राजकोट में चार लोगों ने एक साथ पी लिया ज़हर!!

राजकोट के मालवीयानागर पुलिस स्टेशन के पास एक दुकान के अंदर एक ही परिवार के 4 लोगों ने आकर फ़िनाइल पीकर आत्महत्या का प्रयास किया।


मिली जानकारी के अनुसार, मवड़ी रोड पर स्थित मिठाई की दुकान में जाकर 3 महिला सहित 4 लोगों ने अपनी जान देने के का प्रयास किया था। हालांकि पुलिस स्टेशन के सामने ही दुकान के होने से तुरंत ही पुलिस द्वारा सभी को इलाज के लिए सिविल अस्पताल भेजा गया। प्रारंभिक जांच में पता चला की चारों ने जमीन विवाद के चलते आत्महत्या का प्रयास किया था।

sucide

चारों जब दुकान में फ़िनाइल की बोतल पी रहे थे, तब दुकान में काम कर रहा कर्मचारी उनसे बार बार पूछ रहा था, पर चारों में से किसी ने अपना मुंह नहीं खोला। इसके बाद पुलिस की जांच में सामने आया की चारों ने कुछ समय पहले ही मवड़ी इलाके में आई जमीन के विवाद में पुलिस कमिश्नर को एक शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसके बाद दुकान के मालिक सहित 5 लोगों ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया।

स्थानीय अखबार संदेश के साथ की गई बातचीत में डेयरी के मालिक जगदीशभाई अकबरी ने कहा की विवादित जमीन उन्होंने जिस व्यक्ति से खरीदी उसने यह जमीन एक किसान को भी बेची थी। उन्हों ने इस दौरान उन्हें पैसे भी दिये थे। हालांकि पिछले दो तीन दिनों से वह सभी फोन करके कह रहे थे कि उन्हें पैसे नहीं मिले है, जिसके चलते उन्होंने दो-तीन दिन का समय मांगा था। पर इसी बीच उन्होंने यह कदम उठा लिया। फिलहाल पुलिस द्वारा चारों का बयान लेने के प्रयास किया जा रहा है।

मोहम्मद रफी के गाने ने कोरोना पीडित की याददाश्त लौटा दी?


कोरोना की बिमारी में रोज-रोड जांच करने के नए तरीके और रोज रोज नए प्रकार की उपचार पद्धति के दावे किए जाते हैं। लोग जिस ढंग से अपने आप को अच्छा कर पाते हैं वहीं उनके लिए श्रेष्ठ दवा बन जाती है।

ऐसे में एक ऐसी बात सामने आ रही है जिसे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे। लेकिन कोरोना पीडित के परिवारजनों ने इसे सच बताया है। बात ऐसी है कि राजकोट में रहने वाले तुलसीदास नाम के अधेड़ को गत महीने की 15 तारीख को कोरोना के हो गया था।

सीटी स्केन में उनके फेफड़ों पर 50% इन्फेक्शन लगा होने का खुलासा हुआ। एक दिन वह अचानक बेहोश हो गए और जब उन्हें होश आया तो उनकी याददाश्त चली गई थी। वह अपने परिवार वालों को भी नहीं पहचान पा रहे थे।


तुलसीदास याददाश्त वापस लाने के तुलसीदास को जो गाने पसंद हैं वह उनकी बेटी भानुबेन ने यूट्यूब में से रफी के गीत को सुनाया और उसके बारे में पूछती थी जैसे कि क्या वह इस गाने को पहचानते हैं। मात्र इतना ही नहीं उन्हें दिन भर गाने भी सुनाते रहती थी। उनके परिवारजनों को भरोसा था कि तुलसीदास को इसी तरह से ठीक किया जा सकता है और आखिरकार धीरे-धीरे मोहम्मद रफी के गाने सुनते सुनते तुलसीदास अपने परिवार को भी पहचानने लगे।


 इसी तरह से उनके परिवार की भावना बेन ने अन्य एक उदाहरण बताते हुए कहा कि मेरा बेटा ध्रुव जब 3 साल का था तो उसे दिमाग पर बुखार के कारण बोलने की शक्ति भी चली गई थी तब उसके दादा तुलसीदास ने म्यूजिक थेरेपी दी थी और 3 साल की मेहनत के बाद बोलने लगा था। इस परिवार के सदस्य म्यूजिक से जुड़े हुए हैं। भावनाबेन सूफी संगीत पर पीएचडी कर रही हैं। उनकी बड़ी बहन कृष्णा पोरबंदर में सुरभि कलावृंद संगीत की संस्था चलाती हैं। राजकोट कोविड सेंटर में म्यूजिक थेरेपी से मरीजों को स्वस्थ्य होने में मदद की जाती है। म्युजिक थेरेपी का महत्व कई स्टडी में भी महत्वपूर्ण माना गया  है।

