राजस्थान में 12वीं कक्षा की नाबालिग छात्रा के साथ पड़ोसी युवक द्वारा अपहरण कर बलात्कार की घटना पुलिस में दर्ज करवाई गई है। यह मामला सीकर का है।सीकर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार राजू ने तेजाब फेंककर किशोरी को डराया और परिजनों को जान से मारने की धमकी दी। इससे किशोरी डर गई।

राजु फिर किशोरी को नोएडा में अपनी बहन के घर ले गया। उसने अपने दोस्तों से भी संबंध करवाया। पीडि़ता की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने पीडि़ता का मेडिकल कराने के साथ उसके बयान दर्ज कराए। इसके बाद आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।


आरोपी का उसके जीजा व बहन ने भी साथ दिया। छात्रा का अपहरण कर ले जाने पर भी नोएडा निवासी बहन व बहनोई ने उसका विरोध नहीं किया और उसे घर में शरण दे दी। आरोपी का साथ देने पर अब पुलिस उसके बहन व बहनोई के खिलाफ भी कार्रवाई करने की तैयारी होगी।

राजस्थान के जोधपुर के एक ग्रामीण इलाके में 12 साल की बच्ची मां बन गई है. आठ महीने पहले इसी स्कूल की तीन छात्राओं ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। मामला तब सामने आया जब लड़की गर्भवती हो गई।पुलिस ने अब तीन नाबालिग छात्रों को गिरफ्तार किया है।

इस बीच बाल संरक्षण आयोग का एक प्रतिनिधि बच्ची से मिलने जोधपुर के एक अस्पताल पहुंच गया है. बच्ची ने बताया कि आठ महीने पहले इसी स्कूल की तीन छात्रों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था।उस समय लड़की ने डर के मारे किसी से यह बात नहीं कही।


अब जब लड़की ने बच्चे को जन्म दिया है तब यह विवाद सामने आ गया है। रेप के छह महीने बाद छात्रा का पेट फूलने लगा और घर वालों को लगा कि बच्ची के पेट में ट्यूमर है. हालांकि रविवार को जब लड़की की तबीयत बिगड़ी तो उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों को पता चला कि वह गर्भवती है। उसके होश उड़ गए जब अस्पताल की एक नर्स ने परिवार को बताया कि वह मां बन गई है।

आज कल सोशल मीडिया पर दोस्त बनाने का ट्रेन्ड चल रहा है। इसका ख़ामियाज़ा भी लोगों को भोगना पड़ रहा है। कम पढ़े लिखे तो नादानी में शिकार हो जाते है, लेकिन इसमे पढ़े लिखे लोग भी शिकार बन रहे है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान के बूंदी जिले के नैनवा कस्बे मे सरकारी आवास में रहने वाले डॉक्टर के पड़ोस में रहने वाले शख्स हरिराम ने डॉक्टर की जवान पत्नी से दोस्ती कर कई बार ज़बरदस्ती कुकर्म किया। यही नहीं आरोपी ने उसे धमकी दी, कि इस संबंध में किसी को भी बताया, तो वह उसके डॉक्टर पति की हत्या कर देगा. इस डर से वह चुप रहकर ये सब सहती रही।


बलात्कार के बाद उसके पर्स में जितने भी पैसे होते थे, वो भी निकालकर ले जाता था. आरोपी की इस हैवानियत से तंग आकर उसने हिम्मत जुटाई और पति को पूरी बात बता दी. इस मामले में नैनवा DSP कैलाश चन्द जाट ने केस दर्ज होने की पुष्टि की है. वहीं उन्होंने कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने कुछ भी स्पष्ट जानकारी नहीं दी. वहीं पुलिस सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर के पड़ोस में रहने वाले हरिराम नामक व्यक्ति ने महिला से 2017 में फेसबुक के जरिए जान पहचान की थी।

इसके बाद आरोपी ने उसके घर आना जाना आरंभ कर दिया था.यह मामला 2019 की मार्च से लेकर 11 जून 2021 तक आरोपी ने चाकू दिखाकर उसके साथ 15 बार बलात्कार किया.

