20 श्रमिक जा रहे थे पटरी पर ,सामने से आ गई ट्रेन फिर….


डेस्क
पश्चिम बंगाल में गत रोज अब औरंगाबाद की तरह रेलवे पटरी पर बड़ी दुर्घटना टल गई। यह घटना टलने से बड़ी संख्या में श्रमिकों की जान बच गई। मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के बिर्बहूम ज़िले में से झारखंड जा रहे श्रमिक एक नदी के पुल के पास पहुँचे तब सामने से इन्सपेक्शन वैन आ रही थी। ट्रेन के ड्राइवर नेश्रमिकों को दूर कई देखकर गाड़ी रोक दी। ड्राइवर के इस समय सूचकता से श्रमिकों की जान बच गई।

लॉकडाउन थ्री में अन्य राज्यों के श्रमिकों को कई शर्तों के साथ अपने वतन जाने की छूट दी गई है।ऐसे में कोई ट्रेन से तो कई पैदल ही अपने वतन के लिए निकल पड़े हैं।2 दिन पहले महाराष्ट्र से वतन की ओर जा रहे रही है जा रहा है श्रमिकों को औरंगाबाद मेंमालगाड़ी ने कुचल दिया।

ऐसी ही घटना गत रोज पश्चिम बंगाल में घटने से बच गई। पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन के कारण बेरोज़गार श्रमिक पटरी पर से रहे थे वह बर्धमान ज़िले में से तारापीठ पहुँचे थे।वहाँ से वह पड़ोसी राज्य झारखंड की ओर जा रहे थे।जब वह ब्रामभणी नदी के पुल पर पहुँचे।इस दौरान सामने से इंस्पेक्टर वैन आ रही थी। बड़ी संख्या में श्रमिकों को देखकर इन्सपेकेशन वैन के श्रमिक ने ट्रेन को रोक लिया और घटना के बारे में स्थानीय पुलिस बल को जानकारी दी।कुछ देर में वहाँ पहुँचे पुलिस ने श्रमिकों को को झारखंड जाने की व्यवस्था करा दी।ड्राइवर के समय सूचकता ने बडी संख्या में लोगों की जान बचा ली।

चीन से 600 अरब डॉलर्स वसूली के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका!

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका कर्ता नें याचिका दायर कर कोरोना वायरस के कथित प्रसार पर भारत में नुक़सान के बदले चीन से 600 अरब डॉलर की मांग की है। इसने मांग की कि उच्चतम न्यायालय केंद्र सरकार को चीन से हर्जाने की वसूली के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में आवेदन करने का निर्देश दे।

याचिका में कहा गया कि इस बात के सबूत हैं कि कोरोना वायरस, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया था और भारत में हजारों लोगों का दावा किया था, चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से फैला था।
यह याचिका तमिलनाडु के मदुरै में रहने वाले एक व्यक्ति ने दायर की थी। इसमें कहा गया कि चीन ने जानबूझकर कोरोना वायरस को भारत के खिलाफ जैविक हथियार के रूप में विकसित किया। इस संबंध में एक आवेदन दायर किया जाए ताकि कोई भी व्यक्ति अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में न जा सके इसलिए केन्द्र सरकार इस सिलसिले में अर्ज़ी दाखिल करने का आदेश देने की माँग की गइ है।