एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट ने आयकर विभाग के पूर्व अधिकारी पीवीएस शर्मा के समक्ष मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 के अंतर्गत उमरा पुलिस स्टेशन में प्रॉसीक्यूशन दर्ज करवाया है। उन पर गलत प्रिंटिंग आर्डर बता कर सरकार से एडवर्टाइज के 27000000 रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है।

सूत्रों के अनुसार सबसे पहले आयकर विभाग ने जांच की थी। जाँच में आयकर विभाग को पीवीएस शर्मा की मीडिया कंपनी साकेत मीडिया प्राइवेट लिमिटेड में अखबार के सरकुलेशन में गड़बड़ी नजर आने पर इसकी जानकारी डीएवीपी को दी।

इसके बाद आयकर विभाग ने उमरा पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज करवाई थी। तब से शर्मा पर जांच का सिलसिला जारी है। इसके बाद ईडी ने भी पीवीएस शर्मा के खिलाफ जांच कार्यवाही शुरू की है।

शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने अखबार का सर्क्युलेशन ज़्यादा दिखाने के लिए अखबार के लिए आवश्यक रो मटेरियल की खरीदी में भी गडबडी की थी। शर्मा के खिलाफ ईडी ने प्रिवेन्शन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत उमरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है।

हाईवे पर वाहनों पर पर जाँच के लिए पेट्रोलिंग वैन शुरू
स्टेट जीएसटी की टीम ने हाईवे पर से चोरी छुपे से बिना बिल भेजे जा रहे माल की हेरा फेरी को रोकने के लिए और टैक्स चोरी पकड़ने के लिए पेट्रोलिंग वेन शुरू की है। गुरुवार को पेट्रोलिंग के दौरान स्टेट जीएसटी की टीम ने एक्सप्रेस रोड लाइन से मुंबई से सूरत आ रहे एक ट्रक को रोककर जांच की थी।

इस ट्रक में बिना बिल के कपड़ा,इलेक्ट्रॉनिक साधन सहित कई वस्तुएं आ रही थी। जिसे की डिपार्टमेंट में रोक लिया। बिल मांगने पर ड्राइवर बिल देने में असमर्थ रहा। जांच पड़ताल करने के बाद डिपार्टमेंट में 1100000 रुपए की टैक्स वसूली की। उल्लेखनीय है कि दिवाली के बाद से डिपार्टमेंट में हाईवे पर बिना बिल के जाने वाले वाहनों की जांच के लिए पेट्रोलिंग रन शुरू की है।


शहर के पूर्व भाजपा उपाध्यक्ष और निगम पार्षद पीवीएस शर्मा की 2.70 करोड़ रुपये की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जब्त कर ली है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिवाली से पहले ता 22 अक्टूबर को, पीवीएस शर्मा और उनके सहयोगियों के घर और व्यापार परिसर पर सूरत के आयकर निदेशालय ने छापा मारा था और 2.07 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे।

कार्यवाही के दौरान, पीवीएस शर्मा के अखबार Sanket Media Pvt Ltd की अनियमितताएं भी पाई गईं। विवरण से पता चला है कि उन्होंने मुद्रण के झूठे आंकड़े दिखाते हुए सरकारी विज्ञापनों को लेकर सरकार को धोखा दिया था।

आईटी ने उमरा पुलिस स्टेशन में पीवीएस शर्मा के खिलाफ सरकारी एजेंसियों और डीएवीपी से 2.50 करोड़ रुपये के विज्ञापन प्राप्त कर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। पीवीएस इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।

इस बीच, मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीवीएस के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। जांच के बाद, ED ने आज फ्लैट, दुकानों, भूखंडों, सावधि जमाओं और शेष राशि सहित PVS Sanket Media Pvt Ltd से संबंधित 2.70 करोड़ रुपये जब्त किए।

अन्य एक मामले में आयकर विभाग ने फ़रवरी महीने में कुबेर जी बिल्डर के यहाँ की कार्रवाई में एक बिल्डर राजेश पोद्दार के यहाँ ज़ब्त किये लॉकर ऑपरेट करने पर वहाँ से लगभग तीन करोड़ रूपए की ज्वैलरी और ज़ब्त की।

भाजपा के शहर उपाध्यक्ष ने आत्महत्या का प्रयास किया। हालाँकि उन्हें अभी अस्पताल में दाखिल कराया गया है। जहां उनकी हालत नाज़ुक बताई जा रही है।


