अब श्रमिकों के लिए स्वागत कार्यक्रम, काश लॉकडाउन में भी सुध ले लेते!

कोरोना के दिनों में लॉकडाउन दौरान गांव चले गए श्रमिकों को वापस लाने की उद्यमियों और प्रशासन की ओर से तडामार तैयारियां चल रही हैं। यहां से भूखे प्यासे चले गए गांव श्रमिकों के लिए कोई लग्जरी बस भेज रहा है तो कोई विमान की टिकट है भेज रहा है।

हाल में ही रेलवे प्रशासन की ओर से उड़ीसा से श्रमिकों को लाने के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई है। धीरे-धीरे परिस्थितियां सामान्य होने के कारण अन्य राज्यों से श्रमिक सूरत लौटने लगे हैं। चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से अन्य राज्यों से सूरत में लौटने वाले श्रमिकों के लिए तीन दिवसीय स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया गया सूरत से मुजफ्फरपुर से सूरत आने वाले श्रमिकों को श्रमिक स्वागत सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार को सेनीटाइजर और मास्क देकर स्वागत किया गया।


सूरत रेलवे स्टेशन पर आयोजित इस कार्यक्रम में सूरत महानगर पालिका के कमिश्नर निधि पानी मुख्य मेहमान के तौर पर उपस्थित रहे। उन्होंने श्रमिकों को मास्क और सेनेटाइज बाँटे। इस अवसर पर मैया जगदीश पटेल भी उपस्थित रहे इसके अलावा चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रमुख दिनेश नावडिया और मैनेजिंग कमिटी के कई सदस्य उपस्थित रहे।आपको बता दें कि लॉकडाउन के दौरान लाखों की संख्या में श्रमिक अपने गांव लौट गए थे।

जोकि धीरे-धीरे अब कोरोनावायरस की परिस्थिति पहले से सामान्य होने के कारण लौट रहे है। आनेवाले दिनों में बड़ी संख्या में श्रमिकों के लौटने की उम्मीद है। कुछ दिनों में दिवाली के कारण उद्यमी चाहते हैं कि श्रमिक जल्दी लोट आए इसलिए वह श्रमिकों को टिकिट का रूपए भी भेज रहे है।

वाह, श्रमिकों को लाने के लिए फ्लाइट का टिकिट भेजा

लॉकडाउन के बाद व्यापार उद्योग तो शुरू हो गए लेकिन श्रमिकों के बिना सब अधूरा है। लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों की परेशानी को नहीं समझ सके उद्यमी अब उन्हें बुलाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।

देशभर में उद्यमी श्रमिकों के लिए परेशान हैं। क्योंकि भले ही व्यापार उद्योग अच्छे से शुरू हो गए हैं. लेकिन श्रमिकों की कमी के कारण उत्पादन अच्छे से नहीं शुरू हो सका है। दिल्ली में मशरूम की खेती कराने वाले मालिक ने अपने श्रमिकों को वापिस लाने के लिए 20 फ्लाइट के टिकट भेजे हैं। इसके पहले भी इस उद्यमी ने श्रमिकों को गांव भेजने के लिए 10 टिकट खरीदे थे।


मिली जानकारी के अनुसार पप्पन सिंह नाम के मशरूम उत्पादक ने 100000 रूपए के टिकट खरीदे थे। उन्होंने यह टिकट बिहार चले गए श्रमिकों को वापस लाने के लिए भेजें। लॉकडाउन के बाद अब सरकार की ओर से व्यापार- उद्योग आदि खुलने की छूट दी गई है।

अगस्त महीने से अच्छे से उत्पादन शुरू हो सके इसलिए पप्पन ने यह टिकट खरीद कर भेजे हैं। पप्पन के यहां यह श्रमिक 20 साल से काम कर रहे हैं। बिहार के समस्तीपुर जिला के गांव के निवासी नवीन राम ने मीडिया को बताया कि विमान यात्रा को लेकर उत्साहित हैं।

