राजकोट की एक महिला ने उपचार के दौरान उस पर बलात्कार का मामला पुलिस में दर्ज करवाया है।पुलिस ने आरोपी के ख़िलाफ़ जाँच शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार लक्ष्मीनगर क्षेत्र में रहने वाली महिला कुछ दिनों पहले कोरोना के कारण उपचार के लिए होस्पिटल में दाखिल हुई थी। इस दौरान एक दिन महिला ने अपने परिवारजनों फोन करके कहा कि तुम मुझे यहां से नहीं चलो नहीं तो यह मुझे इंजेक्शन देकर मार डालेंगे।
यह सुनकर उसके परिवार जन दौड़े आए थे महिला ने बताया कि रात के समय में वहां पर एक अजनबी शख्स ने उसके साथ शारीरिक स्पर्श करने के बाद रात के समय दुष्कर्म किया। हालांकि अब इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने इस घटना में वार्ड में उपस्थित अन्य मरीजों और स्टाफ से पूछताछ शुरू की है।
पुलिस को इस बारे में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले अटेंडेंट हितेश जाला पर शक होने से पुलिस ने उसकी पूछताछ शुरू की है। महिला को श्वास में तकलीफ होने के कारण उसे ऑक्सीजन की आवश्यकता थी जब उसे उपचार की जरूरत थी तब उसके साथ हुई दुर्घटना के चलते पूरे हॉस्पिटल में मानवता शर्मसार हो गई है। राजकोट सिविल अस्पताल प्रशासन ने इस गंभीर मामले में उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करके जांच शुरू कर दी है। साथ ही यह कहा है कि घटना में दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की घटना अन्य शहर से भी एक बार आ चुकी है।
कोरोना के बढते मरीजों के कारण सूरत सिविल अस्पताल में रोज कुछ न कुछ विवाद आ रहा है। चार दिन पहले एक मरीज अचानक एक दिन गायब रहने के बाद सिविल के तीसरे मंजिल पर मिला। इसके बाद मृतक को जीवित बता दिया गया था। ऐसा नहीं कि सूरत में ही सिविल होस्पिटल में इस तरह की घटना हो रही है। राज्य के अन्य सिविल होस्पिटल में भी ऐसी घटनाए हो रही है।
राजकोट के जकातनाका के पास जमना पार्क में रहने वाले रतिभाई की माता राजीबेन को अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। दूसरे दिन ही रतिभाई को फोन आया की आपकी माता का देहांत हो गया है, तो आप आकर लाश ले जाए। यह सुनकर पूरे परिवार में गम का माहौल छा गया। सभी को इस बात का आश्चर्य था की मा को कोई खास तकलीफ तो थी नहीं तो उनकी मौत कैसे हो गई। हालांकि डॉक्टरों की बात के अनुसार अपने परिवार के अन्य सदस्यों को अंतिमक्रिया के लिए बुला लिया था।
हालांकि अस्पताल पहुँचने के बाद उनको एक और झटका लगा था। पहले तो एक घंटे तक राह देखने के बाद जब परिवार को लाश देखने के लिए बुलाया गया तो प्लास्टिक के अंदर किसी अन्य की लाश थी। जिसके चलते परिवार ने इस बारे में जांच करने कहा। इस दौरान अस्पताल के स्टाफ ने उन्हें डेथ सर्टिफिकेट भी दे दिया था। हालांकि इन सबके बाद अस्पताल के स्टाफ को अपनी भूल समज आई थी और वीडियो कॉल के माध्यम से परिवार की माता के साथ बात करवाई थी।