मुंबई के साकीनाका इलाके में रेप की शिकार हुई पीड़िता ने इलाज के दौरान शनिवार को दम तोड़ दिया. 32 वर्षीय रेप पीड़िता का घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल में इलाज चल रहा था। अस्पताल प्रशासन ने भी पीड़िता की मौत की पुष्टि की है।


घटना मुंबई के साकीनाका इलाके की है। वहां खैरानी रोड पर पहले 32 वर्षीय महिला के साथ दुष्कर्म किया गया और रेप के बाद आरोपी ने उसके गुप्तांग में लोहे की रॉड डाल दी. महिला को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया और पुलिस ने आरोपी मोहित चौहान को गिरफ्तार कर लिया है।


महिला की हालत काफी गंभीर थी और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था. मुंबई के मेयर शनिवार को घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल पहुंचे और पीड़िता के बारे में जानकारी ली।घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। देखा जा सकता है कि दुष्कर्म के बाद आरोपी मोहित चौहान (45) ने महिला को बुरी तरह पीटा था।

उन्होंने लोहे की रॉड से भी हमला किया। फिर उसने महिला के प्राइवेट पार्ट में कई बार लोहे की रॉड डाली। इसके बाद उसने महिला को टेंपो में फेंक दिया और फरार हो गया।15 मिनट बाद एक राहगीर ने महिला को खून से लथपथ अवस्था में बेहोश देखा। इसके बाद उन्होंने मुंबई पुलिस को फोन किया। पुलिस के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज आरोपी के खिलाफ बेहद अहम सबूत से मिलता जुलता है


 इस कलियुग में रिश्तो का कोई मान सम्मान नहीं रहा। आए दिन ऐसे रिश्तो के बीच संबंधों की जानकारी सामने आती है कि हम कल्पना भी नहीं कर सकते। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें की एक युवक और युवती शादी कर रहे है। चर्चा है कि यह मामी और भांजा है।

भांजा ननिहाल आते जाते अपनी मामी को ही दिल दे बैठा और मामी भी जवान भांजे के पीछे दिवानी थी।ये रिश्ता इतना आगे बढ़ा कि मामी और भांजे घर से भाग गए और शादी कर ली। बिहार में जमुई जिले के लखीसराय के चानन के मननपुर के युवक की शादी पास के ही गांव की युवती से हुई थी। इसके बाद वह मुंबई रहने आ गए। यहां पर उनका भांजा आता जाता रहता था मामी और भांजा दोनो जवान थे. दोनो की आंखे लड़ी और प्यार हो गया।

प्यार ने पहले दोस्ती का रूप लिया इस दौरान दोनो खुब आगे बढ गए। दोनो एक दूसरे से चोरी से मिलने लगे और सामाजिक बंधन भूल गए। एक दिन मामा ने अपने भांजे को अपनी पत्नी के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया. इसके बाद मामी ने भांजे के साथ भागने का फैसला कर किया. एक दिन मामा घर पर नहीं थे. एक दिन मामी अपने प्रेमी बने भांजे के साथ फुर्र हो गई. मामी और भांजे ने एक दूसरे से शादी करने का फैसला कर लिया. और दोनों ने शादी कर ली.

इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि भांजा अपनी मामी की मांग में सिन्दूर भर रहा है. पत्नी बनी मामी पति बने अपने भांजे के पैर छू रही है.बताया जा रहा है कि भांजा मुंबई में ऑटो चलाने का काम करता है। लॉकडाउन में मामा मामी और भांजा सब बिहार में अपने घर आए. और सबके सामने इस रिश्ते का खुलासा हुआ. भांजे और मामी ने यहाँ एक दूसरे के साथ रहने का फैसला कर लियापति ने भी ऐसी पत्नी से अच्छा बिना पत्नी के रहना स्वीकार कर लिया ऐसी चर्चा है।

सूरत में एक साल पहले गोडादरा क्षेत्र में मान सरोवर सोसाइटी में कुछ किन्नर एक घर पर बच्चा होने के बाद नेक लेने गए थे और नहीं मिलने पर युवक की पीटाई की। इससे युवक की मौत हो गई। इसके बाद सूरत में किन्नरो को सोसायटी में प्रवेश पर विरोध लगा दिया है। इसके बाद मुंबई से भी ऐसी घटना सामने आ रही है।

