पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। प्रणब दा का गुजरात के साथ अनोखा संबंध रहा है। वह अपने राजनीतिक कार्यकाल के दौरान दो बार दक्षिण गुजरात आए थे। पहली बार वह जब केंद्रीय वित्त मंत्री थे तब 2010 में साउथ गुजरात चेंबर ऑफ कॉमर्स में सूरत के मेहमान बने थे। जबकि 23 अक्टूबर 2016 के दौरान जब राष्ट्रपति थे। तब अंकलेश्वर में सरदार वल्लभभाई पटेल वल्लभ भाई पटेल वल्लभ भाई पटेल हार्ट इंस्टिट्यूट के उद्घाटन के दौरान आए थे।
उन्होंने गुजरात नॉलेज विलेज विषय पर भरूच की समर्पण कॉलेज में भाषण भी दिया था। सूरत में पहली बार वह वर्ष 2010-11 के दौरान चेंबर के संस्थान स्थित कन्वेंशन सेंटर में आए थे। सामान्य तौर पर कोई भी वित्त मंत्री किसी रीजनल चेंबर के कार्यक्रम के मैं नहीं जाते लेकिन प्रणब मुखर्जी प्रोटोकॉल को तोड़कर चेंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम में आए थे। अजय भट्टाचार्य जब चैम्बर के उपप्रमुख थे तभी उन्होंने प्रणव मुखर्जी से उनके प्रमुख बनने पर शपथ समारोह में आने का वादा ले लिया था लेकिन, जब अजय भट्टाचार्य का पद ग्रहण समारोह होने वाला था तब संसद का सत्र चल रहा था।
सामान्य तौर पर जब सत्र चलता है तब वित्त मंत्री संसद नहीं छोड़ते हैं लेकिन प्रणव दा ने वादा किया होने के कारण वह 2 घंटे के लिए आने के लिए तैयार हो गए।
अजय भट्टाचार्य ने मीडिया को बताया कि प्रणव दा के परिवार के साथ उनके परिवार के संबंध बहुत पुराने हैं। मेरे दादा उनके मित्र थे। भट्टाचार्य ने बताया कि प्रणव दा ने भोजन में कम तेल वाली गुजरात की तात्विक खाली की बात कही। यहां पर उन्होंने भिंडी की सब्जी उंधियु और रोटी भोजन के तौर पर लिया था।
जैम्स एंड ज्वैलरी उद्योग के लिए किया यह बड़ा काम
बताया जा रहा है कि जेम्स एंड ज्वेलरी से संबंधित एक प्रश्न जो कि उद्यमियों को बहुत परेशान कर रहा था लेकिन प्रणव दा ने कुछ ही देर में यह समस्या दूर कर दी। डॉ अजय भट्टाचार्य जब चेंबर प्रमुख के शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रण देने गए सब प्रणव दा रात के 11:30 बजे अपने ऑफिस में काम कर रहे थे उस दौरान सूरत डायमंड एसोसिएशन के प्रमुख दिनेश नावडिया ने अजय भट्टाचार्य को जानकारी दी थी।
दरअसल एक ऐसा नोटिफिकेशन समय आया था कि यदि इंडस्ट्री के साथ जुड़े लोगों के पास स्टॉक के ₹25000 अधिक होंगे तो रेवेन्यू डिपार्टमेंट स्टोक ज़ब्त कर लेगा इस निर्णय से लोग परेशान थे। भट्टाचार्य ने इस बारे मे पूरा नोटिफिकेशन पढ़कर बताया। इसके पश्चात प्रणब दा ने अपने निजी सचिव मनोज कुमार से नोटिफिकेशन किस विभाग ने बनाया है।
यह पूछा और संबंधित अधिकारी को बुलाकर उनसे इस बारे में स्पष्टता मांगी थी। साथ ही उसी दिन नोटिफिकेशन बदलने को कहा और दूसरे दिन ही नोटिफिकेशन में परिवर्तन आ गया।