चेंबर ऑफ कॉमर्स से आयोजित स्पार्कल 2021 के उद्घाटन समारोह में उपस्थित रहने के लिए सूरत आए जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन कॉलिन शाह ने पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर के लिए फॉरेन ट्रेड पॉलिसी बनाई जा रही है।

ई-कॉमर्स के माध्यम से 800 डॉलर तक जेम्स ज्वेलरी की बिक्री कर सकेंगे। आगामी दिनों में ई- कॉमर्स का क्षेत्र व्यापक होगा। इस सिलसिले में कॉमर्स मिनिस्ट्री इसके लिए मार्गदर्शिका बना रही है। ई-कॉमर्स की सरलता के लिए पोस्ट ऑफिस को भी जोड़ लिया जाएगा। कस्टम विभाग के तमाम नियमों का पालन करके यह व्यापार आगे बढ़ाया जाएगा। दुनिया के 200 कंपनियों के साथ इसके माध्यम से सीधा व्यापार होगा।

सूरत,मुंबई,जयपुर सहित देश में पांच पोस्ट ऑफिस को कुरियर सर्विस के लिए मान्य रखा जाएगा। जिससे कि शिपमेंट चार्ज 200 से 1000 तक ही पड़ेगा। आगामी भविष्य में 25% व्यापारी कॉमर्स के माध्यम से विकसित होगा। उन्होंने कहा कि बीते दिनों में जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर की ओर से जो मांग की गई थी वह केंद्र सरकार ने मान ली है। जैसे कि टफ योजना में डायमंड ज्वेलरी की मशीन के उपरांत लेबग्रोन डायमंड जिन मशीनों पर तैयार होता है उन मशीनों को भी टफ योजना का भी लाभ मिलेगा। इससे उन्हें सब्सीडी मिल सकेगी।

सरकार ने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में भी परिवर्तन किया है। सरकार ने ज्वेलर्स को भी इस योजना का लाभ देने का तय किया है। इस योजना से एक साल में 200 टन सोना सिस्टम में आएगा। इसका लाभ ज्वैलरी सेक्टर को भी होगा। कोलिन शाह ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने हमारी मांगों को मानते हुए गोल्ड की इंपोर्ट ड्यूटी साढे बारह प्रतिशत से घटकर साढे सात प्रतिशत कर दी है।

लेबग्रोन डायमंड की ड्यूटी दोगुनी कर के 15% कर दी है जिससे कि सूरत के लोगों को लाभ मिलेगा। वर्तमान में भारत में 200 करोड़ रुपए के सिंथेटिक डायमंड का उत्पादन हो रहा है। इस मौके पर जीजेईपीसी के रीजनल चेयरमैन दिनेश नावडिया ने बताया कि काउंसिल की ओर से इच्छापोर में इंटरनेशनल ड्राई ट्रेड सेंटर के डिनोटिफाइड जोन में ऑक्शन हाउस शुरू करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। यहां के ऑक्शन हाउस शुरू होने के बाद देश विदेश की माइनिंग कंपनियों के अलावा सूरत और मुंबई के हीरा उद्यमी अपनी ज्वेलरी यहां पर बेच सकेंगे।