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के केसरीसिंहपुर कस्बे में पिछले दिनों  केसरीसिंहपुर में पाकिस्तान की तरफ जाने वाले एक मार्ग पर स्थित चक 73-एच की हड्डारोड़ी में एक युवक की निर्वस्त्र हालत में सिर कटी लाश मिली थी। मृतक की पहचान अवतारसिंह (30) निवासी सिरसा (हरियाणा) के रूप में हुई है। उसकी हत्या करने के आरोप में चक 3-एच निवासी कुलबिंदरकौर (27), उसके पति सतपालसिंह मजहबी सिख (27) और धर्म भाई संदीप मेघवाल (29) को गिरफ्तार किया गया हैं। इस युवक की हत्या का कारण अवैध संबंध निकला है।

प्रेमिका कुलबिंदर कौर ने उसकी हत्या कराए होने का खुलासा हुआ है।
श्रीकरणपुर के डीएसपी सरेंद्रसिंह राठौड़ ने बताया कि मृतक अवतारसिंह के कुलबिंदर कौर के बीच प्रेम संबंध था। दोनों समाज से डर कर मिलते रहते थे। कभी अबतार सिंह उसके घर आ जाता था और कभी कुलविंदर कौर सिरसा चली जाया करती थी। इसकी जानकारी अवतार सिंह की पत्नी और परिवार को मिली तो उन्होंने अवतार को डाट लगाई  और पुलिस में शिकायत कर दी जिससे मजबूरी में मृतक अवतार सिंह को अपने परिवार के पास लौटना पड़ा। इससे नाराज  कुलबिंदर कौर ने अवतार सिंह को इस दुनिया से ही खत्म करने का प्लान किया।


इस साजिश में उसने अपने पति और मुंहबोले भाई को शामिल किया। इसके बाद कुलबिंदर कौर ने अपने आशिक अवतार सिंह को अपने गांव बुलाया और उसके पति और संदीप ने अवतार सिंह को शराब पिलाई । उसे हड्डारोड़ी पर ले गए और कुल्हाड़ी से उसका सिर काट दिया और सभी कपडे उतार लिए। हाथ में पहनी अंगूठी से अवतार सिंह की पहचान नहीं हो जाए इसलिए ऊँगली भी काट डाली।


प्रारंभिक पूछताछ में तीनों अपराधियों ने बताया है कि कटी हुई गर्दन,कपड़े और उंगली को उन्होंने गंगकैनाल की एफ-नहर में डाल दिया। यह बहुत बड़ी होने से कटी हुई गर्दन और कपड़ों को ढूंढना बहुत दुष्कर कार्य है।पुलिस फिर भी प्रयास करेगी। मृतक का मोबाइल फोन भी गायब है।उन्होंने बताया कि अभी जांच पड़ताल की जा रही है।


राजस्थान में जयपुर के करौली में कोतवाली में बीते दिन एक शख्स ने हनी ट्रेप की शिकायत दर्ज करवाई थी। इस पर जांच करते हुए  पुलिस ने हनीट्रैप का मामला उजागर किया है। लोगों के साथ अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें जाल में फंसा कर 10 लाख रुपए मांगने वाले मामी और उसकी भांजी के साथ दो पुरुषों को गिरफ्तार किया है। दोनो मामी-भांजी अपने ज्यादातर पैसे वाले लोगों को  ब्लैकमेल करती हैं। इनके शिकार में बडे बर्तन, टेंट, कपडे के व्यापरी भी शामिल हैं।


एसपी मृदुल कच्छावा ने मीडिया से बताया कि 11 जूलाई को करौली सायनाथ खिडिकया निवासी युवक ने कोतवाली थाने में एक शख्स ने प्रकाश मीना, रम्मू मीना तथा दो महिलाओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। हनीट्रैप में फंसाकर वीडियो वायरल करने व बलात्कार का प्रकरण दर्ज कराने की धमकी देकर 10 लाख रुपए मांगने का आरोप था। जांच के दौरान पुलिस ने मुख्य आरोपी प्रकाश मीना, रम्मू लाल उसकी पुत्री एवं साले की पत्नी को गिरफ्तार कर लिया।

