वित्तीय वर्ष 2022-23 आयकर रिटर्न फाइल की अंतिम तारीख 31 जुलाई 23 हैं और लगातार इनकम टैक्स विभाग से भी टेस्ट मेसेज के जरिये करदाताओं को सूचना दी जा रही हैं की सरकार का तारीख बढ़ाने का कोई मन नही है जिसको लेकर जून महीने से लेकर अभी तक कम से कम 60 से 70% रिटर्न फाइल हो चुके है।
साथ ही अंतिम इन 7 दिनों में करदाताओं का काफी उत्साह देखा जा रहा है जिसकी वजह से इन दिनों सी ए लोगो की ऑफिस में सुबह 10 बजे से लेकर रात्रि 10 बजे तक काफी भीड़ देखी जा रही हैं।
इसके साथ साथ दूसरी तरफ तो टीडीएस के फस्ट क्वाटर के रिटर्न की तारीख भी 31 जुलाई 23 होने पर भी इनकम टैक्स रिटर्न भरने में सी ए अपनी जी जान लगा रहे है जिससे अपने क्लाइंट को लेट फीस ना लगे।और उनका रिटर्न जल्द ही प्रोसर्स हो जिससे रिफण्ड भी जल्द मिल सके।
अभी तक International credit card से किया जाने वाला भुगतान इससे मुक्त था लेकिन 16th May से Credit card द्वारा किए जाने वाले भुगतान पर भी Credit card companies द्वारा 20% TCS लिया जाएगा। 30th June तक 7 lacs से अधिक होने पर ही 5% TCS है। लेकिन 1st July से बिना किसी छूट के प्रत्येक विदेशी भुगतान (Travelling etc) पर 20% TCS लगेगा। इससे जो लोग foreign travelling/Exhibition/ Roadshow/ Conferences/Group tour/Marriage करते है उन पर काफी प्रभाव पड़ेगा।
इसलिए अपने Foreign Travelling तथा अन्य विदेशी भुगतान को योग्य तरीके से दिखाए ।
विदेशी मुद्रा में प्रत्येक भारतीय RBI की Prior Approval के बिना 2,50,000 US डालर तक विदेशी भुगतान कर सकता है। 15 मई तक अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से किया गया Payment 2,50,000 की limit में include नहीं था, लेकिन 16 मई से अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किया गया Payment भी 2,50,000 की Limit के अंतर्गत कवर किया गया है।
यदि आप 2,50,000 USD से अधिक का Foreign Payment करते है तो आपको RBI की पूर्व स्वीकृति लेना जरुरी है।हालांकि चिकित्सा उपचार और शिक्षा के लिए किए गए Foreign Payment पर TCS की Rate कम है।
केंद्र सरकार ने आधार कार्ड और पैन कार्ड को लिंक करने की समय सीमा 30 जून तक बढ़ा दी है और इसके लिए लोगों को समय दिया है। केंद्र के इस फैसले से करोड़ों लोगों को राहत मिली है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) 30 जून, 2022 के बाद पैन को आधार से जोड़ने के लिए 1000 रुपये का विलंब शुल्क ले रहा है। आयकर विभाग ने कहा कि 'आयकर अधिनियम, 1961' के अनुसार, सभी पैन धारकों के लिए पैन को आधार से जोड़ने की अंतिम तिथि 31.3.2023 थी, जो छूट की श्रेणी में नहीं आते हैं, जिसे अब बदलकर कर दिया गया है। 30-06-2023 पैन को आधार से लिंक नहीं कराने पर पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाएगा।
पैन के साथ आधार लिंक नहीं होने पर पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाएगा, ऐसे में म्यूचुअल फंड या स्टॉक अकाउंट खोलने जैसी चीजों की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा अगर आप इस पैन कार्ड का इस्तेमाल कहीं भी दस्तावेज के तौर पर करते हैं तो आप पर भारी जुर्माना लग सकता है। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 272बी के तहत आप पर 10,000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