इसके इसके पहले भी उन्होंने विमान में यात्रा की है। इसलिए उन्हें डर नहीं लग रहा। उन्होंने बताया कि इसके पहले ट्रेन की टिकट के लिए प्रयास किया गया लेकिन ट्रेन बुक होने के कारण टिकट नहीं मिल सका। मशरूम की खेती की सीजन अगस्त महीने में शुरू हो जाती है। खेती में देरी ना हो जाए इसलिए उनके मालिक ने विमान का टिकट निकाल कर भेज दिया है।

लॉकडाउन के कारण बेरोज़गार लोग गोल्ड लोन लेकर चला रहे घरखर्च

लॉकडाउन के दिनों में कई लोग बेरोजगार हो गए हैं। कई लोगों के व्यापार उद्योग ठप हो गए हैं और उन्हें आजीविका चलाने में भी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों के पास उधार लेकर घर चलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा ।है जिसके चलते इन दिनों गोल्ड लोन की संख्या बढ़ गई है। गोल्ड लोन की रैशियों में 30% तक का उछाल आया है। 


मिली जानकारी के अनुसार गोल्ड लोन लेना इन दिनों लोग ज्यादा गोल्ड लोनपसंद कर रहे हैं। जहां गोल्ड लोन लोगों के लिए सरल है वही बैंक के भी गोल्ड लोन देना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। क्योंकि गोल्ड लोन देने से बैंकों के पास गारंटी भी रहती है और वह प्रक्रिया भी सरल हो जाती है। अलग-अलग कंपनियों के पास से अलग-अलग ब्याज दर पर लोग गोल्डलोन ले रहे हैं। अलग-अलग बैंकों की ओर से 7% से लेकर 9% पर बैंक लोन दिए जाते हैं।

जिसकी समय सीमा भी 1 साल की होती है। हालाकि कुछ लोग यह भी शिकायत कर रहे हैं कि सोने की कीमत बढ़ी है लेकिन लोन देते समय बैंक सोने की वर्तमान कीमत को मान्यता नहीं दे रहे हैं। इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन के गुजरात के डायरेक्ट नैनेष पच्चीगर ने बताया कि गोल्ड लोन की डिमांड इन दिनों बढ़ गई है।

लॉकडाउन के दिनों में लोगों का काम धंधा बंद होने से आर्थिक तौर से परेशान लोग गोल्ड लोन लेना चाहता उचित समझ रहे हैं। क्योंकि पहले से ही उनके पास जमीन मकान आदि पर लोन चल रही है। इसलिए वह अपने सोने को गिरवी रखकर लोन ले रहे हैं।

हालांकि बैंक सोने की वर्तमान कीमत को नहीं मान रहे इसलिए हमने बैंकों को वर्तमान कीमत को मान्यता देकर लोन देने की मांग की है।

कोरोना: शहर के इन हिस्सों में शुरू हो गया कड़क स्वैच्छिक लॉकडाउन

सूरत मे कोरोना के केस तेजी से बढने के कारण सूरत महानगरपालिका ने अब शहर के कई क्षेत्रों में लोगो से स्वैच्छिक बंद करने की अपील की है। मनपा शायद बंद कराने की जिम्मेदारी अपने सिर नहीं लेना चाह रही। नहीं तो मनपा के एक आदेश पर सबकुछ बंद हो सकता है

हालाकि जिन क्षेत्रों में कोरोना के केस पहले से ज्यादा वहां तो लोगोने तीन दिन पहले से ही स्वैच्छिक बंद करना शुरू कर दिया है। शहर के वराछा, कतारगमा, पूणा, रांदेर आदि क्षेत्रों में लोगो ने पहले ही दुकाने स्वैच्छिक बंद कर दी है।


कई स्थानो पर व्यापारिक संस्थाओने एक सप्ताह तो कहीं पर 31 जुलाई तक बंद करने का फैसला संगठनो ने लिया है। गुरूवार को रामनगर वेपारी संघ ने भी 31 जुलाई तक शाम के पांच बजे तक ही दुकाने खोलने का फैसला किया है। इसके पहले चौटापुल तथा अडाजण सहित कई क्षेत्रों में व्यापारियों ने स्वैच्छिक बंद करने का फैसला किया है। 


