सूरत शहर में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन ने प्लाजमा थेरेपी से भी उपचार शुरू किया है। अब तक सूरत में शहर और जिले में मिलाकर 11 हजार के करीब पॉज़िटिव केस हो चुके हैं। इनमें से 500 के करीब मरीजों की मौत हो चुकी है।
मनपा प्रशासन ने मरीजों को ठीक करने के लिए प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत की है। सूरत में अब तक प्लाज्मा थेरेपी से 162 लोगों को ठीक किया जा चुका है।सूरत महानगरपालिका कमिश्नर बंछानिधि पाणी ने शनिवार की शाम अपने ऑडियो मैसेज पर बताया कि सूरत में प्लाजमा थेरेपी से 162 लोग अच्छे हो चुके हैं।
उन्होंने जो लोग अच्छे हुए हो उन्हें प्लाज्मा डोनेट करने की भी अपील की है। मनपा कमिश्नर ने बताया कि कोरोना से ठीक हुए लोग जिनकी उम्र 18 से 65 साल की हो और वजन 50 किलोग्राम हो साथ ही उन्हें कोई बीमारी ना हो तथा rt-pcr टेस्ट दो बार नेगेटिव हो ऐसे तमाम व्यक्ति हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के 28 दिन बाद प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं। यदि यह यह लोग प्लाज्मा डोनेट करते हैं तो जिन मरीजों को इस थेरेपी की जरूरत होगी उन्हें यह दिया जाएगा।
इस थैरेपी के बाद उनके ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।उल्लेखनीय है कि सूरत में अनलॉक-बन के बाद बड़ी तेजी से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं। संक्रमितो के साथ ही मृतकों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। इसलिए मनपा ने कोरोना संक्रमण से मरीजों को बचाने के लिए यह फैसला किया है।
इसके अलावा कमिश्नर ने बताया कि जिन लोगों को 14 दिन का क्वारंटाइन किया गया है। उन्हें इसका पालन करना ही पड़ेगा नहीं तो जो इसका पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
वराछा बी जोन में कोरोनावायरस से पीड़ित परिवार को होम क्वॉरेंटाइन रहने के लिए कहा गया था लेकिन सूरत महानगर पालिका के अधिकारी जब उनके घर पर पहुंचे तो वह घर पर हाजिर नहीं थे और अपने गांव चले गए थे। इससे उन्होंने कोरोना के गाइडलाइन का भंग किया है।
जिसके चलते उनके खिलाफ एपिडेमिक डिसिज एक्ट के तहत कार्यवाही करने की नोटिस दी गई है। साथ ही पुलिस में शिकायत भी दर्ज की गई है।