पैनकार्ड लिंक करना क्यों ज़रूरी
5 लाख से ज्यादा का सोना नहीं खरीद सकते।
आप बैंक में 50 हजार रुपये से अधिक जमा या निकाल नहीं सकते हैं।
अगर पैन कार्ड निष्क्रिय है तो आप टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर सकते हैं।
किसी भी तरह का आर्थिक लेन-देन रुक जाएगा।
आप म्यूचुअल फंड या वित्तीय योजनाओं में निवेश नहीं कर सकते हैं।
सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में भी दिक्कतें आएंगी
सरकार ने रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई से बढ़ा दी है, लेकिन देर से रिटर्न दाखिल करने वालों को ब्याज देना होगा।
इस दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए, करदाताओं को 31 जुलाई से पहले कर दे देना होगा, और बाद में सितंबर तक रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
देश में कोरोना महामारी को देखते हुए आयकर विभाग ने रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 30 सितंबर 2021 तक बढ़ा दी है, लेकिन देर से रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को जुर्माना के तौर पर ब्याज देना होगा।
आयकर अधिनियम के अनुसार, यदि कोई करदाता आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 234A, 234B और 234C के तहत कर रिटर्न दाखिल करने में देरी करता है, तो करदाता को बकाया कर पर ब्याज का भुगतान करना होता है। आयकर की धारा 234A के अनुसार, ब्याज तब भी लागू होता है जब करदाता रिटर्न दाखिल करने में देरी करता है। फ़िलहाल कोरोना के कारण सरकार ने रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है, लेकिन जुलाई की समय सीमा के बाद रिटर्न दाखिल करने वालों को एक फीसदी प्रति माह की दर से ब्याज देना होगा।
अगर आप 31 जुलाई के बजाय 7 अगस्त को रिटर्न दाखिल करते हैं, तब भी आपको पूरे महीने का टैक्स देना होगा। 7-दिन की देरी पूरे महीने के लिए गिना जाएगा। हालांकि, धारा 234ए के तहत कानून केवल उन करदाताओं पर लागू होता है जिनका टैक्स 1 लाख रुपये तक है। इसका मतलब है कि टैक्स रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई है, लेकिन 31 जुलाई के बाद रिटर्न फाइल करने वाले टैक्सपेयर की टैक्स देनदारी अगर 1 लाख रुपये से ज्यादा है तो उसे 1 फीसदी की दर से मासिक ब्याज देना होगा।
सीए बिरजू शाह और सीए दीपक सक्सेना ने कहा कि कोरोना की गंभीर स्थिति को देखते हुए सीबीडीटी ने रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा बढ़ा दी है. लेकिन जिन टैक्सपेयर्स पर 1 लाख रुपये से ज्यादा टैक्स देनदारी है, उन्हें टैक्स लेट करने पर कानून के मुताबिक ब्याज देना होगा। इस दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए करदाताओं को 31 जुलाई से पहले कर दाखिल करना होगा, बाद में रिटर्न जमा किया जा सकता है।
