लो, भारत की को-वैक्सिन WHO की सूचि में ही नहीं, विदेश में हो सकती है दिक्कत

एक ओर लाखो भारतीयो ने कोवैक्सिन का एक या दो डोज ले लिया है और दूसरी ओर WHO का कहना है कि को वैक्सिन उनकी कोरोना वैक्सिन की सूचि में शामिल ही नहीं। इससे भारतीय लोग जो कि विदेश मे जाते हैं उन्हें किसी किसी देश में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। हालाकि को वैक्सिन को अब सूचि में शामिल कराने के प्रयास जारी हो चुके हैं।वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने को- वैक्सिन को अपनी लिस्ट में शामिल नहीं किया है जिससे कि को-वैक्सिन लेने वाले भारतीयों को विदेश यात्रा के समय वैक्सिन नहीं लिया है ऐसा माना जाएगा।

इस कारण से कोई भी देश अपने यहां आने से इन्कार कर सकता है भारतीय सिरम इंस्टीट्यूट की ओर से बनाए गए कोविशिल्ड मॉडर्ना तथा फाइबर एस्ट्रेजेनिका की दो वैक्सिन और युएस तथा नेदरलेन्ड में जेनसेन की वैक्सिन और साइनोफॉर्म तथा बीबीआईपी की वैक्सीन को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने अपनी सूची में शामिल किया है। जबकि अभी तक को-वैक्सिन सूची में शामिल नहीं है। भारत बायोटेक ने वैक्सीन को मान्यता मिले इसलिए प्रयास शुरू किए हैं। लेकिन वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इस सिलसिले में आवश्यक डॉक्यूमेंट मांगे हैं। आगामी जून महीने में इसकी मीटिंग होनी है।

इसके बाद वैक्सिन बनाने वाली कंपनी को डोजियर भेजना होगा।भारत से विदेश जाने वाले यात्रियों युनिक कोड के साथ नेगेटिव आरटी पीसीआर टेस्ट का रिपोर्ट ले जाना होगा। जहां पर यह रिपोर्ट अनिवार्य नहीं है ऐसे एयरपोर्ट पर रिपोर्ट ले जाने की जरूरत नहीं है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार जिन देशों में आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य बनाया गया है। वहीं पर नए नियम लागू होंगे। आरटीपीसीआर रिपोर्ट संबंधित सत्यता जानने के लिए युई कोड अनिवार्य किया गया है। बीते दिनों फर्जी रिपोर्ट के मामले भी सामने आए थे।