मिली जानकारी के अनुसार सेवानिवृत्त आईटी अधिकारी पीवीएस शर्मा ने रविवार की रात में आत्महत्या का प्रयास किया। पीवीएस शर्मा भाजपा के पूर्व नगरसेवक भी हैं। कल उमरा पुलिस स्टेशन में उनके खिलाक एक पुलिस शिकायत दर्ज की गई थी।शर्मा ने फाँसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की है।शर्मा को अठवागेट के एक निजी अस्पताल में ले ज़ाया गया है।


सूत्रों के मुताबिक,शर्मा की हालत गंभीर है। आईटी ने 24 दिन पहले पीवीएस शर्मा के कार्यालय और घर पर छापा मारा गया था। छापे में उनके यहाँ से विभाग को मिली ज्वैलरी और दस्तावेज की जाँच की जा रही है। इसके अलावा उनके यहाँ से मीडिया पब्लिकेशन के लिए ख़रीदी किए रॉ मटीरियल्स के मामले में गड़बड़ी की आशंका के कारण भाजपा पार्षद पीवीएस शर्मा और एक अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। पुलिस ने पीवीएस शर्मा और कंपनी के निदेशक सीताराम अदुकिया के खिलाफ आईपीसी की धारा 465, 468, 471, 420 और 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया है।


उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले पीवीएस शर्मा ने नोटबंदी के दिनों में शहर के कुछ ज्वेलर्स चार्टर्ड एकाउंटेंट के साथ मिलकर कुछ आयकर अधिकारियों के साथ मिलीभगत में गोलमाल किए होने के पोस्ट ट्विट पर रखी थी। इसके बाद से मामला बढ़ गया और ख़ुद पीवीएस शर्मा के यहाँ भी आईटी का छापा पड़ा था।

जिसमें कि उनके साथ मुम्बई की भी की भी एक कम्पनी पर छापा मारा गया था। जिसमें बताया गया था कि पीवीएस शर्मा वहाँ पर नौकरी करते हैं। इसके अलावा शहर में भी कई स्थानों पर छापेमारी की गई थी। यह ऐसा विवाद भी पीवीएस शर्मा के ट्विटर के बाद ही शुरू हुआ था।

नोट बंदी के दिनों में सूरत शहर के कुछ ज्वैलर और बिल्डर ने सीए तथा आयकर अधिकारियों के साथ मिलकर गोलमाल किए होने का ट्वीट करने वाले आयकर विभाग के पूर्व अधिकारी पीवीएस शर्मा सहित और तेरह स्थानों पर बुधवार से शुरू हुई छापे की कार्रवाई शुक्रवार को देर रात समाप्त हो गई। आयकर अधिकारियों ने जाँच के दौरान करोड़ों रुपए की ज्वेलरी, नक़द और बड़े पैमाने पर दस्तावेज़ ज़ब्त किए।

जाँच के दौरान आयकर विभाग को आयकर के पूर्व अधिकारी पीवीएस शर्मा के उन क्षेत्र में 18-20 प्लोट, घोडदोड रोड पर एक प्लोट, पलसाणा तथा परवट पाटिया में एक-एक फ्लैट तथा तीन लॉकर्स में से सोना, चाँदी और डायमंड की ज्वेलरी मिली। सूत्रों का कहना कि है कि शर्मा के पास तीन करोड रूपए के संपत्ति उन्होंने दिखा रखी है और उन्होंने साढ़े तीन करोड रुपए की लोन तथा निवेश बताया है।

इसके पहले आयकर विभाग की जाँच में वह कुसुम सिलिकॉन नाम की मुंबंई की कंपनी में प्रति माह डेढ़ लाख रूपए की नौकरी करते होने का खुलासा हुआ था। शुक्रवार की जाँच के दौरान शर्मा जिस प्रजापति-शाह जिस कंपनी में डायरेक्टर थे उस कंपनी के डायरेक्टर्स से भी पूछताछ की गई लेकिन डायरेक्टर सही जवाब नहीं दे पाए। यह कंपनी एक लाख शेयर पूँजी से बनी है और इसने मजूरा गेट क्षेत्र में एक दुकान भी बेची है। इस कंपनी में 25 डायरेक्टर है।