सूरत के रांदेर जोन मेंभी  बड़ी संख्या मे कोरोना के केस होने के कारण लोगो ने स्वैच्छिक तौर पर एक सप्ताह के लिए दुकाने आदि बंद करने का फैसला किया है। पालिका ने लोगों से सात दिन तक स्वंयभू बंद करने की अपील की है। पांडेसरा की दुकानो में इस अपील का अच्छा प्रतिसाद देखा गया। सूरत कोर्पोरेशन की ओर से अनाज, दूध, आदि की दुकाने 12 बजेतक ही खोलने की अपील की गई है।


उल्लेखनीय है कि शहर के हीरा बाजार और कपड़ा बाजार में बीते चार दिन से कई व्यापारियों ने स्वैच्छिक बंद की घोषणा कर दी है।
कैट के प्रमुख प्रमोद भगत ने बताया कि कोरोना की परिस्थिति को देखते हुए हमने रिटेल व्यापारियों से दो बजे तक दुकान खोलने की अपील की थी। जिसका कई लोगों ने पालन किया। इसके कारण  कई क्षेत्रों में सबेरे 10 बजे से शाम के चार पांच बजे तक दुकाने खुल रही है।

मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं तो इतना ज़रूर करें!

लॉकडाउन के कारण व्यापार धंधा बंद होने के बाद अभी तक सुचारू ढंग से नहीं शुरू हो सका है। एक ओर जहां लोग अपनी रोजीरोटी को लेकर परेशान है वहीं दूसरी ओर कोरोना का भय भी उन्हें परेशान कर रहा है। विशेष तौर पर अधेड़ और बुजुर्ग लोगों में ज़्यादा तनाव है। कई लोग मनोचिकित्सकों की सलाह ले रहे है। कुछ लोगों की मनोचिकित्सकों ने दवाए भी शुरू कर दी है। लेकिन यदि आप योग के कुछ आसन सीख लेते है तो आप को मानसिक संघर्ष से राहत मिल सकती है।

योग चार प्रकार के है। राज योग, ज्ञान योग, कर्म योग, भक्ति योग
आज हर इंसान को प्रकृति से जुड़े रहने के लिए हमे कुछ प्राणायाम करना चाहिए।
१- नाड़ी शोधन प्राणायाम – एक रेशों में करने से मानसिक बीमारियां दूर होती है।
२- भ्रामरी प्राणायाम से – मन एकाग्रता की स्थिति में आता है। और मन को निर्विचार और साथ ही चैतन्य बनाता है ।
यह प्राणायाम हमे दिमाग से शून्य स्तर के तकनीक पर लाता है जो हमारे शरीर को मेडिटेशन के लिए जागृत करता है।
आज की परिस्थिति में हर छोटे बड़े मनुष्य को मेडिटेशन सीखना और हर रोज़ उससे करना बेहद आवश्यक है।

डिप्रेशन या स्ट्रेस के मरीज़ बहुत परेशानी से जुड़े रहते है। मेडिटेशन द्वारा हम अपने सांसों पर कंट्रोल और अपनी इन्द्रियों को हर हाल में शांिपूर्ण तरीके से जीतते है। सिर्फ एक मात्र ओम के उच्चारण से हर मुश्किल परिस्थितियों से बाहर आ सकते हैं।
हमे हर हाल में नियत कर्म करके अपनी आत्मा को मेडिटेशन से जोड़ना है। प्राचीन काल से निकले हुए कुछ ऐसे ध्यान से जुड़े प्रयोग जिनसे हमारी ज़िन्दगी आसान बनती है और हर समय हम तरोताजा महसूस कर सकते हैं

साथ ही हम जब मुद्राओं का प्रयोग करते हैं जैसे
१-ज्ञान मुद्रा – यह ध्यान और एकाग्रता में मदद करती है, सिरदर्द, अनिद्रा को दूर करता है। यह मुद्रा छात्रों के लिए रामबाण का काम करती है।


२-हकिनी मुद्रा – यह स्मृति में सुधार करता है और नियमित अभ्यास के साथ छात्रो का दिमाग़ तेज करता है।


