दिल्ली में चोर ने एक लग्जरी कार की चोरी में एक चोर को पकड़ा है। पूछताछ के दौरान आरोपी ने जो जानकारी दी है। यह सुनकर पुलिस भी दंग रह गई है। क्योंकि आरोपी ने बताया कि उनके साथ दो आरोपी और भी हैं। जिनमें की एक मणिपुर का निवासी है और उसकी पत्नी पुलिस में कांस्टेबल है। वह सिर्फ मौज शौख करने के लिए लग्जरी कार चोरी करता है और उत्तर पूर्वी बेच देता हैं
मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली की पुलिस अधिकारी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि 2 जुलाई के रोज शक्ति नगर क्षेत्र में से एक लग्जरी कार की चोरी हुई थी। पुलिस ने इस केस की जांच स्पेशल इंस्पेक्टर सुनील शर्मा को दी थी। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने इस कार चोरी के एक आरोपी राजीव को पहचान लिया और जुलाई को राजीव को चंदगी रामअखाड़ा के पास से पकड़ लिया।
अब उससे जानकारी ली जा रही है। अब तक की जानकारी मे यह पता चला है कि मोहम्मद हबीबुर मणिपुर का निवासी है और उसकी पत्नी मणिपुर में पुलिस कांस्टेबल है। हबीबुर मणिपुर विलेज डिफेंस के लिए काम करता था लेकिन जल्दी रुपए कमा देने की लालच में वाहन चोर बन गया। वह ऑर्डर मिलने पर ही चोरी करता था।
वह आगरा के राज्य तथा कोलकाता के सागर रॉय के साथ मिलकर उसने एक टीम बना ली। वह दिल्ली तथा एनसीआर से लग्जरी कार चोरी करता था उत्तर पूर्वी राज्यों में बेच देता था कार चोरी करने के लिए विमान में आता जाता था उसने अब तक पाँच सौ कार की चोरी की है।
सूरत: प्लाइवुड विक्रेता के यहाँ डीजीजीआई का छापा
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट ने नवजीवन सर्कल के पास तथा अलथान में स्थित ममंगलम प्लाई में छापा मारकर जीएसटी के भुगतान में घोटाला पकड़ा है। डिपार्टमेंट में यहां से बड़े पैमाने पर दस्तावेज जप्त किए दस्तावेजों की जांच के दौरान अभी तक डिपार्टमेंट ने यहां से 97 लाख रुपए की जीएसटी चोरी वसूल की है।
मिली जानकारी के अनुसार मंगलम प्लाई पीढ़ी के दोनों ठिकानों पर गत दिनों डीजीजीआई के अधिकारियों ने जांच की थी। जांच के दौरान यहां पर बड़े पैमाने पर खरीद बिक्री के दस्तावेज मिले थे। इनकी बारीकी से जांच में पता चला कि वह ई बिल में जितना बताया गया था उसकी अपेक्षा कहीं ज्यादा माल खरीदा गया था। इसके अलावा उन्होंने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा सहित कई राज्यों से बिन रजिस्टर्ड व्यापारियों से भी प्लाईवुड खरीदा था।
प्लाईवुड खरीदने के लिए जो टैक्स भरना था वह भी उन्होंने नहीं चुकाया था। इसके अलावा किसी रिकॉर्ड के बिना प्लाईवुड बेच दिया था। डीजीजीआई के अधिकारियों ने पेढी के भागीदार संजय बांगड़ का स्टेटमेंट दर्ज किया है।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार अधिकारियों ने जीएसटी चोरी के बदले में ₹97 का भुगतान करवा लिया है। विभाग की जांच के दौरान 5 करोड रुपए से अधिक के प्लाइवुड की खरीदी में गड़बड़ी की आशंका पाई गई थी।
उल्लेखनीय है कि डीजीजीआई ने बीते एक सप्ताह से करचोरी करने वालों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक विभाग ने आठ जगह कार्रवाई करते हुए करोडो रूपए की करचोरी का खुलासा किया है।