सूरत मे राहुलगांधी पर मोदी सरनेम के मामले मे हुए मानहानि के केस मे सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की दो साल की सजा पर रोक लगा दी। इस फ़ैसले से यह साफ हो गया है कि राहुल गांधी न सिर्फ संसद में बल्कि 2024 के चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर भी वापसी करेंगे।राहुल के मामले मे राहत पाकर कांग्रेस ने कहा, ये नफरत के खिलाफ प्यार की जीत है।
कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में अधिकतम सजा क्यों? उन्होंने कहा- उसे कम सजा दी जा सकती थी. वे अयोग्य नहीं हैं. सज़ा 1 साल 11 महीने की हो सकती थी. कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि जो कुछ भी कहा गया वह अच्छा नहीं था. नेताओं को सार्वजनिक रूप से बोलते समय सावधानी बरतनी चाहिए. राहुल गांधी को इसका ध्यान रखना चाहिए.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की- सजा का कारण बताना था, लेकिन आदेश में इस पर कुछ नहीं लिखा. इससे न केवल राहुल का अपना राजनीतिक करियर जारी रखने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि वे लोग भी प्रभावित हुए, जिन्होंने राहुल को चुना था।
इस बीच, अदालत ने अभियोजक पूर्णेश मोदी के वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी से पूछा कि अधिकतम सजा देने के लिए अदालत ने क्या कारण बताए हैं। कम सज़ा दी जा सकती थी. जिससे संसदीय क्षेत्र के लोगों के अधिकार भी यथावत बने रहते। राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली में मोदी उपनाम पर टिप्पणी की थी।
सुप्रीम कोर्ट में आज मोदी सरनेम मानहानि मामले की सुनवाई हुई. राहुल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मानहानि का मुकदमा दायर करने वाले पूर्णेश मोदी का असली उपनाम मोदी नहीं है, लेकिन बाद में उन्होंने अपना उपनाम बदल लिया. सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी का पक्ष अभिषेक मनु सिंघवी ने रखा. सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी पर लगे आरोप जमानती हैं.
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुजरात (Gujarat) के 68 जजों ( judges) के प्रमोशन को अवैध ठहरा दिया है। इनमें जस्टिस हरीश हसमुखभाई वर्मा (Justice Harish Hasmukhbhai Verma) भी शामिल हैं , जिन्होंने मोदी सरनेम केस (Modi surname case) में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को सजा सुनाई था। शीर्ष अदालत ने इन जजों का जिला जज कैडर में प्रमोशन अवैध करार दिया है। जस्टिस वर्मा समेत इन सभी जजों को इनके मूल पद पर वापस भेजने का आदेश दिया गया है। अब इस मामले की सुनवाई CJI डीवाई चंद्रचूड़ करेंगे।
कुछ दिन पहले ही विभिन्न जिलों में सेवारत न्यायाधीशों को राज्य के कानून विभाग द्वारा स्थानांतरित किया गया था। जिसमें सूरत में राहुल गांधी के मामले की सुनवाई की करने वाले वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश को राजकोट में 16वें अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया था। सूरत मुख्य न्यायालय के न्यायाधीश हरेश हसमुख वर्मा के साथ गुजरात के कुल 68 जजों की बदली की गई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए इस अवैध ठहरा दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी जजों को उनके मूल पद पर वापस भेजने का हुक्म सुनाया है।
राहुल गांधी मानहानि मामले में सूरत की निचली अदालत द्वारा सुनाई गई दो साल की सजा को सत्र न्यायालय ने बरकरार रखा है। अब राहुल गांधी के वकील सेशन कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। राहुल गांधी ने मोदी उपनाम मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने के लिए सत्र न्यायालय से अपील की थी. इस अपील के आज के निर्णय में अपील को खारिज कर दिया गया है। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि हम अब इस मुद्दे पर हाई कोर्ट में अपील करेंगे।
राहुल गांधी मानहानि मामले में आज फैसला आ गया है. जिसमें राहुल गांधी दोषी बने हुए हैं। सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी है. अब राहुल गांधी के पास हाई कोर्ट जाने का रास्ता बचा है।
सत्र न्यायालय में सजा पर रोक लगाने की अपील पर सुनवाई से पहले अभियोजन पक्ष ने क्रॉस अपील दायर की। सत्र न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आज फैसला सुनाया।
आपको बता दें कि सूरत के विधायक पूर्णेश मोदी ने एक भाषण के दौरान मोदी के उपनाम को लेकर राहुल गांधी के बयान के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। सूरत की अदालत द्वारा इस मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के कारण राहुल गांधी का संसदीय कार्यकाल रद्द हो गया है।
