सूरत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साहब के 71 वें जन्म दिवस 17 सितम्बर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। वडनगर से प्रधानमंत्री तक की नरेंद्रभाई मोदी की जीवन यात्रा को गुजरात के लोक कलाकार साई राम दवे नामोत्सव" कार्यक्रम में गीत और संवाद के जरिए मंच पर जीवंत करेंगे।
गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी.आर.पाटिल समेत भाजपा के सभी पदाधिकारी, सांसद, विधायक, पार्षद समेत सामाजिक और औद्योगिक अग्रणी इस कार्यक्रम में उपस्थित होंगे। कार्यक्रम स्थल पर आमंत्रित विशेष के लिए ही प्रवेश होगा और.सी.आर.पाटिल साहब के फेसबुक पेज से इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाएगा। लाइव प्रसारण शाम 6 बजे से शुरू होगा और विश्व के दस लाख लोग इस कार्यक्रम को ऑनलाइन देखेंगे।
इस समूचे आयोजन को लेकर भाजपा सूरत के प्रमुख निरंजन भाई झंझमेरा ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी के 71 वें जन्म दिवस पर आयोजित नामोत्सव कार्यक्रम भूतो न भविष्यति बने इसी सोच के साथ तैयारी की जा रही थी। गुजरात के विख्यात और लोकप्रिय लोक कलाकार सांई राम दवे को सूरत में आमंत्रित किया गया है। कलाकार ऐसी सुंदर कृतियां प्रस्तुत की जाएगी की इस कृति के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी के बचपन से लेकर प्रधानमंत्री तक के उनके जीवन सफर को मंच पर जीवंत हो जाएगा। साथ ही कलाकार भारत और गुजरात की संस्कृति और परंपरा का भी सभी को दर्शन कराएंगे।
स्थाई समिति के अध्यक्ष परेश पटेल ने बताया कि सामज के लिए प्रेरणादाई हो ऐसा कार्य भी किया जाएगा। मनपा संचालित सुमन स्कूल में पढ़ाई करने वाले ऐसे 71 बच्चों को गोद लिया जाएगा, जो सीए बनना चाहते हैं। इन बच्चों की सीए तक की पढ़ाई पूरी नहीं होती तब तक का पूरा खर्च सामाजिक अग्रणी और संस्थाएं उठाएंगी, जिन्हें सीए हरि अरोरा, प्रकाश धोरियानी और दिनेश भाई चौधरी ने इस कार्य के लिए एकजुट किया गया है।
आम तौर पर जन्मदिन पर केक कटिंग कर जश्न मनाया जाता है, लेकिन इस कार्यक्रम में केक की जगह जलेबी कटिंग की जाएगी। इसके लिए विशेष तौर पर 71 किलो की एक महाकाय जलेबी बनाई गई है, जिसे कटिंग करने के बाद अनाथाश्रम के बच्चों में बांटी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाली सभी परिषदों के साथ सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस की थी। जीजेईपीसी ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि कोरोना की संक्रमण अवधि के दौरान यानी 2019-20 में 37.4 अरब अमेरिकी डॉलर जेम्स एंड ज्वैलरी का निर्यात किया गया था।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 44 अरब अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य निर्धारित करने का निर्देश दिया। हालांकि, चालू वित्त वर्ष के लिए परिषद को दोहरा लक्ष्य दिया गया है क्योंकि वित्त वर्ष 2020-21 में रत्न और आभूषण का निर्यात 24 बिलियन था। भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 60 प्रतिशत योगदान करने वाले क्षेत्रों में रत्न और आभूषण शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने भारत को कुल 400 अरब निर्यात का लक्ष्य दिया है।
प्रधान मंत्री के साथ बातचीत में, चीन और संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय राजदूत ने रत्न और आभूषणों के निर्यात के लिए कुछ सुधारों का भी सुझाव दिया। जीजेईपीसी ने बैंकों की उधार, कराधान और एसईजेड नीतियों को बदलने के साथ-साथ चीन, थाईलैंड, वियतनाम और तुर्की से प्रतिस्पर्धा के लिए एफडीआई और विनिर्माण आउटसोर्सिंग के लिए केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया है।
