दुबई जाने वाले यात्रियों के पास कम से कम 2000 दिरहम नहीं होगा तो उन्हें दुबई के धरती पर पांव नहीं रखने दिया जाएगा।दुबई सरकार की ओर से इस नए फैसले के कारण भारत से जाने वाले यात्रियों की मुसीबत बढ़ी है।

दुबई अथॉरिटी ने आनन-फानन में लागू किए इस नियम के अनुसार दुनिया के किसी भी कोने से दुबई में जाने वाले मुसाफिर यदि 2000 दिरहाम नकद अपने पास रखेंगे तभी उन्हें इमीग्रेशन विभाग की ओर से क्लीयरेंस मिलेगा नहीं तो उन्हें स्वदेश लौटा दिया जाएगा। दुबई की लोकल करंसी साथ में रखने के नए नियम अभी लोगों को पता नहीं है। इसलिए बड़ी संख्या में लोगों को वापस आना पड़ रहा है। फिलहाल 100 से अधिक मुसाफिरों को भारत वापस भेज दिया गया है।

इसमें अहमदाबाद और मुंबई एयरपोर्ट पर लोग वापस आए हैं। सबसे अधिक राजस्थान के लोग हैं। एक तो कोरोना के कारण पहले से ही लोगों के पास पैसों का अभाव है। ऐसे में लोग रुपए कमाने के लिए ही तो दुबई जाते हैं और दुबई सरकार के इस तरह के रवैए के चलते लोगों की दिक्कत बड़ी है। वहां जाने के बाद यदि दिरहम ना रहे तो वापस आने का टिकट भी तुरंत ही खरीदना पड़ता है।

बताया जा रहा है कि दुबई में कई जगह पर भारतीय रुपए मान्य होने के कारण मुसाफिर रुपए लेकर जाते हैं और वहां पर दिरहाम में कन्वर्ट करवाते हैं। कई यात्री तो इंटरनेशनल ट्रैवल कार्ड से पेमेंट करते हैं। ऐसे में सरकार का यह आग्रह गलत है लेकिन वहां के प्रशासन का मानना है कि लोगों के पास दिरहाम रहेगा तो वह खर्च जरूर करेंगे और अर्थ तंत्र को गति मिलेगी।इस सोच के साथ नियम लगाया गया है ऐसा माना जा रहा है