दिखते हैं वह 104 फीवर हेल्प लाइन पर तुरंत सूचना दें या नजदीकी आरोग्य केंद्र पर जाएं। जिन लोगों के पास देखरेख करने वाले लोगों के उन्हें घर पर ही इलाज कराया जाएगा।

अहमदाबाद की युवती ने आयुर्वेदिक दवाओ से जीती कोरोना से जंग!

जहां एक ओर बड़े बड़े देश कोरोना की रोकथाम के लिए दवा ढूंढ रहे है। वहीं अहमदाबाद में कोरोना संक्रमित एक युवती ने आयुर्वेद की दवा से ठीक होने का दावा किया है।


अहमदाबाद के अखंड आनंद आयुर्वेद कॉलेज के एमडी की स्टुडेन्ट डोली सोलंकी को कोरोना होने के बाद उसने सिर्फ आयुर्वेदिक दवाइयां ली। इससे कोरोना के लक्षण दूर हो गए थे।


कोरोना को लेकर लोग अपने अपने ढंग से भी देशी ढंग से उपचार कर रहे है। कई गर्म पानी पीने की सलाह देता है तो कई काढ़ा पीने की। सब अपनी तरफ़ से नए नए उपाय का इस्तेमाल कर रहे है। हालाँकि 45 डिग्री तापमान में जिन्होंने काढ़ा पिया हो और उन्हें लाभ मिला हो। ऐसे अनेक किस्से देखे जा रहे हैं।

अखंड आनंद आयुर्वेद कॉलेज में पंचकर्म में एमडी के दूसरे वर्ष की छात्रा डोली सोलंकी बीते दिनों समरस हॉस्टल में मेडिकल ऑफिसर के तौर पर कार्यरत थी।

उसके बाद उसे पुलिस कर्मचारी, फायर ब्रिगेड और डॉक्टर आयुर्वेदिक दवा पहुंचाने के कार्य में शामिल किया गया था। इस बीच से कहीं से कोरोनावायरस का संक्रमण लग गया। डोली को 16 तारीख की दोपहर को सूखी खांसी आने लगी। इसके बाद कमजोरी लगने लगी। उसके शरीर का तापमान 102.3 डिग्री से ऊपर पहुंच गया। उसके बदन में दर्द होने लगा।

दूसरे दिन बाद सिविल हॉस्पिटल गई और उसने एक्स-रे करवाया जिसकी रिपोर्ट नॉर्मल थी।
फिर भी कोरोना जैसे लक्षण होने के कारण डोली ने जांच करवाई। 17 जून को अखंड आनंद कॉलेज के प्रोफ़ेसर के कहने पर सिर्फ आयुर्वेदिक दवाइयां लेनी शुरू की। इसके 24 घंटों में उसे कोरोना के लक्षण दूर हो गए। इसके पश्चात 19 जून को उसका रिपोर्ट आया। जिसमें कि वह कोरोना पॉज़िटिव थी।


इसलिए सावधानी के कारण वह 14 दिनों तक सिर्फ आए तो आइसोलेट है। डोली का कहना है कि उसे कोई तकलीफ नहीं है उसने कोई एलोपैथिक दवाई नहीं ली।आयुर्वेदिक दवाइयों के कारण वह ठीक है।गुजरात सहित भारत मे कई स्थानो पर लोगों की रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय की ओर से सुझाई गई दवाइयाँ दी जा रही है।

सूरत में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या तीन हज़ार के पार,121 मौतें!

Posted by Business Patra on Friday, 19 June 2020

गुजरात में लॉकडाउन में इनको मिली छूट!

सूरत

केन्द्र सरकार की ओर से लॉकडाउन बढा देने के बाद गुजरात में भी लॉकडाउन 4.0 का अमल किस तरह होगा और किन सेवाओ को छूट मिलेगी, किन व्यापार-धंधा पर से प्रतिबंध हटेगा इसके लिए सोमवार को राज्य सरकार ने स्पष्टता की। 
 मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मीटिंग के बाद लॉकडाउन -4 के बारे में एक महत्वपूर्ण घोषणा की। गुजरात में क्या खुलेगा और क्या नहीं खुलेगा, इस बारे में नियम बनाए गए हैं।