सूरत। मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता आक्रामक हो गए हैं। मोदी सरनेम मामले में दोषी पाए जाने के बाद राहुल की सांसद सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी। उन्हें सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस भी जारी किया गया था। अब कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने राहुल गांधी को सजा सुनाने वाले जज को धमकी दी है जिससे कांग्रेस फिर से विवादों में आ गई है।
मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के एक नेता ने राहुल गांधी के सजा काट रहे वकील एचएच वर्मा को धमकी दी है। ऐसे समय में जब पार्टी तमिलनाडु के काडिंडीगुल में राहुल के समर्थन में धरना दे रही थी, तभी जिलाध्यक्ष मणिकंदन ने कहा, ”सूरत की अदालत ने 23 मार्च को हमारे नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई। सुनिए एचएच वर्मा, जब कांग्रेस सत्ता में आएगी, हम आपकी जुबान काट देंगे” मणिकंदन का यह बयान चर्चा में आ गया हैं। साथ ही यह बयान देने के कुछ ही समय में तमिलनाडु पुलिस ने 3 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली में कहा कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी के उपनाम एक जैसे क्यों हैं? सारे चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों है? राहुल के बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया हैं। इस मामले में कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई है।
सूरत, मानहानि के केस के सिलसिले में कोंग्रेस के नेता राहुल गांधी गुरूवार को सूरत पहुंचे। एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद वह सीधे कोर्ट पहुंचे, लगभग एक घंटे तक उपस्थित रहने के बाद वह एयरपोर्ट के लिए वापिस लौटे। इसके पहले कोर्ट में उन्होंने अपना बयान दर्ज करवाया। राहुल गांधी के आने के पहले एयरपोर्ट से लेकर कोर्ट तक पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
राहुल गांधी का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता उपस्थित रहे। इस दौरान कोंग्रेस के नेता अमित चावडा, हार्दिक पटेल, भरत सिंह सोलंकी सहित कोंग्रेस के कई दिग्गज नेता उपस्थित रहे। इस दौरान वहां पर उपस्थित राहुल गांधी के वकीलो ने उन्हें केस के बारे में जानकारी दी। आपको बता दें कि कर्नाटक में एक चुनावी प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने मोदी समाज के खिलाफ की विवादास्पण टिप्पणी के कारण उन पर राहुल गांधी पर मानहानि का दावा किया गया है।
आपको बता दें कि राहुल गांधी ने अपने बयान में कथित रूप से कहा था कि ‘सभी चोर ‘मोदी’ ही होते हैं! उनकी टिप्पणी का तात्पर्य नीरव तोदी, ललित मोदी सहित नामों के उपरांत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाना था। इस संबंध में सूरत पूर्व विधानसभा सीट से भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का दावा ठोक दिया था। उनका कहना था कि राहुल गांधी ने समग्र मोदी समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है जिससे समाज की भावना को ठेस पहुंची है। वे मरते दम तक ये लड़ाई लड़ते रहेंगे। हमें न्याय पालिका पर पूरा भरोसा है।
उधर कांग्रेसी नेता अमित चावड़ा ने इस पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा है कि लोक नेता राहुल गांधी को परेशान किया जा रहा है और उन पर गलत मामला दायर किया गया है। पूरी पार्टी उनके नेता राहुल गांधी के साथ खड़ी हुई है।
मानहानि के केस के सिलसिले में सुनवाई के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज गुरुवार को सूरत आ सकते हैं। सूरत की कोर्ट में गुरुवार को राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला चल रहा है।
बात ऐसी है कि राहुल गांधी ने लोकसभा में एक चुनावी रैली के दौरान कहा था कि “सभी चोर की सरनेम मोदी ही क्यों होती है?” सूरत से भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के ऐसे बयान कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए सूरत की कोर्ट में उनके खिलाफ मानहानि का केस किया था।
चीफ ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट बी एच कापडिया ने पूर्णेश मोदी की शिकायत स्वीकार करते हुए राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी किया था। इस मामले में गुरूवार को सूरत कोर्ट में पेशी है। आप को बता दें कि कि वर्ष तीन साल पहले 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में एक सभा को संबोधित किया था। सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि “निरव मोदी, ललित मोदी, नरेन्द्र मोदी सभी की सरनेम मोदी क्यों है?
सभी चोर की मोदी सरनेम क्यों होती है?” राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि राहुल गांधी ने मोदी जाती का अपमान किया है| बाद में उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का केस कर दिया। इसी केस में सुनवाई के दौरान राहुल गांधी उपस्थित होने की संभावना बताई जा रही है। राहुल गांधी के आने की खबर से कांग्रेस के कार्यकर्ता सक्रिय हो गए है।