खाने पीने के शौकीन सूरतीलालाओ ने कोरोना के दौरान मानवता में भी अपना नाम कमाया है। जहां एक ओर कोरोना के कारण लोग अपन जान की फिक्र कर रहे थे, तब सुरत में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजो ने प्लाजमा डोनेट कर दूसरो की भी जिंदगी दी है।
5 जुलाई से स्मीमेर अस्पताल में शुरू हुए प्लाज्मा बैंक में दो महीने से भी कम समय में 501 प्लाज्मा दान करके सूरतीओं ने एक अनूठी उपलब्धि हासिल की है। 501 प्लाज्मा दान के साथ सूरत महानगर पालिका द्वारा संचालित स्मीमेर अस्पताल राज्य में सबसे आगे रहा है।
स्मीमेर अस्पताल में नोडल अधिकारी और उप-वन संरक्षक पुनीत नायर ने मीडिया को इस उपलब्धि के लिए ब्लड बैंक के कर्मचारियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। बताया जा रहा है कि यह प्लाज्मा दूसरे जिलों में भी भेजकर जरूरतमंदो की मदद करेगी।
पुनीत नायर ने कहा कि कोविड -19 की महामारी में स्मीमेर होस्पिटल में 24 घंटे मरीजो का उपचार चल रहा है। स्मीमेर होस्पिटल में प्लाज्मा बैंक की मंजूरी मिलने के बाद से कोरोना मुक्त रोगियों को प्लाज्मा दान करने के लिए प्रेरित करने के लिए काम कर रहा है।
इसके चलते 501 लोगों ने प्लाजमा देकर कीर्तिमान स्थापित किया हैं। यह उपलब्धि ब्लड बैंक के कर्मचारियों और डॉक्टरों की टीम की कड़ी मेहनत और प्लाज्मा डोनर्स के सेवाभावी रवैये के कारण हो सका है
शहर में बीते दिनों से कोरोना के मरीजों की संख्या कम हो गई है। पहले जो दो सो के करीब मरीज आ रहे थे अब वह 150 के करीब आ रहे हैं। इस कारण सूरत में प्लाज्मा की मांग वर्तमान में कम है, अगर आसपास के जिलों में प्लाज्मा की जरूरत है, तो हमें जरूरतमंद मरीजों को आपूर्ति और आपूर्ति प्लाज्मा की मंजूरी मिल जाएगी, नायर ने कहा।
स्मीमेर होस्पिटल को ब्लड बैंक की प्रमुख डॉ अंकिता शाह ने मीडिया से कहा, “प्लाज्मा थेरेपी से वैश्विक कोरोना महामारी में कोरोना के रोगियों को बहुत राहत मिली है। हमारी ब्लड बैंक टीम ने 5 जुलाई को प्लाज्मा बैंक की स्थापना के बाद से पिछले दो महीनों में 501 प्लास्मा एकत्र किए हैं। 973 प्लाज्मा नमूने लिए गए और 672 यूनिट जारी किए गए। जिनमें से 575 स्मीमेर अस्पताल को और 280 यूनिट अन्य अस्पतालों को जारी किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि बीते एक सप्ताह से सूरत मे कोरोना के मरीज कम होने से शहरवासियों ने राहत की सांस ली है।