घोषणाएं
– पश्चिम अहमदाबाद में व्यापार खोलने की अनुमति दी। दुकानें सुबह 8-4 के दौरान विषम-सम संख्या के अनुसार खुली रहेंगी।
– कंटेनमेंट ज़ोन में आवश्यक सेवाओं के अलावा कोई अनुमति नहीं दी गई।
– राज्य को कन्टेनमेंट और नोन कन्टेनमेंट क्षेत्रों में विभाजित किया गया
– पूरे गुजरात में एसटी बस सेवा शुरू, पान के गल्ले खुलेगें।
– राज्य में शाम 7.00 बजे से सुबह 7.00 बजे तक सब कुछ बंद रहेगा।
– राज्य के केन्टेनमेंट ज़ोन के ज़ोन में 31 मई तक मात्र आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध होंगी
– अहमदाबाद और सूरत को छोड़कर ऑटो रिक्शा शुरू किए जाएंगे, एक रिक्शा में अधिकतम दो व्यक्ति बैठ सकते हैं
– टैक्सियाँ नोन कन्टेनमेंट क्षेत्र में चलेंगी, लेकिन ड्राइवर के साथ केवल दो लोग
– प्रदेश के सभी जिलों में एसटी बस सेवा की शुरुआत कन्टेनमेंट जोन को छोड़कर शुरू की जाएगी
– अहमदाबाद के पश्चिम में नोन क्वारेंटाइन क्षेत्र क्षेत्र में दुकानें और कॉर्पोरेट कार्यालय शुरू होंगे
– राज्य में नोन कन्टेनमेंट क्षेत्र में, पान के गल्ले और बाल काटने की दुकान शुरू की जा सकती है।
– राज्य में नोन कन्टेनमेंट क्षेत्रों में सुबह 8 से शाम 4 बजे तकदुकानें खोली जा सकती हैं
– नोन कन्टेनमेंट में 33% कर्मचारियों के साथ कॉर्पोरेट कार्यालय और दुकानें खोली जा सकती हैं।
– कल से आपको अमूल के पार्लर में 3 लेयर्स और N 95 मास्क 65 रुपए में मिलेगा।
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– स्कूल-कॉलेज, जिम, स्विमिंग पूल, गार्डन, मॉल, सिनेमा, धार्मिक कार्यक्रम दोनों जोन में बंद रहेंगे, सिटी बस सर्विस, प्राइवेट सर्विसेज भी बंद रहेंगी।
– कन्टेनमेंट क्षेत्र को छोड़कर गैरेज और सर्विस स्टेशन खुले रहेंगे।

-हीरा और लूम्स कारख़ाने पचास प्रतिशत श्रमिकों के साथ कर सकेंगे शुरू

गुजरात और महाराष्ट्र सहित चार राज्य के लोगों को इस राज्य में नो एन्ट्री!

डेस्क
भारत में कोरोना के मरीज़ों की संख्या एक लाख के क़रीब पहुँच गई है। केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के लाखो प्रयास के बाद भी कई राज्यों में कोरोना पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए कई राज्यों में कड़े नियम लागू किए जा रहे है। कई राज्यों ने लॉकडाउन में कोई छूट नही है तो कुछ अन्य राज्यों से आनेवाले लोगों पर प्रतिबंध लगा रहे है।


कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री बीएस येदियुरप्‍पा ने सोमवार कोरोना के ख़िलाफ़ बचाव में अपने राज्‍य में 31 मई तक चार स्‍टेट गुजरात, महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु लोगों को प्रवेश की इजाजत नहीं देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा ने बताया कि कर्नाटक के कंटेनमेंट ज़ोन्स में लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाएगा. इसके अलावा जहां पर मामले कम हैं और कोरोना के दायरे से बाहर हो चुके हैं वैसे क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।

रेड जोन और कंटेनमेंट जोन को छोड़ कर राज्य के सभी चार परिवहन निगमों को बस सेवा शुरू करने की अनुमति दी। निजी बसों को भी परिचालन की अनुमति दी गई है।


बसों में केवल 30 यात्रियों को ही यात्रा की इजाजत है और मास्क लगाना और सामाजिक दूरी का पालन करना सबके लिए जरूरी होगा।कर्नाटक में कुल सक्रिय मामलों की संख्या अब 672 तक पहुंच गई. राज्‍य में अब तक मरने वालों की कुल संख्या 37 हैं।