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मुंबई के कफ परेड इलाके में एक परिवार के घर में एक लड़की जन्मी थी। जिसकी जानकारी किन्नरों को मिली थी। कुछ दिनों बाद कन्नु दत्ता चौगुले उर्फ कन्हैया नाम की किन्नर उसके घर पर पहुंची थी। घर पहुँचकर उसने परिवार से एक नारियल, एक साड़ी और 1100 रुपए मांगे थे। लेकिन कोरोना के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी, जिसके चलते वह उसे नेक के रूप में कुछ नहीं दिए। इस बात को लेकर वह क्रोधित हो गई और वहाँ से बिना कुछ लिए ही निकल पड़ी।


आधी रात के बाद किन्नर कन्हैया अपने साथीदर सोनु के साथ फिर से रात को 2 से 3 बजे के बीच वहाँ आई। जहां उन्होंने घर का दरवाजा खुला देखा और वह घर के अंदर घुस गए। जिसके बाद वह घर में जन्मी बच्ची को उठाकर ले गए और आंबेडकरनगर के पीछे आई खाड़ी के कीचड़ में दफना दिया था।

दूसरे दिन जब परिवार जागा और उसे इस बात की जानकारी हुई तो तुरन ही परिवार ने पुलिस को इस बारे में जानकारी दी थी। जिसके चलते पुलिस ने जांच शुरू की थी। पुलिस की जांच के दौरान पुलिस ने दोनों किन्नरों को हिरासत में लिया था और पूछताछ की थी। जिसमें दोनों ने हत्या करने की बात कबुल की थी। कोरोना पुलिस ने लाश को जप्त कर उसे अस्पताल में पोस्ट्मॉर्टेम के लिए भेज दिया था।

31 मई की रात को इन्स्ट्राग्राम दोस्त का बर्थ डे मनाने गई 16 साल की किशोरी के साथ दो बार सामूहिक बलात्कार किया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में पुलिस द्वारा चार आरोपियों को हिरासत में ले लिए गया है। इसके अलावा अन्य दो आरोपियों को अभी भी पुलिस ढूंढ रही है।


बात ऐसी है कि मलाड वेस्ट पुलिस स्टेशन में एक 16 साल की नाबालिग युवती के गुम होने की शिकायत दर्ज की गई थी। पुलिस ने तुरंत ही एफ़आईआर दर्ज कर लड़की को ढूँढना शुरू कर दिया। हालांकि पुलिस को रात भर में लड़की नहीं मिली। दूसरे दिन लड़की खुद ही दोपहर के समय घर पर वापिस आ गई थी। कुछ समय बाद वहाँ पहुंची महिला टीम ने भी उससे पूछताछ शुरू की। पहले तो लड़की ने महिला अधिकारी को कोई जवाब नहीं दिये। पर इसके बाद लड़की ने खुद ही बलात्कार की जानकारी दी। यह सुनकर पुलिस के साथ-साथ सबके पैरों तले जमीन खिसक गई।

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पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, युवती अपने इंस्टाग्राम के अपने एक फ्रेंड के जन्मदिन पर गए थे, जहां सभी ने दोस्त का जन्मदिन मनाया था। पर 2 मित्रों ने लड़की को कार के अंदर खींच लिया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद दोनों ने उन्हें मलाड इलाके में आए एक मित्र के घर पर छोड़ दिया था।

जहां उसके दोस्तों ने फिर से उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद भी युवती अपने घर जाने के बदले अपने अन्य एक मित्र के पास पहुँच गई। जहां फिर से उसके साथ दुष्कर्म हुआ। नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में पुलिस द्वारा चार आरोपियों को हिरासत में ले लिए गया है। इसके अलावा अन्य दो आरोपियों को अभी भी पुलिस ढूंढ रही है। दोनों दुष्कर्म में शामिल नहीं थे, पर वहाँ हाजिर थे। सभी आरोपियों को पोकसो एक्ट के तहत हिरासत में लिए गया है।


