राजस्थान में 12 साल की लड़की बनी मॉ, स्कूल के तीन लड़कों ने किया था रेप

राजस्थान के जोधपुर के एक ग्रामीण इलाके में 12 साल की बच्ची मां बन गई है. आठ महीने पहले इसी स्कूल की तीन छात्राओं ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। मामला तब सामने आया जब लड़की गर्भवती हो गई।पुलिस ने अब तीन नाबालिग छात्रों को गिरफ्तार किया है।

इस बीच बाल संरक्षण आयोग का एक प्रतिनिधि बच्ची से मिलने जोधपुर के एक अस्पताल पहुंच गया है. बच्ची ने बताया कि आठ महीने पहले इसी स्कूल की तीन छात्रों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था।उस समय लड़की ने डर के मारे किसी से यह बात नहीं कही।


अब जब लड़की ने बच्चे को जन्म दिया है तब यह विवाद सामने आ गया है। रेप के छह महीने बाद छात्रा का पेट फूलने लगा और घर वालों को लगा कि बच्ची के पेट में ट्यूमर है. हालांकि रविवार को जब लड़की की तबीयत बिगड़ी तो उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों को पता चला कि वह गर्भवती है। उसके होश उड़ गए जब अस्पताल की एक नर्स ने परिवार को बताया कि वह मां बन गई है।

एम्बुलेंस में महिला के साथ सामूहिक बलात्कार, पकड़े गए!!

rape

जयपुर में इंसानियत को शर्मसार कर दें ऐसी घटना सामने आ रही है।एंबुलेंस चलाने वाले लोगों ने भीख मांगकर खाने वाली एक युवती को खाना खिलाने का लालच देकर रेप किया। इस मामले में पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया है।


पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कि पूरा 24 मई सोमवार को निजी एंबुलेंस चलाने वाले दो युवकों से रात के समय गांधी सर्किल के नजदीक एक युवती ने रुपए मांगे थे। भीख मांगकर खाने वाली युवती ने खाना खाने के लिए ये रुपए मांगे थे। इस दौरान एंबुलेंसकर्मी ने युवती को खाना खिलाने के बहाने अपनी एंबुलेंस में बैठा लिया। उसके बाद कुछ ही दूरी से अपने एक और साथी को एंबुलेंस में बैठाया।


फिर गांधी सर्किल से झालाना क्षेत्र में युवती को ले गए। इस दौरान युवती से छेडछाड़ करते रहे और झालाना में सुनसान स्थान पर ले जाकर युवती से सामूहिक बलात्कार किया। बाद में उसे बीच सड़क पर उतारकर फरार हो गए। युवती जैसे-तैसे थाने पहुंची और पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।

उसके बाद पुलिस ने अब दोनों युवकों की तलाश शुरू की और दोनों को बीती शाम दबोच लिया। बताया जा रहा है कि दोनों से सख्ती से पूछताछ की जा रही है। युवती का मेडिकल कराया गया है और युवती को भी दोनों से मिलाया गया है। पुलिस ने आगे की जाँच शुरू की है।

बुढी मां को बेटा 10 किमी दूर जंगल में छो़ड आया, मॉ ने दो रात भूखे-प्यासे बीताई

कहते हैं कि माता-पिता के प्रेम से बढकर दुनिया में कोई प्रेम नहीं है, लेकिन जब माता पिता की देखरेख की जिम्मेदारी संतानो पर आती है तब कई संतान मुंह मोड लेते हैं ऐसी ही एक घटना राजस्थान के कोटा से सामने आर रही है। निर्दयी बेटा अपनी मा को घर से दूर 10 किलोमीटर जंगल में छोड़ आया। माता चल भी नहीं सकती थी।

जंगल में जानवरो को चराने जाने वाले कुछ लोगों को पता चला तो वह उसकी मदद के लिए गए। लेकिन तब भी मा की ममता तो देखो, मा ने कहा मेरा बेटा जरूर आएगा। जब लोग वृद्धा को लेकर बेटे के पास गए तो बेटे ने कहा कि मा खुद ही बिना बताए चली गई थी।