उन्‍होंने बताया कि रविवार को पूरे राज्य में पूरी तरह लॉकडाउन रहेगा।उन्‍होंने बताया कि राज्‍य में सभी दुकानों को खोलने की अनुमति होगी। इसके अलावा सभी ट्रेनों को भी राज्य के भीतर चलने की अनुमति प्रदान की जाएगी।
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अंजनी इन्डस्ट्रियल एस्टेट के 20 लूम्स यूनिट मंज़ूरी के बाद खुले!!!
सूरत
लॉकडाउन 3 के दौरान धीरे धीरे कुछ औघोगिक इकाइयों को कड़ी शर्ते रखकर कारखाना शुरू करने की अनुमति दी जा रही है। दो दिन पहले सचिन जीआईडीसी में कलक्टर की मंज़ूरी के बाद कुछ कारख़ाने शुरू हुए थे। इसके बाद अब अंजनी इंडस्ट्रियल एस्टेट में कुछ लूम्स कारखाना शुरू होने की जानकारी सामने आ रही है।


मिली जानकारी के अनुसार सूरत से लगभग 20 किलोमीटर दूर अंजनी इंडस्ट्रियल एस्टेट में लगभग 20 लूम्स यूनिट शुरू की गईं। निर्माताओं ने दो दिन पहले कलेक्टर को सौंपकर इकाइयों को शुरू करने का आग्रह किया था।
अंजनी एस्टेट में और इसके आसपास कई औद्योगिक क्षेत्र हैं। यह क्षेत्र बड़ी संख्या में अन्य राज्यों कारीगरों के है। जो लोग अपने गृहनगर वापस नहीं जा सके। वीवर्स का कहना है कि उनके लिए रोजगार प्रदान करने के लिए विभिन्न इकाइयाँ शुरू की गई हैं।


अंजनी इंडस्ट्रियल एस्टेट के वीवर विजय मांगुकिया में बताया कि कलक्टर और ज़िला उधोग केन्द्र से मंज़ूरी लेने के बाद अब से वहाँ पर लगभग २० लूम्स कारख़ाने शुरू हो चुके है। यहाँ पर अंदाज़न १००० लूम्स यूनिट है।

सिर्फ़ कोरोना से मरनेवालों की संख्या बहुत कम!

सूरत
रविवार को दर्ज किए गए कोरोना के 35 नए मामलों के साथ सूरत में कुल मामलों की संख्या 1055 तक पहुंच गई है, जिसमें से 703 लोगों को छुट्टी दे दी गई है। दो मौतों के साथ आज मरने वालों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है। इनमें सिर्फ़ कोरोना के कारण मृतकों की संख्या पाँच है। बाक़ी को अन्य बिमारी भी साथ में थी।


नगर आयुक्त बनच्छनिधि पाणि ने कहा कि आज जिन दो लोगों की मौत हुई है उनमें कोरोना के साथ-साथ मधुमेह और रक्तचाप भी था। आयुक्त ने पहले भी कहा था कि केवल कोरोना के कारण मरने वाले रोगियों की संख्या बहुत कम थी।

उन्होंने आज कहा कि मरने वाले 50 लोगों में से पांच मरीज ऐसे थे, जो अकेले कोरोना से मरे थे। बाक़ी के अन्य को डायबिटीज़, कीडनी का रोग, हाइपर टेंशन सहित अन्य बिमारी भी थी।उन्होंने आगे कहा कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह या उच्च रक्तचाप या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित लोगों को कोरोना की तुलना में अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। वर्तमान में कोरोना से मृत्यु दर 4.7 प्रतिशत है, जबकि रिकवरी दर 66.6 है जो पूरे देश में सबसे अच्छी है। कमिश्नर में कहा कि जिन लोगों को पहले से कोई बिमारी हो उसे ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।

ओड़िशा में जाने वाली सभी ट्रेन रद्द करनी पड़ी! जाने क्यो?
सूरत से ओडिशा जाने वाली ट्रेन को ओडिशा में तूफान की आशंका के कारण रद्द किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार बंगाल की खाड़ी से तूफानी हवा के साथ एम्फोन तूफान आने की आशंका हवामान विभाग में व्यक्त की है। इसके चलते ओडिशा प्रशासन ने सतर्क होकर वहां वाहन व्यवहार पर प्रतिबंध लगा दिया है। अन्य राज्यों से आने वाले तमाम ट्रेनों को रद्द कर दिया है।

जिसका असर सूरत से ओड़िशा से जाने वाली ट्रेन पर भी पड़ा है।कलेक्टर से मिली जानकारी के अनुसार सूरत से जो ट्रेन जा रही थी उनको फिलहाल रोक दिया गया है। ओडिशा सरकार की ओर से मंजूरी मिलेगी तो यह फिर शुरू कर दी जाएगी।आपको बता दें कि उड़ीसा ट्रेन शुरू होने के बाद लगातार कोई ना कोई घटना के कारण वहां की ट्रेन और अवरोधित होते रही है।