गिरोह के मुख्य सरगना प्रकाश मीना व मुख्य सहयोगी महिला से पूछताछ हुई। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि चारों की फिल्मी दुनिया की तरह शानो शौकत में जीने की इच्छा थी, लेकिन उनके पास कोई नौकरी नहीं होने के कारण शौक पूरे नहीं हो रहे थे। शौख पूरा करने के लिए अमीर लोगों को फँसा हनीट्रैप का षड्यंत्र रचने लगे। बीते दिनों इन्होंने एक अमीर को शिकार में फँसा उससे रूपए माँगे , उसने शिकायत कर दी । इसके आधार पर पुलिस ने आरोपियों द्वारा बताए गए स्थान पर पैसे देने के लिए भेजा। वहीं से सभी पकड़े गए।  जांच में पता चला कि प्रकाश पहले अमीर शख्सो को ढूंढता था। इसके बाद उसकी दुकान पर महिला सज सवर कर जाती और किसी बहाने मीठी-मीठी बात करके दुकानदार को अपना मोबाइल नम्बर दे आती।

फिर धीरे-धीरे बातों का सिलसिला शुरू होकर मुलाकात में बदल जाता। बात आगे बढ़ते बढते शरीर तक पहुंचती। इसमें महिला संबंधित व्यक्ति के साथ अश्लील वीडियो बनाती। उसके बाद चारों लोग वीडियो वायरल करने की बात कहकर पीड़ित को धमकाते और पैसे मांगते थे।


इस कलियुग में पता नहीं और क्या-क्या होना बाकी है। फिलहाल राजस्थान से एक ऐसी घटना सामने आ रही है जिसमें कि पति ने पैसे के लिए अपनी पत्नी की दूसरी शादी करवा दी। शादी के समय पत्नी का भाई बनकर कोर्ट में साक्ष्य के तौर पर सही भी करने गया। मामला सामने आने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है।

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घटना कुछ इस तरह है कि रवि नागर नामका कोटा में रहने वाले रिक्शाचालक की शादी नहीं हो पा रह थी। इस दौरान उसकी मुलाकात देवराज नामा के एक शख्स के साथ हुई थी। जिसने इंदौर में उसकी शादी की बात चलाई। रवि ने शादी के लिए अपनी गाँव की जमीन 2 लाख रुपए में गिरवी रख दी। जिसके बाद देवराज कुछ दिनों के पश्चात कोमल नाम की एक लड़की की जानकारी लेकर उसके पास आया।

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शादी की बात कर 20 जून के दिन देवराज ने दोनों की मुलाकात करवाई थी। इसके बाद पैसे मांगे तब  रवि ने 1.80 लाख देवराज को दे दिये थे। जिसके बाद 21 जून को शादी करने के लिए देवराज ने रवि को कोर्ट बुलाया था, जहां पहले से ही कोमल और उसके साथ आए लोग मौजूद थे। देवराज ने दोनों की शादी करवा दी। जहां पहले से शादीशुदा कोमल के पति सोनू को उसका भाई बना दिया गया। शादी के दूसरे दिन कोमल ने रवि को घूमने जाने के लिए कहा, पर रवि ने मना कर दिया। इसके बाद भी कोमल अड़ी रही। कोमल की जिद देखकर रवि को उस पर शंका गई। 


रवि ने अपनी बहन को इस बारे में बताया। उसकी बात सुन रवि की बहन ने कोमल को उसके यहाँ लाने बोला। जिसके चलते रवि अपनी पत्नी कोमल को लेकर अपनी बहन के यहाँ गया। जब रवि की बहन ने उससे पूछताछ की तो कोमल ने उसे सारी बात कह दी।

कोमल ने कहा की उसकी पहले से ही शादी हो चुकी है और उसके दो बच्चे भी है। इसके अलावा वह तीन महीने की गर्भवती भी है। इसके बाद उन्होंने तात्कालिक पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। रवि की शिकायत के बाद पुलिस ने 22 वर्षीय कोमल और उसके भाई बने 24 साल के सोनू को हिरासत में लेकर पुछताछ शुरू की है।