कोरोना के बारे में जितना जाना जा रहा है वह उससे भी आगे बढ जा रहा है। महाराष्ट्र के पालघर जिले में नवजात शिशु जन्म के 15 घंटे के भीतर ही कोरोना से संक्रमित होने की जानकारी सामने आ रही है। हैरानी की बात यह है कि नवजात की मां में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं। डॉक्टर भी इस बात को लेकर चिंतित हैं।पालघर के जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. दयानंद एम सूर्यवंशी ने बताया कि दर्शीठ गांव की रहने वाली एक महिला ने रविवार को पालघर के एक निजी नर्सिंग होम में बच्ची को जन्म दिया। जन्म के 15 घंटे बाद ही नवजात के कोरोना होने की पुष्टि हुई थी।

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अधिकारी ने दावा किया कि महाराष्ट्र में किसी नवजात के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का यह पहला मामला है। ये मासूम बच्ची जन्म से ही कोरोना से लड़ रही है। डॉक्टरों की टीम लगातार उसकी जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि लड़की को जवाहर तालुका के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मंगलवार को युवती में संक्रमण की पुष्टि हुई जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया आंकड़ों के मुताबिक पालघर जिले में सोमवार तक कोविड-19 के 1,09,874 मामले सामने आ चुके हैं और संक्रमण से 2,066 लोगों की मौत हो चुकी है।
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के बच्चों के कोरोना से संक्रमित होने के जो आंकड़े सामने आए हैं, वे चिंताजनक हैं. यहां मई में करीब 9,900 बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए थे। अहमदनगर के डीएम राजेंद्र भोसले ने कहा कि मई में जिले में कुल 86,000 सकारात्मक मामले सामने आए, लेकिन कोई और मौत नहीं हुई।

राजेंद्र भोसले ने आगे कहा कि हालांकि, अप्रैल में होने वाली शादियों में ज्यादातर 18 साल से कम उम्र के लोगों की भीड़ थी। इसलिए बच्चों का पॉजीटिव रेट 11 फीसदी पर आ गया है।महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी के तौर पर राज्य के सभी अस्पतालों में विशेष रूप से बच्चों के लिए कोरोना वार्ड की तैयारी शुरू कर दी है. सांगली शहर के अस्पताल में बच्चों के लिए कोरोना वार्ड बनाए गए हैं। वर्तमान में 5 बच्चे कोरोना से संक्रमित हैं, जिनका इलाज चल रहा है।।


अवैध संबंध के चक्कर में ना जाने कितने घर बर्बाद होंगे। पति काम पर जाते ही पत्नी अपने प्रेमी की बांहो में लिपट जाती थी। ऐसे ही अवैध संबंध का दर्दनाका खुलासा हुआ है।मुंबई के दहिसर इलाके में एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पहले पति की हत्या की और फिर उसके शव को किचन में दफना दिया। हालांकि महिला का गुनाह ज्यादा दिनों तक छुपा। महिला की 6 साल की बेटी ने महिला के जुर्म को सब के सामने ला दिया। पुलिस को हत्या के 11 दिन बाद शव ढूंढ निकाला।

लड़की ने पुलिस को बताया कि मां और उसके प्रेमी ने उसके सामने ही उसके पिता की हत्या कर दी। हत्याकांड का खुलासा होने के बाद फरार हुई महिला और उसके प्रेमी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।मुंबई पुलिस के डीसीपी (जोन 11) विशाल ठाकुर ने कहा कि उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले रईस की शादी 2012 में शाहिदा से हुई थी। शादी के बाद दोनों मुंबई के दहिंसर ईस्ट में किराए के खान कंपाउंड में रहने चले गए। रईस दहिसर में रेलवे स्टेशन के पास एक कपड़े की दुकान में काम कर रहा था, जबकि उसकी पत्नी अपने ढाई साल के बेटे और छह साल की बेटी के साथ घर पर रह रही थी।


पुलिस के मुताबिक अनिकेत उर्फ ​​अमित मिश्रा पति की गैरमौजूदगी में महिला के घर आने-जाने लगा। इसी दौरान दोनों के बीच अवैध संबंध बन गए। कुछ दिनों बाद खबर रईस तक पहुंच गई। इससे रईस और शाहिदा के बीच झगड़ा शुरू हो गया। लगातार बढ़ते झगड़े से तंग आकर शाहिदा ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर उससे छुटकारा पाने की योजना बनाई।