कई बार वहां के प्रशासन के चलते ट्रेन रोकनी पड़ी है तो कई बार अन्य कारणों से ।आज तूफान की आशंका के कारण ट्रेन रोक देने से उड़ीसा जाने वाले लाखों श्रमिकों को निराशा का सामना करना पड़ा है।साथ ही ट्रेन कब शुरू होगी यह भी निश्चित नहीं होने के कारण हुआ परेशान हो गए हैं।

लॉकडाउन 31 मई तक! जानिए कुछ छूट दी या नही!

डेस्क

  रविवार को लॉकडाउन 3 का आखिरी दिन था। देशभर में कोरोना के बढते मरीजों को देखते हुए केन्द्र सरकार की ओर से लॉकडाउन 31 मई तक बढा दिया गया है। लोगों को उम्मीद थी कि हॉटेल, रेस्टोरेन्ट आदि खुलने की छूट मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हॉटल, रेस्टोरेन्ट तथा स्कूल, कॉलेज बंद रहेंगे। इसमें कुछ छूटछाट नही दी है। रेस्टोरेन्ट से होम डिलिवरी हो सकेगी। इसके अलावा घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीूय उड़ान बंद रहेंगे। स्पोर्टस कॉम्पलेक्स और स्टेडिटम दर्शको के बिना खोले जा सकेंगे।         

केन्द्र सरकार के पहले ही कई राज्य सरकारों ने लॉकडाउन बढ़ाने का आग्रह किया था। कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण महाराष्‍ट्र और तमिलनाडु ने 31 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा  कर दी। इससे पहले पंजाब, तेलंगाना और मिजोरम ने भी लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा कर दी है। तेलंगाना की सरकार ने 29 मई तक लॉकडाउन बढ़ाया है। वहीं पंजाब सरकार ने 18 मई से राज्‍य से कर्फ्यू हटाने की घोषणा कर दी है।

 इससे पहले पिछले मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि लॉकडाउन अभी पूरी तरह नहीं हटेगा। हालांकि उन्होंने चौथे चरण में ज्यादा छूट का संकेत भी दिया था। 

यह स्थान खुले रहेंगे
बताया जा रहा है कि स्थानीय प्रशासन कंटेनमेंट इलाकों और मॉल्स को छोड़कर बाकी जगहों पर सभी तरह की दुकानों और बाजारों को खोलने की इजाजत दे सकेंगे, लेकिन दुकानें और बाजार खोलने और बंद करने का वक्त तय रहेगा। 
इसके अलावा दुकानो पर भीड नहीं लग सके इसिलए दुकानों में एक वक्त पर 5 से ज्यादा लोग नहीं जा सकेंगे एक मीटर से अधिक की दूरी रखनी होगी। इसके लिए स्थानीय प्रशासन को ध्यान रखना पड़ेगा। इन दिनो बड़ी संख्या में श्रमिक एक राज्य से दूसरे राज्यों मे जा रहे है इसे देखते हुए भी गाइड लाइन जारी की गई है जैसे कि 
अगर राज्य सरकारों के बीच आपसी सहमति बन जाती है तो दो राज्यों के बीच यात्री बसों और गाड़ियों की आवाजाही हो सकेगी।
सरकारें अपने स्तर पर फैसला कर राज्यों के अंदर भी बसें शुरू कर सकेंगी।

सिर्फ वही होटल चालू रहेंगे, जहां हेल्थ, पुलिस, गवर्नमेंट ऑफिशियल्स, हेल्थ वर्कर्स और लॉकडाउन की वजह से फंसे पर्यटक रह रहे हैं।
बस डिपो पर चलने वाले कैंटीन, रेलवे स्टेशनों और एयरिपोर्ट पर खाने पीने की दुकानें खुली रहेगी।

 इसके अलावा अभी तक मिली जानकारी के अनुसार रेडज़ॉन, ओरेंज जोन आदि के बारे मे राज्य सरकार फैसला लेंगे।

देश में कोरोना पॉज़िटिव केस की संख्या 85 हज़ार के क़रीब है और कई राज्यों में कोरोना पॉज़िटिव केस की संख्या लगातार बढ़ती जा रही। है। महाराष्ट्र और गुजरात आदि राज्यों में कोरोना तेज़ी से फैल रहा है। इसलिए भी सरकार चिंतित है। 

कोरोना में देरी से उपचार के लिए आ रहे लोग बिगाड़ रहे बाजी!!