महिला की मदद करने वालों में शामिल चौथमल गुर्जर ने पत्रकारो को बताया कि गांव के लोग जंगलों में जानवर चराने जाते हैं। उन्हें एक बुजुर्ग महिला के जंगल में बेसहारा पड़े होने की जानकारी मिली तो शुक्रवार को वे खाना-पानी साथ लेकर जंगल में गए। वहां महिला की हालत देखकर दंग रह गए। एक वृद्ध असहाय महिला धूप में बैठी थी। वह नहीं चल सकती थी। कुछ दूर तक रेंगने के निशान थे।

शायद महिला ने रेंग-रेंग कर जंगल को पार करने की कोशिश की होगी। उसके पास खाने को कुछ नहीं था। दो दिन पहले हुई बारिश से जंगल के गढ्‌डों में पानी भरा हुआ था वही पानी पीकर महिला ने जंगल में दो रातें गुजारीं। लोगों को देखकर वृद्धा को उम्मीद बंध गई थी। लोगों ने महिला को पहले पानी पिलाया फिर खाना खिलाया। बातचीत में महिला ने बताया कि वह रानपुर इलाके में अपने बेटे के साथ रहती है। दो दिन पहले बेटा रतन उसे जंगल में छोड़कर गया था। जाते समय उसने कहा था कि वापस आएगा।

बातचीत में बुजुर्ग महिला ने भरोसे से कहा कि मेरा बेटा जरूर आएगा। लोगों ने वृद्धा को गाडी में भरकर उसके गांव ले गए। महिला के बेटे रतन लाल के बारे में जानकारी कि वह मजदूरी करता है और उसे शराब की लत है। चौथमल ने रानपुर के सरपंच और वार्ड पार्षद को पूरी बात बताई और अपने साथियों की मदद से महिला को रानपुर पहुंचाया। रानपुर पहुंचते ही चौथमल के साथियों ने रतन से पूछताछ की  रतन गलती मानने की बजाय उल्टा यह कहने लगा कि मां ही बिना बताए घर से चली गई।

छुट्टी नहीं मिली, महिला पुलिस कर्मी की हल्दी की रस्म पुलिस स्टेशन मे हुई

राजस्थान में कोरोना वायरस फैलने के कारण प्रतिबंध लगाए गए हैं। सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी भी कम कर दी गई है। ऐसे में राजस्थान की एक महिला पुलिस कांस्टेबल की शादी की तारिख तय हो जाने के पश्चात उसने उच्च अधिकारियों से छूट्टी मांगी लेकिन नहीं मिलने पर उसके हल्दी की रस्म पुलिस स्टेशन में ही की गई।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डूंगरपुर कोतवाली में तैनात आशा नाम की महिला पुलिस कांस्टेबल की शादी 30 अप्रेल को होनी है। लेकिन शहर में लगे लॉकडाउन के कारण उन्हें छुट्‌टी नहीं मिली। इस बीच आशा की हल्दी की रस्म होनी थी. छुट्‌टी नहीं मिली तो थाने के पुलिसकर्मियों ने उनकी हल्दी की रस्म हुई।

पुलिस इंचार्ज दिलीप दान ने बताया कि आशा का गांव हिराता शहर से 20 किमी दूर है. और 30 अप्रैल को उनकी शादी होनी है वहीं कोरोना के चलते राजस्थान में जन अनुशासन पखवाड़ा चल रहा है, जिसमें आशा की ड्यूटी लगाई गई है। आशा की शादी पिछले साल मई में होनी तय थी लेकिन तब लॉकडाउन और कोरोना के कारण इसे टाल दिया गया था।

पुलिस के अधिकारियों को जब पता चला कि उसकी हल्दी की रस्म है लेकिन वह घर नहीं जा पा रही तो उन्होंने पुलिस स्टेशन में ही हल्दी की तैयारियां शुरू करवाई और वहीं पर पूरी रस्म की। बताया जा रहा है कि शाम को आशा को छुट्‌टी मिल गई और वो अपने घर के लिए खुशी खुशी निकल गई।