अभी तक की जाँच के दौरान विभाग को यह कंपनी शेल कंपनी होने की आशंका है। आयकर विभाग इस मामले में बेनामी संपत्ति के ढंग से भी जाँच कर रहा है। इस बीच यह भी पता चला कि आयकर के पूर्व कर्मचारी शर्मा के ट्वीट के चलते आयकर विभाग के अधिकारियों ने नोटबंदी के दौरान विवादित ज्वेलर्स का एसोसमेन्ट फ़िर से करने की डिमांड की है। देर रात आयकर विभाग की कार्रवाई लगभग सभी जगह पूरी हो गई।


दो दिन पहले नोटबंदी के दिनो में सूरत में कुछ ज्वैलर्स,बिल्डर्स और सीए तथा आयकर अधिकारियों ने पुराने नोट में सौदे कर सरकार के नोटबंदी के उद्देश्श्य को फलॉप कर दिया। ऐसे लोगों के खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच होनी चाहिए। ऐसी पोस्ट ट्वीटर पर पोस्ट करने वाले आयकर विभाग के पूर्व अधिकारी के यहां बुधवार देर रात दस बजे के करीब से सूरत आयकर विभाग की डीआई विंग ने छापा मारा।

डीआई विंग के पचास से अधिक अधिकारियों ने पीवीएस शर्मा के संबंध में सुरत में 10 मुंबई में दो तथा थाणे में एक स्थान सहित कुल 13 स्थानों छापा मारा। छापे की कार्रवाई देर गुरूवार को भी जारी रही। जांच कार्रवाई में बड़े पैमाने पर दस्तावेज जब्त किए गए। इस दौरान पीवीएस शर्मा का उनका मोबाईल ले लिए जाने के कारण घर के नीचे ही धरना पर बैठ गए थे।
 
आयकर विभाग के सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार विभाग के अधिकारियों ने देर रात पीवीएस शर्मा के यहां सर्च कार्रवाई के दौरान उमरा स्थित फॉर चाइस एपार्टमेन्ट के फ्लेट, साकेत मीडिया,भरत शाह के यहां छापा मारा। इसके अलावा पीवीएस शर्मा के यहां जांच के दौरान वह कुसुम सिलिकॉन नाम की कंपनी में काम करते थे जहां से उन्हें प्रतिमाह डेढ लाख रुपए का वेतन मिलता है। यहाँ से वेतन और कमिशन के तौर पर 90 लाख रुपए ले चुके है।

यह खुलासा होने पर विभाग ने कंपनी के संचालक कौशल खंडेलिया के यहां सूरत के निवास स्थान तथा कंपनी के मुंबई और थाना स्थित कार्यालयो पर भी छापा मारा। छापे मारी के दौरान कौशल खंडेलिया के यहा से एक किलो बुलियन तथा 25 लाख रुपए नकद जब्त किए गए। चर्चा है कि यहाँ से 35 लाख रूपये की एफ़डी भी मिली। इसके अलावा डिपार्टमेन्ट ने पीवीएस शर्मा से कारोबार में जु़डे़ उनके सीए अडु़किया के यहां भी कार्रवाई की। पीवीएस शर्मा की जांच में पता चला कि उन्होंने अपनी बैलेन्शशीट में साढे छह करोड़ की लोन दिखा रखी है।

आयकर विभाग को उनके पास पाच से सात बेनामी प्रोपर्टी होने की आशंका है। पीवीएस शर्मा के यहां जांच के दौरान 10 बैंक अकाउंट और तीन लॉकर तथा साढे तीन लाख रुपएआयकर विभाग ने जब्त किए है। आयकर विभाग की कार्रवाई देर रात तक जारी रही। जांच के बाद बड़ी रकम की करचोरी का खुलासा होने की संभावना है। 


उल्लेखनीय है कि बीते तीन दिन से पीवीएस शर्मा का मुद्दा चर्चा में है। दो दिन पहले उन्होंने नोटबंदी के दिनों किस तरह ज्वैलर्स ने गोलमाल किया यह पोस्ट किया था। इसके बाद यह कार्रवाई हुई। लेकिन बात यह है कि आयकर विभाग ने पीवीएस शर्मा के खिलाफ बड़े पैमाने पर संपत्ति होने की शिकायत के चलते डीआई विंग ने 1 एक अक्टूबर को समन देकर बुलाया था।