20 मई को अमित शाहिदा को फिर से मिलनने आया, इस दौरान रईस भी आ गया और दोनों की आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया। जिसके बाद पति-पत्नी में जमकर झगड़ा हुआ। जिसके बाद शाहिदा ने रईस की चाकू मारकर हत्या कर दी। जिसके बाद दोनों ने मिलकर उसका गला काट दिया।

इसी बीच उसकी 6 साल की बेटी अपने ढाई साल के भाई के साथ खेलकर बाहर से घर आ गई और खाना मांगा। शाहिदा ने अपनी 6 साल की बेटी को धमकी भी दी कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो उसे अपने पिता की तरह काट दिया जाएगा और जमीन में गाड़ दिया जाएगा और पति की लाश को चार टुकड़ों में काटकर जमीन में गाड़ दिया गया।


शाहिदा ने अपने प्रेमी की मदद से रईस के शव को 4 टुकड़ों में काटकर किचन में दफना दिया। शाहिदा ने पति का फोन अपने पास रखा। जब रईस के परिवार से फोन आया, तो शाहिदा ने कहा कि रईस उसे बताए बिना कहीं चले गया।रईस के अचानक गायब होने के बाद उसके दोस्तों को शक हुआ। दोस्तों में से एक ने दहिसर थाने में जाकर मामला दर्ज कराया और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी। जांच के दौरान पुलिस ने बच्ची का बयान दर्ज किया और पूरे मामले का खुलासा हुआ। पुलिस को लड़की के बयान के बाद बुधवार को रईस का शव भी मिला। शाहिदा ने भी अपना गुनाह कबूल कर लिया है।

देशभर में कोरोना के कारण लोग परेशान है। ऐसे में कई मामलों में लोगों ने एक दूसरे की मदद की होने की बेमिसाल जानकारी भी सामने आ रही है। हाल में ही एक बुजुर्ग दंपत्ति अपनी ज्वैलरी बेचकर लोगों की ऑक्सीजन की मदद कर रहे थे। इसके बाद 85 वर्षीय एक बुजुर्ग ने मरने से पहले मानवता जीवित कर दी है।

महाराष्ट्र के नागपुर के नारायण भाऊराव दाभाडकर (85) को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच एक महिला अपने 40 वर्षीय पति के साथ अस्पताल पहुंची, अस्पताल ने उसे दाखिल करने से मना कर दिया क्योंकि बिस्तर खाली नहीं था। पति की हालत गंभीर होने से महिला डॉक्टर से अनुरोध करने लगी।

यह सुनकर, दाभडकर ने महिला के पति को अपना बिस्तर देने के लिए अस्पताल प्रशासन से संपर्क किया। उन्होंने डॉक्टर से कहा कि "मैंने अपना जीवन जिया है,"। मैं अब 85 साल का हूं। महिला का पति युवा है। यह परिवार की जिम्मेदारी है। इस वजह से अब उसने मुझे अपना बिस्तर दे दिया।
दाभाडकर के अनुरोध के बाद, अस्पताल प्रशासन ने उन्हें एक कागज पर लिखा कि मैं स्वेच्छा से दूसरे रोगी के लिए अपना बिस्तर खाली कर रहा हूं। इसके बाद दाभादकर घर लौट आए। हालांकि, उनकी तबीयत बिगड़ गई और 3 दिन बाद उनकी मौत हो गई।

दाभाडकर को कुछ दिन पहले कोरोना हुआ था। उसका ऑक्सीजन स्तर 60 तक गिर गया। उनके दामाद और बेटे उन्हें इंदिरा गांधी अस्पताल ले गए। वह बहुत तकलीफ के बाद बिस्तर पर मिला। लेकिन, दाभादकर बेड ख़ाली कर अस्पताल से घर आ गए ताकि एक युवक को बिस्तर मिल सके।
उनकी रिश्तेदार शिवानी दानी-बखर ने कहा कि दाभदकर बच्चों में चॉकलेट बांटते थे। उस चॉकलेट की मिठास उसके जीवन में थी।उन्होंने मर कर मानवता जीवित कर दी।