यह हकिनी मुद्रा दोनों तरफ के दिमाग को पूरी तरीके से बलैंस रखता है जिससे गुस्से पर नियंत्रण होता है।
३- डिटॉक्सिफिकेशन मुद्रा – यह मुद्रा हमारे शरीर के टॉक्सिंस यानी पोसिनस सेल्स को दूर करता है। यह मुद्रा मानसिक, शारीरिक, और आध्यात्मिक रुप से शरीर को साफ और शुद्ध बनाता है।
यह मुद्रा करने से हमारे मन से बुरी यादें, डर, डिप्रेशन, पास्ट से जुड़े थॉट्स पूरी तरीके से निकल जाते हैं, जिससे हम अपने काम को अच्छे मन से कर सकते हैं।

मुद्राओं के प्रयोग से हमारे शरीर की काफी बीमारियाँ ठीक होती दिखती है। रोजाना मेडिटेशन मुद्रा के साथ करने से हमारा शरीर बेहद मज़बूत बनता है। और हमारे शरीर की ७२००० नाड़ीयां जागृत होती है।
विद्यार्थियों के लिए बी आज मेडिटेशन मुद्रा के साथ करने
के अच्छे फायदे हैं।
यह सृष्टि एक ही बात जानती है -tathastu।
हम जो सोचेंगे सही-गलत ,हमे सृष्टि उसी का आशीर्वाद देगी त था स तू ।
तो आज ध्यान के माध्यम से हम आसानी से लॉकडाउन से आई परेशानियों का हल खुद ढूंढ सकते हैं।

लॉकडाउन में लोगों का सहारा बना पारले-जी बिस्कुट, खुब बिक्रा!


कोरोना के कारण जहां अच्छी- अच्छी कंपनियों के खाद्य सामग्री में भारी गिरावट दर्ज की गई। वही पारले जी बिस्कुट ने बीते 82 साल में सबसे अधिक बिक्री का रिकॉर्ड दर्ज किया है। कंपनी की ओर से दी जानकारियों के अनुसार मार्च, अप्रैल और मई में बीते 8 दशक में पारले जी की बिक्री सबसे अधिक हुई है।

बताया जा रहा है कि पारले जी की क़ीमत पांच रूपए होने के साथ वर्षों से लोकप्रिय होने के कारण श्रमिकों ने और गांव जाने वाले लोगों ने पारले जी को अपने रास्ते का सहारा बनाया।पैदल शहर से गांव की ओर जाने वाले लोगों ने बड़े पैमाने पर parle-g खरीद कर रास्ते में पारले जी को ही नाश्ते के लिए उपयोग किया। कई लोगों ने गरीब और बेसहारा लोगों को बांटने के लिए parle-g खरीदें।

मध्यमवर्गीय लोगों कामधंधा बंद हो जाने के कारण घर में बच्चों के लिए पारले जी को ही पसंद किया। आपको बता दें कि parle-g का उत्पादन के दौरान भी जारी रहा। शुरुआती दिनों मे कुछ दिनों बंद रहने के बाद कंपनी ने दोबारा उत्पादन जल्दी शुरू कर दिया था। सारी सुविधाओं के साथ और सभी शर्तो के साथ कंपनी ने अपने प्रोडक्ट का उत्पादन शुरू कर दिया था।

भारत बनाएगा 100 करोड़ कोरोना वैक्सीन
कोरोना को लेकर दुनिया के कई देश दवा बनाने का दावा कर रहे हैं। इस बीच भारत में बड़ी अच्छी खबर सामने आई है। भारत में कोरोना की वैक्सीन को लेकर उत्पादन और आपूर्ति की तैयारियां शुरू हो चुकी। है पुणे की सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की लैब में कोरोना वायरस के वैक्सीन के उत्पादन और आपूर्ति की तैयारी की जा रही है।

ब्रिटिश स्वीडिश फार्मा कंपनी एस्ट्रेजनेका ने यह घोषणा की है कि उसने वैक्सीन के सप्लाई के लिए भारत से हाथ मिलाया है और एसआईआई के साथ लाइसेंस के लिए करार करने वाली है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कोरोना की अपनी संभावित वैक्सीन की सप्लाई का जिम्मा भी एस्ट्रेजनेका कंपनी को दिया है। एस्ट्रेजनेका और एसआईआई मिलकर 100 करोड़ की तादाद में व्यक्ति बनाने की तैयारी कर रहे हैं। उनमें 40 करोड़ वैक्सीन दिसंबर तक आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा गया है।