विशेष रूप से सेज को व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए कहा गया है। अब तक 7000 निर्यातक हैं। इनकी संख्या बढ़ सकती है। जीजेईपीसी के मुंबई और सूरत क्षेत्रों में निर्यात का 80 प्रतिशत हिस्सा था। सूरत, पश्चिमी क्षेत्र के लिए निर्यात, जो पहले इस साल 3632 मिलियन रुपये तय किया गया था, लगभग दोगुना हो गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन केंद्रीय परिषद (जीजेईपीसी) ने जिस तरह से अपने निर्यात लक्ष्य को बढ़ाया है, पश्चिमी क्षेत्र और महाराष्ट्र क्षेत्र सात क्षेत्रों में से केवल दो ही पूरा कर सकते हैं,बाक़ी के लिए मुश्किल है।
इस संबंध में सूरत स्थित जीजेईपीसी क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष दिनेश नावडिया ने कहा, ''लक्ष्य बड़ा है लेकिन हम इसे हासिल करने के लिए प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'' अगर हम निर्यात करेंगे तो ही भारत विदेशी मुद्रा अर्जित कर पाएगा।
जीजेईपीसी के चेयरमैन कोलिन शाह ने कहा कि ने कहा, "मेरा मानना है कि प्रधान मंत्री ने आदर्श समय पर निर्यात क्षेत्र को संबोधित किया। महामारी के बाद इस क्षेत्र का मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ाने की जरूरत थी। पीएम ने 2021-22 में 400 अरब डॉलर के व्यापारिक निर्यात का लक्ष्य रखा है और मुझे यकीन है कि रत्न और आभूषण क्षेत्र से हम सभी इसे हासिल करने में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए काम करेंगे।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6 अगस्त को शाम को 75 मिनट तक देश के निर्यातकों के साथ ऑनलाइन बातचीत करेंगे. जेम्स एन्ड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल और सिन्थेटिक रेयोन टेक्सटाइल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल के तत्वावधान में प्रधानमंत्री के साथ वार्ता में हीरे और वस्त्र समेत शहर के विभिन्न क्षेत्रों के अनुमानित 25 निर्यातक हिस्सा लेंगे। प्रधान मंत्री 400 बिलियन के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वर्चुअल बैठक कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने 2021-22 में 400 अरब के निर्यात लक्ष्य के साथ 2024-25 तक देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। कोरोना महामारी ने हाल के दिनों में वैश्विक आर्थिक संकट का माहौल है। वैश्विक बाजारों की सुस्ती के साथ, स्थानीय निर्यातकों को भी कई तकनीकी और परिवहन संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। 6 अगस्त की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद देश भर के निर्यातकों के साथ वर्चुअल मीटिंग करेंगे।
जीजेईपीसी के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिनेश नावडिया ने कहा कि 8 से 10 बड़े हीरा उद्योगपति जीजेईपीसी के स्थानीय कार्यालय में एकत्रित होंगे और एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में भाग लेंगे। बिल ऑफ एंट्री को अपलोड करने का मामला प्रधानमंत्री के सामने पेश किया जाएगा।
एसआरटीईपीसी (द सिंथेटिक रेयन एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल) के अध्यक्ष धीरू शाह ने कहा कि कपड़ा उद्योग निर्यात संबंधी कई समस्याओं से जूझ रहा है, जिनमें से कुछ को प्रधानमंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा। जिसमें ढाई साल से ठप पड़ी एमईआईएस (मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम) के तहत सब्सिडी जारी करने, इंटरेस्ट इक्वलाइजेशन स्कीम को फिर से शुरू करने के साथ ही शिपिंग कंटेनर न मिलने से किराए में 7 गुना बढ़ोतरी का मुद्दा होगा. पला बड़ा। यदि निर्यात नीतियां सरल हों तो निर्यात लक्ष्य प्राप्त करना आसान हो जाएगा।