राजस्थान के भीलवाड़ा के कपड़ा व्यापारी ने आत्महत्या कर ली। हत्या के कारणों का पता नहीं चल सका। पुलिस ने परिवारजनों से जांच पड़ताल शुरू की है। जल्द ही आत्महत्या का कारणो का पता चलेगा। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार भीलवाड़ा में रहने वाले प्रकाशचंद पोरखना ने बुधवार दोपहर को होटल के कमरे में आत्महत्या कर ली थी। व्यापारी ने जहरीला पदार्थ खाकर परिजनों को फोन करने इसकी जानकारी दी।

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यह सुनकर व्यथित परिजनों ने कोटा में प्रकाशचंद के रिश्तेदार विजय गोयल को इसकी जानकारी दी। उसकी सूचना पर पुलिस ने प्रकाशचंद के मोबाइल की लोकेशन तलाशी तो कोटा में था। विजय गोयल ने बताया कि प्रकाशचंद बुधवार दोपहर ढाई बजे कोटा पहुंचे और होटल में रूके थे। वे अक्सर व्यापार के सिलसिले में कोटा आया करते थे।

जानकारी मिलने के बाद घरवालों ने उन्हें नयापुरा के आसपास के होटलों में ढूंढ रहे थे। दो घंटे के बाद होटल गोकुल में उनके ठहरने का पता चला। होटल जाकर देख तो उनका कमरा अन्दर से बंद था। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो वे अंदर अचेत मिले। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि वह मानसिक रूप से परेशान थे। पुलिस ने उनके पारिवार से पूछताछ शुरू की है।

राजस्थान के जालौर जिले के रानीवाड़ा इलाके में रविवार को रेगिस्तान के पास के इलाके में एक बच्ची की पानी नहीं मिलने के कारण मौत हो जाने की जानकारी सामने आ रही है। घटना ऐसी है कि बच्ची अपनी नानी के के साथ 45 डिग्री की गर्मी में कहीं जा रही थी, रास्ते में पानी नहीं मिलने के कारण बच्ची की मौत हो गई।

घटना की जानकारी जब ग्रामीणों को हुई तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने वृद्ध को पानी पिलाकर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। जबकि मासूम बाला के शव को अस्पताल ले जाया गया और उसके शव का पोस्टमार्टम कराया गया। घटना के चलते लोगों में भारी दुख है। यह घटना आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बनी है।


शव के पोस्टमॉर्टम में बच्ची के मौत की वजह पानी की कमी बताई गई। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रानावाड़ा क्षेत्र के डूंगरी में रहने वाली 60 वर्षीय सुखी देवी अपनी पोती अंजलि के साथ सिरोही के पास रायपुर से अपने घर जा रही थी। कोरोना काल के कारण वाहन बंद होने के कारण उन्हें कोई साधन नहीं मिला।

इस वजह से वे पैदल ही अपने घर की और निकल पड़ी। हालांकि करीब 20-25 किमी चलने के बाद दोनों काफी थक गए। रेतीले इलाके में पानी नहीं मिलने से दोनों की हालत काफी खराब हो गई थी। बच्ची को डिहाइड्रेशन की शिकायत भी हो रही था। बच्ची ने कई बार पानी मांगा, लेकिन नानी पानी का इंतजाम नहीं कर पाई।समय पर पानी ना मिलने के कारण अंजलि की मौत हो गई और उसकी नानी बेहोश हो गई थी। पानी न मिलने के कारण बच्ची की मौत हो जाने पर लोगो में प्रशासन के प्रति नाराजगी है।

राजस्थान के पुष्कर के पास के एक गांव में एक घर में एक शख्स सबेरे उठकर शौच के लिए गया तो उसे बाथरूम की सीट पर एक बड़ा और विकराल कोबरा साँप दिखाई दिया। साँप को देखते ही व्यक्ति के होश उड़ गए। वह जोर से चिल्ला उठा। उसकी आवाज सुन घर के और आसपास के लोग इकट्ठा हो गए।