बताया जा रहा है कि पुणे में बनने वाली कोरोना वायरस भारत सहित जिन देशों की आय कम है वहां पर सप्लाई की जाएगी। दुनिया में कई देश कोरोना की दवा बनाने का दावा कर रहे हैं अमेरिका चीन ब्रिटेन जर्मनी कहीं देश इसमे में शामिल है

कांग्रेस के विधायकों को रखनेवाले रिजॉर्ट के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज!

राज्यसभा की सीटों के चुनाव को लेकर गुजरात में राजनीति चरम प्रवाह। पक्ष बदलने के डर से गुजरात के राजकोट जिले में जिस रिजॉर्ट में कांग्रेस ने अपने विधायकों को ठहराया है। उस रिजॉर्ट के मालिक और प्रबंधक के खिलाफ लॉकडाउन के उल्लंघन की शिकायत दर्ज की गई है।
मिली जानकारी के अनुसार रविवार को पुलिस ने राजकोट के नीलसिटी रिजॉर्ट के मालिकों के खिलाफ लॉकडाउन अधिसूचना का उल्लंघन करने के आरोप में पुलिस में शिकायत दर्ज की है।

परिपत्र के अनुसार रिजॉर्ट और रेस्टोरेंट सोमवार तक बंद थे।केन्द्र सरकार मे अनलॉक-१ के दूसरे चरण में होटल-रेस्टोरेंट खोलने की छूट दी है।जबकि बताया जा रहा है कि शनिवार को यहाँ कांग्रेस के विधायकों को रोका गया था। फ़िलहाल कांग्रेस के पास 65 विधायक बचे है। कॉंग्रेस के विधायकों को राजकोट, बनासकांठा तथा अंबाजी के रिजांर्ट में रोका गया है।

गुजरात में राज्यसभा चुनाव में विधायको का तोड़-जोड़ जारी
तीन विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के लिए दूसरी बैठक जीतना मुश्किल है। कांग्रेस हाईकमान के आदेश के बाद चुनाव में मतदान के समय पहली पसंद के लिए शक्ति सिंह गोहिल को चुना है। जबकि भरत सिंह सोलंकी को अपनी ताकत लगानी पड़ेगी। राज्यसभा के चुनाव में भाजपा ने दांवपेच खेलकर तीन बैठक जीती जा सके ऐसा रास्ता बना लिया है। अब तक कांग्रेस के तीन विधायक पक्ष छोड़ चुके हैं। कांग्रेस के पास संख्या बल कम होने के कारण उसके पक्ष में सिर्फ एक ही बैठक जाए ऐसी परिस्थिति बनी है।


शक्ति सिंह गोहिल राष्ट्रीय प्रवक्ता है। बिहार प्रभारी का पद संभाल रहे हैं। साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की पहली पसंद शक्ति सिंह है।


प्रदेश प्रमुख अमित चावड़ा ने 20 विधायकों को फर्स्ट प्रेफरेंस को लेकर सारी जानकारियां दे दी हैं। फर्स्ट रेफरेंस के 35 मत मिलने पर शक्ति सिंह गोहिल की जीत तय है। लेकिन भरत सिंह सोलंकी के लिए जीत पाना मुश्किल है।

चलती ट्रेन में प्रसव पीड़ा से चिल्लाने लगी महिला! फिर ..