भले प्रशासन कितना भी कड़क हो जाए लेकिन जब तक कि इंसानियत लोगों के अंदर नहीं आएगी तब तक बलात्कार जैसी घटनाएँ होती रहेंगी किसी सामाजिक रतन गया अच्छे समय मर में भी लोग बलात्कार जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं न मुंबई में भी एक ऐसी ही घटना सामने आ रही है सोमवार को मुंबई में गैंगरेप की घटना सामने आई है। यह घटना एक होटल में 22 वर्षीय लड़की की सगाई के दौरान हुई।

22 वर्षीय लड़की ने आरोप लगाया है कि उसका अंधेरी के कुर्ला में एक होटल में सगाई की पार्टी के दौरान दो दोस्तों ने कथित रूप से बलात्कार किया था। पुलिस में दर्ज लड़की की शिकायत के अनुसार, दोनों दोस्तों ने उसे पार्टी में आमंत्रित किया और फिर उसके साथ बलात्कार किया।आरोपी फरार हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपियों में से एक की पहचान सेंट्रल मुंबई के रहने वाले अविनाश पांगेकर के रूप में हुई है। अविनाश ने 8 नवंबर को अपनी सगाई की पार्टी होस्ट की थी।

लड़की ने शिकायत में कहा कि उसे पार्टी में शराब पीने के लिए मजबूर किया गया था। जब उसके साथ मौजूद महिलाएं चली गईं।तब आरोपियों ने उसके साथ बलात्कार किया।घटना के कुछ दिनों बाद तक लड़की चुप रही और 15 नवंबर को उसने शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस फिलहाल फरार आरोपियों की तलाश कर रही हैं।

पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया जहां उसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।उल्लेखनीय है कि इस घटना को लेकर तरह तरह की चर्चाओं ने ज़ोर पकड़ा है कई लोग इस मामले में पीड़ित लड़की के के साथ न्याय की गुहार भी लगा रहे हैं

दिवाली परंपरा के अनुसार, भंडारा में तालाब में स्नान करने के लिए बकरियों को ले जाने वाले तीन भाई डूब गए। इस घटना के कारण बहुत शोक हुआ।फ़ायर ब्रिगेड के जवानों ने स्थानीय लोगों की मदद से तीनों का मृतदेह बाहर निकाला।


मिली जानकारी के अनुसार यह दर्दनाक हादसा भंडारा के लाखांदूर में पुयार में हुआ था। दिवाली होने के कारण, तीन भाई मधुकर मेश्राम, सुधाकर और प्रदीप बकरियों को आज सुबह तालाब में स्नान करने के लिए ले गए।

इस दौरान तालाब के अंदर उतरे मधुकर डूबने लगा।क्योंकि पानी की गहराई का अनुमान नहीं था। सुधाकर और प्रदीप उसे बचाने के लिए तालाब में कूदे लेकिन बचा नही पाए और तीनो भाई डूब गए।घटना के बाद मेश्राम परिवार और ग्रामीणों ने मौके पर जाकर शवों को तालाब से बाहर निकाला। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी।


उल्लेखनीय है कि नदी में डूबने की घटनाएँ बीते दिनों तेज़ी से बढ़ रही हैं। सूरत में भी इसी तरह शनिवार को नर्मदा में नारायण नागबलि की पूजा के लिए गए 2 भाई डूब गए। इससे पहले शनिवार को ही सूरत में कॉज में 2 सगे भाई और एक दोस्त नहाने के लिए कूदे थे। जिनमें किदो सगे भाइयों में से एक भाई की डूबने से मौत हो गई।

छुट्टियों के दिनों में लोग अब टाइम पास करने के लिए नदी या तालाब आदि में नहाने के लिए जाते हैं। जहाँ कि लोगों को गहराई का ऐसा नहीं होता। मगर फिर डूबने जैसे जानकारी आती है। इसलिए लोगों को नदी तालाब में नहाने से पहले एक बार सुरक्षा का ख्याल कर लेना चाहिए।