लोगों ने इस बारे में  पुलिस को जानकारी देकर मदद मांगी। पुलिस ने इस बारे में सांपों को पकडने वालों को सूचना दी जो कि कुछ देर बाद घर पर पहुंचे। सांप को पकड़कर सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया। इतना ही नहीं टीम ने किचन से एक स्पेकटिकल साँप को भी बचाया। सर्प रेस्क्यूअर राजेंद्र बच्चन ने बताया कि जैसे ही उन्हें यह सूचना मिली कि बाथरूम और किचन में कोबरा और स्पेकटिकल सांप मिले है, वह तुरंत मौके पर पहुंचे, दोनों सांपों को पकड़कर दूर के जंगल में छोड़ दिया।

पुलिस मित्र व रेस्क्यू टीम के प्रभारी अमित भट्ट ने बताया कि जैसे ही टीम को सूचना मिली पुष्कर थाना अधिकारी राजेश मीणा के निर्देश पर बंसेली गांव के एक घर में एक कोबरा को टॉयलेट सीट से रेसक्यू किया गया। इस कोबरा की लंबाई करीब 7-8 फीट थी। इसके अलावा सर्वेश्वर कॉलोनी में किचन के अंदर भी एक सांप छिपा हुआ मिला, जिसे पकड़कर जंगल में छोड़ दिया गया। बारिश के समय आमतौर पर सांप सुरक्षित स्थान के लिए रहने की जगह पर पहुंच जाते हैं। 

हमारे देश में लोग कोरोना से इतना डर गए है कि कोई कोरोना को देवी बनाकर पूज रहा है तो कोई कोरोना को दैविक आपदा मानकर धर्मस्थानो के माथा टेक रहे हैं। हाल में ही यूपी से एक स्थान से कोरोना को दैविक आपदा मानकर महिलाए पूजा अर्चना कर रही थी। ऐसे फोटो सोश्यल मीडिया पर वायरल हुए थे। इसके बाद अंधश्रद्धा का एक और उदाहरण सामने आया है जिसमें कि परिजन ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज को अस्पताल में इलाज करवाने के बदले तांत्रिक के पास ले गए। इस मरीज का इलाज सरकारी सहाय से की जा रही थी।

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मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान के बाड़मेर जिले के कल्याणपुर इलाके सांवलाराम देवासी नाम के इस 55 वर्षीय बुजुर्ग को 26 मई के दिन आंखो में जलन होने लगी। हालांकि इसके बाड़ तबीयत अधिक बिगड़ने के कारण परिजन बुजुर्ग को बालोतरा चिकित्सालय ले गए। जहां से बुजुर्ग को ब्लैक फंगस की जांच के लिए जोधपुर रिफर कर दिया गया। जहां डॉक्टरों ने इलाज के दौरान दोनों आंखो की रोशनी चली जाने और जबड़ा निकाल देने की बात भी कही। जिसके चलते परिजन बिना इलाज करवाए ही मरीज को गाँव वापिस आ गए। अस्पताल में से मरीज के चले जाने की जानकारी मिलने पर सर्वे टीम द्वारा मरीज के घर जाकर जांच की गई।


इसके बाद स्थानिक प्रशासन और अन्य अधिकारियों ने काफी परेशानियों के बाद बुजुर्ग को वापिस इलाज के लिए अस्पताल भेजे को मनाने में सफल हुए। जिसके चलते सरकारी सहायता द्वारा 30 मई को मरीज को फिर से होस्पिटल में दाखिल किया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मरीज की आंखे और जबड़ा निकालने की जरूरत होने की बात कही। यह बात सुनते ही मरीज के परिजन उसे फिर से अस्पताल से वापिस ले आए। हालांकि इस बार गाँव वालों ने उन्हें गाँव में नहीं घुसने दिया। जिसके चलते परिजन मरीज को खेत में बनी हुई एक वाडी में ले गए, जहां तांत्रिक को बुलाकर उसके पास विधि करवा रहे हैं।


इस बारे में मरीज के पुत्र हीरराम देवासी का कहना है की यदि जबड़ा और आँख ही निकाल दी जाये तो उनकी चेहरे में कुछ बचेगा ही नहीं। ऐसे में यदि शरीर के महत्वपूर्ण अंग ही निकाल देने से अच्छा वह उन्हें घर पर ही रखकर उनका इलाज कर लेंगे।