देश में कोरोना की दूसरी लहर के कारण व्यापार उद्योग बंद होने से बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए है। लोगो की आवक घट गई है। लोगों के सामने आर्थिक समस्या आ गई है। इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा स्वनिर्भर भारत योजना की घोषणा के बाद रिफंड की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टेक्स ने करदाताओं को रिफंड देने की प्रक्रिया तेज कर दी है। आयकर विभाग ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में अब तक करदाताओं को 15.47 लाख करदाताओं को 26,276 करोड़ रुपये रिफंड किए गए हैं। लौटाई गई कुल राशि में से रु. व्यक्तिगत आयकर के तहत 15.02 लाख करदाताओं को 7,538 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जबकि 44,531 करोड़ करदाताओं को 18,738 करोड़ का रिफंड किया गया है।
आयकर विभाग ने ट्विटर पर लिखा, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 1 अप्रैल, 2021 से 31 मई, 2021 के बीच 15.47 लाख से अधिक करदाताओं को 26,276 करोड़ रुपये से अधिक की वापसी की है। आयकर विभाग ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह राशि किस वित्तीय वर्ष से संबंधित है। हालांकि, यह माना जाता है कि रिफंड वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए दाखिल किए गए टैक्स रिटर्न से संबंधित है।
पिछले वित्त वर्ष में आयकर विभाग ने करदाताओं को 2.38 करोड़ रुपये लौटाए। वित्तीय वर्ष 2020-21 में करदाताओं को लौटाई गई राशि रु. 2019020 में चुकाई गई 1.83 लाख करोड़ की अपेक्षा 43.2 प्रतिशत विभाग ने पहले कहा था कि उसने 1 अप्रैल, 2021 से 10 मई, 2021 के बीच 13 लाख करदाताओं को 17,061 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है। 12,71,401 करदाताओं को 5,575 करोड़ रुपये लौटाए गए। कंपनी ने 29,592 कर मामलों में करदाताओं को 11,486 करोड़ रुपये वापस किए हैं।कोरोना काल में करदाताओं के लिए यह बड़ी राहत की बात है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बजट में सेक्शन 206 बी और सेक्शन 206 सी सी ए के नए प्रावधान लागू कर दिए हैं। इसके अनुसार बीते 2 वर्ष का इन्कम टैक्स रिटर्न समय पर नहीं फाइल किए हो ऐसे मामलों में 5 गुना अथवा डबल टैक्स इन दोनों में से जो भी अधिक होगा।
वह करदाता को भरना पड़ेगा। इतने कड़े प्रावधानों के कारण करदाताओं को परेशानी हो सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए चेंबर ऑफ कॉमर्स की इन्कम टैक्स कमेटी ने वित्त मंत्री से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
चेंबर ऑफ कॉमर्स के इनकम टैक्स कमेटी के चेयरमैन से विरेश रूदलाल ने बताया कि वित्त मंत्री ने बजट में सेक्शन 206 एबी और सेक्शन 206सीसीए के नए प्रावधान लागू करने की सूचना दी हैं। इसके अनुसार डिविडंड,ब्याज,इंश्योरेंस कमिशन,दलाली,कमिशन,किराया,प्रोफेशनल फीस मिलकर खरीदी और इन सभी से आवक प्राप्त करने वाले तथा स्क्रेप और लकड़ी सहित की खरीदी करने वाले करदाता यदि 2 वर्ष के इनकम टैक्स रिटर्न समय पर नहीं फाइल करते हैं तो टैक्स काटने वाले उनके 5 गुना टैक्स अर्थात की 1% के बदले 5% अथवा डबल 10% के स्थान पर 20% इनमें से जो भी अधिक होगा वह टीडीएस काटना होगा।
हालाकि इन मामलों में जिसका टैक्स कटेगा उसके बीते वर्षो का टीडीएस 50,000 से अधिक होना चाहिए। जिनका टैक्स काटा जाएगा उनके बीते 2 वर्षों के रिटर्न मांगने के उपरांत फॉर्म नंबर 268 की जानकारियां भी वह जल्दी नहीं देंगे ऐसे में टैक्स डिडक्टर को ही ब्याज और दंड का सामना करना पड़ सकता है। विरेश रूदलाल ने बताया कि नया धंधा शुरू करने वालों के पिछले वर्षों के रिटर्न मिलेंगे या नहीं तथा एक जिसका काटना है उनका यदि पिछला रिटर्न बाकी हो तो किस रेट के हिसाब से काटना है यह असमंजस बना है।