डेस्क
लॉकडाउन के दौरान लाखो श्रमिक जिस हाल में है उसी हाल में सूरत से अपने गाँव के लिए दौड़ लगा रहे है। ऐसे मे उनके साथ कई अलग अलग घटनाए हो रही है। कुछ दिनों पहले यूपी में मार्ग दुर्घटना में कई श्रमिकों की मौत होने की जानकारी सामने आई थी। मंगलवार को सूरत-दरभंगा श्रमिक स्पेशल ट्रेन में मंगलवार को बीच सफर में ही एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया।


मिली जानकारी के अनुसार सूरत मे रहने वाला मो. असलम लॉकडाउन के कारण सोमवार को सूरत से चली श्रमिकर स्पेशल ट्रेन में अपनी पत्नी मेनाज खातून को लेकर आ रहे थे।


सीतामढ़ी जिले के मिथौरा गांव निवासी मो. असलम सूरत में अपने परिवार के साथ रहते थे। गुजरात के सूरत में वह एक कंपनी में नौकरी करता था। लॉकडाउन के कारण कंपनी बंद है। वहां रहने और खाने की दिक्कतें आ रही थी।

अब तक सामाजिक संस्थाओ के सहारे उन्होंने जीवन निर्वाह किया लेकिन अब मदद नहीं मिल पाने से वह लाचार है्ं। इसलिए उन्हें। सूरत छोड़ना पड़ा। उनकी पत्नी गर्भवती थी और डिलीवरी का अंतिम समय चल रहा था।इसलिए वह आना नहीं चाहते थे लेकिन उन्हें लाचारीवश आना पा। इनके साथ परिवार के अन्य सदस्य भी थे।


रास्ते में वह अपने गाँव पहुँचने वाले थे तब दानापुर पहुंचने से चार घंटे पहले से ही मेनाज दर्द से तड़प रही थी। इसी बीच बोगी में सवार एक-दो महिला यात्रियों के सहयोग से नार्मल डिलेवरी करवाई गई। दरभंगा जंक्शन पहुंचते ही मौके पर तैनात मेडिकल टीम के मौजूदगी में मां और बच्चे की थर्मल स्क्रीनिग कर एंबुलेंस से दोनों को अस्पताल भेजा गया। जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित बताए जा रहे है

80 प्रतिशत लोग बिना लक्षण वाले, फैला सकते हैं रोग!

सूरत

शहर में रविवार को 35 और मामले कोरोना पॉजिटिव पाए गए। सूरत में अब तक कोरोना के मामले 1055 पर पहु्च गए हैं। सूरत के नगर आयुक्त बंछानिधि पाणि ने कहा कि शहर मे अंदाजन 80 प्रतिशत लोग बिना लक्षण वाले है इनसे कोरोना फैल सकता है। इसलिए सावधानी ज़रूरी है।

कमिश्नर ने कहा कि सूरत में रविवार को दो मौत के साथ अब तक कुल पचास लोगों की मौत हो चुकी है। हालाँकि इसके सामने अब तक 703 लोगों को डिस्चार्ज भी किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि कई लोगों को कोरोना पॉज़िटिव होने के बाद भी उन्हे लक्षण नही दिखता। इसलिए मास्क और सामाजिक दूरी पहनना बहुत महत्वपूर्ण है।

अधिक जानकारी देते हुए नगर आयुक्त ने कहा कि सूरत में मास्क का प्रचलन बढ रहा है। उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने के लिए कहते हुए ऊन क्षेत्र का उदाहरण दिया और कहा कि उन क्षेत्र की एक बूढ़ी महिला का कोरोना पॉज़िटिव रिपोर्ट आया है। वह पिछले 20 दिनों से घर पर थी। उनके पैरों में फ्रैक्चर था। लेकिन उनके घरों के युवा लोग बाहर जाते थे इससे संक्रमण लगने की आशंका है। इसलिए सूरत के नगर आयुक्त ने नागरिकों से अपील की कि अगर घर में बुजुर्ग लोग हैं, तो उन्हें अधिक सावधान रहने की जरूरत है।

कमिशनर ने लोगों से आरोग्य सेतु डाउनलोड करने की अपील करते हुए कहा कि लिंबायत के दो लोगों को सर्दी-खांसी की समस्या थी, जिन्होंने आरोग्य सेतु में अपनी जानकारी दी और उसकी सूचना के आधार पर सिविल में जांच कराई। उनका रिपोर्ट पोजिटिव आया है। इसलिए लोगों से यह अप्तालीकेशन डाउनलोड करने की अपील की। ताकि इससे आसपास के लोगों की भी जानकारी मिल सके।