सूरत
सूरत महानगर पालिका कमिश्नर ने आज लोगों से अपील की है कि यदि उन्हें सर्दी, खासी या बुखार जैसे कोई भी लक्षण दिखे तो स्थानीय अस्पताल या सिविल में तुरंत ही उपचार लें। मनपा कमिश्नर का कहना है कि जितनी जल्दी उपचार शुरू होगा उतना ही अच्छे होने की उम्मीद बढ जाती है।

सूरत में कोरोना से ठीक होने वालों का रेशियों इसलिए अच्छा है कि यहां पर डोर टु डोर सर्वे के कारण संदेहास्पद केस जल्दी मिल जाते हैं और उनका उपचार जल्दी शुरी हो जाता है। उन्होंने कहा कि सूरत में शनिवार को 29 मरीज आए और कुल मरीजों की संख्या अब तक 1020 है इसमें आज दो लोग की जान चली गई।

अब तक कुल 48 लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने कहा कि आज जिनकी मौत हुई उसमें लिंबायत के आरिफ शाह और कतारगाम के हितेश जादव का नाम है। कमिश्नर ने कहा कि लोग कोरोना बीमारी के लक्ष्ण होते भी अवगणना करते हैं और जल्दी नहीं आते इसिलए ज्यादा दिक्कत हो जाती है। आज कोरोना पॉज़िटिव के नाम नीचे दिए है।

कतारगाम ज़ोन
शिवराम मथानिधि क्षमा, अमरोली अवास
 दिलहर बेन छसठिया , ओंकार रो-हाउस
 फुलचंद छबीललाल गुप्ता, कोसाड अवास
 रघुनाथ श्रीराम निवास पांडे कोसाड अवास
संगीता विजय संगता कोसाड अवास
 मीना हाड़गा कुंवर, रहमत नगर
लक्ष्मण अनिल कुंवर, रहमत नगर
 बबेला सुनील कालूसिंग, रहमत नगर
 खगेंद्र तिलक केसी, रहमत नगर

लिंबायत ज़ोन
आजाद कुमार शिवाजी यादव, अंजना फार्म
 कृष्णाबेन महादेवभाई बिसीकर, कल्पना रो-हाउस
 रामबिहारी श्रीरामपाल पांडे, सहजानंद सोसाइटी
 गणेश रामश्री पांडे, श्रीजी नगर सोसाइटी- II
अशोक क्यारू खारले, महाराणा प्रताप नगर
 कोकिला संजय पाटिल,नीलकंठ नगर
 विधा रावसाहेब पाटिल,मोदी स्ट्रीट
 संतोषी नागेश वशराम वर्ष मराली नगर
सलीम मुनीर शेख, प्रताप नगर
यसोदा लक्ष्मण चौधरी, आदर्श आवासीय विद्यालय
सरिता अजय वर्मा, गोकुल नगर

उधना जोन –
 समीम खानुन अख्तर सैयद,शोएब नगर
 प्रगति अशोक संकेत, संजय नगर
 रणजीतभाई भीमसिंगभाई वसावा,संजयनगर

वराछा जोन-ए
 मंगू नसवंत चौधरी, विशाल नगर
 पूजा अंगत भारती, गोविंद नगर सोसाइटी
स्नेहा राकेशभाई कटारिया, सीताराम सोसायटी
 शोभा गुलाब महाजन श्रीराम सोसायटी

सेन्ट्ल ज़ोन
दीया मनीषभाई चपड़िया, खराड़ी गली
निकुल हरीशभाई राणा, इंद्रपुरा

सूरत के एक क्षेत्र में कोरोना पॉज़िटिव की संख्या कई राज्यों से ज़्यादा!!