कोरोना से कुछ घंटो में ही पति-पत्नी की मौत, दो बच्चे निराधार


गुजरात में स्थानीय निकाय के चुनाव के बाद से कोरोना के मामले लगातार बढते जा रहे हैं। गुजरात के अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा सहित बडे शहरों में परिस्थिति दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं। स्मशान घाट पर 24 घंटे लगातार लाश की दाह विधि की जा रही है लेकिन इसके बावजूद लाइन नहीं कम हो रही।

लोग रेमेडेसिविर इंजेक्शन और कोरोना की आवश्यक दवाओं के लिए परेशान है। कोरोना ने इस बार पहले से भी ज्यादा घातक रुप ले लिया है। राजकोट शहर में पति पत्नी दोनों को कोरोना होने के बाद कुछ घंटों के अंतराल में ही दोनो की मौत हो गई। इस दुखद घटना के कारण दो बच्चों से माता-पिता का छाया हट गया।


राजकोट शहर के जेतपुर रोड पर पार्थ स्कूल के नजदीक सरदार पान की दुकान के मालिक जितेंद्र ठुम्मर और उनकी पत्नी वसंत ठुम्मर कोरोना संक्रमित हुये थे। जिसके चलते उनका एक सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा था। हालांकि सात दिनों के बाद उनकी हालत ज्यादा खराब होने के कारण उन्हें जामनगर की सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया था। शनिवार को वसंत ठुम्मर की तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद उनकी मौत हो गई थी, जिसके एक दिन के बाद ही रविवार को जितेंद्र ठुम्मर की भी मृत्यु हो गई थी। जिसके चलते पुत्र और पुत्री के सर पर से माता-पिता का सहारा छुट गया था।

राज्य में कोरोना की हालत काफी ज्यादा खराब है। राजकोट में परिस्थिति काफी खराब हो गई है। अस्पतालों के अंदर बेड की कमी हो चुकी है। जिसके चलते मरीजों को एम्ब्युलेंस में ऑक्सीज़न की बोतल चढ़ाना पड़ रहा है। एक ऐसे ही केस में कोरोना के मरीज को कोविड केस सेंटर में दो घंटे तक इलाज के लिए ना ले जा सकने के कारण एम्ब्युलेंस में ही दम तोड़ दिया था। सूरत में तो 24 घंटे स्मशान घाट पर दाह विधि चल रही है लेकिन मृत।को के दाह के लिए लंबी कतारें लगी हैं।

कोरोना: पति के मृत्यु के 20 मीनिट बाद ही पत्नी की भी मौत

कहते हैं कि पति पत्नी का साथ जन्मो जन्म का होता है। राजकोट के गोंडल में रहने वाले इस वृध्द दंपति ने यह साबित भी कर दिया है। पति की मृत्यु के बाद 20 मीनिट में ही पत्नी ने भी दम तोड़ दिया।
मिली जानकारी के अनुसार राजकोट के गोंडल में पति पत्नी दोनो को कोरोना हो जाने से होस्पिटल में उपचार चल रहा था।

कॉलेज में लाइब्रेरियन के तौर पर कार्यरत मनीष बुच के पिता ज्योतिष भाई और माता देवयानी को कोरोना होने से दोनो ही उपचाराधिन थे। शनिवार प्रात:काल ज्योतिष भाई नहीं रहे। यह खबर उनके परिवारजनों को दी गई और उनकी पत्नी देवयानी बेन को भी मिली। इसके 20 मीनिट बाद ही वह भी नहीं रही।

बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले ही ज्योतिष भाई तथा देवयानी बेन शादी के प्रसंग में गए थे। वहीं पर उन्हें कोरोना का चेप लगा हो सकता है। माता पिता दोनो की एक साथ मौत के कारण परिवार में मौत का मातम छा गया है।

उल्लेखनीय है कि दिवाली के बाद एक बार फिर से राज्य के कई शहरों में कोरोना के केस तेजी से बढे थे। हालाकि अब प्रशासन ने अब उस पर नियंत्रण पा लिया है। फिलहाल कई स्थानो पर कोरोना वैक्सिन किसे पहले मिले इसके लिए लोगों की सूची बनाई जा रही हैा

कोरोना के कारण अभी भी गुजरात में कई शहरो में एहतियात के तौर पर रात्रि कर्फ्यू लगाया गया है। साथ ही शादी -ब्याद में भी सिर्फ 100 लोगों को ही जाने की छूट दी गई है। इसके अलावा भी लोगों को कड़क गाईडलाइन का पालन करने की अपील की गई है। नहीं तो दंड दिया जा रहा है।