कमिश्नर ने कहा कि लोगों के हमारे हाथ दिन में 90 से अधिक बार मुंह पर जाते हैं। इसलिए लोगों को बार-बार हाथ धोने की आदत डालना जरूरी है। सूरत में, APX सर्वेक्षण में 1176 टीमें शामिल हुई हैं। कुल 2,28,745 घरों का सर्वेक्षण किया गया है। आज सूरत में 4000 से अधिक जगहों को साफ कर दिया गया। अन्य जिलों और राज्य के 2073 से अधिक लोग सूरत शहर में लौट आए थे।

पुलिस के डर से भागे युवक को लोगों ने समझा चोर!


सूरत
पुलिस का नाम सुनते ही अच्छे अच्छे को पसीना छूट जाता है, तो सामान्य आदमी की क्या हालत होगी समझ सकते होग। शनिवार को पुलिस के डर से एक युवक एक घर पर ऊपर चढ़ गया। उसकी हालत देखकर कुछ उसे लोग चोर समझने लगे। आसपास के लोगों के बुलाने के बाद घटनास्थल पर पहुंची और उसने चोर को उतारा तो उस युवक ने जो बताया वह सुनकर आप दंग रह जाएंगे।

युवक का कहना था कि वह गोडदरा क्षेत्र में रहता है और नौकरी पर बेगमपुरा क्षेत्र में जा रहा था। उस दौरान पुलिस ने उसे जांच के लिए रोक लिया। डर के मारे दौड़कर युवक नजदीक में बन रहे नए भवन की छत पर चढ़ गया। लोगों ने उसकी परिस्थिति देखकर उसे चोर समझ लिया और चिल्लाने लगे। कुछ लोग उसे नीचे उतारने के लिए ऊपर भी चढ़ गए।


पुलिस का ख़ौफ़ सामान्य आदमी में कितना है इस घटना से साबित हो रहा है। बताया जा रहा है कि इस युवक को पुलिस में पकड़कर हिरासत में ले लिया और उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस को शक है कि युवक झूठ बढ़ रहा है। फ़िलहाल पुलिस में वहाँ जहां काम करता है वहाँ के लोगों से पूछताछ शुरू की है।

रेडजॉन के बाहर 585 यूनिट शुरू करने की ईजाजत मिली!!
सूरत के लोगों के लिए अच्छी खबर है।लॉकडाउन के कारण पचास दिन से अधिक दिनों तक कारख़ाने बंद रहने के बाद ज़िला उधोग केन्द्र के डिप्टी कमिश्नर के मंज़ूरी के बाद 485 यूनिट फिर से शुरू हो गए। इन्हें कई शर्तों के साथ मंज़ूरी दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार सूरत जिला उद्योग केंद्र के डिप्टी कमिश्नर ने सूरत के रेडजॉन के अलावा 585 इकाइयों को खोलने की अनुमति दी है। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए सचिन ने जीआईडीसी के पूर्व सचिव मयूर गोलवाला ने कहा कि जीआईडीसी में 185 इकाइयां चालू हैं। इसमें 20 लूम्स इकाइयां भी शामिल हैं। 15 मई को, सूरत जिले में 585 इकाइयाँ शुरू की गई हैं। यह यूनिट शुरू हो जाने से श्रमिकों के पलायन पर रोक लगेगा।


जिला उद्योग केंद्र को कुल 585 आवेदन इकाइयां शुरू करने के लिए मिला है। जिसमें शहर-जिले में कुल 310 इकाइयाँ शुरू की गई हैं। सचिन जीआईडीसी में मांगी गई 419 इकाइयों में से 185, पांडेसरा में 12 में से 11, इच्छापोर -भाटपोर में 61 में से 42, सूरत अेपेरल पार्क में 8 में से 6, हजीरा में 26 में से 17, बारडोली में 6 में से 6, ओलपाड में 8 में से 8 और सचिन सेज में 45 में से 35 इकाइयां चालू हैं। इन सभी इकाइयों में कुल 17,840 कर्मचारी काम कर रहे हैं।