सूरत
सूरत शहर में कोरोना पॉज़िटिव के मामले में तेज़ी से बढ रहे है। यहाँ पर ठीक होने वालों का दर भी बढ़ा है लेकिन सच्चाई यह भी है कि कोरोना के मरीज भी तेज़ी से बढ रहे है। सूरत देश में कोरोना के मामलों में सबसे ऊपर के दस शहरों में शामिल हो चुका है।

सूरत शहर और ज़िले में कोरोना के कुल १००० के क़रीब मामले दर्ज हो चुके है| इनमें से ३८० के क़रीब मामले लिंबायत क्षेत्र से है जो कि ,१२ राज्यों मे कोरोना पॉज़िटिव मामलों से अधिक है। यदि तुलनात्मक नज़रिए से देखे तो झारखंड में ११४, त्रिपुरा में १६०, आसाम में ९०, उत्तराखंड में ७२, हिमाचल में ६६, छत्तीसगढ़ में ६०, मेघालय में १३, गोवा में ७मणिपुर में दो तथा अरूणाचल, सिक्किम और मिजोरम में एक एक मरीज दर्ज हुए है।

लिंबायत ज़ोन में ज़्यादा मरीज दर्ज होने का कारण यहाँ के लोगों के सोशल डिस्टैंस का पालन नहीं करना माना जा रहा है। लिंबायत के मानदरवाजा टेनामेंट से ही १०० से अधिक मामले मिले थे।फ़िलहाल मनपा मे लिंबायत को शहर से अलग जैसा बनाकर टापू जैसा कर ट्रीटमेंट शुरू किया है। मनपा कमिश्नर ने यहाँ पर बच्चों, वृध्दों का अलग से लिस्ट बनाने के लिए सर्वे शुरू किया है। साथ ही घर घर आयुर्वेदिक और होमियोपैथी दवा का वितरण किया जा रहा है।


सूरत शहर और ज़िले की बात करें तो सूरत अब कोरोना के मामले में आगे दस शहरों में से नौवे स्थान पर आ गया है। मुंबई में १६७३८, दिल्ली में ८४७०, अहमदाबाद में ७१८१, चेन्नई में ५६३७,पुणे में ३३१४ थाने में ३२८७ इन्दौर में २३०० और जयपुर में १३७६ मामले अभी तक दर्ज हुए है।

ट्रेन चली तो थे 1600 रूकी तो हो गए 1692!!

सूरत
सूरत से अन्य राज्यों के लिए जानेवाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में जाने वाले पैसेंजर की संख्या घटने बढ़ने का खेल रेलवे को समझ नहीं आ रहा। दो दिन पहले हरिद्वार पहुँचने वाली ट्रेन में लगभग 150 लोग कम पहुँचे इसके बाद बुधवार को जब बाँदा पहुँची तो 92 लोग बढ गए थे। प्रशासन ने यह यात्री कैसे बढ गए इनकी जाँच हुई है या नही इसकी पूछताछ शुरू की है।


सूरत से स्पेशल श्रमिक ट्रेन इस बार 1691 प्रवासियों को लेकर बांदा आई। सभी को शारीरिक दूरी के साथ ट्रेन से एक-एक कर नीचे उतारा गया। सभी प्रवासियों की स्टेशन के बाहर सूची तैयार की गई। सभी को टोकन देकर अलग-अलग बसों से तहसील क्षेत्रों के क्वारंटाइन केंद्रों में भेजा गया है।


मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के कारण व्यापार उधोग बंद हो जाने से कई राज्यों के श्रमिक दूसरे राज्यों में फँस गए है।सरकार की ओर से उन्हें अपने वतन से जाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की गई है। सूरत से बड़ी संख्या में अन्य राज्यों के लिए श्रमिक अपने वतन की ओर जा रहे है।बुधवार रात 2:38 मिनट पर 1691 प्रवासियों को लेकर प्लेटफार्म नंबर दो में पहुंची। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर वहां पहले से प्रवासियों को नीचे उतारने की तैयारियां थीं।

इससे ट्रेन रुकते ही हर बोगी के गेट पर पुलिस कर्मी तैनात हो गए। एक-एक बोगी से प्रवासियों को प्लेटफार्म में उतारा गया। जहां सभी को दो-दो मीटर की दूरी में बने गोलों से रोकते हुए प्लेटफार्म के बाहर निकाला गया। जहां सूरत से भेजी गई करीब 16 सौ लोगों की सूची से सभी के नाम व पता का मिलान कराया गया। इसमें सूची के हिसाब से करीब 92 प्रवासी ज्यादा मिले।


अब प्रशासन यह ज़्यादा श्रमिक कैसे आ गए। इनकी जाँच की जा रही है। फ़िलहाल प्रशासन के सामने यह सवाल आ रहा है कि जब गिनकर कुल 1600 पैसेंजर बिठाए गए तो 92 ज़्यादा कैसे हो गए। बाँदा से रेलवे अधिकारियों ने सूरत के रेलवे अधिकारियों से संपर्क शुरू किया है।