यूनिवर्सिटी की सिन्डिकेट ने परीक्षा में चोरी करने वाले यूनिवर्सिटी के एक ही विभाग के 11 विद्यार्थी सहित कॉलेजों के कुल 37 विद्यार्थियों को परीक्षा में शून्य मार्क देने का फैसला किया है।
मिली जानकारी के अनुसार हर साल कॉलेजो की परीक्षा के दौरान कई स्टुडेंट कॉपी केस तथा अन्य मामलों में पकड़े जाते हैं।
इस साल ऐसे विद्यार्थियों के लिए युनिवर्सिटी ने कड़े फैसले लिए हैं। यूनिवर्सिटी के नियम के अनुसार परीक्षा में अनियमितता और चोरी के मामलों में पकड़े गए तमाम विद्यार्थियों को फैक्ट कमेटी के समक्ष सुनने के लिए बुलाया जाता है।
इस कमेटी में विद्यार्थियों को सुनने और पूरी हियरिंग के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाता है। कमेटी के समक्ष पेश होने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाता है। हाल में 28 अगस्त को सिंडिकेट की मीटिंग थी। जिसमें की फैक्ट कमेटी की रिपोर्ट भी पेश किया गया। रिपोर्ट में अलग-अलग कॉलेज के विदयार्थियों की रिपोर्ट भी रखी गई थी।
इनमें से 33 विद्यार्थियों को शून्य मार्क देने की देने का फैसला किया था जिसे की सिन्डिकेट की मीटिंग में मान्य कर लिया गया। सभी के मार्क्स शून्य कर दिए गए। यहां तक की दो विद्यार्थियों का परिणाम भी रद्द कर दिया गया। 13 छात्रों का परिणाम घोषित करने का निर्णय लिया गया है। सूत्रों के अनुसार 33 विद्यार्थियों में से 11 विद्यार्थी यूनिवर्सिटी के एक ही डिपार्टमेंट में से हैं। यह सभी एक दूसरे में से देख कर लिख रहे थे। सभी सितंबर 2020 के बाद होने वाली परीक्षा में भाग ले सकेंगे।