कोरोना की स्थिति के कारण देश भर के व्यापारी परेशानी में हैं। इसे देखते हुए फिक्की, सीआईआई और कैट ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न की समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी। इन बातों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्रालय की ओर से शनिवार को जीएसटीआर-9 तथा जीएसटीआर-9 सी रिटर्न फाइल करने की तारीख बढा दी गई।
इसके अलावा ऑडिट रिटर्न फाइल और नॉन ऑडिट वाले रिटर्न फाइल करने का समय भी बढाने का फैसला किया गया है। जीएसटीआर-9 तथा जीएसटीआर-9 सी रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथी 31 अक्टूबर थी, जो कि बढाकर 31 दिसबंर कर दी गई है।
सरकार के इस फैसले के कारण सूरत सहित देशभर के लाखो व्यापारियों को राहत होगी। क्योंकि कोरोना के कारण व्यापार ठप्प था। अब दिवाली के कारण व्यापार थोडा चल रहा है।
ऐसे में जीएसटीआर09 तथा 9सी रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर थी। इसके अलावा ऑडिट वाले रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि भी 31 अक्टूबर थी। इसमें ऑडिट रिपोर्ट सब्मीट करने की तिथि 31 अक्टूबर और रिटर्न फाइल करने की तिथि 30 नवंबर थी। इसमें अब ऑडिट रिपोर्ट सब्मीट करने की तिथि 31 दिसंबर और रिटर्न फाइल करने की तिथि 31 जनवरी कर दी गई है।
इसी तरह से गैर-ऑडिटेड रिटर्न की समय सीमा 30 नवंबर से बढ़ाकर 31 जनवरी कर दी है।इसका फायदा दक्षिण गुजरात के 11 लाख लोगों को मिलेगा। साथ ही वित्तमंत्रालय ने एक लाख रुपये तक की सेल्फ असेसमेंट टैक्स देयता वालों के लिए सेल्फ असेसमेंट टैक्स के भुगतान की तारीख को 31 जनवरी 2021 तक बढ़ा दिया गया है।'
आयकर विभाग के पूर्व अधिकारी सहित कुल 13 स्थानों पर आयकर विभाग ने शुरू की कार्रवाई आठ स्थानों पर समाप्त हो गई और पाँच स्थानों पर जारी रही। जांच कार्रवाई देर रात तक समाप्त होने के आसार हैं।
आयकर विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयकर के पूर्व अधिकारी पीवीएस शर्मा ने नोटबंदी के दिनों में कुछ ज्वैलर्स, बिल्डर्स और सीए तथा आयकर अधिकारियों को लेकर किए ट्वीट के बाद गत बुधवार से आयकर विभाग की डीआई विंग ने उनके यहां सर्च की कार्रवाई की थी। आयकर विभाग ने पीवीएस शर्मा के साथ कौशल सिलिकॉन, सीए अडुकिया, सीताराम अडुकिया, साकेत मीडिया, धवल शाह सहित कुल 13 स्थानों पर छापा मारा था।
छापे की कार्रवाई में विभाग को तमाम स्थानों से लगभग दो करोड़ की ज्वैलरी, पचास लाख से अधिक नकद, 38 लाख की एफडी सहित कई दस्तावेज मिले। इसके अलावा पीवीएस शर्मा के उन के 18 प्लोट, परवट पाटिया के फ्लेट तथा पार्ले प्वाइन्ट के प्लोट के दस्तावेज भी मिले। शनिवार शाम तक आयकर विभाग की कार्रवाई सात स्थानों पर पूरी हो गई थी। जांच के दौरान पीवीएश शर्मा पहले दिन धरना पर भी बैठ गए थे।
आयकर अधिकारियों ने भी अपनी सावधानी के लिए पूरी कार्रवाई की वीडियो रेकोर्डिंग करवाई है। फिलहाल आयकर विभाग शर्मा के साकेत मीडिया की जांच कर रहा है। बताया जा रहा है कि वह महेश ट्रेडिंग से खरीद करते थे।
