कोरोना के दौरान गुजरात में सर्दी, खासी और बुखार की दवा 140 प्रतिशत बढ़ी!

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कोरोना के कारण लोग दवाओं के खर्च से पहले से ही परेशान है। बिमारी और बेरोज़गारी ने लोगों को परेशान कर रखा है। ऐसे में कांग्रेस ने दवाओं की कालाबाजारी का आरोप लगाया है।गुजरात की भाजपा सरकार दवा के संग्रहखोरी और कालाबाजारी रोकने में असफल रही ऐसा आरोप कांग्रेस पार्टी की ओर से लगाया गया है।

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गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोषी ने बताया कि दवा के बाजार में लोगों को लूटा जा रहा है। सरकार चुप है। कांग्रेस का कहना एजिथ्रोमाइसीन कि जो कि 7300 रूपए में प्रति किलो मिल रही थी लेकिन अब वह 10000 प्रति किलो से मिल रही है। सर्दी,खासी और बुखार में इस्तेमाल की जाने वाली दवा  की कीमत 118% बढ़ी है। यह दवा प्रति किलो 52000 के दाम से बिक रही है।

पेरासिटामोल अक्टूबर से दिसंबर 2019 में 250 से 270 तक के दाम पर मिल रही थी। मई 23 जून 2020 तक पेरोसिटामोल की कीमत 360 से 390 हुई।  दिसंबर 2020 में उसकी कीमत 450 से 480  प्रति किलोग्राम हुई और अप्रेल 2021 में 580 से600 प्रति किलो की कीमत से बिक रही है। इसी तरह से एजिथ्रोमाइिसन की कीमत में भी बढोतरी हुई है।

दिसंबर 2019 में 7300-7700 रुपए प्रति किलो के दाम से दवा मिल रही थी लेकिन दिसंबर 2020 में 9500 से 10200 तक की कीमत में मिल रही है। अप्रैल 2021 में 9900 लेकर 10400 प्रति किलो है। यानी कि दिसंबर 2019 में 7300 से 7700 में मिलती थी। जो कि अप्रेल 2021 में 10400 के दाम से मिल रही है। एक ओर प्रजा पहले से ही परेशान है ऐसे में इन कारणों से लोगों की समस्या और बढ़ गई है।