उस पते पर जाने पर वहां ऐसी कोई कंपनी नजर नहीं आई। वह कंपनी वहां 40 साल पहले थी। उन्होंने बुक पर महेश ट्रेडिंग से सवा दो करोड की खरीद बता रखी है। इसके अलावा प्रजापति- शाह कंपनी के तमाम डायरेक्टर को भी सम्मन देकर बुलाया गया है।
जीएसटी विभाग के इस फैसले के कारण करदाताओं की चिंता बढ़ सकती है। जीएसटी विभाग की ओर से जीएसटीआर 3बी रिटर्न 24 जून के बाद फाइल करने वाले करदाताओं को 18% ब्याज और प्रतिदिन ₹50 के अनुसार भी चुकानी पड़ेगी।
मिली जानकारी के अनुसार योगदान के दौरान देशभर में व्यापार धंधा बंद से व्यापारी अपने प्रतिष्ठान तक नहीं जा पा रहे थे। ऐसे में केंद्र सरकार ने व्यापारियों को राहत देने के लिए gstr-3b सहित तमाम फाइल करने की समय अवधि बढ़ा दी।
जिसके अनुसार जीएसटीआर 3b जो कि मार्च 31 तारीख तक फाइल करना था उसकी तारीख 4 अप्रैल कर दी थी। मार्च महीने की 20 अप्रैल तक भरे जाने वाले रिटर्न की 5 मई कर दी थी। अप्रेल महीने के 20 मई तक भरे जाने वाले रिटर्न की तारीख 4 जून कर दी थी। इस दौरान जो लोग रिटर्न फाइल करते उन्हें ब्याज और पेनल्टी से छूट दी गई थी।
लेकिन जो लोग 24 जून तक रिटर्न फाइल करते उन्हें 9% ब्याज चुकाना पड़ता। यदि 24 जून तक भी कोई रिटर्न नई फाइल करता है तो उसे 24 जून के बाद 18 प्रतिशत ब्याज और ₹50 प्रतिदिन के हिसाब से लेट फीस चुकाना पड़ेगा। सीए सुशील काबरा ने बताया कि व्यापार उद्योग अभी तक अपनी रफ्तार नहीं पकड़ पाए हैं।
कई व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान नहीं खोले हैं। कोरोनावायरस के डर के कारण व्यवसायिक अपने कार्यालय तक नहीं पहुंच पा रहे हैं ऐसे में सरकार को व्यापारियों को थोड़ी और छूट देने की आवश्यकता थी। सूरत के कपड़ा बाज़ार में तो अभी तक सिर्फ 40 प्रतिशत दुकानें खुल सकी है।
अब टीटीई नहीं मशीन बताएँगे आप की टिकिट कन्फर्म है या नही?
रेलवे प्रशासन की ओर यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इन दिनों कई सराहनीय कदम उठाए जा रहे है। फ़िलहाल रेलवे की ओर से यात्रियों की टिकिट कन्फर्म है या नहीं यह पता करने वाली मशीनें लगाई जा रही है।
अभी देश में यह पॉयलोट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ स्टेशनों पर शुरू किया गया है। यदि यह सफल हुआ तो अन्य स्टेशनों पर भी ऐसी मशीनें लगाई जाएगी। इस मशीन में लगे कैमरे के सामने टिकट लाते ही यात्रियों को टिकिट कन्फर्म है या नही यह पता चल जाएगा।
फ़िलहाल प्रारंभिक चरण में लखनऊ जंक्शन और प्रयागराज में कैमरे लगा दिए गए हैं। गोरखपुर जंक्शन और मंडुआडीह में कैमरे जल्द लगाए जाएंगे। इसके लिए टेंडर जारी किए गए है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद जल्दी ही इन स्टेशन पर भी सुविधा शुरू हो जाएगी। बताया जा रहा है कि इस पध्धति से यात्रियों को प्लेटफ़ॉर्म पर ही उनके टिकिट संबंधित जानकारी मिल जाएगी।
यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद उनके पास मोबाइल में मौजूद ई टिकट या काउंटर से लिया गया प्रिंट टिकट कैमरे के सामने करना होगा। इसे मशीन में रखा कैमरा स्कैन करेगा और कुछ देर के बाद प्रोसेस कर टिकिट कन्फर्म है या अभी भी वेइटिंग है यह पता चल जाएगा।
जिन यात्रियों का टिकिट कन्फर्म होगा उन्हें प्लैटफ़ॉर्म पर ज़रूरी कोरोना की जाँच के बाद भेज दिया जाएगा। जहां से उन्हें अपने कोच और सीट नंबर के स्थान पर बैठ जाना होगा।